UK के दंगों के समर्थन में शेयर की गई पोस्ट्स से संबंधित नए केसेज़

आज, बोर्ड विचार करने के लिए नए केसेज़ की घोषणा कर रहा है। इसके तहत हम लोगों और संगठनों को, नीचे दिए गए बटन का उपयोग करके पब्लिक कमेंट सबमिट करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

केस चयन

चूँकि हम हर अपील की सुनवाई नहीं कर सकते हैं, इसलिए बोर्ड उन केसेज़ को प्राथमिकता देता है जो दुनिया भर के बहुत से यूज़र को प्रभावित करने की संभावना रखते हैं, जो सार्वजनिक चर्चा के लिए विशिष्ट महत्व रखता है या जो Meta की नीतियों के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न उठाते हैं।

आज हम जिन केसेज़ की घोषणा कर रहे हैं वे हैं:

UK के दंगों का समर्थन करने वाली पोस्ट्स

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यूज़र, कंटेंट हटाने की अपील करते हैं

नीचे दिए गए बटन का उपयोग करके पब्लिक कमेंट सबमिट करें

ओवरसाइट बोर्ड, नीचे दिए गए तीनों केसेज़ पर एक साथ विचार करेगा, तथा Meta के निर्णयों को कायम रखने या उन्हें बदलने का निर्णय, केस-दर-केस के आधार पर लेगा।

Facebook के तीन यूज़र्स ने 30 जुलाई से 7 अगस्त, 2024 के बीच हुए UK के दंगों के दौरान कंटेंट साझा किया था। ये दंगे 29 जुलाई को इंग्लैंड के साउथपोर्ट में चाकू से किए गए हमले के कारण भड़के थे, जिसमें टेलर स्विफ्ट-थीम वाली डांस वर्कशॉप में तीन लड़कियों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे। हमले के बाद, हमलावर की पहचान को लेकर, सोशल मीडिया पर गलत जानकारी तेज़ी से फैली, जिसमें गलत रूप से यह संकेत किया गया कि वह एक मुस्लिम शरणार्थी था। इसके बाद हुई हिंसा और उपद्रव की घटनाओं में, मुस्लिम विरोधी और आप्रवासन विरोधी समूहों सहित हजारों लोग शामिल थे; शरणार्थी केंद्रों और आप्रवासियों के होटलों को नुकसान पहुंचाया गया और इन घटनाओं में कई पुलिस अधिकारी घायल हुए।

पहली पोस्ट में दंगों से सहमति जताई गई थी, जिसमें और अधिक मस्जिदों को तोड़ने और इमारतों को आग लगाने का आह्वान किया गया था और इनसे जुड़े लोगों के लिए जहाँ "कचरे रहते हैं" और "प्रवासियों, आतंकवादियों" जैसे नारों का भी उल्लेख किया गया। कंटेंट पोस्ट करने वाला व्यक्ति स्वीकार करता है कि दंगों में निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचा है और पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं, लेकिन उसका तर्क है कि इस हिंसा के बिना, अधिकारी नहीं सुनेंगे और न ही "ब्रिटेन में आने वाली सभी गंदगी" को रोकेंगे। अंत में, पोस्ट में पाठकों को हत्याओं की याद दिलाते हुए कहा गया है कि अगर जनता कुछ नहीं करती है, तो ये तीन लड़कियाँ आखिरी पीड़ित नहीं होंगी। इस पोस्ट को 1,000 से ज़्यादा बार देखा गया और इस पर 50 से कम कमेंट्स आए।

दूसरा कंटेंट, एक अन्य पोस्ट का रीशेयर था। इसमें एक विशालकाय आदमी की एआई से बनाई गई इमेज़ दिखाई देती है, जो यूनियन जैक (ब्रिटेन का झंडा) टी-शर्ट पहने हुए है और कई मुस्लिम पुरुषों का पीछे भाग रहा है। छवि पर विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने का समय और स्थान का नाम लिखा गया है और इसमें हैशटैग “EnoughIsEnough” जोड़ा गया है। इस कंटेंट को 1,000 से कम बार देखा गया।

तीसरी पोस्ट, संभवतः एआई से बनाई गई एक अन्य इमेज का रीपोस्ट है, जिसमें सफेद कुर्ता (ट्यूनिक) पहने चार मुस्लिम पुरुष, यूनियन जैक टी-शर्ट पहने एक रोते हुए सुनहरे बालों वाले बच्चे के पीछे संसद भवन के सामने दौड़ रहे हैं। उनमें से एक व्यक्ति अपने हाथ में चाकू लहरा रहा है, जबकि ऊपर एक विमान बिग बेन की ओर उड़ता हुआ दिख रहा है। इमेज़ के साथ एक कैप्शन है जिसमें लिखा गया है "जागो"। इस कंटेंट को भी 1,000 से अधिक बार देखा गया और इसे 50 से कम कमेंट्स मिले।

इन तीनों पोस्टों को Facebook के अन्य यूज़र्स ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा या हिंसा और उकसावा संबंधी पॉलिसी का उल्लंघन करने वाली पोस्ट के रूप में रिपोर्ट किया। Meta के ऑटोमेटेड टूल द्वारा आकलन किए जाने के बाद सभी तीनों पोस्ट को Facebook पर कायम रखा गया। जिन यूज़र्स ने कंटेंट को रिपोर्ट किया था, उन्होंने पोस्ट को बरकरार रखने के खिलाफ़ अपील की, लेकिन Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम ने प्रारंभिक निर्णयों की पुष्टि की। किसी भी पोस्ट का आकलन मानव द्वारा नहीं किया गया। इसके बाद उन्हीं यूज़र्स ने बोर्ड से अपील की कि यह कंटेंट या तो प्रवासियों के खिलाफ हिंसा को उकसा रहा है या इस कथन को बढ़ावा दे रहा है कि साउथपोर्ट की हत्याओं के लिए आप्रवासी ही जिम्मेदार हैं या यह लोगों को दंगों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

बोर्ड ने इन केसेज़ का चयन प्रवासी और मुस्लिम समुदायों को लक्षित करने वाले हिंसक दंगों के प्रति Meta की नीतिगत तैयारी और संकटकालीन प्रतिक्रिया की जाँच करने के लिए किया। यह केस बोर्ड की वंचित समूहों के विरुद्ध नफ़रत फैलाने वाली भाषा संबंधी कार्यनीतिक प्राथमिकता के अंतर्गत आता है।

बोर्ड द्वारा इन केसेज़ का चुनाव करने के फ़ैसले के परिणामस्वरूप, Meta ने निर्धारित किया कि कंटेंट को Facebook पर बनाए रखने का उसका पूर्व निर्णय त्रुटिपूर्ण था। कंपनी ने अपनी हिंसा और उकसावा संबंधी पॉलिसी के तहत पोस्ट को हटा दिया। Meta ने पुष्टि की कि Facebook पर दूसरी और तीसरी पोस्ट को बनाए रखने के उसके निर्णय सही थे। कंपनी के अनुसार, दूसरी पोस्ट (विशालकाय आदमी) के मद्देनज़र, उसकी हिंसा और उकसावा संबंधी पॉलिसी का कोई उल्लंघन नहीं हुआ, क्योंकि इमेज में किसी लक्ष्य के विरुद्ध हिंसा का आह्वान नहीं किया गया था। Meta अनुसार, तीसरी पोस्ट (चार व्यक्ति एक छोटे बच्चे के पीछे भाग रहे हैं) ने उसकी नफ़रत फैलाने वाली भाषा संबंधी पॉलिसी का उल्लंघन नहीं किया, क्योंकि Meta ने उस इमेज को एक विशिष्ट मुस्लिम व्यक्ति या व्यक्तियों के संदर्भ में समझा - न कि सभी मुस्लिम लोगों के संदर्भ में। Meta ने निर्धारित किया कि उक्त इमेज को एक विशिष्ट अपराध के संदर्भ के रूप में समझा जाना चाहिए - न कि मुस्लिम लोगों या मुस्लिम आप्रवासियों को लक्षित करने वाले अमानवीय भाषण के रूप में, जिसे Meta ने एक "झूठी अफवाह" के रूप में वर्णित किया है उसे व्यापक रूप से फैलाया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि साउथपोर्ट हमले का अपराधी एक मुस्लिम या आप्रवासी था। कंपनी ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में एन्फ़ोर्समेंट के प्रति उसका दृष्टिकोण, लोगों की आवाज़ की अधिकतम सुरक्षा का पक्षधर है।

बोर्ड उन पब्लिक कमेंट की सराहना करेगा, जो इनको संबोधित करते हैं:

  • 2024 के UK दंगों में सोशल मीडिया की भूमिका, जिसमें गलत जानकारी का प्रसार, दंगे आयोजित करना और जनता को प्रासंगिक घटनाक्रमों की जानकारी देना शामिल है।
  • UK में आप्रवासी-विरोधी और मुस्लिम-विरोधी ऑनलाइन भाषण और हिंसा एवं भेदभाव के बीच कोई दस्‍तावेज़ी संबंध।
  • ऑनलाइन नफ़रत फैलाने वाली भाषा में इमेजरी (अर्थात चित्र, ग्राफ़िक्स, मीम्स, वीडियो, जिसमें एआई से बनाया गया कंटेंट भी शामिल है) की भूमिका होती है।
  • इमेजरी, विशेष रूप से एआई से बनाई गई, में भड़काऊ या नफ़रत फैलाने वाली भाषा का आकलन करने में ऑटोमेशन के लिए चुनौतियाँ।
  • ऐसे संदर्भों में कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अत्यधिक एन्फ़ोर्समेंट के जोखिम तथा वक्ताओं और श्रोताओं के स्वतंत्र अभिव्यक्ति अधिकारों पर संभावित नकारात्मक प्रभाव।
  • क्या Meta को इस प्रकार के कंटेंट को हटाने के अलावा कंटेंट मॉडरेशन के अन्य उपायों पर विचार करना चाहिए।

अपने फैसले के हिस्से के रूप में, बोर्ड Meta को नीतिगत सुझाव जारी कर सकता है। हालाँकि ये सुझाव गैर-बाध्यकारी हैं, Meta को 60 दिनों के भीतर उन पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए. इस प्रकार, बोर्ड इन केस के लिए प्रासंगिक सुझावों का प्रस्ताव करने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आप अहम दृष्टिकोण में अपना योगदान दे सकते हैं, जो हमारी आज घोषित केस पर फ़ैसले तक पहुंचने में मदद कर सकता है, तो आप नीचे के बटन का उपयोग करके, अपना योगदान सबमिट कर सकते/सकती हैं। कृपया ध्यान दें कि पब्लिक कमेंट बिना किसी नाम के सबमिट की जा सकती हैं। पब्लिक कमेंट विंडो 14 दिनों के लिए खुली है, जो मंगलवार 17 दिसंबर को प्रशांत मानक समय (PST) 23:59 बजे बंद होगी।

आगे क्या होगा

अगले कुछ हफ़्तों में, बोर्ड मेंबर इन केसेज़ पर विचार-विमर्श करेंगे। जब वे अपने निर्णय पर पहुंच जाएंगे, तो हम इसे निर्णय पेज पर पोस्ट करेंगे।

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