ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के फ़ैसले को बदला: केस 2020-006-FB-FBR

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के एक फ़ैसले को बदला है, जिसमें यह दावा करते हुए एक पोस्ट को हटा दिया गया था कि, “उससे किसी को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुँचने का जोखिम बढ़ने की आशंका है.” बोर्ड ने पाया कि गलत जानकारी और नुकसान की आशंका के बारे में Facebook का नियम (जो कि उनके हिंसा और उकसावे से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत आता है) पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है और उन्होंने अन्य चीज़ों के साथ सुझाव दिया कि कंपनी स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में नए कम्युनिटी स्टैंडर्ड बनाए.

केस की जानकारी

अक्टूबर 2020 में एक यूज़र ने COVID-19 के बारे में एक सार्वजनिक Facebook ग्रुप में एक वीडियो और फ़्रेंच भाषा में उससे संबंधित टेक्स्ट पोस्ट किया. पोस्ट में Agence Nationale de Sécurité du Médicament (स्वास्थ्य उत्पादों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार फ़्रांसीसी एजेंसी) पर घोटाला करने का आरोप लगाया गया, जिसने COVID-19 के इलाज में एजिथ्रोमाइसिन के साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का उपयोग करने की परमिशन देने से मना कर दिया था, लेकिन रेमडेसिवीर के उपयोग की परमिशन देते हुए उसका प्रचार कर रही थी. वह यूज़र फ़्रांस की कोई हेल्थ स्ट्रेटेजी न होने की आलोचना करते हुए कहता है कि फ़्रांस को छोड़कर हर जगह “[डिडियर] राउल्ट के उपाय” को अमल में लाया जा रहा है. उस यूज़र की पोस्ट में इससे जुड़ा सवाल भी उठाया गया कि COVID-19 के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर आपातकालीन स्थिति में डॉक्टरों को "हानिरहित दवा" लिखने की परमिशन देने से लोगों को क्या नुकसान झेलना पड़े थे.

बोर्ड को केस रेफ़र करते समय Facebook ने हवाला दिया था कि यह केस वैश्विक महामारी COVID-19 के बारे में गलत जानकारी के कारण होने वाले वास्तविक नुकसान के जोखिम से निपटने की चुनौतियों का एक उदाहरण है.

मुख्य निष्कर्ष

Facebook ने उस पोस्ट को वैश्विक महामारी के दौरान शारीरिक तौर पर किसी को नुकसान पहुँचाने के जोखिम की आशंका को बढ़ावा देने वाली मानते हुए उस कंटेंट को गलत जानकारी और नुकसान की आशंका से जुड़े नियम के आधार पर प्लेटफ़ॉर्म से निकाल दिया, वह नियम हिंसा और उकसावे के बारे में उनके कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अंतर्गत आता है. Facebook ने बताया कि उसने वह पोस्ट इसलिए हटाई, क्योंकि उसमें दावा किया गया था कि COVID-19 का इलाज मौजूद है. कंपनी ने यह निष्कर्ष निकाला कि इस पोस्ट से लोग स्वास्थ्य से जुड़े दिशानिर्देशों की अनदेखी कर सकते हैं या खुद ही अपना इलाज करने की कोशिश कर सकते हैं.

बोर्ड ने यह पाया कि इस पोस्ट में संबंधित यूज़र ने सरकारी पॉलिसी का विरोध किया था और उनका उद्देश्य पॉलिसी में बदलाव करवाना था. उस पोस्ट में जिन दो दवाओं को साथ में उपयोग में लाकर इलाज करने का दावा किया गया है, वे दवाएँ फ़्रांस में डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं मिलती हैं और पोस्ट का कंटेंट लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएँ खरीदने या उनका सेवन करने के लिए प्रोत्साहित नहीं करता है. इसके साथ पोस्ट के संदर्भ से जुड़ी अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने यह माना कि Facebook यह साबित नहीं कर पाया है कि उस पोस्ट से किसी को नुकसान पहुँचने की आशंका बढ़ जाएगी, जबकि कम्युनिटी स्टैंडर्ड में उनके खुद के नियम के अनुसार यह साबित होना ज़रूरी है.

बोर्ड ने यह भी पाया कि Facebook के फ़ैसले में अभिव्यक्त की स्वतंत्रता को सीमित करने संबंधी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार स्टैंडर्ड का पालन भी नहीं किया गया है. यह देखते हुए कि Facebook के पास गलत जानकारी से निपटने के लिए यूज़र्स को और जानकारी देने जैसे कई टूल हैं, कंपनी यह दिखाने में विफल रही कि उसने कंटेंट को हटाने के बजाय कोई ऐसा तरीका क्यों नहीं अपनाया, जिसमें हस्तक्षेप का स्तर कम हो.

बोर्ड को Facebook का गलत जानकारी और नुकसान की आशंका से संबंधित वह नियम भी अस्पष्ट लगा, जिसका उल्लंघन इस पोस्ट में होने की बात कही गई थी, साथ ही उन्हें वह नियम अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार स्टैंडर्ड के अनुसार भी नहीं लगा. Facebook की वेबसाइट के अलग-अलग हिस्सों पर मिलने वाली पॉलिसी के पैचवर्क से यूज़र के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि आखिर किस तरह के कंटेंट पर रोक लगी हुई है. कंपनी के न्यूज़रूम में घोषित Facebook की COVID-19 पॉलिसी से जुड़े बदलाव हमेशा उनके कम्युनिटी स्टैंडर्ड में नज़र नहीं आते हैं, वहीं उनमें से कुछ बदलाव तो उनके स्टैंडर्ड के विरोधाभासी लगते हैं.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के कंटेंट हटाने के फ़ैसले को बदल दिया और पोस्ट को रीस्टोर करने के लिए कहा गया.

पॉलिसी से जुड़े सुझाव देते हुए बोर्ड ने Facebook को कहा कि वह:

  • स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में नए कम्युनिटी स्टैंडर्ड बनाए, साथ ही मौजूदा नियमों को स्पष्ट करते हुए उन्हें एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाए. इसमें “गलत जानकारी” जैसे ख़ास शब्दों के बारे में समझाया जाना चाहिए.
  • जहाँ कंटेंट की वजह से शारीरिक तौर पर नुकसान होने की जितनी Facebook को आशंका है, उस स्तर तक न पहुँचने पर, स्वास्थ्य संबंधी गलत जानकारी से जुड़ी पॉलिसी को लागू करने के लिए ऐसा तरीका अपनाए, जिसमें कम से कम हस्तक्षेप हो.
  • वैश्विक महामारी COVID-19 के दौरान कम्युनिटी स्टैंडर्ड लागू करने के तरीके के बारे में पारदर्शिता रिपोर्ट प्रकाशित करने के साथ स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी को नियंत्रित करने के अपने तरीके के बारे में भी पारदर्शिता बढ़ाए. बोर्ड को लोगों की ओर से मिले कमेंट के आधार पर ये सुझाव दिए गए हैं.

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