ओवरसाइट बोर्ड ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की Facebook और Instagram की एक्सेस पर लगाई अनिश्चित समय तक की रोक का रिव्यू करने के लिए केस स्वीकार किया

आज ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook की ओर से रेफ़र किया गया एक केस स्वीकार किया, जिसमें बोर्ड Facebook के उस फ़ैसले की जाँच-पड़ताल करेगा, जिसके तहत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को Facebook और Instagram पर कंटेंट पोस्ट करने से अनिश्चित समय तक के लिए रोक दिया गया है. किसी यूज़र के राजनेता होने पर लागू किए जा सकने वाले प्रतिबंधों के बारे में भी Facebook ने बोर्ड से पॉलिसी संबंधी सुझाव माँगे हैं.

Facebook ने 7 जनवरी 2021 को Facebook और Instagram पर पोस्ट करने से डोनाल्ड ट्रंप पर रोक लगाने का जो फ़ैसला लिया था, उसने दुनिया भर के लोगों का ध्यान खींचा है. ओवरसाइट बोर्ड अमेरिका में घट रही घटनाओं पर और Facebook की ओर से लिए जा रहे एक्शन पर करीब से नज़र रखे हुए है और बोर्ड कंपनी के फ़ैसले का विस्तृत और निष्पक्ष मूल्यांकन करने के लिए तैयार है.

इस केस में बोर्ड द्वारा लिया गया फ़ैसला Facebook पर बाध्यकारी होगा और इससे यह तय होगा कि डोनाल्ड ट्रंप की Facebook और Instagram की एक्सेस पर अनिश्चित समय तक के लिए लगाई गई रोक हटाई जाएगी या नहीं. Facebook ने तय किया है कि वह उनकी एक्सेस तब तक रीस्टोर नहीं करेगा, जब तक कि ओवरसाइट बोर्ड उन्हें ऐसा करने का निर्देश नहीं दे देता. Facebook को बोर्ड की ओर से मिले पॉलिसी संबंधी अन्य सुझाव ध्यान में रखने होंगे और उनका सार्वजनिक तौर पर जवाब देना होगा.

2020 के अंत में ओवरसाइट बोर्ड को इसी तरह के अत्यधिक गंभीर परिणामों वाले मुद्दों के समाधान के लिए ही लॉन्च किया गया था, जैसे कि इस केस में सामने आए हैं. ऐसे मुद्दे जो दुनिया भर में मानवाधिकारों और स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर बहुत ज़्यादा असर डाल सकते हैं, कंटेंट से संबंधित ऐसे सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों के मामलों में Facebook के रवैये की आलोचनात्मक निष्पक्ष जाँच करने के लिए ही बोर्ड को बनाया गया था. हमारे सदस्य मानवाधिकार, कानून, पत्रकारिता और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं और वे कई अलग-अलग समुदायों से आते हैं तथा कई तरह के दृष्टिकोणों और मान्यताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. हमारा मानना है कि हमारे सदस्य एक मज़बूत और निष्पक्ष ओवरसाइट प्रोसेस के ज़रिए काम करके यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि फ़ैसले ज़्यादा सिद्धांतवादी तथा पारदर्शी तरीके से लिए जाएँ, जैसा कि Facebook अकेले नहीं कर सकता है. इस केस में भी बोर्ड यही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

ओवरसाइट बोर्ड इस केस पर फ़ैसला कैसे करेगा?

आने वाले दिनों में यह केस हमारे उपनियमों और नियम-पुस्तिका के अनुसार पाँच सदस्यों वाली एक केस रिव्यू पैनल को असाइन कर दिया जाएगा. जब पैनल फ़ैसला ले लेगी, तब उसके निष्कर्षों को पूरे बोर्ड के साथ शेयर किया जाएगा. केस का फ़ैसला पूरा तब माना जाएगा जब बोर्ड बहुमत से उस पर अपनी सहमति दे देगा.

सदस्य फ़ैसला करेंगे कि इस केस में शामिल कंटेंट से Facebook कम्युनिटी स्टैंडर्ड और Facebook के मूल्यों का उल्लंघन हुआ था या नहीं. वे इस बात पर भी ध्यान देंगे कि Facebook के द्वारा कंटेंट को हटाया जाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अन्य मानवाधिकारों सहित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप था या नहीं.

डोनाल्ड ट्रंप अपने पेज एडमिनिस्ट्रेटर के माध्यम से बोर्ड को यूज़र स्टेटमेंट सबमिट कर सकेंगे कि उन्हें क्यों लगता है कि Facebook के कंटेंट मॉडरेशन के फ़ैसले बदले जाने चाहिए. इस केस में Facebook अपने कंटेंट संबंधी मौजूदा फ़ैसलों के संदर्भों की जानकारी और उनका पूरा स्पष्टीकरण भी शेयर करेगा. बोर्ड एक ऐसी प्रक्रिया भी शुरू करेगा, जिसमें सभी इच्छुक व्यक्ति और संगठन कोई भी ऐसी जानकारी और नज़रिया बोर्ड के साथ पब्लिक कमेंट के ज़रिए शेयर कर सकेंगे, जो उनके अनुसार फ़ैसला लेने में मददगार साबित होंगे.

बोर्ड का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द फ़ैसला लिया जाए और साथ ही इस बात का ध्यान रखा जाए कि रिव्यू प्रोसेस में हर छोटी से छोटी बात पर गौर किया गया हो और वह सैद्धांतिक हो. बोर्ड के उपनियमों के आधार पर 90 दिनों की समयावधि निर्धारित की गई, जिसके अंदर फ़ैसला ले लिया जाना चाहिए. सभी केस की तरह ही, बोर्ड हमारे काम को लेकर पारदर्शी बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है और केस का फ़ैसला भी बोर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा. फ़ैसले से जुड़ी इस जानकारी में पैनल ने जिस अहम जानकारी के आधार पर फ़ैसला लिया है, उसके बारे में बताने के साथ ही यह भी बताया जाएगा कि पैनल अपने अंतिम निष्कर्ष पर कैसे पहुँचा.

यह जानकारी प्रकाशित होने के बाद Facebook को उस केस से जुड़े फ़ैसले पर सात दिनों के अंदर अमल करना होगा. बोर्ड के फ़ैसले में दिए गए पॉलिसी से संबंधित किसी भी तरह के सुझाव पर Facebook को 30 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से जवाब भी देना होगा.

आप बोर्ड में अपील करने की प्रोसेस के बारे में यहाँ से और जान सकते हैं.

अगले कदम

बोर्ड ने हमारे शुरुआती केसों की घोषणा दिसंबर 2020 में की थी, साथ ही वह अगले हफ़्ते से केस से जुड़े फ़ैसलों का प्रकाशन शुरू कर देगा. ये केस अभद्र भाषा, गलत जानकारी और हिंसा भड़काने सहित बेहद अहम मुद्दों से जुड़े हुए हैं. हम बोर्ड द्वारा रिव्यू के लिए चुने गए केस के अगले चरण की घोषणा भी जल्द ही करने वाले हैं.

उम्मीद है कि बोर्ड अगले हफ़्ते से इस केस पर सार्वजनिक कमेंट स्वीकार करना शुरू करेगा. वेबसाइट पर कब नए केस पोस्ट किए जाते हैं और कब उन पर कमेंट कर सकते हैं, इसका अलर्ट पाने के लिए आप यहाँ से साइन अप कर सकते हैं.

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