ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के फ़ैसले को बदला: केस 2021-004-FB-UA

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook का उस कमेंट को हटाने का फ़ैसला बदल दिया है, जिसमें जेल में बंद रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी के एक समर्थक ने किसी दूसरे यूज़र को "cowardly bot" (कायर चमचा) कहा था. Facebook ने “cowardly” (कायर) शब्द का उपयोग करने के कारण कमेंट हटा दिया, जिसे किसी के चरित्र से जुड़े नकारात्मक दावे के रूप में माना गया.

बोर्ड ने पाया कि कमेंट हटाने का फ़ैसला, डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अनुरूप था, लेकिन मौजूदा स्टैंडर्ड, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के तहत स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर एक अनावश्यक और असंगत प्रतिबंध था. यह Facebook के मूल्यों के अनुरूप भी नहीं था.

केस की जानकारी

24 जनवरी को रूस के एक यूज़र ने 23 जनवरी को सेंट पीटर्सबर्ग और पूरे रूस में विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी के समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शनों की कई फ़ोटो, एक वीडियो और टेक्स्ट वाली एक पोस्ट (मूल पोस्ट) की. दूसरे यूज़र (विरोध प्रदर्शन का आलोचक) ने मूल पोस्ट का जवाब देते हुए लिखा कि उन्हें नहीं पता कि सेंट पीटर्सबर्ग में क्या हुआ, लेकिन मॉस्को में मौजूद सभी प्रदर्शनकारी स्कूली बच्चे थे, जो “slow” (सही-गलत न समझने वाले) थे और जिनका “shamelessly used” (बेशर्मी के साथ फ़ायदा उठाया) गया था.

इसके बाद, अन्य यूज़र्स ने मूल पोस्ट पर आगे और कमेंट करते हुए विरोध प्रदर्शन के आलोचक को चुनौती दी. विरोध प्रदर्शन में शामिल एक यूज़र (प्रदर्शनकारी) वह आखिरी व्यक्ति था जिसने विरोध प्रदर्शन के आलोचक को जवाब दिया था. उन्होंने बताया कि वे बुज़ुर्ग हैं और सेंट पीटर्सबर्ग में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. प्रदर्शनकारी ने कमेंट के अंत में विरोध प्रदर्शन के आलोचक को “cowardly bot” (कायर चमचा) कहा.

इसके बाद, विरोध प्रदर्शन के आलोचक ने डराने-धमकाने और उत्पीड़न के कारण Facebook को प्रदर्शनकारी के कमेंट की रिपोर्ट की. Facebook ने तय किया कि “cowardly” (कायर) शब्द एक “private adult” (वयस्क व्यक्ति) के चरित्र से जुड़ा नकारात्मक दावा था और चूँकि हमले का “target” (शिकार हुए व्यक्ति) ने कंटेंट की रिपोर्ट की थी, इसलिए Facebook ने उसे हटा दिया. प्रदर्शनकारी ने Facebook को इस फ़ैसले के विरुद्ध अपील की. Facebook ने यह तय किया कि कमेंट से डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन हुआ था, जिसके तहत कोई व्यक्ति Facebook से उन पोस्ट को हटाने के लिए कह सकता है, जिनमें उनके चरित्र को लेकर नकारात्मक कमेंट होते हैं.

मुख्य निष्कर्ष

इस केस में लोगों को डराने-धमकाने और उत्पीड़न से बचाने वाली पॉलिसी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने की ज़रूरत के बीच की खींचतान सामने आती है. यह ऐसे किसी देश में राजनीतिक विरोध प्रदर्शन के मामले में विशेष रूप से प्रासंगिक है, जहाँ मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रभावी सिस्टम न होने के बारे में विश्वसनीय शिकायतें सामने आ चुकी हों.

बोर्ड ने पाया कि हो सकता है Facebook का कंटेंट को हटाने का फ़ैसला, कम्युनिटी स्टैंडर्ड को सख्ती से लागू करने के अनुरूप हो, लेकिन कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत व्यापक संदर्भ पर ध्यान नहीं दिया गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को असंगत तरीके से प्रतिबंधित कर दिया गया.

डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़ा कम्युनिटी स्टैंडर्ड कहता है कि Facebook किसी व्यक्ति के चरित्र को लेकर किए गए ऐसे किसी भी नकारात्मक दावे को तब हटाता है, जब उस दावे के ज़रिए निशाना बनाया गया व्यक्ति उस कंटेंट की रिपोर्ट करता है. बोर्ड Facebook के इस निष्कर्ष पर आपत्ति नहीं उठाता है कि विरोध प्रदर्शन का आलोचक एक व्यक्ति है और "cowardly" (कायर) शब्द किसी के चरित्र से जुड़ा नकारात्मक दावा था.

हालाँकि, कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अनुसार Facebook के लिए राजनीतिक संदर्भ, सार्वजनिक हस्ती या बातचीत के तीखे लहज़े पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं था. इसलिए, Facebook ने विरोध प्रदर्शनों के बारे में किए गए झूठे दावों का खंडन करने के प्रदर्शनकारी के इरादे पर गौर नहीं किया या किसी व्यक्ति के चरित्र को लेकर किए गए नकारात्मक दावे की रिपोर्ट किए जाने से जुड़ी समस्या को दूर करने का कोई उचित प्रयास नहीं किया.

इस कंटेंट को हटाने के फ़ैसले में “अभिव्यक्ति” की तुलना में “गरिमा” और “सुरक्षा” के Facebook के मूल्यों के बीच संतुलन नहीं बैठाया जा सका. "अभिव्यक्ति" के मूल्य में राजनीतिक भाषण सबसे महत्वपूर्ण है और यह सिर्फ़ वहीं सीमित होना चाहिए जहाँ "सुरक्षा" या "गरिमा" से जुड़ी स्पष्ट चिंताएँ सामने आती हैं.

रूस की तरह ही “अभिव्यक्ति” उन देशों में ख़ास तौर पर बेहद ज़रूरी हो जाती है, जहाँ रोज़ाना लोगों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार छीना जाता है. इस केस में बोर्ड ने यह पाया कि Facebook को रूस में नवालनी के समर्थकों के विरोध प्रदर्शन के व्यापक संदर्भ के बारे में पता था और बड़ी चेतावनी को देखते हुए कंटेंट का पूरी सावधानी के साथ मूल्यांकन किया जाना चाहिए था.

बोर्ड ने पाया कि डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़े Facebook के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने में वैध उद्देश्य है. हालाँकि, इस केस में डराने-धमकाने और उत्पीड़न की अलग-अलग अवधारणाओं को अस्पष्ट तौर पर परिभाषित कुछ नियमों में एक-साथ शामिल करने के कारण उचित भाषण को अनावश्यक रूप से हटा दिया गया.

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

ओवरसाइट बोर्ड ने Facebook के कंटेंट हटाने के फ़ैसले को बदल दिया है और पोस्ट को रीस्टोर करने के लिए कहा है.

पॉलिसी से जुड़े सुझाव के कथन में बोर्ड ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करने के लिए, Facebook को डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़े अपने कम्युनिटी स्टैंडर्ड में बदलाव करना चाहिए और फिर से उसका मसौदा तैयार करना चाहिए, ताकि:

  • इसकी डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़ी पॉलिसी बनाने का कारण और “ये न करें” के साथ-साथ इनके बाद बताए गए इनसे जुड़े अन्य नियमों के बीच के संबंध को स्पष्ट किया जा सके, जो किसी कंटेंट पर रोक लगाते हैं.
  • डराने-धमकाने और उत्पीड़न के बीच अंतर किया जा सके, साथ ही इन दोनों ही व्यवहारों के अंतर को समझाने वाली परिभाषाएँ उपलब्ध करवाई जा सकें. कम्युनिटी स्टैंडर्ड में यूज़र्स को स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि डराना-धमकाना और उत्पीड़न करना उन बातों से किस तरह अलग है, जिनसे केवल किसी का अपमान होता है, साथ ही उसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत संरक्षण दिया जा सकता है.
  • अलग-अलग टार्गेट यूज़र की कैटेगरी के बारे में इसके नज़रिए को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जा सके और हर एक टार्गेट कैटेगरी के बारे में बताने वाले उदाहरण दिए जा सकें (जैसे कि सार्वजनिक हस्ती कहलाने की पात्रता कौन पूरी करता है). मौजूदा पॉलिसी में दर्ज यूज़र्स की कैटेगरी के अनुसार डराने-धमकाने और उत्पीड़न से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड को व्यवस्थित किया जा सके.
  • डराना-धमकाना और उत्पीड़न से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में उल्लंघन करने वाले और नहीं करने वाले कंटेंट के उदाहरण शामिल किए जा सकें, जिससे पॉलिसी की तय की गईं सीमाएँ स्पष्ट करने के साथ यह बताया जा सकेे कि ये अंतर निशाना बनाए गए व्यक्ति की पहचान के स्टेटस पर कैसे निर्भर कर सकते हैं.
  • किसी वयस्क के खिलाफ़ ‘चरित्र से जुड़े नकारात्मक दावे’ वाले कंटेंट का मूल्यांकन करते समय किसी कंटेंट के सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ का मूल्यांकन करने की ज़रूरत को शामिल करने के लिए Facebook को कम्युनिटी स्टैंडर्ड में बदलाव करना चाहिए. Facebook को राजनीतिक या सार्वजनिक बहसों पर इस नियम के तहत की गई कार्रवाई पर फिर से विचार करना चाहिए, जहाँ कंटेंट को हटाने से बहस प्रभावित हुई होगी.
  • जब भी Facebook किसी के चरित्र से जुड़े नकारात्मक दावे के कारण किसी कंटेंट को हटाता है, जो एक बड़ी सी पोस्ट में केवल एक शब्द या वाक्यांश के रूप में है, तो उन्हें तुरंत ऐसा दावा करने वाले यूज़र को सूचित करना चाहिए, ताकि वह यूज़र चरित्र से जुड़े उस नकारात्मक दावे के बिना उस कंटेंट को दोबारा पोस्ट कर सके.

अधिक जानकारी के लिए:

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