ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के फ़ैसले को बदला: केस 2021-016-FB-FBR

पढ़ने से पहले कृपया यह जान लें कि इस टेक्स्ट में नाबालिगों के साथ होने वाली यौन हिंसा से जुड़े कंटेंट से संबंधित संवेदनशील सामग्री हो सकती है.

ओवरसाइट बोर्ड ने दो नाबालिगों के साथ हुई यौन हिंसा की घटनाओं के बारे में बताने वाली पोस्ट निकालने के Meta के फ़ैसले को बदल दिया है. बोर्ड ने पाया कि पोस्ट से बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और नग्नता से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता है. पोस्ट के विस्तृत संदर्भ से यह स्पष्ट होता है कि यूज़र सार्वजनिक हित के मुद्दे की रिपोर्ट कर रहा था और नाबालिग के यौन शोषण की निंदा कर रहा था.

केस की जानकारी

अगस्त 2019 में स्वीडन के एक यूज़र ने अपने Facebook पेज पर एक युवा लड़की की स्टॉक फ़ोटो पोस्ट की, जिसमें वह अपने चेहरे को हाथों से ढँककर इस तरह बैठी है कि उसे पहचानना मुश्किल है. फ़ोटो का कैप्शन स्वीडिश भाषा में है, जिसमें दो नाबालिगों के साथ हुई यौन शोषण की घटनाओं के बारे में बताया गया है. पोस्ट में दो अनाम नाबालिगों के बलात्कार की घटनाओं की जानकारी है, जिसमें उनकी उम्र और उन जगहों के नाम हैं, जहाँ वे घटनाएँ हुईं. यूज़र ने उन अनाम अपराधियों को उनके अपराधों के लिए मिली सज़ा के बारे में भी बताया है.

पोस्ट में यह कहते हुए अपना विरोध जताया गया कि स्वीडन की आपराधिक न्याय प्रणाली बहुत उदार है और वह अपराध को बढ़ावा देती है. उस यूज़र ने देश में यौन दुराचार करने वालों का रजिस्टर बनाने की वकालत की. उन्होंने पोस्ट के कमेंट सेक्शन में सोर्स भी दिए हैं, जिनमें कोर्ट की संदर्भ संख्या द्वारा उन आपराधिक केस के बारे में बताया गया है और लोकल मीडिया की उन अपराधों से जुड़ी ख़बरों के लिंक भी हैं.

पोस्ट में पहले पीड़ित के साथ हुए अपराध के नुकसानदायक प्रभाव का आपत्तिजनक वर्णन किया गया है. इसमें बलात्कार के बारे में अपने दोस्तों के सामने कथित तौर पर डींगे मारने और नाबालिग को अश्लील शब्दों से पुकारने से जुड़े अपराधी द्वारा कहे गए कथन भी दिए गए हैं. जबकि यूज़र ने Facebook पर अगस्त 2019 में यह कंटेंट पोस्ट किया था, वहीं Meta ने इसे दो साल बाद सितंबर 2021 में बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और नग्नता से जुड़े अपने नियमों के तहत निकाला.

मुख्य निष्कर्ष

बोर्ड ने पाया कि इस पोस्ट से बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और नग्नता से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता है. इस पोस्ट में बलात्कार के परिणामों का सटीक और चिकित्सकीय वर्णन है, साथ ही अपराधी के अश्लील बयान शामिल करने में उसकी भाषा ऐसी नहीं है कि उससे बच्चों का यौन शोषण हो या नाबालिग को “कामुक रूप” में प्रदर्शित करती हो.

बोर्ड का यह भी निष्कर्ष है कि पोस्ट में नाबालिग को “कामुक रूप” में प्रदर्शित नहीं किया गया है, जैसा कि पोस्ट के विस्तृत संदर्भ से यह स्पष्ट होता है कि यूज़र सार्वजनिक हित के मुद्दे की रिपोर्ट कर रहा था और नाबालिग के यौन शोषण की निंदा कर रहा था.

बोर्ड ने यह भी पाया कि Meta ने लोगों के लिए उपलब्ध अपने कम्युनिटी स्टैंडर्ड में कुछ मुख्य शब्दों को परिभाषित नहीं किया है, जैसे “दर्शाना” और “कामुक बनाना”. इसके अलावा, जहाँ Meta ने बोर्ड को बताया कि वह बलात्कार और यौन शोषण की “रिपोर्टिंग” की अनुमति देता है, वहीं कंपनी ने यह बात लोगों को उपलब्‍ध कराई गई अपनी पॉलिसी में नहीं बताई है या “दर्शाना” और “रिपोर्टिंग” के बीच का अंतर स्पष्ट नहीं किया है. नीचे दिए गए सुझाव में इन बिंदुओं पर चर्चा की गई है.

यह बात चिंताजनक है कि Meta ने दो साल बाद पोस्ट को प्लेटफ़ॉर्म से निकाल दिया और अपने इस फ़ैसले का उचित कारण भी स्पष्ट नहीं किया. पॉलिसी में इस अवधि के दौरान ऐसे कोई बड़े बदलाव नहीं हुए, जिनसे पोस्ट को निकालने का कारण पता चले.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने Meta के कंटेंट निकालने के फ़ैसले को बदल दिया और पोस्ट को रीस्टोर करने के लिए कहा.

पॉलिसी से जुड़े सुझाव देते हुए बोर्ड ने कहा कि Meta:

  • बाल यौन शोषण, नग्नता और दुर्व्यवहार से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में आपत्तिजनक वर्णन और कामुकता की परिभाषा दे. Meta यह बात स्पष्ट करे कि साफ़ तौर पर कही गई हर बात आपत्तिजनक वर्णन या कामुकता वाली नहीं होती. साथ ही, कानूनी, चिकित्सकीय या मेडिकल शब्दों और आपत्तिजनक वर्णन वाले कंटेंट के बीच के अंतर को समझाए. Meta को बाल यौन शोषण और बाल यौन शोषण की रिपोर्टिंग के बीच का अंतर भी समझाना चाहिए. सुझावों को अमल में लाए जाने की बात को बोर्ड तभी सही मानेगा, जब कम्युनिटी स्टैंडर्ड में उन मुख्य शब्दों को समझाने वाली परिभाषा और उनके बीच का अंतर समझाने वाली बातें शामिल होंगी.
  • साथ ही पॉलिसी में सुधार करने की प्रक्रिया जारी हो, जिसमें पॉलिसी फ़ोरम की वह चर्चा भी आती है कि उनके कम्युनिटी स्टैंडर्ड में यौन हिंसा से पीड़ित बच्चों की पहचान उजागर करने वाली बातों पर रोक लगाई जाए या नहीं और अगर लगानी हो, तो किस तरह लगाई जाए. इस पूरी प्रक्रिया में बच्चे की पहचान उजागर करने वाली बातों और उसके अधिकारों से जुड़े स्टेकहोल्डर और विशेषज्ञ की राय भी ली जानी चाहिए. इस सुझाव को अमल में लाए जाने की बात को बोर्ड तभी सही मानेगा, जब Meta प्रोडक्ट पॉलिसी फ़ोरम की उस मीटिंग की मुख्य बातें प्रकाशित करेगा, जिसमें इस सुझाव पर चर्चा की गई है.

नोट: बोर्ड के सुझावों पर आसानी से विस्तृत प्रतिक्रिया दी जा सके इसके लिए Meta के पास अब प्रतिक्रिया देने के लिए 30 दिनों के बजाय 60 दिन का समय होगा. इस बदलाव को दर्शाने के लिए बोर्ड के उपनियम अपडेट किए गए हैं और इसका संशोधित किया गया संस्करण यहाँ उपलब्ध है.

अधिक जानकारी के लिए:

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