ओवरसाइट बोर्ड ने “अमेरिका में गर्भपात पर चर्चा करने वाली पोस्ट” के केस की सुनवाई करने की घोषणा की

आज बोर्ड कुछ नए केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहा है. इसके तहत, हम लोगों और संगठनों को पब्लिक कमेंट सबमिट करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.

केस का चयन

चूँकि हम सभी अपीलों पर सुनवाई नहीं कर सकते, इसलिए बोर्ड उन केस को प्राथमिकता देता है, जिनका असर दुनिया भर के यूज़र्स पर पड़ सकता है और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं या जो Meta की पॉलिसी पर बड़े सवाल खड़े करते हैं.

आज हम इन केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहे हैं:

अमेरिका में गर्भपात पर चर्चा करने वाली पोस्ट

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यूज़र ने Facebook और Instagram पर कंटेंट को रीस्टोर करने की अपील की

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ये केस Meta की ओर से लिए गए कंटेंट से जुड़े तीन फ़ैसलों से संबंधित हैं, जिनमें दो कंटेंट Facebook के और एक कंटेंट Instagram का है और ओवरसाइट बोर्ड इनके बारे में एक साथ फ़ैसला लेना चाहता है. हर केस के लिए, बोर्ड यह फ़ैसला लेगा कि कंटेंट को Facebook या Instagram पर परमिशन मिलनी चाहिए या नहीं. गर्भपात के बारे में इन तीनों कंटेंट को अलग-अलग अमेरिकी यूज़र्स ने मार्च 2023 में पोस्ट किया था. Meta ने इन तीनों पोस्ट को हिंसा और उकसावे से जुड़ी अपनी पॉलिसी का उल्लंघन करने की वजह से हटा दिया था, लेकिन बाद में यह तय हुआ कि इन्हें गलती से हटाया गया था.

पहले केस में, एक Facebook यूज़र ने कैप्शन वाली एक फ़ोटो, किसी पब्लिक ग्रुप में पोस्ट की थी. कैप्शन में इस फ़ोटो को पारंपरिक मूल्यों और “sanctity of human life” (मानवीय जीवन की पवित्रता) का समर्थन करने वाली और “liberal left” (उदारवादी वामपंथ) व इस तरह की अन्य चीज़ों का विरोध करने वाली बताया गया है. फ़ोटो में फैले हुए हाथ दिखाई दे रहे हैं जिनके साथ “Pro-Abortion Logic” (गर्भपात तर्क-समर्थन) शीर्षक वाला टेक्स्ट ओवरले है. इसमें आगे लिखा है, "We don’t want you to be poor, starved or unwanted. So we’ll just kill you instead” (हम नहीं चाहते कि तुम गरीब, भूखे या अनचाहे रहो.) (इससे अच्छा है हम तुम्हें मार दें.) कैप्शन में लिखा है “Psychopaths...” (मनोविक्षिप्त...)

दूसरे और तीसरे केस में, यूज़र्स ने न्यूज़ आर्टिकल पोस्ट किए हैं, जिनमें दक्षिण कैरोलिना के किसी प्रस्तावित बिल के बारे में बताया गया है. इस बिल के तहत गर्भपात पर राज्य के मानव हत्या के कानून लागू होंगे, जिसकी वजह से गर्भपात करवाने वाले लोगों को मृत्युदंड दिया जा सकता है.

दूसरे केस में, एक Instagram यूज़र ने कैप्शन वाली एक फ़ोटो पोस्ट की है. फ़ोटो में एक और Instagram पोस्ट दिखाई गई है जिसमें एक न्यूज़ आर्टिकल हेडलाइन की फ़ोटो है. इसमें कहा गया है कि “21 South Carolina GOP Lawmakers Propose Death Penalty for Women Who Have Abortions” (21 दक्षिण कैरोलिना GOP कानून निर्माताओं ने गर्भपात करवाने वाली महिलाओं के लिए मृत्युदंड प्रस्तावित किया है.) कैप्शन में जीवन-समर्थन करने का संदर्भ दिया हुआ है, “we’ll kill you dead if you get an abortion” (अगर तुम गर्भपात करवाओगे तो हम तुम्हें मार देंगे.)

तीसरे केस में, एक Facebook यूज़र ने एक आर्टिकल का लिंक पोस्ट किया है, जिसका शीर्षक है “South Carolina GOP lawmakers propose death penalty for women who have abortions” (दक्षिण कैरोलिना GOP कानून निर्माताओं ने गर्भपात करवाने वाली महिलाओं के लिए मृत्युदंड प्रस्तावित किया है.) कैप्शन में स्पष्टीकरण माँगा गया है कि क्या कानून निर्माताओं ने यह कदम उठाया है कि चूँकि “it’s wrong to kill so we are going to kill you” (हत्या करना गुनाह है, इसलिए हम तुम्हें मार देंगे.)

इन केस की एन्फ़ोर्समेंट प्रोसेस एक जैसी ही थी. इन तीनों केस में, संभावित रूप से उल्लंघन करने वाले कंटेंट की पहचान करने के ऑटोमेटेड सिस्टम, विरोधी भाषण के क्लासिफ़ायर ने पोस्ट की पहचान की और इसे ह्यूमन रिव्यू के लिए भेज दिया. हर केस में, ह्यूमन रिव्यूअर ने तय किया कि पोस्ट में हिंसा और उकसावे से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्डका और ख़ासकर हत्या की धमकी देने पर रोक लगाने वाले प्रावधान का उल्लंघन हुआ था. तीनों यूज़र्स ने पोस्ट हटाने के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की.

पहले और दूसरे केस में, केस को एक और ह्यूमन रिव्यूअर ने देखा, जिसने हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने की वजह से पोस्ट हटाने के फ़ैसले को बनाए रखा. तीसरे केस में, अपील करने पर ह्यूमन रिव्यूअर ने पाया कि कंटेंट उल्लंघन करने वाला नहीं था, जिसकी वजह से पोस्ट का तीसरी बार रिव्यू किया गया. हालाँकि, इस रिव्यूअर ने पाया कि कंटेंट में हत्या की धमकी के प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ है और इसलिए Meta ने कंटेंट को हटाने का अपना शुरुआती फ़ैसला बनाए रखा.

इसके बाद, तीनों यूज़र्स ने बोर्ड से इन केस पर सुनवाई की अपील की. बोर्ड द्वारा इन केस को चुनने के बाद, Meta ने यह तय किया कि तीनों कंटेंट को हटाने के उसके पिछले फ़ैसले गलती से लिए गए थे और उसने पोस्ट रीस्टोर कर दीं. Meta ने कहा कि पॉलिसी के तहत ऐसी धमकियों पर रोक लगाई गई है, जिनकी वजह से हत्या हो सकती है, लेकिन पूर्ण रूप से देखने के बाद पता चलता है कि इनमें से किसी भी कंटेंट में ऐसी धमकी नहीं है.

बोर्ड ने ये केस इस बात का आकलन करने के लिए चुने कि शायद Meta की पॉलिसी या इसके एन्फ़ोर्समेंट के तरीके गर्भपात की चर्चा को सीमित कर रहे हैं. ये बोर्ड की लिंग संबंधीस्ट्रेटेजी की प्राथमिकता में आते हैं.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट चाहता है, जो इन चीज़ों के बारे में बताएँ:

  • Meta का Facebook और Instagram पर गर्भपात संबंधी कंटेंट का मॉडरेशन.
  • Meta की हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी के तहत ऐसे कंटेंट के साथ क्या किया जाना चाहिए जिसमें गर्भपात और उसकी वैधानिकता की चर्चा करते हुए “हत्या” जैसे शब्द का उपयोग किया गया हो.
  • Meta के एन्फ़ोर्समेंट के तरीके अमेरिका और अन्य संदर्भों में गर्भपात के बारे में मौजूदा राजनैतिक चर्चाओं को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.

बोर्ड अपने फ़ैसलों में, Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों को लेकर अपनी बात रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इन केस के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आज अनाउंस किए गए इन केस के बारे में आप हमें ऐसी अहम राय दे सकते हैं, जिससे हमें फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो आप ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए अपनी राय हमें भेज सकते हैं.

इन केस के लिए, हम हमेशा की तरह 14 की बजाय पब्लिक कमेंट के लिए 21 दिन के समय का ट्रायल करेंगे. इसका मतलब है कि पब्लिक कमेंट की विंडो गुरुवार, 29 जून को आपके स्थानीय समय के अनुसार 23:59 बजे बंद होगी. हालाँकि, हम भागीदारी बढ़ाने के लिए इन केस में लंबी डेडलाइन के साथ प्रयोग कर रहे हैं, फिर भी हम स्टेकहोल्डर्स को जल्दी से जल्दी कमेंट करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि फ़ैसले लेते समय उन पर ज़्यादा ध्यान दिया जा सके.

इसके बाद क्या होगा

अगले कुछ हफ़्तों में बोर्ड के मेंबर इन केस पर विचार-विमर्श करेंगे. जब वे अपने आखिरी फ़ैसले ले लेंगे, तब हम उन फ़ैसलों को ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट कर देंगे.

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