ग्रीस में 2023 के चुनावों से जुड़े कैंपेन केस में ओवरसाइट बोर्ड ने Meta के फ़ैसलों को कायम रखा

ग्रीस में जून 2023 के आम चुनावों के आसपास पोस्ट किए गए Facebook कंटेंट से जुड़े दो केसों का रिव्यू करते समय, बोर्ड ने दोनों पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसलों को कायम रखा. दोनों को कंपनी की खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण हटा दिया गया था. पहले केस में एक चुनावी लीफ़लेट शामिल था जिसमें एक कथन दिया गया था. इस कथन में एक वैधानिक उम्मीदवार ने खुद को नफ़रत फैलाने वाली एक हस्ती जैसा बताया. दूसरे केस में नफ़रत फैलाने वाली एक चिह्नित एंटिटी के लोगो की फ़ोटो शेयर की गई थी. बोर्ड के बहुसंख्य सदस्यों ने पाया कि इन्हें हटाना, Meta की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के अनुरूप है. हालाँकि, बोर्ड ने सुझाव दिया कि Meta अपनी पॉलिसी का वह अपवाद स्पष्ट करे जिसके तहत चुनावों के दौरान “सामाजिक और राजनैतिक बातचीत” के संदर्भ में कंटेंट शेयर करने की परमिशन होती है.

केस की जानकारी

दोनों केसों में ग्रीस में जून 2023 के आम चुनावों के दौरान Facebook पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा पोस्ट किया गया कंटेंट शामिल था.

पहले केस में, ग्रीस में स्पारटांस पार्टी के एक उम्मीदवार ने अपने चुनावी लीफ़लेट की एक फ़ोटो पोस्ट की. इस पर मि. इलियास कासिडियारिस – ग्रीस के एक राजनेता जिन्हें गोल्डन टाउन की आपराधिक गतिविधियाँ और नफ़रत फैलाने वाले अपराधों के लिए 13 वर्ष कारावास की सज़ा दी गई है – का एक कथन है कि वे स्पारटांस का समर्थन करते हैं.

मि. कासिडियारिस और चरम दक्षिणपंथी गोल्डन डाउन पार्टी के अन्य सदस्य, ग्रीस में अप्रवासियों, शरणार्थियों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों की हत्याएँ करते रहे हैं जिसके कारण 2020 में उस पार्टी को एक आपराधिक संगठन घोषित कर दिया गया. 2020 में सज़ा सुनाने के पहले, मि. कासिडियारिस ने एक नई राजनैतिक पार्टी बनाई जिसे नेशनल पार्टी – ग्रीक्स कहा गया. बाद में मई 2023 में, ग्रीक सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीस के एक नए कानून के तहत नेशनल पार्टी – ग्रीक्स को 2023 के चुनाव लड़ने से अयोग्य करार दिया. इस नए कानून के तहत दोषी नेताओं वाली पार्टियाँ चुनाव लड़ने से बैन हैं. भले ही मि. कासिडियारिस को 2013 में नफ़रत फैलाने वाली भाषा के कारण Facebook से बैन कर दिया गया है, लेकिन वे जेल में अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं. इसी तरह उन्होंने जून के चुनावों से कुछ हफ़्ते पहले, स्पारटांस के लिए अपना समर्थन घोषित किया. स्पारटांस, जिसने 12 सीटें जीतीं, ने यह स्वीकार किया कि पार्टी की सफलता में मि. कासिडियारिस ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

दूसरे केस में, एक अन्य Facebook यूज़र ने नेशनल पार्टी – ग्रीक्स के लोगो की एक फ़ोटो पोस्ट की जिसमें ग्रीक भाषा का शब्द “स्पारटांस” भी शामिल था.

खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी के तहत गोल्डन डाउन, नेशनल पार्टी – ग्रीक्स और इलियास कसिडियारिस को क्रमशः टियर 1 के नफ़रत फैलाने वाले संगठनों और टियर 1 के नफ़रत फैलाने वाले व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया गया है.

दोनों पोस्ट की रिपोट Meta को की गई थी. कंपनी ने अलग-अलग यह निर्धारित किया कि दोनों पोस्ट ने खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन किया है, कंटेंट को हटा दिया गया और दोनों अकाउंट पर गंभीर स्ट्राइक और 30 दिन का प्रतिबंध लगा दिया गया. जिन दो Facebook यूज़र्स ने कंटेंट पोस्ट किया था, उन्होंने Meta को अपील की, लेकिन कंपनी ने कंटेंट को फिर से उल्लंघन करने वाला पाया. दोनों यूज़र्स ने फिर बोर्ड से अलग-अलग अपील की.

मुख्य निष्कर्ष

पहला केस

बोर्ड के बहुसंख्य सदस्यों ने पाया कि पोस्ट से खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी (जैसा कि जून 2023 में लिखा हुआ था) का उल्लंघन किया है क्योंकि यूज़र ने किसी चिह्नित एंटिटी की “प्रशंसा” को प्रतिबंधित करने वाले नियम का उल्लंघन किया है. उसने ऐसा खुद को मि. कासिडियारिस की “विचारधारा” से खुद की समानता दिखाकर ऐसा किया है, जिसे Meta द्वारा नफ़रत फैलाने वाली हस्ती के रूप में चिह्नित किया गया है. चूँकि इस नियम में विचारधारा की समानता का एक स्पष्ट उदाहरण शामिल है, इसलिए यह यूज़र्स और कंटेंट मॉडरेटर्स के लिए पर्याप्त रूप से स्पष्ट रहा होगा. पॉलिसी में हाल ही में किए गए अपडेट के बावजूद भी यह पोस्ट मि. कासिडियारिस के “सकारात्मक संदर्भों” पर लगाए गए प्रतिबंधों के तहत आती है.

इसके अलावा, बोर्ड के बहुसंख्य सदस्यों ने नोट किया कि इस पोस्ट को हटाने से इस समर्थन को जानने के लोगों के अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ. लोगों के पास स्थानीय और क्षेत्रीय मीडिया सहित ऐसे कई अन्य अवसर थे जहाँ से वे स्पारटांस पार्टी के लिए मि. कासिडियारिस के समर्थन की इस अभिव्यक्ति के बारे में जान सकते थे.

हालाँकि, बोर्ड के अल्पसंख्य सदस्य मानते हैं कि विचारधारा की समानता के नियम का वह उल्लंघन सीधे तौर पर स्पष्ट नहीं था क्योंकि मि. कासिडियारिस वैधानिक उम्मीदवार का समर्थन कर रहे थे, न कि उम्मीदवार कासिडियारिस का. बोर्ड के सदस्य यह भी मानते हैं कि इस कंटेंट को Facebook पर बनाए रखने के लिए “खबरों में लायक होने की छूट” दी जानी चाहिए थी ताकि वोटर्स के पास अधिकतम संभव जानकारी की एक्सेस हो जिसके आधार पर वे अपने फ़ैसले ले सकें.

दूसरा केस

बोर्ड के बहुसंख्य सदस्य मानते हैं कि फ़ोटो से खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन होता है क्योंकि इसमें नेशनल पार्टी – ग्रीक्स का प्रतीक शेयर किया गया है और इसे हटाया जाना चाहिए था. “रिपोर्टिंग, निष्पक्ष चर्चा या आलोचना” के अपवाद के तहत छूट पाने के लिए यूज़र द्वारा कोई संदर्भ नहीं दिया गया था.

हालाँकि, बोर्ड के कुछ ऐसे अल्पसंख्य सदस्य भी थे जो मानते हैं कि अगर सिर्फ़ किसी चिह्नित एंटिटी से जुड़े लोगो को शेयर किया जाता है, जब कोई अन्य उल्लंघन या नुकसानदेह कंटेंट का कोई संदर्भ न हो, तो उसे परमिशन दी जानी चाहिए.

समग्र चिंताएँ

बोर्ड की दृष्टि में, चुनावों के दौरान चिह्नित एंटिटी के बारे में “सामाजिक और राजनैतिक बातचीत” के बारे में पॉलिसी की छूट को सार्वजनिक रूप से ज़्यादा स्पष्ट बनाया जाना चाहिए. बोर्ड इस बारे में भी चिंतित है कि नफ़रत फैलाने वाली एंटिटी को चिह्नित करने के बारे में Meta की ओर से पारदर्शिता की कमी है, जिससे यूज़र्स के लिए यह समझना कठिन होता है कि कौन-से संगठन या लोग ऐसे हैं जिनकी विचारधारा से समानता की परमिशन है या जिनके प्रतीक शेयर किए जा सकते हैं.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने दोनों पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसले को कायम रखा.

बोर्ड ने सुझाव दिया है कि Meta:

  • खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अपवाद के दायरे को स्पष्ट करे जिसमें “खतरनाक संगठनों और लोगों या उनकी एक्टिविटी की रिपोर्टिंग, निष्पक्ष चर्चा या आलोचना” को “सामाजिक और राजनैतिक बातचीत” के संदर्भ में शेयर करने की अनुमति देता है. खास तौर पर, Meta को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह अपवाद, चुनाव से संबंधित कंटेंट पर लागू होता है.

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