ओवरसाइट बोर्ड ने नए केसों और COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में Meta की पॉलिसी के रिव्यू का अनाउंसमेंट किया

आज, ओवरसाइट बोर्ड ने अनाउंस किया कि उसने COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी हटाने वाली पॉलिसी पर सलाह देने की Meta की रिक्वेस्ट मंज़ूर कर ली है. बोर्ड ने लैंगिक पहचान और नग्नता, नफ़रत फैलाने वाली भाषा, यूक्रेन पर रूस के हमले और यूके ड्रिल म्यूज़िक से संबंधित नए केस विचार-विमर्श के लिए चुनने का भी अनाउंसमेंट किया है.

पॉलिसी से जुड़ी सलाह और नए केस, दोनों ही मामलों में हम सार्वजनिक कमेंट करने के लिए लोगों और संगठनों को आमंत्रित कर रहे हैं.

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पॉलिसी से जुड़ी सलाह

अलग-अलग केस का रिव्यू करने से लेकर कंटेंट हटाने या रीस्टोर करने के अलावा, बोर्ड Meta की विस्तृत कंटेंट पॉलिसी पर गाइडेंस देने के लिए भी उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर सकता है. Meta की रिक्वेस्ट और बाहरी स्टेकहोल्डर से जानकारी मिलने के बाद बोर्ड इस बारे में विस्तृत सुझाव देता है कि Meta को किसी ख़ास विषय से जुड़ी इसकी पॉलिसी में क्या बदलाव करने चाहिए.

Meta को बोर्ड के सुझावों को इसकी पॉलिसी बनाने से जुड़ी अधिकारिक प्रक्रिया के दौरान विचार करने के लिए भेजना चाहिए और इसके बारे में नियमित अपडेट देने चाहिए, जिसमें इसके न्यूज़रूम के ज़रिए अपडेट देना शामिल है. वैसे बोर्ड की पॉलिसी से जुड़ी सलाह को मानना ज़रूरी नहीं है, लेकिन Meta को हमारे सुझाव मिलने के 60 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से जवाब देना होगा और उन सुझावों पर लिए गए एक्शन के बारे में बताना होगा.

अभी तक, बोर्ड ने पॉलिसी से जुड़ी दो दूसरी सलाह दी हैं, जिनमें से अपनी पहली सलाह, फ़रवरी 2022 में Facebook और Instagram पर प्राइवेट रेसिडेंशियल जानकारी शेयर करने के बारे में प्रकाशित की और अक्टूबर 2021 में Meta के क्रॉस-चेक सिस्टम का रिव्यू शुरू किया.

COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को निकालना (PAO 2022-01)

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Meta ने COVID-19 से संबंधित गलत जानकारी के अपने तरीके के बारे में पॉलिसी से जुड़ी सलाह की रिक्वेस्ट की, जैसा कि हेल्थ से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में कंपनी की पॉलिसी में बताया गया है.

बोर्ड को पेश की गई Meta की पूरी रिक्वेस्ट, यहाँ मौजूद है.

अपनी रिक्वेस्ट में, Meta ने बोर्ड से यह पूछा है कि क्या पॉलिसी के तहत ऐसे कंटेंट को निकाल देना सही है या कंपनी के मूल्यों और मानव अधिकार की ज़िम्मेदारियों के साथ मेल खाने वाला दूसरा कम प्रतिबंधात्मक तरीका अपनाना चाहिए.

Meta ने बोर्ड को बताया कि उनके प्लेटफ़ॉर्म पर गलत जानकारी से निपटने के पीछे का उनका तरीका, मुख्य रूप से उस कंटेंट को निकालने के बजाय उसमें संभावित गलत क्लेम से जुड़ा संदर्भ जोड़ने और उसकी पहुँच को कम करने पर आधारित है. चूँकि कई विषयों में यह साफ़ तौर से तय करना मुश्किल है कि उन विषयों से जुड़ी गलत जानकारी में कौन-सी बातें आती हैं, इसलिए बड़े पैमाने पर गलत जानकारी वाला कंटेंट निकाल देने से यूज़र की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर गलत तरीके से प्रभावित होने की आशंका होती है. हालाँकि, जब COVID-19 का व्यापक प्रभाव दिखना शुरू हुआ, तो जनवरी, 2020 में कंपनी ने अलग तरीका अपनाना शुरू किया. Meta ने अपने प्लेटफ़ॉर्म से इस वैश्विक महामारी के बारे में हर कैटेगरी की गलत जानकारी को निकालने का तरीका अपनाया. Meta ने बताया कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि “स्वास्थ्य से जुड़े बाहरी विशेषज्ञों ने हमें बताया था कि COVID-19 के बारे में गलत जानकारी जैसे इलाज, मास्क लगाने, सामाजिक दूरी और वायरस का संक्रमण फैलने की क्षमता के बारे में गलत दावों की वजह से तुरंत शारीरिक हानि के मामले बढ़ने का जोखिम था.”

गलत जानकारी से निपटने के लिए Meta द्वारा अपनाए गए इस उपाय का उद्देश्य ऐसी गलत जानकारियों को निकालना था, जिनसे शारीरिक हानि के मामले तुरंत बढ़ने की आशंका थी. साथ ही, ऐसी गलत जानकारियों का पता लगाना, उनकी तथ्यपरक जाँच करना और उनका प्रसार कम करना भी था, जो “तुरंत शारीरिक हानि” पहुँचाने वाले कंटेंट की कैटेगरी में नहीं आती हैं.

Meta के अनुसार, “अगर किसी कंटेंट को लेकर नीचे दी गई बातें सामने आती हैं, तो वे स्वास्थ्य से जुड़ी उस नुकसानदायक जानकारी को निकाल देते हैं: (1) उससे सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे में हो; (2) उसमें कोई ऐसा दावा किया गया हो, जिसे स्वास्थ्य से जुड़े प्रमुख वैश्विक संगठन या स्थानीय प्राधिकारियों ने गलत बताया हो; और (3) उन संगठनों या प्राधिकारियों हमें बताया हो कि उस दावे से तुरंत शारीरिक हानि होने के मामले बढ़ने की आशंका है.” COVID-19 के बारे में हेल्प सेंटर लेख में ऐसे 80 “अलग-अलग गलत दावे” की लिस्ट दी गई है, जिन्हें कंपनी निकाल देती है, क्योंकि उन्हें उचित बाहरी विशेषज्ञ ने “शारीरिक हानि के मामले तुरंत बढ़ाने वाला माना.” इन दावों में गलत इलाज, उपचार में बाधक बनने वाली गलत जानकारी, स्वास्थ्य से जुड़े रिसोर्स की उपलब्धता या एक्सेस की गलत जानकारी या बीमारी के प्रकोप की लोकेशन या गंभीरता के बारे में गलत जानकारी शामिल है.

हटाए जाने योग्य कंटेंट का निर्धारण करने वाली इनमें से एक भी बात जिस कंटेंट में नहीं मिलती है, तो ऐसे कंटेंट में से सबसे ज़्यादा वायरल कंटेंट को रिव्यू करने और उसे रेटिंग देने के लिए यह कंपनी थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट चेकिंग संगठनों की मदद लेती है. निष्पक्ष फ़ैक्ट चेकर, किसी कंटेंट के अलग-अलग हिस्सों का रिव्यू करते हैं और कंटेंट पर “गलत,” “बदला गया,” “कुछ हद तक गलत,” या “संदर्भ मौजूद नहीं है” का लेबल लगा सकते हैं. “गलत” या “बदला गया” का लेबल वाले कंटेंट को चेतावनी स्क्रीन से कवर किया जाता है, जिसे देखने के लिए संबंधित यूज़र को उस स्क्रीन पर क्लिक करके उसे हटाना होता है. चेतावनी स्क्रीन पर उस दावे को गलत साबित करने वाले फ़ैक्ट-चेकर द्वारा दिए गए लेख का लिंक भी मिलता है. “कुछ हद तक गलत” या “संदर्भ मौजूद नहीं है” के लेबल वाले कंटेंट पर ऐसा लेबल होता है, जिसमें पोस्ट को छिपाया नहीं गया होता या जिनके कंटेंट को देखने के लिए उन पर क्लिक करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. इस लेबल पर फ़ैक्ट-चेकर की ओर से दिए गए लेख का लिंक भी मिलता है Meta के मुताबिक, “गलत,” “बदला गया,” या “कुछ हद तक गलत” के तौर पर रेटिंग दिए गए कंटेंट को यूज़र की फ़ीड में डिमोट कर दिया जाता है, जबकि “संदर्भ मौजूद नहीं है” की रेटिंग वाले कंटेंट को आम तौर पर डिमोट नहीं किया जाता है.

Meta ने यह भी बताया है कि जब “हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर किसी ख़ास संकट के बारे में गलत जानकारी बढ़ती है और हमारे थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकर उन दावों को तुरंत रेटिंग नहीं दे पाते हैं”, तो ऐसी आपातकालीन स्थिति पर काबू पाने के लिए वे थोड़े समय तक एक उपाय लागू करते हैं. कंपनी का कहना है कि ऐसी स्थितियों में वह ज़रूरी और बार-बार फ़ैक्ट-चेक किए गए दावे को बड़े पैमाने पर डिमोट करती है.

Meta ने अपनी रिक्वेस्ट में बताया कि कुछ स्थितियों में वह COVID-19 के बारे में उल्लंघन-नहीं करने वाले कंटेंट पर लेबल लगा सकता है, जिससे यूज़र को Meta के COVID-19 सूचना केंद्र पर भेजा जाता है. कंपनी के मुताबिक, “ये लेबल, यह नहीं तय करते हैं कि कोई पोस्ट सही है या गलत है.”

कंपनी अपने मौजूदा तरीके के बारे में बोर्ड की सलाह क्यों माँग रही है, इसकी वजह के तौर पर Meta ने पॉलिसी से जुड़ी सलाह की अपनी रिक्वेस्ट में COVID-19 से जुड़े परिदृश्य में बदलाव की ओर इशारा किया है. सबसे पहले, Meta के मुताबिक वैश्विक महामारी की शुरुआत में प्रामाणिक मार्गदर्शन कम था, जिसकी वजह से “जानकारी का ऐसा अभाव पैदा हुआ, जिसमें अफ़वाहें फैलने, अंदाज़ा लगाने और गलत जानकारी को बढ़ावा मिला.” इस समय, लोगों के पास जानकारी की बेहतर ऐक्सेस मौजूद है. “जबकि COVID-19 के बारे में गलत जानकारी अभी भी बनी हुई है, लेकिन महामारी को लेकर डेटा पर आधारित, रिपोर्ट की गई तथ्यपरक जानकारी बेहद तेज़ी से प्रकाशित हुई है.” दूसरी बात यह कि टीके बनने, उपचार के चिकित्सीय तरीके मिलने और बीमारी का रूप बदलने का मतलब यह है कि COVID-19 अब कम जानलेवा है. आखिरी बात, Meta बताता है कि “पब्लिक हेल्थ अधिकारी लगातार यह मूल्यांकन कर रहे हैं, कि क्या COVID-19 कम गंभीर स्थिति में पहुँच गया है.” Meta ने बोर्ड को की गई अपनी रिक्वेस्ट में यह माना है कि टीकाकरण की दरों, हेल्थ केयर सिस्टम की क्षमता और संसाधनों के मद्देनज़र पूरी दुनिया में महामारी की प्रक्रिया में बदलाव आया है और यह लगातार बदलती रहेगी, और अलग-अलग देशों में सरकारी मार्गदर्शन में कम भरोसे की वजह से लोगों पर बीमारी का असर अलग-अलग अनुपात में होने की संभावना है.

Meta की रिक्वेस्ट में COVID-19 के बारे में बोर्ड के पहले के फ़ैसलों, “COVID के क्लेम किए गए उपचार” और “ब्राज़ील में COVID लॉकडाउन के बारे में भी बताया गया है.” बोर्ड की पॉलिसी से जुड़े सुझावों के बारे में Meta का जवाब यहाँ देखा जा सकता है.

Meta द्वारा बोर्ड से पूछे गए सवाल:

Meta ने बोर्ड के सामने पॉलिसी से जुड़े, नीचे दिए गए विकल्प विचार करने के लिए पेश किए:

  1. COVID-19 से जुड़ी किसी गलत जानकारी को निकालने का काम जारी रखना. इस विकल्प का मतलब, ऐसे कंटेंट को निकालने का Meta का मौजूदा तरीका जारी रखने से है, जो तुरंत शारीरिक नुकसान के जोखिम में सीधा इज़ाफ़ा करता है. Meta ने बताया कि जब इससे तुरंत शारीरिक नुकसान पहुँचने का कोई जोखिम नहीं रह जाएगा, तो कंपनी इस विकल्प के तहत आखिरकार ऐसी गलत जानकारी को निकालना रोक देगी और वह इसे निकालने का तरीका तय करने के बारे में मार्गदर्शन के लिए बोर्ड से रिक्वेस्ट करेगी.
  2. आपात स्थिति को कम करने के अस्थायी तरीके. इस विकल्प के तहत, Meta, COVID-19 के बारे में गलत जानकारी को निकालना रोक देगा और इसके बजाय क्लेम के डिस्ट्रिब्यूशन को कम करेगा. यह तरीका थोड़े समय के लिए अपनाया जाएगा और कंपनी, बोर्ड को यह मार्गदर्शन देने की रिक्वेस्ट भेजेगी, कि अगर यह तरीका अपनाया जाता है, तो इसका उपयोग कब रोका जाना चाहिए.
  3. थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट चेकिंग. इस विकल्प के तहत, जिस कंटेंट को इस समय निकाला जा रहा है, उसे मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकर के पास भेजा जाएगा. Meta ने यह नोट किया कि “कंटेंट को रेट करने के लिए मौजूद फ़ैक्ट-चेकर की संख्या हमेशा सीमित होगी. अगर Meta यह विकल्प लागू करता है, तो फ़ैक्ट-चेकर, हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर COVID-19 से जुड़ी सभी सामग्री की जाँच नहीं कर सकेंगे और इनमें से कुछ की जाँच, सटीकता, डिमोट किए जाने और लेबल किए जाने के लिए नहीं की जा सकेगी.”
  4. लेबल. इस विकल्प के तहत, Meta ऐसे कंटेंट में लेबल जोड़ेगा, जिससे यूज़र को कंटेंट देखने में किसी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा बल्कि उसे आधिकारिक जानकारी के सीधे लिंक दिखाई देंगे. Meta इसे अस्थायी उपाय मानता है और वह इस बारे में बोर्ड से मार्गदर्शन मांगना चाहता है कि इन लेबल का उपयोग रोकने का फ़ैसला करने में कंपनी को किन कारकों पर विचार करना चाहिए.

Meta ने बोर्ड को बताया, कि ख़ास तौर से मापनीयता, सटीकता और प्रभावित होने वाले कंटेंट के रूप में इनमें से हर एक कारक के फ़ायदे और नुकसान हैं. तकनीकी कारणों से कंपनी किसी ख़ास देश या क्षेत्र के लिए विशेष दृष्टिकोण अपनाने के बजाय वैश्विक दृष्टिकोण अपनाने का पुरज़ोर समर्थन करती है.

जबकि बोर्ड, Meta द्वारा बताए गए चुनिंदा विकल्पों पर विचार करेगा, लेकिन हो सकता है कि बोर्ड के सुझाव और पॉलिसी से जुड़ी सलाह इन विकल्पों तक ही सीमित नहीं रहे.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट के लिए रिक्वेस्ट करता है, जो आगे दी गई बातों को हल करे:

  • अलग-अलग देशों या क्षेत्रों में, ख़ास तौर पर उन जगहों पर COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की व्यापकता, जहाँ Facebook और Instagram, जानकारी शेयर करने के मुख्य तरीके हैं, और उन जगहों पर, जहाँ टीकों सहित हेल्थ केयर से जुड़ी चीज़ों की एक्सेस सीमित है.
  • COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को दूर करने के लिए सोशल मीडिया द्वारा किए जा रहे कामों की प्रभावशीलता, इसमें जानकारी के फैलाव पर पड़ने वाला इसका प्रभाव, पब्लिक हेल्थ से जुड़े उपायों और पब्लिक हेल्थ पर होने वाले नतीजों में भरोसा और साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर होने वाले प्रभाव, ख़ास तौर पर सार्वजनिक विचार-विमर्श और वैज्ञानिक बहस पर.
  • वे मापदंड, जो आपातकालीन स्थितियाँ पैदा होने पर गलत जानकारी पर लगाए गए थोड़े समय के हस्तक्षेपों को हटाने के लिए Meta को अप्लाई करने चाहिए.
  • गलत जानकारी का पता लगाने और उन जानकारियों पर रोक लगाने वाले उपाय लागू करने के लिए अल्गोरिद्मिक या रिकमेंडर सिस्टम और उन सिस्टम की सटीकता और ट्रांसपेरेंसी को बेहतर बनाने के तरीकों का उपयोग करना.
  • उन यूज़र के साथ सही व्यवहार, जिनकी अभिव्यक्ति पर स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी हटाने के लिए किए जाने वाले सोशल मीडिया के उपायों का प्रभाव पड़ता है, इसमें लेबल, चेतावनी स्क्रीन लगाने को चुनौती देने की यूज़र की क्षमता या उनके कंटेंट का डिमोशन शामिल है.
  • स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी से निपटने के लिए Meta के उपायों की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्टिंग में मार्गदर्शन देने वाले सुझाव और जाने-माने तरीके.

पब्लिक कमेंट

पॉलिसी से जुड़ी सलाह तैयार करने की बोर्ड की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा लोगों और संगठनों से अतिरिक्त जानकारी और विशेषज्ञता पाना है. इससे बोर्ड के सदस्यों को और जानकारी मिलेगी तथा इस बारे में समझ बढ़ेगी कि Meta की पॉलिसी दुनिया के विभिन्न हिस्सों के अलग-अलग लोगों को कैसे प्रभावित करती हैं.

अगर आपको या आपके संगठन को ऐसा लगता है कि आप पॉलिसी से संबंधित सलाह देने की इस रिक्वेस्ट के बारे में मूल्यवान सुझाव दे सकते हैं, तो आप यहाँ अपना योगदान सबमिट कर सकते हैं.

आज घोषित की गई पॉलिसी पर सलाह देने की रिक्वेस्ट के बारे में पब्लिक कमेंट देने का समय गुरुवार, 25 अगस्त, UTC के अनुसार दोपहर 15:00 बजे तक है.

यह समय-सीमा किसी नए केस पर पब्लिक कमेंट देने की अवधि से ज़्यादा है, क्योंकि पॉलिसी से संबंधित सलाह देने की प्रक्रिया में केस पर फ़ैसले देने की तरह समय की बाध्यता नहीं होती है. इसके अलावा, पब्लिक कमेंट छह पेज तक लंबे हो सकते हैं और बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी भाषा में दिए जा सकते हैं, ताकि मौजूदा विषयों पर व्यापक भागीदारी मिले. भाषाओं की पूरी लिस्ट ऊपर दिए गए लिंक पर जाकर देखी जा सकती है.

इसके बाद क्या होगा

अब जबकि बोर्ड ने पॉलिसी पर सलाह देने की इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया है, वह ज़रूरी जानकारी एकत्र कर रहा है, जिसमें आज ही लॉन्च हुई पब्लिक कमेंट की अपील के ज़रिए जानकारी एकत्र करना शामिल है. विचार-विमर्श के बाद, फिर पूरा बोर्ड पॉलिसी पर सलाह देने के लिए वोट देगा. अगर उस सलाह को मंज़ूरी मिल जाती है, तो यह बोर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी.

नए केस

चूँकि हम सभी अपीलों पर सुनवाई नहीं कर सकते, इसलिए बोर्ड उन केस को प्राथमिकता देता है, जिनमें दुनिया भर के यूज़र्स को प्रभावित करने की संभावना हो और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी हों या जो Meta की पॉलिसी के बारे में ज़रूरी सवाल खड़े करते हों.

आज हम इन केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहे हैं:

लैंगिक पहचान और नग्नता (2022-009-IG-UA 2022-010-IG-UA)

यूज़र द्वारा Instagram पर कंटेंट को रीस्टोर करने के लिए की गई अपीलें

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ये केस, Meta द्वारा कंटेंट से जुड़े दो फ़ैसलों से संबंधित हैं, जिन पर ओवरसाइट बोर्ड एक-साथ फ़ैसला लेना चाहता है. कैप्शन वाली दो अलग-अलग फ़ोटो Instagram पर एक ही अकाउंट द्वारा पोस्ट की गईं, जिसे अमेरिका निवासी एक कपल संयुक्त रूप से चलाता है. दोनों फ़ोटो में ऐसे कपल को दिखाया गया है, जिन्होंने पोस्ट में और बोर्ड को दिए गए अपने सबमिशन में बताया है कि वे ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी हैं. 2021 में पोस्ट की गई पहली फ़ोटो में, दोनों व्यक्ति कमर से ऊपर तक नग्न हैं और उन्होंने अपने निपल्स पर त्वचा के रंग की टेप लगाई हुई है, जो दिखाई नहीं दे रही है. 2022 में पोस्ट की गई दूसरी फ़ोटो में, एक व्यक्ति ने कपड़े पहने हुए हैं, जबकि दूसरे व्यक्ति का सीना खुला है और उसने अपने निपल्स को अपने हाथों से ढंका हुआ है. इन फ़ोटो के साथ दिए गए कैप्शन में यह बताया गया है कि वह व्यक्ति, जिसका सीना, दोनों फ़ोटो में खुला हुआ है, जल्द ही अपने ऊपरी भाग की सर्जरी करवाने वाला है. वे सर्जरी से जुड़ी प्रोसेस का डॉक्यूमेंट बनाने के प्लान के बारे में बताते हैं और ट्रांस के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करते हैं. वे इसमें सर्जरी का पेमेंट करने के लिए फ़ंडरेज़र अनाउंसमेंट शामिल करते हैं.

Meta ने अपने यौन आग्रह कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत दोनों पोस्ट को निकाल दिया. दोनों केस में Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम ने कंटेंट की पहचान, संभावित तौर पर उल्लंघन करने वाले कंटेंट के तौर पर की.

  • पहले केस में रिपोर्ट, रिव्यू किए बिना अपने आप बंद कर दी गई. इसके बाद तीन यूज़र्स ने उस कंटेंट की रिपोर्ट, पोर्नोग्राफ़ी और खुद को नुकसान पहुँचाने वाले कंटेंट के तौर पर की. इन रिपोर्ट का रिव्यू ह्यूमन मॉडरेटर द्वारा किया गया, जिन्होंने पाया कि उन पोस्ट से किसी भी पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हो रहा था. जब कंटेंट की रिपोर्ट चौथी बार की गई, तो दूसरे ह्यूमन रिव्यूअर ने पाया कि पोस्ट उल्लंघन करने वाली थी और उन्होंने उसे निकाल दिया.
  • दूसरे केस में पोस्ट की पहचान Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम द्वारा उल्लंघन करने वाले ऐसे संभावित कंटेंट के तौर पर दो बार की गई थी, जिसे ह्यूमन रिव्यू के लिए भेजा गया था और जिसे उल्लंघन नहीं करने वाला पाया गया था. इसके बाद दो यूज़र्स ने कंटेंट की रिपोर्ट की, लेकिन हर एक रिपोर्ट, रिव्यू किए बिना अपने आप बंद कर दी गई. आखिर में, Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम ने तीसरी बार कंटेंट की पहचान, संभावित तौर पर उल्लंघन करने वाले कंटेंट के रूप में की और उसे ह्यूमन रिव्यू के लिए भेजा. रिव्यूअर ने पोस्ट को उल्लंघन करने वाली पाया और उसे निकाल दिया.

अकाउंट ओनर ने निकालने के दोनों फ़ैसलों के खिलाफ़ Meta से अपील की और कंपनी ने दोनों पोस्ट को निकालने के अपने फ़ैसले को कायम रखा.

अकाउंट ओनर ने निकालने के दोनों फ़ैसलों के खिलाफ़ बोर्ड से अपील की. बोर्ड इन दोनों पर एक साथ विचार करेगा. बोर्ड को दिए अपने बयान में कपल ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उनके कंटेंट से Meta की पॉलिसी का उल्लंघन कैसे हुआ है. उन्होंने बताया कि फ़ोटो में बताए गए दोनों ब्रेस्ट महिलाओं के नहीं हैं और यह ज़रूरी है कि प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रांसजेंडर के शरीर को सेंसर नहीं किया जाए, ख़ास तौर पर तब, जब अमेरिका में ट्रांस के अधिकारों और सही लैंगिक पहचान पाने से जुड़ी हेल्थ केयर सर्विस मिलना मुश्किल हो.

बोर्ड द्वारा इन पोस्ट को चुने जाने की वजह से Meta ने कंटेंट को हटाने के फ़ैसले को “एन्फ़ोर्समेंट से जुड़ी गलतियाँ” माना और पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट चाहता है, जो बताएँ कि:

  • क्या नग्नता और यौन आग्रह के बारे में Meta की पॉलिसी, ट्रांस और नॉन-बाइनरी यूज़र्स के अधिकारों का पर्याप्त ध्यान रखती है.
  • क्या नग्नता से जुड़ी पॉलिसी में महिलाओं के निपल्स के बारे में Meta के निषेध के अपवाद के तौर पर लिंग कन्फ़र्म करने की सर्ज़री व्यवहार में प्रभावी है.
  • क्या Meta के पास रिपोर्ट किए गए उल्लंघन नहीं करने वाले कंटेंट का हल निकालने और कंटेंट को गलती से निकाल देने के जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त कार्यप्रणालियाँ मौजूद हैं.
  • यौन आग्रह और नग्नता का पता लगाने के लिए ऑटोमेशन के Meta के उपयोग को किस तरह से बेहतर बनाया जा सकता है.
  • अमेरिका में (और पूरी दुनिया में) सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ के बारे में, ख़ास तौर पर लैंगिक अभिव्यक्ति और ट्रांस व नॉन-बाइनरी लोगों के अधिकारों और सही लैंगिक पहचान पाने से जुड़ी हेल्थ केयर सर्विस संबंधी समस्याओं के बारे में अभिव्यक्ति सहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सभी चुनौतियों या सीमाओं के बारे में इनसाइट.
  • दुनिया भर में ट्रांस और नॉन-बाइनरी यूज़र्स के लिए अभिव्यक्ति के रिसोर्स और फ़ोरम के तौर पर सोशल मीडिया की भूमिका के बारे में इनसाइट.

बोर्ड अपने फ़ैसलों में Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों को लेकर अपनी बात रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इन केसों के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

रूसी कविता (2022-008-FB-UA)

Facebook पर कंटेंट रीस्टोर करने के लिए यूज़र की अपील

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अप्रैल 2022 में, लातविया में एक Facebook यूज़र ने अपनी न्यूज़फ़ीड में एक फ़ोटो और रूसी भाषा में टेक्स्ट पोस्ट किया. फ़ोटो में सड़क का दृश्य दिखाया गया है, जिसमें एक व्यक्ति ज़मीन पर संभावित तौर पर मृत व्यक्ति की तरह पड़ा है. उसके शरीर पर कोई भी घाव दिखाई नहीं दे रहा है. टेक्स्ट में यूज़र ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी में सोवियत सैनिकों द्वारा किए गए कथित अपराधों पर कमेंट किया है. उनका कहना है कि ऐसे अपराध इस आधार पर माफ़ किए जाने लायक थे कि सैनिक उन खौफ़नाक कृत्यों का बदला ले रहे थे जो नाज़ी लोगों ने USSR पर किए थे.

यूज़र ने दूसरे विश्व युद्ध और यूक्रेन पर आक्रमण के बीच कनेक्शन जोड़ा और यह तर्क दिया कि रूसी सेना “became fascist” (फ़ासिस्ट बन गई थी). उन्होंने लिखा कि यूक्रेन में रूसी सेना, “насиловать девочек, резать их отцов, пытать и убивать мирных людей мирных окраин Киева” (लड़कियों का रेप करती है, उनके पिता को ज़ख्म देती है और निर्दोष लोगों पर ज़ुल्म ढाती है और उन्हें मार देती है).

यूज़र यह निष्कर्ष निकालता है कि “after Bucha, Ukrainians will also want to repeat ... and will be able to repeat” (बूचा की घटना के बाद, यूक्रेनी लोग भी इसे दोहराना चाहेंगे ... और वे ऐसी कार्रवाइयों को दोहराने में सक्षम हैं). अपनी पोस्ट के आखिरी भाग में यूज़र, आगे दी गई लाइनें शामिल करते हुए सोवियत कवि कॉन्सटेनिन सिमोनोव की कविता “Kill him!” (उसे मार दो!) शेयर करता है: “kill the fascist so he will lie on the ground’s backbone, not you”; “kill at least one of them as soon as you can” (फ़ासिस्ट को मार डालो ताकि वह ज़मीन पर मरा पड़ा रहे न कि तुम; जितना जल्दी हो सके उनमें से किसी एक को मार डालो); “Kill him! Kill him! Kill!” (उसे मारो! मार डालो! मार दो उसे).

पोस्ट को लगभग 20,000 बार देखा गया था. जिस दिन कंटेंट पोस्ट किया गया, उसी दिन दूसरे यूज़र ने उस कंटेंट की रिपोर्ट “हिंसक और आपत्तिजनक कंटेंट” के तौर पर की. ह्यूमन रिव्यूअर के फ़ैसले के आधार पर, Meta ने कंटेंट को उसके नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने की वजह से निकाल दिया. इसके कुछ घंटे बाद, जिस यूज़र ने यह कंटेंट पोस्ट किया था, उसने इसके खिलाफ़ अपील की और दूसरे रिव्यूअर ने कंटेंट का आकलन नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने के तौर पर किया.

यूज़र ने ओवरसाइट बोर्ड के सामने अपील पेश की. बोर्ड द्वारा 31 मई, 2022 को रिव्यू के लिए चुनने के परिणामस्वरूप, Meta ने यह तय किया कि कंटेंट को निकालने का उसका पहले का फ़ैसला गलती से किया गया था और उसने उसे रीस्टोर कर दिया. कंटेंट को रीस्टोर करने के 24 दिन बाद 24 जून, 2022 को Meta ने पोस्ट में मौजूद फ़ोटो पर हिंसक और आपत्तिजनक कंटेंट से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत इस आधार पर चेतावनी स्क्रीन लगा दी कि वह किसी व्यक्ति की हिंसक मौत दिखाती है.

बोर्ड को पेश की गई अपनी अपील में यूज़र ने कहा कि उन्होंने जो फ़ोटो शेयर की है, वह “बूचा शहर में रूसी सेना द्वारा किए गए अपराधों” की तुलना में “सबसे कम हानि दिखाती” है, “जिस शहर में दर्जनों लोग सड़क पर मरे पड़े थे.” यूज़र का कहना है कि उनकी पोस्ट हिंसा का आह्वान नहीं करती और वह “बीते समय और मौजूदा समय” के बारे में है. उनका कहना है कि कविता, ओरिजिनल तौर पर “नाज़ी के खिलाफ़ सोवियत सैनिकों के संघर्ष” के लिए समर्पित थी और यह कि उन्होंने उसे यह दिखाने के लिए पोस्ट किया था कि “रूसी सेना, किस तरह से फ़ासिस्ट सेना की तरह बन गई.” अपनी अपील के हिस्से के तौर पर, उन्होंने कहा कि वे जर्नलिस्ट हैं और उनका मानना है कि लोगों के लिए यह जानना ज़रूरी है कि ख़ास तौर से युद्ध के समय क्या हो रहा है.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट चाहता है, जो बताएँ कि:

  • अंतरराष्ट्रीय सैन्य टकराव के संदर्भ में, जिसमें सेना को संभावित रूप से टार्गेट करना शामिल है, राष्ट्रीयता के आधार पर नफ़रत फैलाने वाली भाषा या हिंसा के लिए उकसाने के साथ Meta की पॉलिसी में कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए?
  • सैन्य टकराव के बारे में कंटेंट को मॉडरेट करते समय Meta को सैन्य टकरावों से जुड़े कानूनों को किस तरह शामिल करना चाहिए.
  • क्या Meta की पॉलिसी में, संस्थानों (जैसे पैदल सेना या मिलिट्री) और उन संस्थाओं के अंतर्गत व्यक्तियों (जैसे सैनिक) के बीच अंतर किया जाना चाहिए.
  • Meta के कंटेंट मॉडरेशन से जुड़ी ऐसी इनसाइट, जिनमें जर्नलिस्ट की ओर से कमेंटरी और/या कलात्मक अभिव्यक्ति, ख़ास तौर पर ऐसी कला शामिल है, जिसमें संवेदनशील थीम जैसे युद्ध के बारे में कहा गया हो.
  • कॉन्सटेंटिन सिमोरोव की रचनाएँ, उसके आस-पास के संदर्भ और इसके मौजूदा टकराव के संबंध को शामिल करके इनका संदर्भ देने के आज के तरीके सहित.
  • Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर सशस्त्र टकराव में मानव अधिकारों के संभावित उल्लंघनों या युद्ध अपराधों को दर्शाने वाले फ़ोटोग्राफ़ शेयर करने और उनकी विज़िबिलिटी से जुड़ी इनसाइट.

बोर्ड अपने फ़ैसलों में Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों को लेकर अपनी बात रखनी होती है. बोर्ड इस केस के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

UK ड्रिल म्यूज़िक (2022-007-IG-MR)

Meta द्वारा रेफ़र किया गया केस

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जनवरी 2022 में ऐसे Instagram अकाउंट ने जो खुद को ब्रिटिश म्यूज़िक का प्रचार करने वाले के तौर पर बताता है, अपने पब्लिक अकाउंट के ज़रिए एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो, रैपर चिंक्स (OS) की ओर से “सीक्रेट्स नॉट सेफ़” नामक यूके ड्रिल म्यूज़िक ट्रैक के म्यूज़िक वीडियो का 21 सेकंड का क्लिप है. कैप्शन में चिंक्स (OS) को और साथ ही एफ़िलिएट कलाकार को टैग किया गया है और इसमें हाइलाइट किया गया है, कि ट्रैक को हाल ही में रिलीज़ किया गया था. वीडियो क्लिप, गीत के दूसरे पद के हिस्से को दिखाता है और टेक्स्ट “आउट नाओ” के साथ काली स्क्रीन में मंद हो जाता है. ड्रिल, यूके में लोकप्रिय रैप म्यूज़िक की उपशैली है, जिसमें लंदन में सक्रिय, बहुत से ड्रिल कलाकार शामिल हैं.

वीडियो पोस्ट होने के तुरंत बाद, Meta को यूके के कानून प्रवर्तन विभाग की ओर से उस कंटेंट को निकालने की रिक्वेस्ट मिली, जिसमें यह ट्रैक शामिल किया गया था. Meta का कहना है कि कानून प्रवर्तन विभाग द्वारा बताया गया कि इसके एलिमेंट से ऑफ़लाइन नुकसान पहुँचने के खतरे में इज़ाफ़ा हो सकता है. कंपनी को यह भी जानकारी थी कि ट्रैक ने पहले की गई शूटिंग का रेफ़रेंस इस तरीके से दिया था, जिससे ये चिंताएँ पैदा हुईं कि इससे और हिंसा भड़क सकती है. इसके परिणामस्वरूप, पोस्ट को Meta के एक्सपर्ट द्वारा आंतरिक रिव्यू के लिए आगे रिपोर्ट किया गया.

Meta के एक्सपर्ट ने तय किया कि कंटेंट से हिंसा और उकसावे की पॉलिसी, ख़ास तौर से “कोड भाषा में ऐसे बयान, जिनमें हिंसा या नुकसान के तरीके स्पष्ट रूप से बताए नहीं जाते, लेकिन उनमें खतरा छिपा हुआ होता है और उसके बारे में इशारा किया गया होता है” के बारे में निषेध का उल्लंघन हुआ है. कम्युनिटी स्टैंडर्ड ऐसे लक्षणों की लिस्ट देते हैं, जिनमें अस्पष्ट और छिपे हुए खतरे शामिल हो सकते हैं. इनमें “प्रतिशोध के संदर्भ में शेयर किया गया” और “हिंसा की ऐतिहासिक या काल्पनिक घटनाओं के रेफ़रेंस” वाला कंटेंट शामिल होता है. हिंसा और उकसावे की पॉलिसी के अंत में लिस्ट में दिए गए अस्पष्ट खतरों सहित अलग-अलग बहुत-सी कैटेगरी की पहचान करने और उन्हें निकालने के लिए हमेशा और ज़्यादा जानकारी और/या संदर्भ की ज़रूरत होती है. Meta ने बोर्ड को बताया कि इन कैटेगरी के अंतर्गत एन्फ़ोर्समेंट का विस्तार से रिव्यू (आउटसोर्स किए गए मॉडरेटर द्वारा पूरी की जाने वाली स्टैंडर्ड रिव्यू प्रोसेस) नहीं किया जाता और इसे सिर्फ़ Meta की आंतरिक टीमों द्वारा ही एन्फ़ोर्स किया जा सकता है. Meta ने आगे बताया कि Instagram पर Facebook कम्युनिटी स्टैंडर्ड अप्लाई होते हैं.

जब Meta ने कंटेंट को हटा दिया, तब इसे पोस्ट करने के दो दिनों बाद, इसने अन्य अकाउंट द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो की कॉपी भी निकाल दीं. यूके कानून प्रवर्तन विभाग से उन्हें मिली जानकारी के आधार पर, Meta की पब्लिक पॉलिसी टीम का मानना था कि इस ट्रैक से “प्रतिशोध के लिए समूह द्वारा की जाने वाली संभावित हिंसा का जोखिम बढ़ सकता है” और इसने “ऐसी कार्रवाई की धमकी का काम किया है, जिससे प्रतिशोध के लिए समूह द्वारा की जाने वाली हिंसा सहित तात्कालिक हिंसा या जान और माल के नुकसान को बढ़ावा मिल सकता है."

कंटेंट को निकाले जाने के कुछ घंटे बाद, अकाउंट ओनर ने इसके खिलाफ़ अपील की. ह्यूमन रिव्यूअर ने कंटेंट को उल्लंघन नहीं करने वाला पाया और उसे Instagram पर रीस्टोर कर दिया. यूके के कानून प्रवर्तन विभाग की रिक्वेस्ट मिलने के आठ दिन बाद, Meta ने कंटेंट को फिर से निकाल दिया और अपने प्लेटफ़ॉर्म पर मिले वीडियो के दूसरे इंस्टेंस भी हटा दिए. इस केस में अकाउंट में 1000 से भी कम फ़ॉलोअर हैं, जिनमें से अधिकांश फ़ॉलोअर यूके में रहते हैं. यूज़र को दोनों बार Meta की ओर से नोटिफ़िकेशन मिले कि उनके कंटेंट को निकाल दिया गया है, लेकिन उन्हें यह सूचना नहीं दी गई कि उसे यूके कानून प्रवर्तन विभाग से मिली रिक्वेस्ट के बाद निकालना शुरू किया गया था.

इस मामले को बोर्ड को रेफ़र करने में, Meta ने यह बताया कि केस ख़ास तौर से मुश्किल है, क्योंकि इसमें कलात्मक अभिव्यक्ति और सार्वजनिक सुरक्षा के प्रतिस्पर्धी हितों में संतुलन बनाना शामिल है. Meta ने बताया कि कंपनी कलात्मक अभिव्यक्ति को बहुत अधिक महत्व देती है, लेकिन यह तय करना मुश्किल है कि यह अभिव्यक्ति कब विश्वसनीय खतरा बन जाती है. Meta ने बोर्ड से यह आकलन करने के लिए कहा कि क्या इस केस में और आम तौर पर सामूहिक हिंसा भड़काने की संभावना से जुड़े सुरक्षा संबंधी जोखिम की अहमियत ड्रिल म्यूज़िक में अभिव्यक्त कलात्मक मूल्य से अधिक है.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट चाहता है, जो बताएँ कि:

  • यूके ड्रिल म्यूज़िक का कलात्मक और सांस्कृतिक महत्व और इस म्यूज़िक को ऑनलाइन शेयर करने तथा दुनिया में हिंसा की कार्रवाइयों के बीच का कोई भी संबंध.
  • कलात्मक अभिव्यक्ति का सम्मान करने की Meta की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारी और साथ ही यह पक्का करने की ज़िम्मेदारी कि उसके प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग, हिंसा भड़काने के लिए नहीं किया जाए और यह ज़िम्मेदारी कि वह अपने दृष्टिकोण की जानकारी म्यूज़िक का कंटेंट मॉडरेशन करने वाले लोगों को कैसे दे.
  • क्या हिंसा और उकसावे के बारे में Meta की पॉलिसी में हँसी-मज़ाक, व्यंग्य या कलात्मक अभिव्यक्ति की छूट को भी शामिल किया जाना चाहिए और अगर ऐसा किया जाए, तो उनका स्वरूप कैसा होना चाहिए और उन्हें सटीक तरीके से व्यापक तौर पर कैसे एन्फ़ोर्स किया जाना चाहिए.
  • सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को ऐसे कंटेंट को रिव्यू करने और निकालने की कानून प्रवर्तन विभाग की रिक्वेस्ट को कैसे मैनेज करना चाहिए, जिससे राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन नहीं होता लेकिन प्लेटफ़ॉर्म के कंटेंट से जुड़े नियम भंग हो सकते हैं.
  • सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को कंटेंट निकालने, ख़ास तौर से ऐसे कंटेंट को निकालने से जुड़ी कानून प्रवर्तन विभाग की रिक्वेस्ट को पारदर्शिता रिपोर्टिंग में कैसे शामिल करना चाहिए, जो कथित अवैधानिकता पर आधारित नहीं है.

बोर्ड अपने फ़ैसलों में Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों को लेकर अपनी बात रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इन केसों के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगे कि आज अनाउंस किए गए इन केस के बारे में आप हमें ऐसी अहम राय दे सकते हैं जिससे हमें फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो आप ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए अपनी राय हमें भेज सकते हैं. इन केस के लिए पब्लिक कमेंट की विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी, जो मंगलवार, 9 अगस्त, 2022 को 15:00 UTC पर बंद हो जाएगी.

इसके बाद क्या होगा

आने वाले हफ़्तों में, बोर्ड के सदस्य इन केस पर विचार-विमर्श करेंगे. उनके द्वारा अपने आखिरी फ़ैसले लिए जाने के बाद, हम उन्हें ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट करेंगे. यहाँसाइन अप करें, ताकि जब बोर्ड नए केसों की सुनवाई की घोषणा करे या अपने फ़ैसले प्रकाशित करे, तो उसके अपडेट आपको मिल जाएँ.

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