ओवरसाइट बोर्ड ने ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग के वोटिंग के नियमों से जुड़े मामलों की घोषणा की

आज बोर्ड दो नए केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहा है. इसके तहत हम लोगों और संगठनों को पब्लिक कमेंट सबमिट करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.

केस का चयन

चूँकि हम सभी अपीलों पर सुनवाई नहीं कर सकते, इसलिए बोर्ड उन केस को प्राथमिकता देता है, जिनका असर दुनिया भर के यूज़र्स पर पड़ सकता है और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं या जो Meta की पॉलिसी पर बड़े सवाल खड़े करते हैं.

आज हम इन केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहे हैं:

ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग के वोटिंग के नियम

2024-002-FB-UA, 2024-003-FB-UA

Facebook पर कंटेंट रीस्टोर करने के लिए यूज़र की अपील

पब्लिक कमेंट यहाँसे सबमिट करें, जिन्हें अनाम रूप से भी दर्ज किया जा सकता है.

ये दोनों केस, अलग-अलग कंटेंट के बारे में Meta द्वारा Facebook पर लिए गए दोनों फ़ैसलों से संबंधित हैं, जिन पर ओवरसाइट बोर्ड एक साथ सुनवाई करना चाहता है.

अक्टूबर 2023 में, दो Facebook यूज़र ने अलग-अलग स्क्रीनशॉट पोस्ट किए, जिनमें इंडिजिनस वॉयस टू पार्लियामेंट रेफ़रेंडम से पहले ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग (AEC) द्वारा X (पहले Twitter) पर शेयर की गई आंशिक जानकारी दिखाई गई थी. 14 अक्टूबर को आयोजित रेफ़रेंडम में पूछा गया कि क्या "एबोरिजिनल एंड टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर वॉयस नामक निकाय की स्थापना करके" ऑस्ट्रेलिया के First Peoples को मान्यता देने के लिए ऑस्ट्रेलिया के संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. ऐसा लगता है कि AEC, जो कि ऑस्ट्रेलिया की चुनावी संस्था है, उसके द्वारा शेयर की गई जानकारी X पर एक लंबे थ्रेड (आपस में जुड़ी पोस्ट की सीरीज़) का हिस्सा है.

Facebook यूज़र द्वारा पोस्ट किए गए AEC के स्क्रीनशॉट में यह जानकारी शामिल है: “अगर कोई अपने निर्वाचन क्षेत्र में दो अलग-अलग वोटिंग लोकेशन पर वोट डालता है और हर पोलिंग लोकेशन में बैलट बॉक्स में अपना औपचारिक वोट डालता है, तो उनका वोट गिना जाता है।” वे उसी थ्रेड का एक और कमेंट भी दिखाते हैं, जो बताता है कि बैलट की गोपनीयता AEC को “यह जानने से रोकती है कि कौन-सा बैलट पेपर किस व्यक्ति का है”, जबकि लोगों को यह भी आश्वस्त करता है कि “मिलने वाले दोहरे वोटों की संख्या अविश्वसनीय रूप से कम है.” हालाँकि, स्क्रीनशॉट में AEC द्वारा शेयर की गई सभी जानकारी नहीं दिखाई गई है, जिसमें यह भी शामिल है कि ऑस्ट्रेलिया में कई बार वोट डालना अपराध है.

पहले मामले में Facebook यूज़र ने एक Facebook ग्रुप में स्क्रीनशॉट शेयर किए, जिसके वे एडमिनिस्ट्रेटर हैं. साथ में अंग्रेज़ी भाषा में कैप्शन में यह कहा गया है: “जल्दी वोट डालें, बार-बार वोट डालें और नहीं में वोट डालें." दूसरे मामले में यूज़र ने वही स्क्रीनशॉट अपनी Facebook प्रोफ़ाइल पर पोस्ट किया, लेकिन उसमें बहुत-सा टेक्स्ट ओवरले हो रहा था, जिसमें यह शामिल था: “ताकि आप कई बार वोट डाल सकें... वे हमें ‘धांधली’ के लिए तैयार कर रहे हैं... वोटिंग सेंटर को तोड़ दें... हमारा जवाब नहीं है, नहीं, नहीं, बिल्कुल नहीं.” दूसरे मामले के कैप्शन में “स्टॉप” इमोजी शामिल थी, जिसके बाद "ऑस्ट्रेलियाई चुनाव आयोग" शब्द लिखे थे.”

दोनों मामलों में, Meta ने तुरंत उन पोस्ट की पहचान की, जिन्हें अपने आप ह्यूमन रिव्यू के लिए भेज दिया गया था. ह्यूमन रिव्यू के बाद, उन दोनों पोस्ट को नुकसान पहुँचाने में मदद करने और अपराध को बढ़ावा देने से जुड़ी Meta की पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण हटा दिया गया था. फिर दोनों यूज़र ने उनकी पोस्ट हटाने के Meta के फ़ैसलों के खिलाफ़ अपील की. हालाँकि, एक तकनीकी गलती के कारण, अपील सबमिट होते ही Meta ने यूज़र को ओवरसाइट बोर्ड की रेफ़रेंस ID जारी कर दी. इसके परिणामस्वरूप यूज़र को Meta द्वारा उनकी अपील रिव्यू किए जाने से पहले मामले को बोर्ड के सामने लाना पड़ा. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान इन मामलों पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला कन्फ़र्म किया कि पोस्ट को हटाना सही था.

बोर्ड को दिए अपने बयानों में, दोनों यूज़र ने क्लेम किया कि वे AEC का कंटेंट पोस्ट कर रहे थे. इसके अतिरिक्त, दूसरे यूज़र ने क्लेम किया कि उनकी पोस्ट “दूसरों के लिए चेतावनी" का काम करती है कि एक से ज़्यादा वोट डालने की परमिशन देने की वजह से “चुनाव धोखाधड़ीपूर्ण हो सकता है”.

2024 में चुनावों की ऐतिहासिक संख्या को देखते हुए, गलत या भ्रामक वोटर जानकारी और वोटर संबंधी धोखाधड़ी पर Meta की कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी और एन्फ़ोर्समेंट के तरीकों की जाँच करने के लिए बोर्ड ने ये मामले चुने हैं. ये मामले बोर्ड की चुनाव और नागरिक स्थान की स्ट्रेटेजिक प्राथमिकता के तहत आते हैं.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट की सराहना करता है, जिनसे इस बारे में जानकारी मिले:

  • ऑस्ट्रेलिया में 2023 इंडिजिनस वॉइस टू पार्लियामेंट रेफ़रेंडम का सामाजिक-ऐतिहासिक प्रसंग.
  • ऑस्ट्रेलिया में वोटर संबंधी धोखाधड़ी का कोई भी प्रासंगिक संदर्भ या इतिहास.
  • वोटर संबंधी धोखाधड़ी से जुड़े कंटेंट का फैलाव और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वोटिंग, चुनाव और संवैधानिक जनमत संग्रह के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी.
  • भ्रामक, गैर-प्रासंगिक और/या वोटर संबंधी धोखाधड़ी से जुड़े कंटेंट पर फ़ैक्ट-चेकिंग सहित कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी और एन्फ़ोर्समेंट के तरीके.

अपने फ़ैसलों के तहत, बोर्ड की ओर से Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दिए जा सकते हैं. ये सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों पर अपनी राय रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इन केस के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आप हमें ऐसी कोई महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं, जिससे हमें आज अनाउंस किए गए इन केस को लेकर सही फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो आप ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए अपनी बात हम तक पहुँचा सकते हैं. कृपया ध्यान रखें कि पब्लिक कमेंट अनाम रूप से भी दर्ज करवाए जा सकते हैं. पब्लिक कमेंट की विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी, जो गुरुवार, 22 फ़रवरी को आपके स्थानीय समयानुसार रात 11:59 बजे बंद हो जाएगी.

इसके बाद क्या होगा

अगले कुछ हफ़्तों में बोर्ड के मेंबर इन केस पर विचार-विमर्श करेंगे. जब वे अपने आखिरी फ़ैसले ले लेंगे, तब हम उन फ़ैसलों को ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट कर देंगे.

यहाँ साइन अप करें, ताकि जब बोर्ड नए केस की सुनवाई की घोषणा करे या अपने फ़ैसले प्रकाशित करे, तो उनके अपडेट आपको मिल जाएँ.

समाचार पर लौटें