ओवरसाइट बोर्ड ने क्यूबा में महिलाओं से विरोध प्रदर्शन की अपील से जुड़े केस में Meta के फ़ैसले को बदल दिया

ओवरसाइट बोर्ड ने क्यूबा के एक न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म द्वारा Instagram पर पोस्ट किए गए एक वीडियो को हटाने के Meta के फ़ैसले को बदल दिया है. इसमें एक महिला क्यूबा की सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रही है, वह अन्य महिलाओं को भी सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने में उनके साथ जुड़ने के लिए अपील कर रही है और दमित लोगों की रक्षा नहीं कर पाने की वजह से पुरुषों की आलोचना करते हुए, उनकी ऐसे पशुओं से तुलना कर रही है, जो सांस्कृतिक रूप से हीन या कमतर माने जाते हैं. बोर्ड का मानना है कि वीडियो की भाषा, व्यवहार से संबंधित एक उपयुक्त कथन है, जिसे Meta के नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत, परमिशन मिलनी चाहिए. साथ ही, ऐसे देशों में जहाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के मामले में लोगों के अधिकारों पर कड़े प्रतिबंध हैं, वहाँ यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया, यूज़र्स की अभिव्यक्ति की रक्षा करे, ख़ासकर राजनैतिक विरोध के दौरान.

केस की जानकारी

जुलाई 2022 में, खुद को क्यूबा की सरकार का आलोचक बताने वाले एक न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म ने अपने वेरिफ़ाई किए गए Instagram अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में एक महिला को दिखाया गया है, जो अन्य महिलाओं से अपील रही है कि वे उनके साथ मिलकर सरकार के खिलाफ़ सड़क पर प्रदर्शन करें. एक जगह पर, उसने क्यूबा के पुरुषों को “rats” (चूहे) और “mares” (खच्चर) बुलाया, जो बस पेशाब ढोने लायक हैं, क्योंकि सरकार द्वारा दमित लोगों की रक्षा के लिए उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. वीडियो के साथ स्पैनिश भाषा में एक कैप्शन है, जिसमें क्यूबा में “dictatorship” (तानाशाही) और “regime” (हुकूमत) का संदर्भ देने वाले हैशटैग हैं, और जिसमें #SOSCuba हैशटैग का उपयोग करके देश के हालातों की ओर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया गया है.

इस वीडियो को देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की पहली सालगिरह पर शेयर किया गया था, जो जुलाई 2021 में हुए थे. इन प्रदर्शनों के दौरान क्यूबा के नागरिक अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए भारी संख्या में सड़कों पर उतर आए थे. इस वजह से शासन की ओर से दमन की कार्यवाहियाँ बढ़ गई थीं जो 2022 तक जारी रहीं. इस वीडियो को पोस्ट करने का समय भी बहुत ख़ास था क्योंकि इसे क्यूबा के एक युवक की ऐसी घटना में हत्या होने के कुछ ही दिनों बाद शेयर किया गया था, जिसमें पुलिस शामिल थी. वीडियो में दिखाई दे रही महिला के यह कहने पर कि “we cannot keep allowing the killing of our sons” (हम अपने बेटों की हत्या होते रहना, बर्दाश्त नहीं कर सकते), ऐसा लगता है कि वह इसी घटना का संदर्भ दे रही है. वीडियो पर ओवरले करके दिखाया गया टेक्स्ट, राजनैतिक बदलाव को महिलाओं के विरोध प्रदर्शनों से जोड़ता है.

इस वीडियो को 90,000 से ज़्यादा बार चलाया गया और 1,000 से कम बार शेयर किया गया.

वीडियो पोस्ट करने के सात दिन बाद, आक्रामक भाषा के क्लासिफ़ायर ने कंटेंट को संभावित तौर पर उल्लंघन करने वाला मानकर इसे ह्यूमन रिव्यू के लिए भेज दिया. ह्यूमन मॉडरेटर ने पोस्ट को Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी के तहत उल्लंघनकारी माना, लेकिन इस दौरान यह कंटेंट ऑनलाइन बना रहा, क्योंकि क्रॉस-चेक सिस्टम के तहत इसके अतिरिक्त ह्यूमन रिव्यू हुए. इन अतिरिक्त रिव्यू में सात महीनों का अंतराल रहा, जिसका मतलब है कि पोस्ट को फ़रवरी 2023 में हटाया गया. फ़रवरी में ही जिस दिन वीडियो को हटाया गया, उसी दिन वीडियो शेयर करने वाले यूज़र ने Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की. Meta ने अपना फ़ैसला बनाए रखा और कंटेंट को पॉलिसी या विषय के एक्सपर्ट द्वारा रिव्यू के लिए आगे नहीं भेजा. Instagram अकाउंट पर स्टैंडर्ड स्ट्राइक लागू की गई, लेकिन किसी फ़ीचर को सीमित नहीं किया गया.

मुख्य निष्कर्ष

बोर्ड का मानना है कि पूरे संदर्भ में देखने से पता चलता है कि पोस्ट का उद्देश्य पुरुषों को लिंग के आधार पर अपमानित करना, उनके खिलाफ़ हिंसा भड़काना या क्यूबा के विरोध प्रदर्शनों को लेकर होने वाली चर्चा से उन्हें बहिष्कृत करना नहीं है. अस्पष्ट रूप से पोस्ट का लक्ष्य, जुलाई 2021 में शुरू हुए ऐतिहासिक प्रदर्शनों के संदर्भ में क्यूबा के पुरुषों के बारे में महिलाओं के विचारों की ओर ध्यान आकर्षित करना है. महिला द्वारा “rats” (चूहे) या “mares” (खच्चर) जैसे शब्दों का उपयोग, इस ख़ास संदर्भ में कायरता के लिए और पुरुषों के व्यवहार को लेकर उनकी खुद की निराशा ज़ाहिर करने के लिए किया गया है. इस क्षेत्र के एक्पर्ट और पब्लिक कमेंट के अनुसार यह पोस्ट एक तरह से क्यूबा के पुरुषों के लिए कुछ करने की अपील है.

अगर इस पोस्ट को संदर्भ के बिना, केवल शाब्दिक अर्थों में देखा जाए, तो पुरुषों की सांस्कृतिक रूप से हीन या कमतर माने गए पशुओं से की गई उपरोक्त तुलना को Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने वाली माना जा सकता है. हालाँकि, जब पोस्ट को पूरे संदर्भ में देखा जाए, तो इसमें सभी पुरुषों को लेकर कोई सामान्य घोषणा नहीं है, जिसका लक्ष्य पुरुषों को अपमानित करना हो, बल्कि यह व्यवहार से संबंधित उपयुक्त कथन है और इसके लिए पॉलिसी के तहत परमिशन है. इन सभी तथ्यों के परिणामस्वरूप, बोर्ड मानता है कि कंटेंट को हटाना Meta की नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी के साथ संगत नहीं है.

इसी के साथ, निष्पक्ष एक्सपर्ट ने #SOSCuba हैशटैग को फ़्लैग किया, जिसे यूज़र ने क्यूबा के आर्थिक, राजनैतिक और मानवीय संकट की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए पोस्ट में जोड़ा था और इसलिए विरोध प्रदर्शन ऐतिहासिक संदर्भ की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिंदु हैं. बोर्ड इस बात को लेकर चिंतित है कि जिस कंटेंट का अतिरिक्त ह्यूमन रिव्यू किया जाता है, उससे जुड़े Meta के फ़ैसलों में संदर्भों की जानकारी पर कैसे विचार किया जाता है. इस केस में, हालाँकि कंटेंट के अतिरिक्त रिव्यू भी हुए थे, जो एक ऐसी प्रोसेस है जिससे बेहतर परिणाम मिलने चाहिए, फिर भी Meta इसमें सही फ़ैसला नहीं ले पाया.

Meta को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसके ऑटोमेटेड सिस्टम और कंटेंट रिव्यूअर्स, दोनों फ़ैसले लेने की प्रोसेस के दौरान संदर्भ की जानकारी का भी ध्यान रखें.

इस केस में, कंटेंट को सुरक्षित रखना ख़ासकर ज़रूरी था. क्यूबा में नागरिकों पर काफ़ी प्रतिबंध रहते हैं, इसलिए विरोध की स्थिति में खतरे की काफ़ी संभावनाएँ होती हैं और इंटरनेट की एक्सेस भी बहुत ज़्यादा प्रतिबंधित है. इस केस में, हो सकता है कि अतिरिक्त रिव्यू की प्रोसेस में प्रासंगिक संदर्भ पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया गया. Meta को इस बात पर विचार करना चाहिए कि किस तरह से संदर्भ के अनुसार उसकी पॉलिसी और उन्हें लागू करने के तरीके प्रभावित होते हैं.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसले को बदल दिया.

बोर्ड ने इस केस में नए सुझाव नहीं दिए लेकिन उसने पहले के फ़ैसलों के प्रासंगिक सुझावों को दोहराया, जिन पर Meta को ख़ास ध्यान देना चाहिए:

  • ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट को रोका जाए, इसके लिए लिस्ट के आधार पर एक प्रोग्राम बनाया जाना चाहिए, ताकि Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के अनुसार अभिव्यक्ति की सुरक्षा की जा सके. यह उस प्रोग्राम से अलग होना चाहिए जिससे ऐसी अभिव्यक्ति की रक्षा होती है, जो Meta के लिए बिज़नेस से जुड़ी प्राथमिकता है (क्रॉस-चेक की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय से सुझाव संंख्या 1). इस अलग सिस्टम में यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि Meta, दूसरी मान्य श्रेणियों के साथ ही, मानवाधिकारों की रक्षा करने वाले लोगों की ओर से पोस्ट किए गए कंटेंट के लिए भी अतिरिक्त रिव्यू की सुविधा दे.
  • ऐसा विशेष स्टाफ़ रखा जाए, जिनके पास स्थानीय जानकारी हो, ताकि ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट किए जाने की रोकथाम के लिए लिस्ट बनाई जा सके (क्रॉस-चेक की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय से सुझाव संख्या 8).
  • Meta को इस बारे में सुधार करने चाहिए कि Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ पूरी करने के लिए बनाए गए उसके वर्कफ़्लो में विस्तृत रिव्यू के समय संदर्भ और भाषाई विशेषज्ञता को किस तरह शामिल किया जाता है, ख़ास तौर पर फ़ैसले लेने के स्तरों पर. (क्रॉस-चेक की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय से सुझाव संख्या 3).
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि कंटेंट मॉडरेशन के दौरान संदर्भ को लेकर सही तरह से विचार किया गया है, बड़े पैमाने पर मॉडरेटर्स के लिए उपलब्ध मार्गदर्शन को अपडेट किया जाए, जिसमें निर्धारण के नियमों पर ख़ास ध्यान दिया गया हो, चूँकि मौजूदा मार्गदर्शन से मॉडरेटर्स के लिए यह संभव नहीं कि वे सही फ़ैसले ले सकें (महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से जुड़े फ़ैसले से सुझाव संख्या 2).

ज़्यादा जानकारी के लिए

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