बोर्ड के अगले केस की घोषणा करना

आज, केस 2021-005-FB-UA को लेकर लिया गया हमारा फ़ैसला प्रकाशित करने के अलावा बोर्ड विचार करने के लिए नए केस की घोषणा भी कर रहा है.

केस का चयन

चूँकि हम सभी अपील पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं, इसलिए बोर्ड उन केसों को प्राथमिकता देता है जिनमें दुनिया भर के यूज़र्स पर असर डालने की संभावना हो और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी हों या जो Facebook की पॉलिसी के बारे में ज़रूरी सवाल खड़े करते हों.

आज हम इस केस की घोषणा करने जा रहे हैं:

2021-007-FB-UA

Facebook पर कंटेंट रीस्टोर करने के लिए यूज़र की अपील

पब्लिक कमेंट यहाँ सबमिट करें.

2021 की शुरुआत में म्यांमार के एक Facebook यूज़र ने प्लेटफ़ॉर्म पर बर्मी भाषा में टेक्स्ट पोस्ट किया. Facebook की ओर से बोर्ड को बताए गए अनुवाद के अनुसार, इस पोस्ट में 2021 में सेना के तख्तापलट के बाद म्यांमार की वर्तमान स्थिति की निंदा की गई है और इसमें सेना के वित्तपोषण को सीमित करने के तरीके बताए गए हैं. इसमें सुझाव दिया गया है कि Committee Representing Pyidaungsu Hluttaw (CRPH), जो तख्तापलट का विरोध करने वाले विधायकों का एक समूह है, यह घोषणा करे कि सेना के साथ बिज़नेस करने वाली कंपनियों के लिए कोई कानूनी गारंटी नहीं है और इन कंपनियों पर पड़ने वाले कानूनी प्रभावों का पता लगाया जाना चाहिए. पोस्ट में सुझाव दिया गया है कि कर राजस्व CRPH को दिया जाए. इसमें हॉन्ग कॉन्ग का हवाला देते हुए यह सुझाव भी दिया गया है कि लोगों को विदेशी ऑनलाइन बैंकिंग की एक्सेस होनी चाहिए. Facebook के अनुवाद में "चीन" या "चीनी" के संदर्भ वाले कई शब्द शामिल थे, जिनमें अभद्र भाषा हो सकती है (Facebook को अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले वाक्यांश के रूप में “$တရုတ်” मिला). पोस्ट को लगभग 5 लाख बार देखा गया था और लगभग 6 हज़ार बार शेयर किया गया था.

किसी "एडमिनिस्ट्रेटिव एक्शन बॉट" द्वारा पोस्ट की रिपोर्ट करने के बाद Facebook ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी अपनी पॉलिसी के तहत उसे हटा दिया. किसी भी Facebook यूज़र ने पोस्ट की रिपोर्ट नहीं की थी. नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े अपने कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत , Facebook ऐसा कंटेंट हटा देता है जिसके ज़रिए किसी व्यक्ति या लोगों के समूह को उनकी जाति, नस्ल और/या राष्ट्रीय मूल के आधार पर टार्गेट किया जाता है, साथ ही "बेइज्ज़ती करने के इरादे से गाली-गलौज वाले शब्दों या वाक्यों का प्रयोग भी किया जाता है, जिसमें ये शब्द शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं: चूतिया, कुतिया, मादरचोद."

यूज़र ने 16 अप्रैल 2021 को ओवरसाइट बोर्ड के पास अंग्रेज़ी भाषा में अपनी अपील सबमिट की. यूज़र ने अपनी अपील में बताया कि उन्होंने इस कंटेंट को "क्रूर सैन्य शासन को रोकने" और म्यांमार में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए पोस्ट किया. यूज़र ने म्यांमार सैन्य शासन के वित्तपोषण और आय के स्रोत के विरुद्ध अपनी स्थिति को भी बार-बार दोहराया. यूज़र ने अंदाज़ा लगाया कि म्यांमार सैन्य शासन के मुखबिरों ने उनकी पोस्ट और प्रोफ़ाइल की "खतरे के रूप में" और Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने के रूप में रिपोर्ट की. यूज़र ने यह भी कहा कि "म्यांमार की भाषा समझने वाले किसी व्यक्ति" को उनकी पोस्ट का रिव्यू करना चाहिए.

बोर्ड की इस बारे में पब्लिक कमेंट देखने की इच्छा है कि:

  • क्या Facebook का पोस्ट को हटाने का फ़ैसला, कंपनी के नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड और ख़ास तौर पर, बेइज्ज़ती करने के इरादे से गाली-गलौज वाले शब्दों या वाक्यों के लिए बनाए गए नियम से संगत है.
  • क्या Facebook का पोस्ट को हटाने का फ़ैसला कंपनी के बताए गए मूल्यों और मानवाधिकारों से जुड़ी इसकी ज़िम्मेदारियों से संगत है.
  • म्यांमार में सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ के बारे में जानकारी, जिसमें म्यांमार सैन्य शासन के साथ वित्तीय तौर पर जुड़ने से कंपनियों को रोकने और CRPH का वित्तीय समर्थन करने के प्रयासों सहित म्यांमार सैन्य शासन और चीन के बीच संबंधों के बारे में जानकारी शामिल है. इस जानकारी से बोर्ड को पोस्ट के संभावित इरादे और प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी.
  • म्यांमार में विदेशी सरकार के हस्तक्षेप और उस संदर्भ में संभावित रूप से भेदभावपूर्ण भाषा के उपयोग के बारे में बातचीत के रुझान.
  • म्यांमार में राजनीतिक भाषण को प्रतिबंधित करने के लिए Facebook द्वारा कम्युनिटी स्टैंडर्ड को संभावित तौर पर गलत ढंग से लागू करने के बारे में जानकारी, जैसे नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड को लागू करना.
  • क्या Facebook के यूज़र्स को 2021 के तख्तापलट के बाद से म्यांमार से संबंधित पोस्ट में Facebook के मॉडरेशन और अपीलों में बदलाव दिखाई दिए हैं.
  • विशेष रूप से बर्मी भाषा को लेकर कंटेंट मॉडरेशन से जुड़ी चुनौतियाँ

बोर्ड अपने फ़ैसलो में Facebook को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. सुझाव बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन Facebook को 30 दिनों के अंदर इनका जवाब देना होगा. इसी तरह, बोर्ड इस केस के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट की सराहना करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आज घोषित इस केस को लेकर आप हमें ऐसे मूल्यवान दृष्टिकोण बता सकते हैं, जिनसे हमें फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए आप अपनी राय बता सकते हैं. इस केस के लिए पब्लिक कमेंट की विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी, जो गुरुवार, 3 जून 2021 को UTC के अनुसार दोपहर 3:00 बजे बंद होगी.

इसके बाद क्या होगा

आने वाले हफ़्तों में बोर्ड के सदस्य इस केस पर विचार-विमर्श करेंगे. जब वे अपने आख़िरी फ़ैसले पर पहुँच जाएँगे, तब हम उस फ़ैसले को ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट करेंगे.

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