ओवरसाइट बोर्ड ने ट्रांसजेंडर को टार्गेट करने के लिए पोलिश भाषा में की गई पोस्ट से जुड़े केस की घोषणा की

आज बोर्ड एक नए केस की सुनवाई करने की घोषणा कर रहा है. इसके तहत हम लोगों और संगठनों को पब्लिक कमेंट सबमिट करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.

केस का चयन

चूँकि हम सभी अपीलों पर सुनवाई नहीं कर सकते, इसलिए बोर्ड उन केस को प्राथमिकता देता है, जिनका असर दुनिया भर के यूज़र्स पर पड़ सकता है और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं या जो Meta की पॉलिसी पर बड़े सवाल खड़े करते हैं.

आज हम इस केस की सुनवाई की घोषणा कर रहे हैं:

ट्रांसजेंडर लोगों को टार्गेट करने के लिए पोलिश भाषा में की गई पोस्ट

2023-023-FB-UA

कंटेंट को Facebook से हटाने के लिए यूज़र की अपील

पब्लिक कमेंट यहाँ से सबमिट करें, जिन्हें अनाम रूप से भी दर्ज करवाया जा सकता है.

इस घोषणा को पोलिश भाषा में पढ़ने के लिए, यहाँ क्लिक करें.

Aby przeczytać ten komunikat w języku polskim, kliknij tutaj.

अप्रैल 2023 में पोलैंड के एक Facebook यूज़र ने अलग-अलग रंगों की पट्टियों वाले पैटर्न के पर्दे की फ़ोटो पोस्ट की, जिसमें ट्रांसजेंडर फ़्लैग के नीले, गुलाबी और सफ़ेद रंग की पट्टियाँ थीं. उस फ़ोटो के ऊपर पोलिश भाषा में लिखा हुआ था: “New technology. Curtains that hang themselves” (नई टेक्नोलॉजी वाले पर्दे, जो खुद ही लटक जाते हैं). इसके ऊपर, पोलिश में और भी कुछ लिखा हुआ है, जिसका अंग्रेज़ी में अनुवाद है “spring cleaning <3” (बसंत के दिनों की सफ़ाई <3). पोस्ट पर आए अन्य यूज़र्स के रिएक्शन में से ज़्यादातर सकारात्मक थे.

अप्रैल और मई 2023 के दौरान, इस कंटेंट के खिलाफ़ 11 अलग-अलग यूज़र्स ने कुल 12 बार रिपोर्ट की. इनमें से 10 रिपोर्टों को “कम गंभीरता और वायरल होने के स्कोर” समेत अलग-अलग कारणों के चलते Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम ने ह्यूमन रिव्यू के लिए प्राथमिकता नहीं दी. आत्महत्या और खुद को चोट पहुँचाने पर बने Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत आने वाली केवल दो रिपोर्ट के कारण उस कंटेंट को ह्यूमन रिव्यू के लिए आगे बढ़ाया गया. दोनों ही रिव्यूवर ने माना कि इस कंटेंट से किसी भी पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हो रहा है और उन्होंने इन रिपोर्ट को आगे नहीं बढ़ाया. नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी पर आधारित कोई भी रिपोर्ट को ह्यूमन रिव्यू के लिए आगे नहीं बढ़ाया गया.

तीन यूज़र्स ने उस कंटेंट को Facebook पर बनाए रखने के Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की. एक अपील की सुनवाई में ह्यूमन रिव्यूवर ने Meta के असल फ़ैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि उस कंटेंट से आत्महत्या और खुद को नुकसान पहुँचाने से जुड़ी कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हो रहा है. नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी Facebook की पॉलिसी के तहत की गई अन्य दो अपीलें ह्यूमन रिव्यू के लिए आगे नहीं बढ़ाई गई.

इस कंटेंट की रिपोर्ट करने वाले यूज़र्स में से एक ने बोर्ड से अपील की. बोर्ड को दिए अपने बयान में, यूज़र ने कहा कि फ़ोटो पोस्ट करने वाले उस व्यक्ति ने पहले भी ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से जुड़े लोगों को ऑनलाइन रूप से परेशान किया था और पिछले दिनों Facebook पर अकाउंट सस्पेंड होने के बाद उन्होंने अपना नया अकाउंट बनाया था. बोर्ड ने जब सुनवाई के लिए इस केस को चुना, तब Meta ने माना कि इस कंटेंट में उनकी नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन हुआ है और उन्होंने पोस्ट को हटा दिया.

बोर्ड ने इस केस को यह पता लगाने के लिए चुना कि Meta द्वारा नफ़रत फैलाने से जुड़ी अपनी पॉलिसी के तहत इस कंटेंट पर कार्रवाई सही तरीके से की गई या नहीं. साथ ही, यह बेहतर ढंग से समझने के लिए किया है कि Meta नफ़रत फैलाने वाली भाषा और आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुँचाने की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले कंटेंट से किस तरह निपटता है. यह केस बोर्ड की सात स्ट्रेटेजिक प्राथमिकताओं के तहत आता है, इसमें “हाशिए पर मौजूद समूहों के खिलाफ़ नफ़रत भरी बातें” और “लिंग” दोनों आती हैं.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट की सराहना करता है, जिनसे इस बारे में जानकारी मिले:

  • मौखिक, लिखित या विजुअल में से किसी भी तरह की ऐसी बात, जिसे कोई यूज़र “हास्यपूर्ण” या “व्यंग्यात्मक” बता सकता है, लेकिन जिनमें नफ़रत फैलाने वाली बातें हो सकती हैं या जिनसे अन्य प्रकार की भड़काऊ बयानबाजी की जा सकती है.
  • सोशल मीडिया पर LGBTQI+ लोगों के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर नफ़रत फैलाने वाली बातें होने से पैदा होने वाले जोखिम और इस बारे में Meta की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ.
  • पोलैंड में सोशल मीडिया और सार्वजनिक चर्चा में LGBTQI+ विरोधी बातों की स्थिति.
  • नफ़रत फैलाने वाली बातों के रूप में दिए जाने वाले ऐसे बयान, जो किसी को आत्महत्या करने के लिए उकसाते हैं या मज़बूर करते हैं, और क्या Meta की पॉलिसी और एन्फ़ोर्समेंट के तरीके इन चीज़ों से निपटने के लिए काफ़ी हैं.
  • इसी कंटेंट के खिलाफ़ यूज़र द्वारा की गई रिपोर्ट के रिव्यू के लिए Meta द्वारा अपनाई जाने वाली पॉलिसी और तरीके.
  • ट्रांसजेंडर के खिलाफ़ नफ़रत भरी बातें करने और उनका उत्पीड़न करने की बार-बार कोशिश करने वाले यूज़र्स के खिलाफ़ Meta द्वारा अकाउंट-लेवल पर अपनाए जाने वाले एन्फ़ोर्समेंट से जुड़े तरीके.

अपने फ़ैसलों के तहत, बोर्ड की ओर से Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दिए जा सकते हैं. ये सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों पर अपनी राय रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इस केस के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि इस केस को लेकर आप हमें ऐसी कोई जानकारी दे सकते हैं, जिससे हमें सही फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो आप ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए अपनी बात हम तक पहुँचा सकते हैं. कृपया ध्यान रखें कि पब्लिक कमेंट अनाम रूप से भी दर्ज करवाए जा सकते हैं. पब्लिक कमेंट की विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी, जो बुधवार, 27 सितंबर को आपके स्थानीय समयानुसार रात 11:59 बजे बंद हो जाएगी.

इसके बाद क्या होगा?

अगले कुछ हफ़्तों में बोर्ड के मेंबर इस केस पर विचार-विमर्श करेंगे. जब वे अपने आखिरी फ़ैसले पर पहुँच जाएँगे, तब हम उस फ़ैसले को ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट करेंगे. यहाँ साइन अप करें, ताकि जब बोर्ड नए केस की सुनवाई की घोषणा करे या अपने फ़ैसले प्रकाशित करे, तो उनके अपडेट आपको मिल जाएँ.

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