ओवरसाइट बोर्ड ने ‘न्यूज़ रिपोर्टिंग में तालिबान का उल्लेख’ (2022-005-FB-UA) से संबंधित Meta के मूल फ़ैसले को पलट दिया

ओवरसाइट बोर्ड ने Meta द्वारा एक न्यूज़ आउटलेट पेज की एक Facebook पोस्ट को हटाने के मूल फ़ैसले को पलट दिया जिसमें अफ़गानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा के बारे में तालिबानी शासन की एक सकारात्मक घोषणा की रिपोर्टिंग की गई थी. पोस्ट को हटाना, खतरनाक लोग और संगठन से जुड़े Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के खिलाफ़ था, जिसमें आतंकी ग्रुप की रिपोर्टिंग की परमिशन दी गई है. पोस्ट को हटाना Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के भी खिलाफ़ था. बोर्ड ने पाया कि आतंकी शासन की रिपोर्टिंग के संबंध में Meta को यूज़र्स की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बेहतर सुरक्षा करनी चाहिए. बोर्ड ने इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद के लिए पॉलिसी से जुड़े सुझाव दिए.

केस की जानकारी

जनवरी 2022 में, भारत में उर्दू भाषा के एक लोकप्रिय समाचारपत्र ने अपने Facebook पेज पर एक पोस्ट की. पोस्ट में रिपोर्ट किया गया था कि अफ़गानिस्तान में तालिबानी शासन के एक मेंबर और उसके आधिकारिक केंद्रीय प्रवक्ता, ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने घोषणा की कि मार्च 2022 में महिलाओं और लड़कियों के लिए स्कूल और कॉलेज फिर से खुल जाएँगे. पोस्ट में समाचारपत्र की वेबसाइट के आर्टिकल का लिंक दिया गया था और उसे लगभग 300 बार देखा गया.

Meta ने पाया कि पोस्ट से खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन हुआ जो ऐसी एंटिटी की “प्रशंसा” करने से रोकती है जिन्हें “गंभीर ऑफ़लाइन नुकसान में शामिल” माना जाता है, जिसमें आतंकी संगठन शामिल हैं. Meta ने पोस्ट को हटा दिया, कंटेंट पोस्ट करने वाले पेज एडमिन के खिलाफ़ “स्ट्राइक” लगाई और कुछ ख़ास Facebook फ़ीचर तक उनकी एक्सेस रोक दी (जैसे Facebook पर लाइव होना).

यूज़र ने अपील की और दूसरे ह्यूमन रिव्यूअर द्वारा इस पोस्ट को उल्लंघन करने वाली पाए जाने पर, इसे हाई-इंपेक्ट फ़ॉल्स पॉज़िटिव ओवरराइड (HIPO) सिस्टम की कतार में डाल दिया गया. HIPO एक ऐसा सिस्टम है जिसका उपयोग Meta ऐसे केस की पहचान करने के लिए करता है जहाँ उसने गलत एक्शन लिया, जैसे, जहाँ उसने कंटेंट को गलत तरीके से हटाया. हालाँकि, उस समय HIPO में उर्दू बोलने वाले 50 से कम रिव्यूअर्स मौजूद थे और पोस्ट को उच्च प्राथमिकता वाला नहीं माना गया था, इसलिए HIPO सिस्टम में इसका कभी भी रिव्यू नहीं हुआ.

बोर्ड द्वारा केस चुने जाने के बाद, Meta ने तय किया कि पोस्ट को हटाया नहीं जाना चाहिए था क्योंकि उसके नियम आतंकी संगठनों की “रिपोर्टिंग” की परमिशन देते हैं. उसने कंटेंट को बहाल कर दिया, स्ट्राइक वापस ले ली और यूज़र के अकाउंट से प्रतिबंध हटा दिए.

मुख्य निष्कर्ष

ओवरसाइट बोर्ड ने पाया कि पोस्ट को हटाना, खतरनाक लोग और संगठन से जुड़े Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड, Meta के मूल्यों या कंपनी की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के खिलाफ़ था.

खतरनाक लोग और संगठन से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में आतंकी संगठनों सहित कुछ ख़ास एंटिटी की “प्रशंसा” करने की मनाही है. “प्रशंसा” को कम्युनिटी स्टैंडर्ड और मॉडरेटर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन, दोनों में व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है. परिणामस्वरूप, बोर्ड यह समझता है कि दो रिव्यूअर्स ने कंटेंट को प्रशंसा क्यों समझा. हालाँकि, कम्युनिटी स्टैंडर्ड में खतरनाक संगठनों की “रिपोर्टिंग” करने वाले कंटेंट की परमिशन है. बोर्ड ने पाया कि इस केस में यह छूट लागू होती है.

बोर्ड ने यह भी पाया कि पोस्ट को हटाना Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के खिलाफ़ था; यह बिना किसी उचित कारण के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाता है, जिसमें आतंकी ग्रुप की जानकारी सहित सभी जानकारी देने और पाने का अधिकार शामिल है. यह ख़ास तौर पर संघर्ष और संकट के समय महत्वपूर्ण होता है, जिसमें वह स्थिति शामिल है जहाँ आतंकी ग्रुप के पास देश का कंट्रोल होता है.

बोर्ड इस बात से चिंतित है कि आतंकी शासन की रिपोर्टिंग के संबंध में Meta का सिस्टम और पॉलिसी, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती हैं. कंपनी के कम्युनिटी स्टैंडर्ड और मॉडरेटर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन में यह साफ़ तौर पर नहीं कहा गया है कि प्रशंसा पर प्रतिबंध और रिपोर्टिंग में छूट कैसे लागू होती है या उनके बीच क्या संबंध है. दो रिव्यूअर्स ने पोस्ट को उल्लंघन करने वाला पाया, यह तथ्य भी यही बताता है कि इन बिंदुओं को अच्छे से समझा नहीं गया. बोर्ड इस बात से चिंतित है कि अगर यूज़र “रिपोर्टिंग” का अपना इरादा स्पष्ट नहीं करता, तो खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी के तहत Meta कंटेंट को सीधे हटा देता है. बोर्ड इस बात से भी चिंतित है कि कंटेंट को HIPO सिस्टम में रिव्यू नहीं किया गया.

यह केस बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है. बोर्ड ने खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी को एन्फ़ोर्स करने की गलतियों की कई शिकायतों पर विचार किया है, ख़ास तौर पर अंग्रेज़ी के अलावा अन्य भाषाओं में. यह गंभीर चिंताएँ पैदा करता है, ख़ास तौर पर पत्रकारों और मानवाधिकारों के रक्षकों के लिए. इसके अलावा, पॉलिसी का उल्लंघन करने पर प्रतिबंध स्पष्ट नहीं हैं और गंभीर हैं.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने संबंधित पोस्ट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसले को पलट दिया.

बोर्ड ने Meta को सुझाव दिया कि वह:

  • इस मामले की जाँच करे कि खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी में हुए बदलावों का अनुवाद तय समयावधि में पूरा क्यों नहीं हुआ और आगे इस तरह की देरी न होने दे.
  • अपने “स्ट्राइक” सिस्टम की सार्वजनिक व्याख्या को ज़्यादा व्यापक और एक्सेस करने योग्य बनाए.
  • आम सवालों (मॉडरेटर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन) में “प्रशंसा” की सटीक परिभाषा देने के लिए ऐसे कंटेंट के उदाहरण हटाए जो खतरनाक संगठनों के बारे में “दूसरे लोगों को ज़्यादा सकारात्मक सोचने के लिए प्रेरित करता है.”
  • अपने इंप्लिमेंटेशन स्टैंडर्ड (मॉडरेटर्स के लिए आंतरिक मार्गदर्शन) में बदलाव करके यह स्पष्ट करे कि खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी में रिपोर्टिंग से जुड़ी छूट, सकारात्मक कथनों की परमिशन देती है. आम सवालों में संघर्ष या संकट की स्थितियों में न्यूज़ रिपोर्टिंग की सुरक्षा के महत्व को स्पष्ट किया जाना चाहिए.
  • गलतियों के कारण की पहचान करने के लिए, खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी में रिपोर्टिंग संबंधी छूट को एन्फ़ोर्स करने में रिव्यूअर्स की सटीकता का आकलन करे.
  • HIPO सिस्टम का रिव्यू करके यह जाँच करे कि क्या वह खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ी पॉलिसी की छूट के एन्फ़ोर्समेंट में संभावित गलतियों को ज़्यादा बेहतर प्राथमिकता दे सकता है.
  • सभी भाषाओं में HIPO रिव्यू के लिए तय क्षमता को बढ़ाए.

अधिक जानकारी के लिए:

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