एकाधिक मामले का निर्णय

Proud Boys से संबंधित न्यूज़ आर्टिकल

बोर्ड ने Meta द्वारा हटाई गई दो Facebook पोस्ट का रिव्यू किया, जो Proud Boys के सदस्यों को अपराध के लिए दी गई सजा की न्यूज़ रिपोर्ट से लिंक थीं. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान इन दो अपीलों पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला पलट दिया और दोनों पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.

2 इस बंडल में केस शामिल हैं

पलट जाना

FB-2JHTL3QD

Facebook पर खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ा केस

प्लैटफ़ॉर्म
Facebook
विषय
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,पत्रकारिता,न्यूज़ ईवेंट
मानक
ख़तरनाक लोग और संगठन
जगह
अमेरिका
Date
पर प्रकाशित 27 फ़रवरी 2024
पलट जाना

FB-ZHVJLX60

Facebook पर खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ा केस

प्लैटफ़ॉर्म
Facebook
विषय
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,पत्रकारिता,न्यूज़ ईवेंट
मानक
ख़तरनाक लोग और संगठन
जगह
अमेरिका
Date
पर प्रकाशित 27 फ़रवरी 2024

यह संक्षिप्त फ़ैसला है. संक्षिप्त फ़ैसलों में उन केसों का परीक्षण किया जाता है जिनमें बोर्ड द्वारा कंटेंट पर Meta का ध्यान आकर्षित के बाद कंपनी ने कंटेंट के बारे में अपने मूल फ़ैसले को पलटा है. इन फ़ैसलों में उन गलतियों की जानकारी होती है जिन्हें Meta ने स्वीकार किया हैऔर इनमें लोगों को यह जानकारी दी जाती है कि बोर्ड के काम का क्या असर पड़ता है. उन्हें बोर्ड के सदस्यों की पैनल द्वारा स्वीकार किया गया है, न कि पूरे बोर्ड द्वारा. उनमें सार्वजनिक कमेंट पर विचार नहीं किया जाता और बोर्ड आगे के फ़ैसलों के लिए उन्हें आधार भी नहीं बनाता है. संक्षिप्त फ़ैसले, Meta के सुधारों के बारे में पारदर्शिता देते हैं और यह बताते हैं कि पॉलिसी के एन्फ़ोर्समेंट के संबंध में कंपनी कहाँ सुधार कर सकती है.

केस का सारांश

बोर्ड ने Meta द्वारा हटाई गई दो Facebook पोस्ट का रिव्यू किया, जो Proud Boys के सदस्यों को अपराध के लिए दी गई सजा की न्यूज़ रिपोर्ट से लिंक थीं. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान इन दो अपीलों पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला पलट दिया और दोनों पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.

केस की जानकारी और बैकग्राउंड

सितंबर 2023 में, दो Facebook यूज़र्स ने एक न्यूज़ आर्टिकल का लिंक पोस्ट किया जो अमेरिकी कैपिटॉल पर 6 जनवरी, 2021 को हुए हमले में भाग लेने वाले Proud Boys के एक सदस्य का दोष साबित होने और उसकी सजा के बारे में था . आर्टिकल के भाग के रूप में, पुरुषों के एक समूह की फ़ोटो शामिल की गई थी. समूह का हर सदस्य एक टी-शर्ट पहने था जिस पर "proud boys" टेक्स्ट और समूह का लोगो दिखाया गया था. लिंक को शेयर करते समय किसी भी यूज़र ने कोई कमेंट या कैप्शन नहीं जोड़ा.

Proud Boys, 2016 में स्थापित एक धुर दक्षिणपंथी समूह है जो हिंसा और चरमपंथी विचारों के लिए जल्दी ही जाना जाने लगा. इसमें 6 जनवरी, 2021 को अमेरिकी कैपिटॉल पर हुए हमले में गंभीर भूमिका निभाना भी शामिल है जिसके लिए समूह के कई सदस्यों पर मुकदमा चलाया गया है.

Meta ने मूल रूप से पोस्ट को यह कहते हुए Facebook से हटा दिया था कि वह खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी उसकी पॉलिसी का उल्लंघन करती है. इस पॉलिसी के तहत उन लोगों और संगठनों के निरूपण और उनके बारे में कुछ खास तरह के कथनों की मनाही है जिन्हें Meta ने खतरनाक चिह्नित किया है. साथ ही उनके अस्पष्ट संदर्भ भी नहीं दिए जा सकते. हालाँकि, पॉलिसी में यह माना गया है कि “यूज़र्स ऐसा कंटेंट शेयर कर सकते हैं जिसमें चिह्नित खतरनाक संगठनों और व्यक्तियों की रिपोर्ट करने, उनकी निंदा करने या उनकी या उनके कामों की निष्पक्षता से चर्चा करने वाले रेफ़रेंस शामिल हों.”

बोर्ड को की गई अपनी अपील में, दोनों यूज़र्स ने तर्क दिया कि उनके कंटेंट से Meta के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता. पहले केस में यूज़र ने क्लेम किया कि न्यूज़ आर्टिकल को लोगों को Proud Boys के लीडर का दोष साबित होने की सूचना देने के लिए रीपोस्ट किया गया था और कहा कि अगर कंटेंट का रिव्यू बॉट के बजाय किसी ह्यूमन द्वारा किया जाता, तो वे इस निष्कर्ष पर पहुँचते कि कंटेंट से Meta के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता. दूसरे केस में, यूज़र ने कहा कि पोस्ट का उद्देश्य लोगों को यह जानकारी देना है कि आतंकवादी कृत्य के संबंध में न्याय हो गया है. उन्होंने ऐसे मामलों में ह्यूमन मॉडरेशन के महत्व पर भी ज़ोर दिया, क्योंकि Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम्स ने गलत फ़ैसला लिया, शायद इसलिए क्योंकि संदर्भ पर ध्यान देने के बजाय सिस्टम्स ने आर्टिकल में शामिल शब्दों पर विचार किया.

बोर्ड द्वारा इन दोनों केसों को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, कंपनी ने पाया कि पोस्ट से उसकी किसी भी पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हुआ. भले ही ये पोस्ट्स एक चिह्नित संगठन Proud Boys के बारे में थीं, लेकिन उनमें बस संगठन के बारे में रिपोर्ट की गई थी. Meta इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि पोस्ट्स को हटाने का उसका शुरुआती फ़ैसला गलत था क्योंकि उन पर वह अपवाद लागू होता है जिसमें यूज़र्स को खतरनाक संगठनों और लोगों की “रिपोर्ट करने, उनकी निंदा करने या उनकी निष्पक्ष चर्चा करने” की परमिशन दी गई है. Meta ने दोनों कंटेंट को प्लेटफ़ॉर्म पर रीस्टोर कर दिया.

बोर्ड का प्राधिकार और दायरा

बोर्ड को उस यूज़र के अपील करने के बाद Meta के फ़ैसले का रिव्यू करने का अधिकार है, जिसका कंटेंट हटा दिया गया था (चार्टर अनुच्छेद 2, सेक्शन 1; उपनियम अनुच्छेद 3, सेक्शन 1).

जहाँ बोर्ड द्वारा रिव्यू किए जा रहे केस में Meta यह स्वीकार करता है कि उससे गलती हुई है और वह अपना फ़ैसला पलट देता है, वहाँ बोर्ड उस केस का चुनाव संक्षिप्त फ़ैसले के लिए कर सकता है (उपनियम अनुच्छेद 2, सेक्शन 2.1.3). बोर्ड, कंटेंट मॉडरेशन प्रोसेस के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने, गलतियों में कमी लाने और Facebook और Instagram के यूज़र्स के लिए निष्पक्षता बढ़ाने के लिए मूल फ़ैसले का रिव्यू करता है.

केस का महत्व

ये केस न्यूज़ रिपोर्टिंग के लिए उन अपवादों के एन्फ़ोर्समेंट से जुड़े चैलेंज दिखाते हैं, जो Meta की खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड में तय किए गए हैं. इस तरह की गलती, किसी न्यूज़ आउटलेट के बाहरी लिंक को Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर करने की यूज़र की क्षमता को सीधे प्रभावित करती है, जब ऐसे लिंक किसी चिह्नित समूह या संगठन से संबंधित होते हैं, भले ही वे निष्पक्ष हों और उनका सार्वजनिक महत्व हो.

पहले, बोर्ड ने खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी Meta की पॉलिसी और न्यूज़ रिपोर्टिंग के संबंध में कई सुझाव दिए हैं. इनमें यह सुझाव शामिल है कि “Meta अपनी DOI पॉलिसी में शर्तें और विवरणात्मक उदाहरण जोड़े ताकि अपवादों के बारे में लोगों को ज़्यादा जानकारी मिले, खास तौर पर निष्पक्ष चर्चाओं और न्यूज़ रिपोर्टिंग के बारे में.” Meta ने प्रकाशित जानकारी के ज़रिए इसका क्रियान्वयन दर्शाया है (अल जज़ीरा की शेयर की गई पोस्ट, सुझाव सं. 1). बोर्ड ने कहा कि “सिस्टम की जिन समस्याओं के कारण एन्फ़ोर्समेंट में गलतियाँ हो रही हैं, उनका पता लगाने के लिए Meta को DOI पॉलिसी के तहत रिपोर्टिंग की छूट देने वाले रिव्यूअर्स की सटीकता का आकलन करना चाहिए,” ( न्यूज़ रिपोर्टिंग में तालिबान का उल्लेख, सुझाव सं. 5). इसके अलावा, बोर्ड ने सुझाव दिया कि Meta को “HIPO रैंकर [हाई इम्पैक्ट फ़ाल्स पॉज़ीटिव ओवरराइड] का यह देखने के लिए रिव्यू करना चाहिए कि क्या वह खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी की छूट एन्फ़ोर्स करने में होने वाली संभावित गलतियों को ज़्यादा प्रभावी रूप से प्राथमिकता दे सकता है, जिसमें न्यूज़ रिपोर्टिंग वाला कंटेंट शामिल है, जहाँ अभिव्यक्ति की आज़ादी पर असर डालने वाले फ़ाल्स पॉज़ीटिव निष्कासनों की संख्या ज़्यादा दिखाई देती है,” ( न्यूज़ रिपोर्टिंग में तालिबान का उल्लेख, सुझाव सं. 6). Meta ने आगे कोई जानकारी प्रकाशित किए बिना पिछले दो सुझावों को लागू करना बताया और इसलिए उनके क्रियान्वयन को वेरिफ़ाई नहीं किया जा सकता.

बोर्ड इस बात से चिंतित है कि Meta द्वारा इन सभी सुझावों का क्रियान्वयन करना दिखाए जाने के बावजूद, ये दो केस बताते हैं कि बोर्ड के सुझावों के अनुसार ज़्यादा प्रभावी उपाय किए जाने की ज़रूरत है.

बोर्ड ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन सुझावों को पूरी तरह लागू किया जाए और साथ ही उनका सफल क्रियान्वयन दिखाने के लिए जानकारी प्रकाशित की जाए. इससे खतरनाक संगठन और लोगों से जुड़ी Meta की पॉलिसी के तहत न्यूज़ रिपोर्ट के गलत निष्कासनों की संख्या में कमी आ सकती है.

फ़ैसला

बोर्ड ने दो पोस्ट के कंटेंट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसलों को पलट दिया. बोर्ड द्वारा केसों को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, Meta द्वारा मूल फ़ैसलों की गलती में किए गए सुधारों को बोर्ड ने स्वीकार किया.

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