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COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को निकालना

पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में इस बात की जाँच की गई कि क्या Meta को COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की कुछ कैटेगरी को हटाना जारी रखना चाहिए या फिर कम कठोर दृष्टिकोण, उसके मूल्यों और मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के अनुसार ज़्यादा सही होगा.

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I. रिपोर्ट का सारांश

जुलाई 2022 में, ओवरसाइट बोर्ड ने इस बात का आकलन करने के Meta के अनुरोध को स्वीकार किया कि क्या उसे COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की कुछ कैटेगरी को हटाना जारी रखना चाहिए या फिर उसके मूल्यों और मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के हिसाब से कम कठोर दृष्टिकोण अपनाना ज़्यादा सही होगा. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की यह राय उस अनुरोध के संबंध में बोर्ड का जवाब है.

बोर्ड ने गहन जाँच की है और लोगों से विचार-विमर्श किया है. चूँकि Meta इस बात पर ज़ोर देता आया है कि वह COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के मामले में वैश्विक तौर पर, एकसमान दृष्टिकोण रखता है, इसलिए बोर्ड का यह निष्कर्ष है कि जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), COVID-19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति मानता है, तब तक Meta को अपनी मौजूदा पॉलिसी को बनाए रखना चाहिए. इसका यह मतलब है कि उसे COVID-19 से जुड़ी ऐसी गलत जानकारी को हटाना/हटाने का काम जारी रखना चाहिए, जिसके कारण तुरंत और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होने के सीधे खतरे की आशंका हो. हालाँकि, बोर्ड का मानना है कि Meta को उन 80 दावों में से हर एक का फिर से आकलन करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, जिन्हें वह अभी हटाता है. Meta को इस प्रक्रिया में और कई तरह के स्टेकहोल्डर्स को शामिल करना चाहिए. उसे WHO द्वारा घोषणा को हटाने के बाद के लिए भी उपाय तैयार करने चाहिए, ताकि इन नई परिस्थितियों में अभिव्यक्ति की आज़ादी और अन्य मानवाधिकारों की सुरक्षा हो. बोर्ड पुरज़ोर सुझाव देता है कि Meta, COVID-19 से जुड़े कंटेंट को हटाने के सरकारी अनुरोधों के बारे में जानकारी प्रकाशित करे, अपने प्लेटफ़ॉर्म के बारे में किए गए स्वतंत्र शोध का समर्थन करने के लिए कार्रवाई करे, अपने प्लेटफ़ॉर्म की बनावट और गलत जानकारी के बीच आपसी संबंध की जाँच करे और दुनिया भर में COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में लोगों को जागरूक करे.

बैकग्राउंड

2020 की शुरुआत में जब COVID-19 एक वैश्विक महामारी के रूप में अपने पैर पसारने लगी, तब Meta ने Facebook और Instagram से ऐसे कई दावों को हटाना शुरू किया जिन्हें कंपनी ने COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी माना. COVID-19 से संबंधित जिन दावों को कंपनी हटाती है, उनकी लिस्ट वैश्विक महामारी के दौरान तैयार की गई. फ़िलहाल, Meta "सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी" की अपनी पॉलिसी के तहत COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के लगभग 80 अलग-अलग तरह के दावों को हटाता है. यह पॉलिसी गलत जानकारी से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का सब-सेक्शन है, जिसे "COVID से बचाव के दावे" से जुड़े फ़ैसले में बोर्ड द्वारा दिए गए सुझावों के जवाब में बनाया गया था. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में ख़ास तौर से “सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी” की पॉलिसी के तहत COVID-19 वैश्विक महामारी के दौरान Meta द्वारा की गई कार्रवाइयों पर फ़ोकस किया गया है. इसमें COVID-19 वैश्विक महामारी के दौरान Meta द्वारा अन्य पॉलिसी के तहत की गई कार्रवाइयों पर बात नहीं की गई है.

“सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी” की पॉलिसी के तहत, Meta “सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों में गलत जानकारी को तब हटाता है, जब सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएँ यह निष्कर्ष निकालती हैं कि जानकारी गलत है और इसके कारण तुरंत और बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होने के सीधे खतरे की आशंका है.” उस स्टैंडर्ड का पालन किया गया या नहीं, यह तय करने के लिए Meta पूरी तरह से सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं पर निर्भर था. अभी वह जिन 80 दावों को हटाता है, उनमें COVID-19 की मौजूदगी को नकारने और इस बात पर ज़ोर देने जैसे दावे शामिल हैं कि COVID-19 वैक्सीन से चुंबक के गुण आ जाते हैं. Meta ने मार्च 2020 से जुलाई 2022 के बीच Facebook और Instagram से COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी वाले 2.7 करोड़ कंटेंट को हटाया, जिनमें से 13 लाख कंटेंट को अपील के बाद रीस्टोर कर दिया गया. कंटेंट को हटाए जाने से जुड़े स्टैंडर्ड का पालन नहीं करने वाली COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को फ़ैक्ट-चेक किया जा सकता है, उस पर लेबल लगाया जा सकता है या उसे डिमोट किया जा सकता है. फ़ैक्ट-चेकर कंटेंट को रेटिंग देते हैं (जैसे, “गलत” या “संदर्भ मौजूद नहीं है”). फिर Meta उस हिसाब से कंटेंट में लेबल जोड़ता है और इसे उस विषय पर फ़ैक्ट-चेकर द्वारा लिखे गए लेख से लिंक करता है. फ़ैक्ट-चेकर जिस कंटेंट में लेबल जोड़ते हैं, कंपनी उसे डिमोट भी करती है. इसका मतलब यह है कि यह कई बातों के आधार पर यूज़र्स की फ़ीड में कम मौकों पर और कम प्रमुखता से दिखाई देता है. Meta, COVID-19 से संबंधित कंटेंट में "न्यूट्रल लेबल" भी जोड़ता है. इन लेबल में "COVID-19 के कुछ अस्वीकृत उपचारों से गंभीर नुकसान हो सकता है" जैसे कथन होते हैं और ये लोगों को Meta के COVID-19 सूचना केंद्र पर भेजते हैं, जहाँ उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं की ओर से रोकथाम के उपायों, वैक्सीन और संसाधनों के बारे में जानकारी मिलती है.

बोर्ड से किए गए अनुरोध में, Meta ने पूछा कि क्या उसे COVID-19 से जुड़ी कुछ गलत जानकारी को हटाने का काम जारी रखना चाहिए. कंपनी ने कहा कि इसके बजाय वह ऐसे कंटेंट को हटाना बंद करके उसे डिमोट कर सकती है, उसे थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकर के पास भेज सकती है या उसमें लेबल जोड़ सकती है. Meta, COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के संबंध में देश या क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाने के बजाय पूरी दुनिया के लिए एक ही दृष्टिकोण अपनाने पर ज़ोर देता है. कंपनी के अनुसार, व्यापक पॉलिसी के लिए क्षेत्र के हिसाब से कोई तरीका अपनाने पर यूज़र्स के लिए स्पष्टता कम होगी और पॉलिसी ठीक से लागू भी नहीं हो पाएगी. साथ ही, उसके पास इस तरह के तरीके अपनाने की क्षमता भी नहीं है. अनुरोध पर विचार करने के लिए बोर्ड ने जनता के साथ गहन विचार-विमर्श किया. इसे लेकर दुनिया भर के लोगों के साथ कई वर्चुअल राउंडटेबल मीटिंग की गई, जिन्हें सिविल सोसायटी के साथ पार्टनरशिप में आयोजित किया गया था. इसके ज़रिए बोर्ड ने कई तरह के विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स की राय जानी.

मुख्य निष्कर्ष और सुझाव

बोर्ड ने पाया कि दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के दौरान "जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका" रखने वाली COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को हटाते रहना Meta के मूल्यों और मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों से अनुरूप है. बोर्ड ने शुरुआत में यह समझने की कोशिश भी की कि क्या Meta के लिए COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के संबंध में बड़े स्तर पर क्षेत्र के अनुसार समाधान करना बेहतर है या नहीं. हालाँकि, Meta ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूज़र्स के लिए स्पष्टता और निष्पक्षता काफ़ी हद तक कम करके ही ऐसा करना संभव होगा. इससे पॉलिसी को लागू करने में गलतियाँ होने की संभावना काफ़ी हद तक बढ़ जाएगी. Meta की चिंताएँ सही हो सकती हैं. हालाँकि, इस विकल्प को नकारकर Meta ने ख़ास तौर से अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार सहित मानवाधिकारों को ध्यान में रखते हुए COVID-19 से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी से निपटने के सबसे अच्छे तरीके के बारे में स्टेकहोल्डर्स और बोर्ड के सदस्यों की अलग-अलग तरह की राय का हल निकालने के बोर्ड के प्रयासों को ठेस पहुँचाई है. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में दिए गए 18 सुझाव, जिनमें से अधिकतर सुझावों के बारे में नीचे संक्षिप्त जानकारी दी गई है, इस प्रतिबंध के हिसाब से काम करते हैं.

बोर्ड ने Meta को सुझाव दिया है कि वह:

COVID-19 से जुड़े ऐसे झूठे कंटेंट को हटाता रहे, जिससे "दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के दौरान जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका" है. साथ ही, अभी वह जिन 80 दावों को हटाता है, उनका पारदर्शी और समावेशी रिव्यू और फिर से आकलन करना शुरू करे. सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य को गंभीर और सीधा खतरा होता है. COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के संबंध में Meta द्वारा पूरी दुनिया में एक ही तरीका अपनाने पर ज़ोर देने को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने पाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं द्वारा तय की गई, जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका वाली गलत जानकारी को हटाने के लिए Meta जिन ख़ास उपायों को अपनाता है, वे सही हैं. लेकिन, अन्य बातों के अलावा Meta ने कभी संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं से फिर से संपर्क करके उन्हें ऐसे दावों का फिर से मूल्यांकन करने के लिए नहीं कहा, जिन्हें वह हटाता है. न ही उसने किसी दावे या पूरी पॉलिसी का फिर से मूल्यांकन करने के लिए स्टेकहोल्डर्स और विशेषज्ञों के साथ व्यापक तौर पर विचार-विमर्श किया. चूँकि Meta ने अभी तक अपनी पॉलिसी में बदलाव करने के व्यापक प्रयास शुरू नहीं किए हैं (जो Meta की सबसे पहली ज़िम्मेदारी है), इसलिए बोर्ड, पॉलिसी में ऐसे किसी बदलाव का सुझाव नहीं दे सकता है, जिसके कारण सबसे कमज़ोर समूह पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हो.

हालाँकि, अब हम संकट के शुरुआती पड़ाव में नहीं हैं, इसलिए मानवाधिकारों से जुड़ी अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए Meta को नियमित रूप से इस बात का मूल्यांकन करना चाहिए कि क्या इसकी पॉलिसी में कंटेंट को हटाने के लिए तय की गई न्यूनतम सीमा लगातार पूरी हो रही है. इसलिए Meta को, हटाए जाने वाले 80 दावों का नियमित रूप से रिव्यू करने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया शुरू करना चाहिए और इसके लिए अलग-अलग तरह के हितधारकों से सलाह लेनी चाहिए. जब कोई स्टेकहोल्डर किसी दावे में ऐसा स्पष्ट साक्ष्य दे कि उससे जान-माल को तुरंत नुकसान पहुँचने की आशंका है, तो ही उसे हटाए जाने वाले दावों की लिस्ट में शामिल करना सही है. Meta को समय-समय पर होने वाले इन रिव्यू के परिणाम जनता के साथ शेयर करने चाहिए.

अपने दृष्टिकोण में क्षेत्र के अनुसार बदलाव करने की संभावनाएँ तलाशे. Meta को यह प्लान करना चाहिए कि जब WHO, COVID-19 को पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति मानना बंद कर दे, लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थानीय संस्थाएँ तब भी इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति मानते रहें, तो उसे क्या करना चाहिए. बोर्ड का सुझाव है कि ऐसे माहौल में वह जिन उपायों को अपनाएगा, उन्हें तैयार करने के लिए उसे जोखिम के मूल्यांकन की प्रोसेस शुरू करनी चाहिए. इससे वैश्विक रूप से अभिव्यक्ति की आज़ादी को कम किए बिना असल जीवन में बड़े और तुरंत नुकसान का सीधे तौर पर कारण बनने की आशंका रखने वाली गलत जानकारी का समाधान होना चाहिए. जोखिम के आकलन में इस बात का आकलन भी किया जाना चाहिए कि क्या इसकी पॉलिसी को क्षेत्रीय स्तर पर आसानी से लागू किया जा सकता है.

अपने प्लेटफ़ॉर्म की बनावट के प्रभाव का आकलन करे. विशेषज्ञों ने इस बारे में चिंताएँ जताई हैं कि Meta के प्लेटफ़ॉर्म की बनावट के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी को बढ़ावा मिलता है. इन दावों को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड सुझाव देता है कि Meta अपने डिज़ाइन के चयनों से मानवाधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करे. कंपनी को इस आधार पर मानवाधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करना चाहिए कि उसकी न्यूज़फ़ीड, सुझाव देने के एल्गोरिदम और अन्य फ़ीचर, स्वास्थ्य संबंधी नुकसानदेह गलत जानकारी और उसके प्रभावों को कैसे बढ़ावा देते हैं.

सरकारी अनुरोधों के बारे में पारदर्शिता बढ़ाए. वैश्विक महामारी के उच्चतम स्तर पर रहते समय, इस बारे में चिंताएँ जताई गई थीं कि Meta, सरकार के आदेशानुसार COVID-19 संबंधी कंटेंट का रिव्यू कर रहा है. इससे ख़ास तौर पर तब समस्या पैदा होती है जब सरकारें शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों और मानवाधिकारों की रक्षा करने वाले लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई करने, वैश्विक महामारी की शुरुआत के बारे में बातचीत को नियंत्रित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े संकट के दौरान सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना करने या उस पर सवाल उठाने वाले लोगों की आवाज़ दबाने का अनुरोध करती हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इस बारे में चिंताएँ जताई हैं कि कुछ सरकारों ने लोकतंत्र के सिद्धांतों को खत्म करने के लिए वैश्विक महामारी की आड़ ली है. Meta को "सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी" की पॉलिसी के तहत कंटेंट का रिव्यू करने के सरकारी अनुरोधों के संबंध में पारदर्शी रहना चाहिए और नियमित रूप से इनकी रिपोर्ट करनी चाहिए.

स्वतंत्र शोध का समर्थन करे और COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के बारे में लोगों की समझ बढ़ाए. बोर्ड को विशेषज्ञों से पता चला है कि COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को समझने के व्यापक प्रयास और इन्हें लेकर Meta की प्रतिक्रिया का प्रभाव, कंपनी के डेटा और शोध तक एक्सेस की कमी के कारण असफल हो जाता है. डेटा की कमी के चलते बोर्ड के लिए भी पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय के इस अनुरोध के फ़ायदों का आकलन करते समय चुनौतियाँ आईं. बोर्ड इस बात को मानता है कि अन्य सोशल मीडिया कंपनियों की तुलना में Meta ने बाहरी शोधकर्ताओं के साथ डेटा शेयर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इनमें से कई शोधकर्ताओं ने बोर्ड को Meta के CrowdTangle जैसे टूल और Facebook Open Research and Transparency (FORT) के महत्व के बारे में बताया है. लेकिन साथ ही, शोधकर्ताओं ने FORT जैसे टूल को एक्सेस करने में आने वाली मुश्किल के बारे में शिकायत भी की है. Meta को लगातार इन टूल को उपलब्ध कराना चाहिए. साथ ही अपनी एक्सेसिबिलिटी को बेहतर बनाना चाहिए और बाहरी शोधकर्ताओं को ऐसे डेटा को एक्सेस करने की परमिशन देनी चाहिए जो पब्लिक नहीं है. बोर्ड यह सुझाव भी देता है कि कंपनी शोध करे और COVID-19 से जुड़ी अपनी पॉलिसी को लागू करने के अपने प्रयासों के बारे में डेटा प्रकाशित करे. साथ ही, वह बोर्ड के साथ शेयर किए गए "न्यूट्रल लेबल" शोध के निष्कर्षों को प्रकाशित करे. आखिर में, बोर्ड यह सुझाव देता है कि Meta ऐसे कदम उठाए जिनसे ग्लोबल मेजॉरिटी (जिन्हें ग्लोबल साउथ भी कहते हैं), शोधकर्ताओं और विश्वविद्यालयों को भी कंपनी के डेटा की एक्सेस मिले. साथ ही, वह दुनिया भर में डिजिटल साक्षरता से जुड़े प्रोग्राम को बढ़ावा दे.

COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को हटाने के मामले में निष्पक्षता, स्पष्टता और एकरूपता बढ़ाए. अपनी मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, Meta को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यूज़र्स के लिए उसके नियम स्पष्ट हों. इसके लिए, कंपनी को इस बारे में बताना चाहिए कि वह COVID-19 से जुड़े जिन दावों को हटाती है, उनकी हर कैटेगरी के कारण जान-माल के तुरंत नुकसान का सीधा खतरा कैसे होता है. अगर वह इस नतीजे पर पहुँचता है कि कोई दावा गलत है, तो उसे बताना चाहिए कि उसका आधार क्या है और वह जिन दावों को हटाता है, उनकी लिस्ट में कोई बदलाव होने पर उनका रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए. उसके नियमों को सभी भाषाओं और क्षेत्रों में एकरूपता से लागू करना आसान बनाने के लिए, कंपनी को कंटेंट मॉडरेटर्स के लिए बनाए गए अपने आंतरिक मार्गदर्शन का उन भाषाओं में अनुवाद करना चाहिए, जिनमें वह काम करती है. Meta को यूज़र्स के उपचार पाने के अधिकार की रक्षा भी करनी चाहिए. इसके लिए वह फ़ैक्ट-चेकर लेबल के खिलाफ़ अपील करने की यूज़र की क्षमता बढ़ाए और यह सुनिश्चित करे कि इन अपीलों का रिव्यू शुरुआती फ़ैसला करने वाले फ़ैक्ट-चेकर द्वारा नहीं किया जाए.

II. Meta की ओर से अनुरोध

1. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की यह राय, COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को लेकर Meta की पॉलिसी से जुड़ी है, जैसा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारीकी कंपनी की पॉलिसी में बताया गया है. यह पॉलिसी गलत जानकारी के कम्युनिटी स्टैंडर्ड का भाग है. Meta ने जुलाई 2022 में बोर्ड को इस पॉलिसी के लिए अनुरोध भेजकर बोर्ड से पूछा कि क्या उसे इस पॉलिसी के तहत COVID-19 से जुड़े कंटेंट को हटाते रहना चाहिए या कम कठोर तरीके अपनाना कंपनी के मूल्यों और मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों के अनुसार ज़्यादा सही होगा.

2. Meta ने बताया कि वह सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत गलत जानकारी को तब हटाता है जब “सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों में उससे जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका होती है.” इस पॉलिसी को नीचे सेक्शन III में विस्तार से बताया गया है. यह तय करने के लिए कि क्या गलत जानकारी इस स्टैंडर्ड के तहत आती है, कंपनी ऐसी सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं के साथ भागीदारी करती है जिनके पास विशेष दावों के गलत होने का आकलन करने और यह तय करने की विशेषज्ञता है कि क्या उससे जान-माल के तुरंत नुकसान का सीधा खतरा होने की आशंका है. यह आकलन वैश्विक स्तर पर किया जाता है. Meta ने बोर्ड को यह स्पष्ट किया कि अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग पॉलिसी लागू करने पर, यूज़र्स के लिए पॉलिसी की स्पष्टता और निष्पक्षता काफ़ी हद तक कम हो सकती है. इससे पॉलिसी को लागू करने में गलतियाँ होने की आशंका भी काफ़ी हद तक बढ़ जाएगी. ऐसी गलत जानकारी जो इस संबंध में लिए गए कठोर मानदंडों के दायरे में नहीं आती, उसके लिए Meta डिमोशन, लेबलिंग या फ़ैक्ट-चेकिंग जैसे अन्य उपायों का उपयोग करता है.

3. जनवरी 2020 से लेकर फ़रवरी 2021 के बीच COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को लेकर अपना दृष्टिकोण बनाते समय (नीचे दिया सेक्शन III देखें), Meta ने अलग-अलग विषयों के 180 से ज़्यादा विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया. इन विशेषज्ञों में सार्वजनिक स्वास्थ्य और संक्रामक रोग विशेषज्ञ, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के विशेषज्ञ, झूठी और गलत जानकारी के शोधकर्ता, फ़ैक्ट-चेकर और अभिव्यक्ति की आज़ादी और डिजिटल अधिकारों के विशेषज्ञ शामिल थे. Meta ने क्षेत्रीय स्टेकहोल्डर्स से भी विचार-विमर्श किया. Meta ने अलग-अलग विषयों और दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के स्टेकहोल्डर्स के अलग-अलग सुझावों और कभी-कभी विरोधाभासी होने वाले सुझावों और दृष्टिकोणों पर ध्यान दिया, जैसा कि नीचे बताया गया है. Meta ने कहा कि मौजूदा पॉलिसी को स्वीकार करते समय उसने यह तय किया कि कुछ किस्म की गलत जानकारी से जुड़े जोखिम इतने गंभीर थे कि COVID-19 की वैश्विक महामारी से पैदा हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक आपातकाल को देखते हुए इस तरह की जानकारी को हटाना ज़रूरी था. बोर्ड को किए गए अपने अनुरोध में Meta ने बताया कि दो वर्ष पहले जब Meta ने COVID-19 संबंधी कुछ गलत जानकारी को हटाने का फ़ैसला किया था, उसके बाद से COVID-19 से जुड़े परिदृश्य में बदलाव आया है. उन बदलावों को देखते हुए कंपनी यह विचार कर रही है कि क्या ऐसी गलत जानकारी को हटाना अभी भी ज़रूरी है. बोर्ड द्वारा विचार किए जाने के लिए, Meta ने तीन बदलावों का उल्लेख किया.

4. पहला, Meta के अनुसार, COVID-19 से जुड़ी जानकारी के इकोसिस्टम में बदलाव हुआ है. वैश्विक महामारी की शुरुआत में, प्रामाणिक मार्गदर्शन की कमी के चलते गलत जानकारी के प्रसार को बढ़ावा मिला. आज, कंपनी के अनुसार, इस स्थिति में बहुत बदलाव हो चुका है. लोगों के पास वायरस के बारे में और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं से मिलने वाली भरोसेमंद जानकारी की एक्सेस है जिनसे वे लोग जानकारी ले सकते हैं और अपने व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं जो जोखिम में हैं.

5. दूसरा, Meta ने पाया कि वैक्सीन और बीमारी के वेरिएंट्स के आने के कारण COVID-19 अब 2020 की शुरुआत के मुकाबले कम घातक है. प्रभावी वैक्सीन के विकास और वितरण के कारण, अब COVID-19 के लक्षणों की गंभीरता को रोकने और कम करने के साधन मौजूद हैं. इसके अलावा, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा वेरिएंट के कारण पहले के वेरिएंट के मुकाबले बीमारी की गंभीरता कम हुई है और उसके उपचार तेज़ी से तैयार किए जा रहे हैं.

6. तीसरा, Meta ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएँ इस बात का सक्रियता से मूल्यांकन कर रही हैं कि क्या COVID-19 कम गंभीर अवस्था में आ गया है और “सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ संस्थाओं के अनुसार दुनिया के कुछ भागों में वैश्विक महामारी की कम गंभीर अवस्था की ओर बदलाव शुरू हो गया है.” (Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 14) Meta ने इस निरीक्षण के समर्थन में अमेरिका के डॉ. एंथोनी फ़ाउची, यूरोपीयन कमीशन और थाईलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री के बयानों का उल्लेख किया.

7. हालाँकि, Meta ने यह स्वीकार किया कि वैश्विक महामारी का व्यवहार पूरी दुनिया में अलग-अलग रहा है. बोर्ड को किए गए अपने अनुरोध में, कंपनी ने लिखा:

भले ही वैक्सीन, चिकित्सीय उपचार और प्रामाणिक मार्गदर्शन ज़्यादा आय वाले देशों में तेज़ी से बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के कम विकसित सिस्टम के कारण कम आय वाले देशों में लोगों की इन तक पहुँच धीमी होगी. अभी सबसे महत्वपूर्ण बदलाव विकसित देशों, (…) और कम विकसित देशों के बीच है. (…) ज़्यादा आय वाले देशों के अस्सी प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक डोज़ लग चुका है, जबकि कम आय वाले देशों में ऐसे लोगों की संख्या सिर्फ़ 13 प्रतिशत है. इस बात की संभावना भी है कि कम आय वाले देशों में स्वास्थ्य सुरक्षा सिस्टम की क्षमता कम हो, उनकी अर्थव्यवस्था कम सुदृढ़ हो और उनकी सरकार के मार्गदर्शन पर कम भरोसा किया जाता हो. इस सभी के कारण लोगों को वैक्सीन देने और COVID-19 के संपर्क में आए लोगों का उपचार करने में परेशानियाँ आएँगी.

(Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 3)

बोर्ड के लिए Meta के सवाल

8. उपरोक्त बातों को देखते हुए, Meta ने विचार करने के लिए बोर्ड के सामने पॉलिसी से जुड़े नीचे दिए गए विकल्प पेश किए. नीचे दिया गया सेक्शन III, इन उपायों के बारे में ज़्यादा जानकारी देता है:

  • COVID-19 से जुड़ी कुछ गलत जानकारी को हटाने का काम जारी रखना: इस विकल्प का मतलब है कि ऐसे गलत कंटेंट को हटाने का Meta का मौजूदा दृष्टिकोण बनाए रखना जिसकी “सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के दौरान जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका हो." Meta ने बताया कि जब इससे जान-माल के तुरंत नुकसान का कोई खतरा नहीं रह जाएगा, तो कंपनी इस विकल्प के तहत आखिरकार ऐसी गलत जानकारी को हटाना बंद कर देगी और वह बोर्ड से यह अनुरोध करती है कि वह यह निर्धारण करने का तरीका तय करने में उसका मार्गदर्शन करे.
  • आपात स्थिति को कम करने के अस्थायी तरीके: इस विकल्प के तहत Meta, COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को हटाना बंद कर देगा और इसके बजाय उसके वितरण को कम करेगा. यह तरीका थोड़े समय के लिए अपनाया जाएगा और कंपनी, बोर्ड से यह अनुरोध करती है कि अगर यह तरीका अपनाया जाता है, तो इसका उपयोग कब रोका जाना चाहिए.
  • थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट चेकिंग: इस विकल्प के तहत, जिस कंटेंट को इस समय हटाया जा रहा है, उसे मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकर के पास भेजा जाएगा. अपने अनुरोध में Meta ने यह कहा कि “कंटेंट को रेट करने के लिए मौजूद फ़ैक्ट-चेकर की संख्या हमेशा सीमित होगी. अगर Meta यह विकल्प लागू करता है, तो फ़ैक्ट-चेकर हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद COVID-19 से जुड़े सभी कंटेंट की जाँच नहीं कर सकेंगे और इनमें से कुछ की जाँच, सटीकता, डिमोट किए जाने और लेबल किए जाने के लिए नहीं की जा सकेगी.” (Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 16)
  • लेबल: इस विकल्प के तहत, Meta ऐसे कंटेंट को लेबल करेगा जिससे यूज़र को कंटेंट देखने में कोई रुकावट नहीं आएगी और उसे आधिकारिक जानकारी के सीधे लिंक दिखाई देंगे. Meta इसे अस्थायी उपाय मानता है और वह इस बारे में बोर्ड से मार्गदर्शन चाहता है कि इन लेबल का उपयोग रोकने का फ़ैसला करते समय कंपनी को किन कारकों पर विचार करना चाहिए.

9. Meta ने कहा कि ख़ास तौर से मापनीयता, सटीकता और प्रभावित होने वाले कंटेंट के संबंध में इनमें से हर एक कारक के फ़ायदे और नुकसान हैं. कंपनी ने पुरज़ोर इच्छा जताई कि पॉलिसी सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होनी चाहिए, वह पूरी दुनिया के लिए एक समान हो और उसे सभी जगह लागू किया जा सकता हो. देश विशिष्ट पॉलिसी के संबंध में, Meta ने कहा कि: “तकनीकी कारणों से, हम COVID-19 के संबंध में देश या क्षेत्र विशिष्ट पॉलिसी के मुकाबले वैश्विक पॉलिसी बनाए रखने का पुरज़ोर सुझाव देते हैं.” बोर्ड को किए गए अपने अनुरोध में, Meta ने कहा: “अगर पॉलिसी को देश के स्तर पर लागू किया जाता है, तो वे तब ज़रूरत से ज़्यादा लागू हो सकती हैं जब मार्केट रिव्यूअर्स का एक समूह एक से ज़्यादा देशों के लिए काम करता है. साथ ही वे ज़रूरत से कम लागू हो सकती हैं क्योंकि कंटेंट का फैलाव एक से ज़्यादा देशों और क्षेत्रों में हो सकता है.” (Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 17, फ़ुटनोट 37.) (स्केल किए गए, स्थानीयकृत एन्फ़ोर्समेंट की ज़्यादा जानकारी के लिए, नीचे पैराग्राफ़ 61 देखें.)

III. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी के बारे में Meta की पॉलिसी.

10. COVID-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए और अपने प्लेटफ़ॉर्म पर आई गलत जानकारी की बाढ़ को ध्यान में रखते हुए, Meta ने जनवरी 2020 से COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को हटाना शुरू किया. उसकी पॉलिसी और उसके अंतर्गत हटाए जाने वाले दावों के प्रकारों को बाद के दो वर्षों के दौरान तैयार किया गया और उन्हें गलत जानकारी कम्युनिटी स्टैंडर्ड के सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी के बारे में मौजूदा सेक्शन और साथ के हेल्प सेंटर पेज में शामिल किया गया है.

11. गलत जानकारी से जुड़ा कम्युनिटी स्टैंडर्ड, पॉलिसी बनाने के कारण से शुरू होता है जिसमें गलत जानकारी के बारे में Meta के दृष्टिकोण के बारे में बताया गया है जिसमें एन्फ़ोर्समेंट के उपायों के रूप में कंटेंट हटाने के तरीकों का उपयोग, फ़ैक्ट-चेक, डिमोशन और लेबल करना शामिल है. कंपनी के अनुसार, वह गलत जानकारी को सिर्फ़ हटाती है जब उससे “जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका होती है.” तब पॉलिसी चार तरह की गलत जानकारी की पहचान करती है जिन्हें हटाया जा सकता है: (1) जान-माल का नुकसान या हिंसा; (2) स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी; (3) मतदान या जनगणना में बाधा; और (4) फेरबदल किया गया मीडिया (ज़ोर दिया गया).

12. गलत जानकारी कम्युनिटी स्टैंडर्ड के स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी कम्युनिटी स्टैंडर्ड में तीन सब-कैटेगरी हैं: (i) वैक्सीन के बारे में गलत जानकारी; (ii) सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी; और (iii) स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के नुकसानदेह चमत्कारी बचाव को बढ़ावा देना या उनकी वकालत करना (ज़ोर दिया गया). अन्य कम्युनिटी स्टैंडर्ड COVID-19 से जुड़े दावों पर संभावित रूप से लागू होते हैं, लेकिन पॉलिसी एडवाइज़री टीम की यह राय गलत जानकारी पॉलिसी के सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी सेक्शन पर लागू होती है, जैसा कि वह COVID-19 वैश्विक महामारी पर लागू होता है. इसे अन्य पॉलिसी का समाधान करने के लिए नहीं पढ़ा जाना चाहिए.

COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के दावों को हटाना

13. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारीकी पॉलिसी कहती है:

हम सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान गलत जानकारी को तब हटा देते हैं, जब सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं ने यह निष्कर्ष निकाला हो कि वह जानकारी गलत है और उससे जान-माल के नुकसान का सीधा खतरा होने की आशंका है. इसमें वह जानकारी भी शामिल है जिसके कारण लोग किसी नुकसानदेह बीमारी से संक्रमित होते हों या उसे फैलाते हों या फिर उससे संबंधित वैक्सीन लगवाने से मना करते हों. हम वैश्विक और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं के साथ मिलकर सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों का पता लगाते हैं. फ़िलहाल इसमें विशेषज्ञ स्वास्थ्य प्राधिकरणों की जाँच में झूठे साबित हुए COVID-19 से संबंधित दावे शामिल किए जाते हैं. ये दावे वायरस के अस्तित्व या गंभीरता, बीमारी को ठीक करने या उससे बचने के तरीके, वायरस के फैलने के तरीके या उससे सुरक्षित लोगों के बारे में होते हैं. साथ ही इनमें ऐसे झूठे दावे भी शामिल हैं जो COVID-19 के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ा सही आचरण करने से लोगों को रोकते हैं (जैसे टेस्ट करवाना, सामाजिक दूरी रखना, फ़ेस मास्क पहनना और COVID-19 की वैक्सीन लगवाना). हम COVID-19 और वैक्सीन के बारे में किस तरह की गलत जानकारी की परमिशन नहीं देते, इससे जुड़े सभी नियमों की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.

14. इस पॉलिसी के तहत, Meta इन तीन कारणों के मौजूद होने पर गलत जानकारी को हटा देता है: (1) उससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा हो; 2) दावा झूठा हो; और 3) दावे से जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका हो. COVID-19 वैश्विक महामारी पर स्टैंडर्ड लागू करते समय Meta, निष्कासन के तहत आने वाले लगभग 80 दावों की पहचान के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं के निष्कर्ष पर निर्भर है. ये दावे, जिन्हें समय-समय पर अपडेट किया जाता है, और पॉलिसी को लागू करने से जुड़े आम सवाल इस हेल्प सेंटर पेज पर उपलब्ध हैं.

15. जैसा कि पॉलिसी में बताया गया है, इन 80 दावों को नीचे दी गई पाँच कैटेगरी में बाँटा गया है: (1) COVID-19 की मौजूदगी या गंभीरता से जुड़े दावे, जिसमें वे दावे शामिल हैं जो COVID-19 की मौजूदगी से इंकार करते हैं या उसकी गंभीरता को कमतर आँकते हैं, जैसे कि ऐसे दावे जिनमें COVID-19 से किसी की मृत्यु न होने की बात कही गई हो; (2) COVID-19 का प्रसार और इम्युनिटी, जिसमें ये दावे शामिल हैं कि COVID-19 का प्रसार 5G टेक्नोलॉजी से होता है; (3) COVID-19 से बचाव या उसकी रोकथाम के गारंटी वाले तरीके, जैसे कि वे दावे जिनमें टॉपिकल क्रीमों से कोरोना वायरस से बचाव या रोकथाम की बात कही गई हो; (4) स्वास्थ्य से जुड़े अच्छे आचरणों को हतोत्साहित करना, जैसे कि ऐसे दावे जिनमें फ़ेस मास्क में नुकसानदेह नैनो वायरस होने की बात कही गई हो या यह कि COVID-19 की वैक्सीन से लोगों के DNA में बदलाव हो जाता है या उनमें चुंबकीय गुण आ जाते हैं; (5) ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं की एक्सेस, जिनमें ऐसे दावे शामिल हैं कि ज़्यादा पैसे कमाने की लालच में या लोगों के अंग बेचने के लिए अस्पतालों द्वारा मरीज़ों को मार दिया जाता है.

16. अपने अनुरोध में Meta ने बताया कि वह इस बात का आकलन करने के लिए नीचे दी गई बातों पर निर्भर है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपात स्थिति मौजूद है या नहीं: (1) क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित की है; (2) क्या WHO ने बीमारी को संक्रामक, घातक या अत्यधिक जोखिम वाली बताया है; या (3) अगर WHO का जोखिम संबंधी आकलन उपलब्ध नहीं है, तो Meta किसी देश के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के निर्धारण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं के फ़ैसले को मानता है. जैसा कि Meta ने बताया, WHO ने कंपनी को सलाह दी कि घोषित आपात स्थिति में “जब संपर्क का जोखिम, प्रसार की दर, संपर्क और जोखिम के बीच का संबंध और अस्वस्थता और मृत्यु दर के बीच का संबंध असामान्य तौर पर उच्च होता है, तब लोगों को जान-माल के ठीक न किए जा सकने वाले नुकसान का जोखिम भी उच्च होता है.” (Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 6) WHO ने COVID-19 के विस्फोट को 30 जनवरी 2020 को “अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक स्वास्थ्य आापत स्थिति” घोषित की.

17. अपनी पॉलिसी के अनुसार, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति के संदर्भ में, Meta यह तय करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी विशेषज्ञ संस्थाओं पर निर्भर है कि क्या दावा झूठा है और क्या झूठे दावे से “जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका है”. Meta ने बोर्ड को बताया कि वह उन दावों के आकलन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, जैसे कि WHO और अमेरिका के सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), पर निर्भर है जो अभी निष्कासन के अधीन हैं. पहले Meta ने UNICEF के देशों के प्रमुखों और पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्री जैसे लोगों से भी विचार-विमर्श किया है (Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 6). बोर्ड द्वारा रिव्यू किए गए Meta और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के बीच के पत्राचार के नमूनों के आधार पर, Meta अपने प्लेटफ़ॉर्म की निगरानी करके आंशिक रूप से दावों की पहचान करता है और उन्हें आकलन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों को सबमिट करता है. सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण खुद ऐसे दावों की पहचान नहीं करते या उन्हें परिभाषित नहीं करते जिन्हें हटाया जाना चाहिए. यह आकलन प्रदान करने वाली एक सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्था के साथ सूचना के आदान-प्रदान के एक उदाहरण के रूप में, Meta ने एक दावे की पहचान की (यह कि COVID-19 वैक्सीन से दिल का दौरा आता है) और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्था से पूछा कि क्या वह दावा झूठा है और क्या उसके कारण लोग वैक्सीन लगवाने से इंकार कर सकते हैं. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्था ने इस निष्कर्ष के समर्थन में सोर्स और विश्लेषण के साथ जवाब दिया कि “इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि COVID-19 वैक्सीन से दिल का दौरा आता है.” उसने वैक्सीन देने के बाद म्योकार्डिटिस (दिल की माँसपेशियों में सूजन) के रिपोर्ट किए गए केस नोट किए, विशेष तौर पर पुरुष किशोरों और युवा वयस्कों में. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्था इस निष्कर्ष पर भी पहुँची कि “वैक्सीन के कारण दिल का दौरा पड़ने (म्योकार्डियल इंफ़्रेक्शन) या दिल संबंधी कोई अन्य परेशानी होने के बेबुनियाद डर के कारण लोग वैक्सीन लगवाने से इंकार कर सकते हैं.”

18. Meta की गलत जानकारी संबंधी पॉलिसी में अपवाद शामिल हैं जिनके द्वारा कंपनी कुछ तरह की अभिव्यक्ति को निष्कासन से छूट देती है. उदाहरण के लिए, राजनीति या राजनीतिक फ़ैसलों पर केंद्रित बयान जैसे कि “COVID से जुड़ी सख्ती किसी काम की नहीं है” या “वैक्सीन कंपनियाँ सिर्फ़ अपनी तिजोरियाँ भरना चाहती हैं” की परमिशन है. स्पष्ट हास्य और व्यंग्य के साथ शेयर किया गया कंटेंट इस पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करता है, जैसे कि “सिर्फ़ ब्रेड पिट के खून से COVID से बचाव हो सकता है [हँसते हुए आँसू आने के दो इमोजी].” निजी कहानी या अनुभव दर्शाने वाले दावों की उन स्थितियों में परमिशन है जहाँ: कंटेंट किसी विशेष व्यक्ति का निजी अनुभव शेयर करता है; व्यक्ति की पहचान का पोस्ट में स्पष्ट रूप में उल्लेख किया गया है; और कंटेंट में कोई निर्णयात्मक दावा नहीं किया गया है या उसमें किसी कार्रवाई का आह्वान शामिल नहीं है. अंदाज़ लगाने वाले, सवाल करने वाले या अनिश्चितता जताने वाले कंटेंट की भी परमिशन है, जैसे कि “क्या वैक्सीन से ऑटिज़्म होता है?”

19. Meta, गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत लिस्ट किए गए दावों को हटाने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स (या क्लासिफ़ायर्स), कंटेंट मॉडरेटर्स और आंतरिक एस्केलेशन टीमों के अपने नियमित व्यापक एन्फ़ोर्समेंट सिस्टम पर निर्भर है. कंपनी ने बोर्ड को बताया कि उसने इस पॉलिसी के उल्लंघन की संभावित पहचान के लिए अपने क्लासिफ़ायर्स को 19 भाषाओं में ट्रेनिंग दी है. गलत जानकारी संबंधी पॉलिसी को लागू करने वाले कंटेंट मॉडरेटर्स को आंतरिक गाइडलाइन प्रदान की जाती है जिसमें उस कंटेंट की पहचान करना शामिल है जिसे हास्य, व्यंग्य या निजी कहानी के रूप में प्लेटफ़ॉर्म पर बनाए रखा जाना चाहिए, जैसा कि हेल्प सेंटर पेज में बताया गया है. जब कंटेंट के किसी हिस्से को हटाया जाता है, तो यूज़ण के पास “फ़ैसले से असहमति जताने” का विकल्प होता है. रिव्यू की गारंटी नहीं दी जाती लेकिन अपील करने पर कुछ फ़ैसलों का तब रिव्यू किया जाता है जब क्षमता उपलब्ध होती है. Meta ने बोर्ड को बताया कि मार्च 2020 और जुलाई 2022 के बीच कंपनी ने Facebook और Instagram से COVID-19 की गलत जानकारी से जुड़े कंटेंट के 2.7 करोड़ हिस्से हटाए. 2.7 करोड़ निष्कासनों में से, 13 लाख को उन अपीलों के बाद रीस्टोर कर दिया गया जिनका वह आकलन कर पाई.

थर्ड पार्टी फ़ैक्ट चेकिंग और गलत जानकारी का डिमोशन

20. ऐसा कंटेंट जो निष्कासन के तहत आने वाले दावों की लिस्ट में नहीं आता लेकिन उसमें COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी हो सकती है, वह थर्ड पार्टी फ़ैक्ट-चेकिंग के अधीन है. मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी उन पोस्ट का पता लगाती है जिनमें गलत जानकारी होने की संभावना होती है और उसे थर्ड पार्टी फ़ैक्ट-चेकर्स को भेजती है. कंटेंट का रिव्यू करने और उसे लेबल करने के लिए Meta, स्वतंत्र फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों से भागीदारी करता है. कंपनी, फ़ैक्ट-चेकर का प्रदर्शन का मूल्यांकन नहीं करती. संगठनों का मूल्यांकन करने और क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय फ़ैक्ट चेकिंग नेटवर्क ( IFCN) पर निर्भर है. सिद्धांत संहिता के अनुपालन के लिए IFCN द्वारा फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों का आकलन किया जाता है जिसमें पक्षपात न करने और निष्पक्षता रखने, सोर्स की पारदर्शिता, फ़ंडिंग की पारदर्शिता और खुली और ईमानदार सुधार पॉलिसी की प्रतिबद्धता शामिल है.

21. फ़ैक्ट-चेकिंग कतार में भेजे गए कंटेंट का रिव्यू होने से पहले, वह यूज़र्स की फ़ीड में नीचे दिखाई दे सकता है, ख़ास तौर पर जब वह वायरल हो रहा हो. फ़ैक्ट-चेकर्स के लिए कंटेंट की प्राथमिकता तय करने के लिए Meta एक रैंकिंग एल्गोरिदम का उपयोग करता है और वायरल कंटेंट को फ़ैक्ट-चेकर्स की कतार में प्राथमिकता दी जाती है. बोर्ड के सवाल के जवाब में, Meta ने बोर्ड को बताया कि फ़ैक्ट-चेकिंग की कतार में मौजूद कंटेंट की बड़ी मात्रा का रिव्यू कभी फ़ैक्ट-चेकर्स द्वारा नहीं किया जाता. Meta के अनुसार, कतार में मौजूद अधिकांश कंटेंट झूठा नहीं होता. यह एक ऐसा दावा था जिसके समर्थन में Meta ने कोई प्रमाण नहीं दिया. Meta के अनुसार, फ़ैक्ट-चेकिंग पार्टनर निर्विवाद रूप से ऐसे झूठे दावों या स्पष्ट छल को प्राथमिकता देते हैं जिनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं होता और जो समयपरक, ट्रेंडिंग और परिणामी होते हैं. फ़ैक्ट-चेकर्स अपनी ओर से भी रिव्यू करने के लिए, Meta द्वारा उपलब्ध कराई गई कतार से बाहर का कंटेंट ले सकते हैं.

22. राजनेताओं की पोस्ट और विज्ञापन, फ़ैक्ट-चेकिंग के लिए योग्य नहीं हैं. Meta किसी “राजनेता” को “राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के साथ-साथ किसी कार्यालय के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे उम्मीदवार, वर्तमान पदाधिकारी और व्यापक रूप से उनके कैबिनेट में नियुक्त अधिकांश व्यक्तियों” के रूप में परिभाषित करता है. Meta के अनुसार, यह पॉलिसी इसलिए बनाई गई है क्योंकि “[प्रेस की आज़ादी वाले परिपक्व लोकतंत्र में] राजनीतिक अभिव्यक्ति की छानबीन सबसे ज़्यादा की जाती है [और] राजनीतिक अभिव्यक्ति [...] को सीमित करने से लोगों तक इस बात की कम सूचना पहुँचेगी कि उनके चयनित अधिकारी क्या कह रहे हैं और इससे राजनेताओं की उनके शब्दों के लिए ज़िम्मेदारी कम हो जाएगी.”

23. फ़ैक्ट-चेकर्स कंटेंट को “झूठा,” “बदला गया,” “संभावित रूप से झूठा” या “संदर्भ मौजूद नहीं है” के रूप में रेट कर सकते हैं. Meta कंटेंट को इसके अनुसार लेबल करेगा और उस विषय पर फ़ैक्ट-चेकर के लेख का लिंक उपलब्ध कराएगा. लेख पढ़ने के लिए, यूज़र को Facebook से बाहर निकलकर किसी दूसरे पेज पर जाना होगा. इसमें अतिरिक्त डेटा का उपयोग होगा. इसका मतलब है कि उन देशों में कुछ यूज़र्स को इसके लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा जहाँ Meta के प्लेटफ़ॉर्म का कोई शुल्क नहीं है (अर्थात यूज़र्स को Meta के ऐप्स को मोबाइल पर एक्सेस करने के लिए डेटा का या अन्य शुल्क का पेमेंट नहीं करना पड़ता). “झूठे” या “बदले गए” के रूप में लेबल किए गए कंटेंट पर एक चेतावनी स्क्रीन लगाई जाती है जो कंटेंट को छिपा देती है और अगर यूज़र कंटेंट को देखना चाहता है, तो उसे चेतावनी स्क्रीन को क्लिक करके हटाना होगा. “आंशिक रूप से झूठा” और “संदर्भ मौजूद नहीं है” के रूप में लेबल किए गए कंटेंट को छिपाया नहीं जाता. Meta ने बोर्ड को बताया कि जिन पोस्ट को “झठा” या “बदला गया” के रूप में लेबल किया गया था और चेतावनी स्क्रीन से छिपाया गया था, उन्हें 9 दिसंबर, 2022 तक 90 दिनों की अवधि में 10% Facebook यूज़र्स और 43% Instagram यूज़र्स ने चेतावनी स्क्रीन हटाकर देखा.” Meta के अनुसार उसी अवधि के दौरान, “झूठा,” “बदला गया,” “आंशिक रूप से झूठा” या “संदर्भ मौजूद नहीं है” लेबल किए गए कंटेंट पर औसत रूप से 3% Facebook यूज़र्स और 19% Instagram यूज़र्स ने क्लिक करके “कारण देखें” प्रॉम्प्ट देखा. यह प्रॉम्प्ट यूज़र को एक अलग स्क्रीन पर ले जाता है जिसमें कंटेंट को रेट करने का कारण बताया जाता है और फ़ैक्ट-चेकर के लेख का लिंक दिया जाता है.

24. जब कंटेंट के किसी भाग को फ़ैक्ट-चेकर्स द्वारा लेबल किया जाता है, तो Meta उसे यूज़र फ़ीड में नीचे दिखाएगा. “झूठा,” “बदला गया” और “आंशिक रूप से झूठा” लेबल की गई COVID-19 की गलत जानकारी के लिए डिमोशन की कठोरता, “संदर्भ मौजूद नहीं है” से लेबल किए गए कंटेंट से ज़्यादा होती है. Meta के अनुसार, डिमोशन का यह प्रभाव कि किसी व्यक्तिगत यूज़र की फ़ीड में कंटेंट का वह भाग कहाँ दिखाई देगा, अलग-अलग होगा. Meta के अनुसार, किसी यूज़र को कंटेंट दिखाते समय उसका लक्ष्य यह होता है कि यूज़र को ऐसा कंटेंट दिखाया जाए जिसके उनकी दिलचस्पी का होने की सर्वाधिक संभावना हो. कंटेंट के किसी हिस्से को डिमोट करने से उसका रैंकिंग स्कोर कम होगा. इसका यह मतलब नहीं होगा कि कंटेंट को किसी विशेष संख्या या प्रतिशत तक कम देखा जाएगा. कंटेंट के जिस हिस्से को डिमोट किया गया है, उसके किसी विशेष यूज़र को दिखाई देने की कितनी संभावना है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यूज़र की फ़ीड में मौजूद कंटेंट के अन्य हिस्सों के मुकाबले कंटेंट के उस हिस्से का रैंकिंग स्कोर कितना ज़्यादा है. परिणामस्वरूप, यूज़र और उनकी कंटेंट इन्वेंट्री पर निर्भर करते हुए कंटेंट के किसी हिस्से को डिमोशन अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं. जब कंटेंट को किसी ग्रुप में या बहुत ज़्यादा फ़ॉलोअर्स वाले किसी यूज़र द्वारा शेयर किया जाता है, तो जो लोग उन्हें फ़ॉलो करते हैं और ग्रुप या पेज के साथ नियमित रूप से एंगेज होते हैं, उनके लिए उसका रैंकिंग स्कोर फ़ीड में मौजूद अन्य कंटेंट से ज़्यादा या उसके बराबर होगा. इसका मतलब है कि डिमोशन का मनचाहा असर नहीं होगा.

25. जहाँ फ़ैक्ट-चेकर यह तय करते हैं कि पेज या ग्रुप द्वारा बनाया गया कंटेंट, कंपनी की गलत जानकारी से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करता है, तो पेज मैनेजर या ग्रुप एडमिन अपील कर सकते हैं. Facebook प्रोफ़ाइल में किसी फ़ैक्ट-चेक के खिलाफ़ अपील करने का विकल्प नहीं होता. ग्रुप द्वारा उल्लंघन के खिलाफ़ IOS और Android के ज़रिए Facebook ऐप पर या वेब ब्राउज़र का उपयोग करके अपील की जा सकती है. पेज द्वारा उल्लंघनों की अपील किसी वेब ब्राउज़र द्वारा नहीं की जा सकती. Facebook हेल्प सेंटर के अनुसार, “प्रोडक्ट अंतर्गत अपील का यह फ़ीचर अभी कुछ देशों में सिर्फ़ ग्रुप एडमिन और पेज मैनेजर के लिए उपलब्ध है. सभी अन्य लोग अभी भी ईमेल के ज़रिए फ़ैक्ट-चेकर्स को अपील भेज सकते हैं.”

26. बोर्ड को अपने अनुरोध में Meta ने बताया कि कंटेंट को रेट करने के लिए मौजूद फ़ैक्ट-चेकर की संख्या हमेशा सीमित होगी. बोर्ड से COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के समाधान के लिए उपलब्ध अलग-अलग तरीकों का मूल्यांकन करने के लिए कहते समय, Meta ने बताया कि अगर कंपनी को अद्वितीय और प्रमुख रूप से फ़ैक्ट-चेकिंग पर निर्भर रहना पड़ा, तो फ़ैक्ट-चेकर्स प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद सभी COVID-19 कंटेंट को देख नहीं पाएँगे. इसलिए कुछ गलत जानकारी की सटीकता की जाँच नहीं हो पाएगी और उसे डिमोट और लेबल किया जाएगा.

लेबल लगाना

27. Meta दो तरह के लेबल लगाता है जिसे वह “न्यूट्रल इन्फ़ॉर्म ट्रीटमेंट” (NIT) कहता है: न्यूट्रल ट्रीटमेंट लेबल; और X इन्फ़ॉर्म्ड ट्रीटमेंट के बारे में फ़ैक्ट या FAXIT. इन्हें सीधे Meta द्वारा लागू किया जाता है और इनमें फ़ैक्ट-चेकर्स शामिल नहीं होते. यूज़र को सूचना केंद्र पर भेजने से पहले FAXIT, पोस्ट में शेयर किए गए कंटेंट पर उसके हिसाब से बनाया गया कथन देता है. Meta के पास दो FAXIT लेबल हैं: (1) “सुरक्षा और प्रभावशीलता के लिए COVID-19 वैक्सीन के कई टेस्ट किए जाते हैं और उसके बाद उनकी बारीकी से निगरानी की जाती है”; और (2) “COVID-19 के ऐसे कुछ उपचारों से गंभीर नुकसान हो सकता है जिन्हें मंज़ूरी नहीं दी गई है.” ऐसी सभी कंटेंट पर लेबल लगाया जाता है जिसमें क्लासिफ़ायर को COVID-19 से जुड़ी चर्चा दिखाई देती है. कंटेंट सत्य या असत्य हो सकता है और लेबल में कंटेंट के बारे में विशेष रूप से कोई कथन नहीं होता. सभी NIT, यूज़र्स को Meta के COVID-19 सूचना केंद्र पर ले जाते हैं.

28. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय से जुड़ी चर्चाओं के दौरान, Meta ने बोर्ड को बताया कि वह अपने NIT का 19 दिसंबर, 2022 से विस्तार करेगा. फ़ैसला उस वैश्विक प्रयोग पर आधारित था जिसे Meta की प्रोडक्ट और इंटीग्रिटी टीमों द्वारा प्लेटफ़ॉर्म पर COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के फैलाव को रोकने में NIT की प्रभावशीलता जानने के लिए किया गया था. टेस्ट में एक कंट्रोल ग्रुप शामिल था जो बिना किसी सीमा के COVID-19 NIT पर नज़र रखता रहा. तीन अतिरिक्त टेस्ट ग्रुप भी बनाए गए थे: पहला, ऐसा ग्रुप जो हर COVID-19 NIT में से एक को हर तीन दिन में देख सकता था; दूसरा, ऐसा ग्रुप जो हर COVID-19 NIT में से एक को हर 30 दिन में देख सकता था; और तीसरा, ऐसा ग्रुप जिसे कोई भी लेबल नहीं दिखाई दिया. कंपनी के अनुसार, दूसरे ग्रुप (वह ग्रुप जो हर NIT में से एक को हर 30 दिन में देख सकता था) को सभी ग्रुप में, कंट्रोल ग्रुप सहित, प्रामाणिक जानकारी पर सबसे ज़्यादा औसत क्लिक थ्रू दर मिली. NIT को देखने में बिताया गया औसत समय भी इस ग्रुप के लिए सबसे ज़्यादा था. इसके अलावा, कंट्रोल ग्रुप और टेस्ट ग्रुप के बीच COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की व्यापकता में “कोई भी सांख्यिकीय रूप से सार्थक लौटाव नहीं” था. Meta ने बोर्ड को बताया कि प्रयोग के परिणामों के आधार पर उसने 19 दिसंबर, 2022 से यूज़र्स को उनके प्लेटफ़ॉर्म पर दिखाई दे सकने वाले COVID-19 NIT की संख्या की सीमा तय करके हर 30 दिनों में हर तरह के COVID-19 लेबल के लिए एक बार कर दी. इसके बाद, Meta ने बोर्ड को बताया कि कंपनी ने सभी COVID-19 NIT का उपयोग करना बंद कर दिया, ताकि यूज़र्स को लेबल की कम मात्रा के संपर्क में लाया जा सके. ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में भी NIT प्रभावी हैं.

पेनल्टी

29. Meta, अकाउंट के लेवल पर और ग्रुप के लेवल पर पेनल्टी लगाता है जिससे गलत जानकारी का फैलाव प्रभावित होता है. जिस प्रोफ़ाइल, पेज या ग्रुप द्वारा पोस्ट किए गए कंटेंट को इस पॉलिसी के तहत हटाया जाता है या “झूठा” या “बदला गया” लेबल किया जाता है, उसे एक स्ट्राइक प्राप्त होगी और स्ट्राइक की सीमा पूरी होने के बाद उसे सुझावों से हटा दिया जाएगा, वह मॉनेटाइज़ नहीं कर पाएगा और उस पेज या ग्रुप पर जाने वाले लोगों को यह सूचना देने वाला पॉप-अप दिखाई देगा कि इस पेज ने गलत जानकारी शेयर की है. हेल्प सेंटर पेज के अनुसार, “अगर पेज, ग्रुप और Instagram अकाउंट से COVID-19 और वैक्सीन से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने वाला कंटेंट शेयर किया गया है और ये प्लेटफ़ॉर्म पर वैक्सीनेशन रोकने से संबंधित अन्य जानकारी शेयर करने का ही काम कर रहे हैं, तो इन्हें हटाया जा सकता है.”

IV. बाहरी एंगेजमेंट

30. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय का निर्माण करते समय, ओवरसाइट बोर्ड ने स्टेकहोल्डर्स और Meta के साथ कई तरह से बातचीत की.

पब्लिक कमेंट

31. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय के संबंध में ओवरसाइट बोर्ड को अगस्त 2022 में 181 पब्लिक कमेंट मिले. चार कमेंट लैटिन अमेरिका और कैरिबियन से, पाँच मध्य और दक्षिण एशिया से, आठ एशिया पैसिफ़िक और ओशेनिया से, 81 यूरोप से और 83 अमेरिका और कनाडा से आए थे. बोर्ड को मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका से या सब-सहारन अफ़्रीका से कोई पब्लिक कमेंट नहीं मिला.

32. सबमिशन में शामिल मुद्दों में इस बारे में बात की गई थी:

  • मलेशिया के पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट खज़ाना रिसर्च इंस्टीट्यूट (PC-10703) से प्राप्त सबमिशन में हाइलाइट किया गया कि अलग-अलग देशों में स्वास्थ्य से जुड़ी भरोसेमंद जानकारी की एक्सेस का लेवल अलग-अलग है और गलत जानकारी को मॉडरेट न करने से उत्पन्न जोखिम के लेवलों में विविधता है. सबमिशन में सुझाव दिया गया कि अगर वैश्विक दृष्टिकोण बनाया जाता है, तो Meta को सावधानी का पक्ष लेना चाहिए और COVID-19 से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी को हटाते रहना चाहिए. सबमिशन में “जान-माल के तुरंत नुकसान” की स्पष्ट परिभाषा की कमी और यह सुनिश्चित करने के लिए संदर्भ को समझने, निरंतर निगरानी और एन्फ़ोर्समेंट की पारदर्शिता के महत्व पर भी कमेंट किया गया कि इस स्टैंडर्ड के उपयोग का प्रभावी आकलन किया जा सके.
  • अमेरिकन सिविल लिबर्टीज़ यूनियन के सबमिशन (PC-10759) में यह चिंता व्यक्त की गई कि बड़े पैमाने पर तथ्य और कल्पना के बीच और राय, अनुभव और तथ्य के निश्चयन के बीच अंतर कर पाने की कठिनाई का मतलब यह है कि Meta उस अभिव्यक्ति को दबा देगा जिसे परमिशन दी जानी चाहिए.
  • अमेरिका के गैर-लाभकारी संगठन एशियन अमेरिकंस एडवांसिंग जस्टिस (PC-10751) ने एशियाई अमेरिकी लोगों की “स्केपगोटिंग” को अमेरिका में वायरस लाने के लिए ज़िम्मेदार बताया.
  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग के प्रोफ़ेसर साइमन वुड के सबमिशन (PC-10713) में यह चिंता जताई गई कि फ़ैक्ट-चेकर्स के पास जटिल वैज्ञानिक शोधपत्रों और प्रमाणों को प्रभावी रूप से फ़ैक्ट-चेक करने का पर्याप्त तकनीकी ज्ञान नहीं होता.
  • मीडिया मैटर्स फ़ॉर अमेरिका के सबमिशन (PC-10758) में गलत जानकारी को रोकने की कोशिशों को कमज़ोर करने में Meta के क्रॉस-चेक सिस्टम के प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया गया. चूँकि सेलिब्रिटी, राजनेता, पत्रकार और अन्य प्रमुख यूज़र्स द्वारा कंटेंट के उल्लंघन पर “धीमा या ज़्यादा उदार एन्फ़ोर्समेंट” किया गया, इसलिए गलत जानकारी प्लेटफ़ॉर्म पर बनी रही.
  • कई सबमिशन में लोगों की सुरक्षा के जोखिम का समाधान करने में Meta की ज़िम्मेदारी की बात कही गई क्योंकि उसकी पहुँच बहुत ज़्यादा है और गलत जानकारी के प्रसार में उसकी सिस्टम्स की भूमिका बड़ी है. नुकसान के जोखिम को दूर करने में लेबल लगाने और डिमोट करने की पर्याप्तता पर चिंताएँ व्यक्त की गईं. उदाहरण के लिए, सेंटर ऑफ़ इंटरनेट एंड इंटरनेशनल स्टडीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के सबमिशन (PC-10673) में ये चिंताएँ हाइलाइट की गईं कि राजनेताओं और प्रमुख इन्फ़्लुएंसर्स द्वारा फैलाई जाने वाली गलत जानकारी को रोकने के लिए लेबल पर्याप्त नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि “पोस्ट को बस लेबल करना संभावित जोखिम के लिए पर्याप्त नहीं है. ऐसी गलत जानकारी के प्रकाशन की परमिशन देना जो मृत्यु या गंभीर बीमारी के अवसर बढ़ाता है, ज़िम्मेदारी से दूर भागना है.”
  • कई सबमिशन में गलत जानकारी को हटाने के बजाय लेबल और डिमोशन का उपयोग करने का सुझाव दिया गया. Northeastern University and Universidad Nacional Autónoma de México (UNAM) के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर साइफ़ सावेज के एक सबमिशन (PC-10519) में देशज कम्युनिटी और अभिव्यक्तियों पर निष्कासन की पॉलिसी और उससे जुड़ी पेनल्टी पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया कि देशज कम्युनिटी ने “अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण COVID-19 के उपचार से जुड़े जाने-माने तरीकों के बारे में खुद को अलग तरह से व्यक्त किया है.”

33. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय को लेकर लोगों की ओर से सबमिट किए गए कमेंट देखने के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें.

क्षेत्रीय स्टेकहोल्डर राउंडटेबल

34. बोर्ड ने क्षेत्रीय स्टेकहोल्डर राउंडटेबल की एक सीरीज़ के ज़रिए स्टेकहोल्डर्स से विचार-विमर्श जारी रखा. नागरिक समाज संगठनों के साथ पार्टनरशिप में बोर्ड ने उत्तरी अमेरिका, लैटिन अमेरिका, अफ़्रीका, एशिया और यूरोप के स्टेकहोल्डर्स के साथ छह राउंडटेबल चर्चाएँ आयोजित कीं. इन राउंडटेबल के ज़रिए, बोर्ड ने फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों, सार्वजनिक स्वास्थ्य निकायों और विशेषज्ञों, गलत जानकारी पर शोध करने वाले लोगों, डिजिटल साक्षरता और कम्युनिकेशन के विशेषज्ञों और मानवाधिकारों की हिमायत करने वाले लोगों के लगभग 100 प्रतिनिधियों से बात की. स्पष्ट चर्चा सुनिश्चित करने और शामिल होने वाले लोगों की रक्षा करने के लिए, ये एंगेजमेंट चैटम हाउस नियम के तहत किए गए.

35. इस सलाह-मशविरे के ज़रिए नीचे दी गई थीम्स और समस्याएँ सामने आईं:

  • सभी क्षेत्रों की सामान्य समस्याओं में ये शामिल हैं: Meta के डेटा और आंतरिक शोध की एक्सेस की कमी को देखते हुए डेटा की कमी और देशों में गलत जानकारी के परिमाण और Meta की मौजूदा पॉलिसी के असर को मापने में आने वाली कठिनाई; वायरस की गंभीरता, घरेलू उपचार या वैकल्पिक उपचार (ब्लीच के प्रचार सहित) से जुड़ी गलत जानकारी, 5G टेक्नोलॉजी से वैश्विक महामारी के उपचारों के संबंध और वैक्सीन विरोधी गलत जानकारी की बड़ी मात्रा; ऐसी चिंताएँ कि निष्कासन पॉलिसी के कारण ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट हो सकता है जिससे अभिव्यक्ति का दमन हो सकता है; Facebook के अंतर्निहित आर्किटेक्चर को ठीक करने की ज़रूरत जिससे गलत जानकारी को बढ़ावा मिलता है; गलत जानकारी को ज़्यादा फैलाने वाले लोगों का इस कंटेंट को बढ़ावा देने में आर्थिक और/या राजनीतिक हित होना; COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी से न सिर्फ़ सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की स्थिति बिगड़ती है, बल्कि इससे संस्थाओं, वैज्ञानिक कम्युनिकेशन और वैज्ञानिक और मेडिकल उपचारों, जैसे वैक्सीन, में लोगों का भरोसा कमज़ोर होता है.
  • लैटिन अमेरिका में स्टेकहोल्डर्स द्वारा पहचानी गई समस्याओं में ये शामिल हैं: फ़ैक्ट-चेकिंग प्रभावी हो सकती है लेकिन गलत जानकारी को अक्सर तब लेबल किया जाता है जब कंटेंट अपनी टार्गेट ऑडियंस तक पहुँच चुका होता है; ऐसी चिंताएँ जताई गईं कि फ़ैक्ट-चेकिंग को ज़रूरत के अनुसार बढ़ाया नहीं जा सकता और यह कि अंग्रेज़ी के अलावा अन्य भाषा में कवरेज बहुत ही कम है; जो वैज्ञानिक गलत जानकारी को सामने लाते हैं, उनका संगठित उत्पीड़न करना; व्यक्तिगत फ़ैक्ट-चेकर्स को धमकी दी गई और उनका उत्पीड़न किया गया, उनमें से कुछ अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए देश या क्षेत्र छोड़कर चले गए; फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों पर फ़ैक्ट-चेकिंग करने के कारण मुकदमा लगाया गया और उन्हें उन मुकदमों में खुद की रक्षा करनी पड़ी जिससे उनके पहले से सीमित संसाधन बर्बाद हुए; राजनेता और प्रमुख हस्तियों की फ़ैक्ट-चेकिंग नहीं की जाती; सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कर्मियों के पास गलत जानकारी से जुड़े कैंपेन से प्रभावी रूप से निपटने की जानकारी या क्षमता नहीं है, ख़ास तौर पर ऐसे कैंपेन से निपटने के लिए जिन्हें विख्यात इन्फ़्लुएंसर्स या राजनीतिक या आर्थित हितों वाले एक्टर्स द्वारा बढ़ावा दिया जाता है, जैसे COVID-19 के लिए प्रभावहीन वैकल्पिक दवाओं को बढ़ावा देना.
  • उत्तरी अमेरिका में स्टेकहोल्डर्स द्वारा पहचानी गई समस्याओं में ये शामिल हैं: चिकित्सा पेशेवरों ने रिपोर्ट किया कि गलत जानकारी के समाधान के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर बहुत ज़्यादा दबाव डाला जाता है जिसमें बहुत समय और रिसोर्स लगते हैं और प्रदाता बुरी तरह थक जाते हैं; जिन यूज़र्स का कंटेंट हटाया गया है, उनके लिए बेहतर और निष्पक्ष अपील प्रक्रिया; इस बात से जुड़ी चिंता की गलत जानकारी की व्यापकता और विभिन्न रुकावटों की प्रभावशीलता की जाँच करने वाले शोध का बड़ा हिस्सा अमेरिका और पश्चिमी यूरोप पर केंद्रित है; इस बारे में चिंताएँ जताई गईं कि फ़ैक्ट-चेकिंग का विस्तार नहीं किया जा सकता और गैर-अंग्रेज़ी भाषाओं के लिए इसका दायरा बहुत ही सीमित है; ज़्यादा प्रभावी अकाउंट पेनल्टी की ज़रूरत; इस बारे में चिंताएँ कि गलत जानकारी को हटाने में विसंगति होने से षड़यंत्र की मौजूदा कहानियों की पुष्टि हो सकती है; वीडियो फ़ॉर्मेट के लिए कंटेंट मॉडरेशन की कठिनाइयाँ.
  • एशिया में स्टेकहोल्डर्स द्वारा पहचानी गई समस्याओं में ये शामिल हैं: वैश्विक महामारी की शुरुआत में गलत जानकारी फैली हुई थी और सोशल मीडिया के साथ-साथ पारंपरिक मीडिया के ज़रिए यह फैलती गई; कई देशों में अल्पसंख्यकों या असुरक्षित लोगों, जैसे घुमंतू मज़दूर या धार्मिक अल्पसंख्यक, द्वारा वायरस फैलाने से जुड़े गलत जानकारी के किस्से; फ़ैक्ट-चेकिंग की गति गलत जानकारी के बराबर नहीं हो सकती और अक्सर यह काम बहुत देर से किया जाता है; सरकारों ने गलत जानकारी से प्राप्त धमकियों का उपयोग मीडिया एजेंसियों को टार्गेट करने और विरोध करने वाले लोगों को कुचलने के लिए किया है; फ़ैक्ट-चेक लेख उतने एक्सेस योग्य या आकर्षक नहीं हैं जितनी कि गलत जानकारी वाला कंटेंट; क्षेत्र में फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों के बीच बेहतर समन्वय ज़्यादा उपयोगी होगा क्योंकि एक जैसे किस्से एक देश से दूसरे देश तक पहुँचते हैं; फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों के पास अधिकांश देशों में बोली जाने वाली विविध प्रकार की भाषाओं में फ़ैक्ट-चेक लेख उपलब्ध कराने के लिए रिसोर्स नहीं हैं.
  • अफ़्रीका में स्टेकहोल्डर्स द्वारा पहचानी गई समस्याओं में ये शामिल हैं: अफ़्रीका में धार्मिक नेता गलत जानकारी के प्रमुख वाहक थे; सरकारें और विपक्षी दल, COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के प्रमुख वाहक थे; सरकार और सार्वजनिक संस्थाओं के बीच भरोसे की कमी ने गलत जानकारी को पैर जाने का माहौल दिया; सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं को अपने सार्वजनिक कम्युनिकेशन में बड़ी चुनौतियाँ अाईं और स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं की प्रभावशीलता और रिसोर्स की उपलब्धता के मामले में अलग-अलग देशों में अत्यधिक भिन्नता है; फ़ैक्ट-चेकिंग सभी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है और इससे प्रभावशीलता में कमी आती है.
  • यूरोप में स्टेकहोल्डर्स द्वारा पहचानी गई समस्याओं में ये शामिल हैं: डिजिटल साक्षरता के स्तर, सरकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के बीच भरोसे और मीडिया के लिए खुले माहौल के आधार पर अलग-अलग देशों में गलत जानकारी का असर अलग-अलग होगा; कुछ लोगों ने चिंता जताई कि गलत जानकारी को हटाने से सार्वजनिक चिंता के मामलों पर होने वाली चर्चा में बाधा आएगी; कुछ ने तर्क दिया कि सबसे ज़्यादा असुरक्षित लोग ही गलत जानकारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं, जैसे वे लोग जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर है, बच्चे, वे लोग जिनकी डिजिटल साक्षरता कम है, जिनकी विविध मीडिया तक एक्सेस कम है और वे लोग जिनकी पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तक एक्सेस कम है; लोगों की फ़ैसले लेने की प्रक्रिया पर गलत जानकारी के विभिन्न प्रभाव; अन्य लोगों ने ऐसे उपाय अपनाने की ज़रूरत का उल्लेख किया जहाँ लोग स्वास्थ्य से जुड़े उपायों की खुलकर चर्चा कर सकें जैसे फ़ेस मास्क या सामाजिक दूरी का उपयोग; कुछ लोगों ने इस ओर ध्यान दिलाया कि एक प्लेटफ़ॉर्म से हटाई गई जानकारी आसानी से दूसरे प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हो जाती है, इसके लिए समन्वित दृष्टिकोण की ज़रूरत है; गलत जानकारी के बारे में प्रतिक्रिया करने वाले दृष्टिकोण के बजाय रोकथाम करने वाले दृष्टिकोण की ज़रूरत है; Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर अच्छी और सही जानकारी को बढ़ावा देने की ज़रूरत.

Meta एंगेजमेंट

36. Meta द्वारा पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय के लिए अपना अनुरोध सबमिट करने के बाद, जुलाई और दिसंबर 2022 के बीच, बोर्ड ने कंपनी को 50 लिखित सवाल सबमिट किए. Meta द्वारा इनका लिखित या मौखिक जवाब तीन सवाल-जवाब सेशन में दिया गया. चालीस सवालों के पूरी तरह से जवाब दिए गए और 10 सवालों के जवाब आंशिक रूप से दिए गए. आंशिक जवाबों का संबंध डेटा को क्षेत्र और भाषा के अनुसार अलग-अलग करने, विभिन्न एन्फ़ोर्समेंट उपायों की प्रभावशीलता पर आंतरिक शोध और इस बात से था कि अपनी पॉलिसी बनाते समय कंपनी ने प्रतिस्पर्धी मान्यताओं और विशेषज्ञों की सलाह का किस तरह सम्मान किया. बोर्ड ने इस बारे में सवाल सबमिट किए: Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर वैश्विक रूप से COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के प्रसार पर Meta का आंतरिक डेटा या शोध और देश और भाषा के अनुसार उनका विभाजन; निष्कासन पॉलिसी को एन्फ़ोर्स करने में उपयोग की गई प्रोसेस और उपाय और निष्कासनों की संख्या का डेटा; गलत जानकारी के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के लिए एन्फ़ोर्समेंट के डेटा की पब्लिक रिपोर्टिंग; निष्कासन पॉलिसी के निर्माण और एन्फ़ोर्समेंट में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं और विशेषज्ञों की भूमिका; COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के निष्कासन की प्रभावशीलता और असर से जुड़े सभी शोध; अन्य उपायों की प्रभावशीलता और असर से जुड़े सभी शोध, जिसमें फ़ैक्ट-चेकिंग, न्यूट्रल लेबल और डिमोशन शामिल हैं; थर्ड पार्टी फ़ैक्ट चेकिंग संगठनों की भूमिका; COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी पर लगाई गई पेनल्टी; COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की पॉलिसी को लागू करने के लिए आंतरिक गाइडलाइन; क्या कंपनी ने COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की पॉलिसी की प्रभावशीलता पर क्रॉस-चेक प्रोग्राम के असर का मूल्यांकन किया है; स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट प्रोसेस और इस पॉलिसी को बनाते समय किन विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया गया और Meta ने प्राप्त इनपुट का मूल्यांकन किस तरह किया; पॉलिसी का विभाजित एन्फ़ोर्समेंट अपनाने की व्यवहार्यता जिसमें कुछ देशों में निष्कासन को एन्फ़ोर्स किया जाएगा जबकि दूसरे देशों में नहीं; और अतिरिक्त वैकल्पिक उपाय, जिसमें डिजिटल साक्षरता में निवेश शामिल हैं.

V. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारीपर पॉलिसी के बोर्ड द्वारा विश्लेषण और आकलन के लिए फ़्रेमवर्क

37. अपने अनुरोध में Meta ने बोर्ड से पूछा कि क्या उसे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी के बारे में इस पॉलिसी के तहत COVID-19 से जुड़े कुछ कंटेंट को हटाते रहना चाहिए या कम कठोर तरीके अपनाना कंपनी के मूल्यों और मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों के अनुसार ज़्यादा सही होगा. इस सवाल का जवाब देने के लिए, बोर्ड यह विश्लेषण करता है कि क्या पॉलिसी Meta के मूल्यों और मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है, जिसमें यह शामिल है कि क्या वर्तमान समय में इसकी ज़रूरत है और क्या वह आनुपातिक है या क्या कंपनी को COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के समाधान के लिए कम कठोर तरीके अपनाना चाहिए. इस विश्लेषण से प्राप्त सुझावों को पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय के आखिरी सेक्शन में शामिल किया गया है.

38. COVID-19 संबंधी गलत जानकारी पर अपनी पॉलिसी बनाते समय Meta द्वारा अपनाई गई रणनीति को रेखांकित करते हुए, Meta ने विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स के बीच जोखिम और उन्हें कम करने के उपायों के आकलन में बड़ी विविधता की ओर ध्यान आकर्षित किया. अपने शोध और स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट में बोर्ड को COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को प्लेटफ़ॉर्म पर बने रहने देने में शामिल जोखिमों और जोखिमों का समाधान करने के विभिन्न उपायों की प्रभावशीलता के बारे में विरोधी और विरोधाभासी प्रतिक्रियाएँ भी मिलीं.

39. COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी और मानवाधिकारों, जीवन और स्वास्थ्य, ख़ास तौर पर उन लोगों के लिए जो सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं, के लिए उसके द्वारा उत्पन्न जोखिमों की समस्या का कोई एक सहमति प्राप्त समाधान नहीं है. एक ज़्यादा क्षेत्रीय दृष्टिकोण, गलत जानकारी और जान-माल के तुरंत नुकसान के बीच लिंक स्थापित करेगा. हालाँकि, बोर्ड को Meta के मौजूदा सिस्टम्स की मौजूदा सीमाओं और COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के किस्सों के पूरी दुनिया में फैलने के तरीकों के बारे में उसके अभिवेदन पर विचार करना पड़ा. बोर्ड के विभिन्न सदस्यों ने इन चिंताओं पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी और पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में अधिकतम संभव सीमा तक बोर्ड के विभिन्न परिप्रेक्ष्यों को मिलाया गया है. यह Meta की तथाकथित तकनीकी सीमाओं को ध्यान में रखते हुए, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति के दौरान पूरी दुनिया में COVID-19 संबंधी गलत जानकारी से जुड़े विभिन्न दृष्टिकोणों को शामिल करने की कठिन ज़रूरत के सचेत समझौते का परिणाम है. इसलिए, हो सकता है कि वह बोर्ड के हर सदस्य की निजी राय न दर्शाता हो.

Meta की वैल्यू

40. Meta की वैल्यू, Facebook कम्युनिटी स्टैंडर्ड के परिचय में बताई गई हैं जहाँ “अभिव्यक्ति” की वैल्यू को “सर्वोपरि” बताया गया है. Meta, चार अन्य वैल्यू को महत्व देने के लिए अभिव्यक्ति” को सीमित करता है, जिनमें से दो यहाँ प्रासंगिक हैं: “सुरक्षा” और “गरिमा.” “सुरक्षा” की वैल्यू की रक्षा करने के लिए, Meta ऐसे “कंटेंट हो हटा देता है, जो लोगों की जान-माल की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने का जोखिम बढ़ा सकता है.” “गरिमा” की वैल्यू में कहा गया है कि “गरिमा और अधिकारों के मामले में सभी लोग बराबर हैं” और यूज़र्स से “यह अपेक्षा की जाती है कि वे अन्य लोगों की गरिमा का सम्मान करेंगे और उन्हें परेशान या अपमानित नहीं करेंगे.”

41. बोर्ड ने पाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी पर Meta की पॉलिसी, “अभिव्यक्ति,” “सुरक्षा” और “गरिमा” पर Meta की वैल्यू का पालन करती है. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान, नुकसान का खतरा ज़्यादा होता है और स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी गलत जानकारी के लिए “सुरक्षा” की वैल्यू को महत्व देने के लिए “अभिव्यक्ति” की वैल्यू को सीमित किया जा सकता है “जिससे जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका होती है.” COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के तुरंत नुकसान उन लोगों को अनुपातहीन रूप से होंगे जो सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं. इनमें वे लोग शामिल हैं जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर है, जिन्हें पहले से कोई अन्य बीमारी है, जो दिव्यांग हैं, जो गरीब कम्युनिटी के हैं और जो बुज़ुर्ग और स्वास्थ्यकर्मी हैं.

Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ

42. 16 मार्च, 2021 को Meta ने अपनी कॉर्पोरेट मानवाधिकार पॉलिसी की घोषणा की, जिसमें उसने बिज़नेस और मानवाधिकार के बारे में संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों (UNGP) के अनुसार अधिकारों का ध्यान रखने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई. UNGP, जिसे 2011 में संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार समिति का समर्थन मिला है, प्राइवेट बिज़नेस की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों का स्वैच्छिक ढाँचा तैयार करते हैं.

43. UNGP के सिद्धांत 12 के अनुसार, मानवाधिकारों का सम्मान करने की बिज़नेस एंटरप्राइज़ की ज़िम्मेदारी का संदर्भ अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त मानवाधिकारों से है जिन्हें कम से कम मानवाधिकारों के अंतरराष्ट्रीय विधेयक में संदर्भित मानवाधिकारों के रूप में समझा जाता है. इसमें यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑन ह्यूमन राइट्स, इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स (ICCPR) और इंटरनेशनल कोवेनेंट ऑन इकोनॉमिक, सोशल और कल्चरल राइट्स (ICESCR) शामिल हैं. इस ज़िम्मेदारी का अर्थ है कि कंपनियों को “अन्य लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने से बचना चाहिए और शामिल लोगों के मानवाधिकारों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों का समाधान करना चाहिए” (सिद्धांत 11). कंपनियों से अपेक्षा की जाती है कि: “(a) वे अपनी गतिविधियों से मानवाधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का कारण बनने या उसमें योगदान देने से बचें और ऐसे प्रभाव पड़ने पर उनका समाधान करें; (b) मानवाधिकारों पर पड़ने वाले ऐसे प्रतिकूल प्रभावों को रोकें या उन्हें कम करें जो सीधे उनके कामकाज, प्रोडक्ट या उनके बिज़नेस रिलेशनशिप की सेवाओं से सीधे संबंधित होते हैं, भले ही उनसे उन प्रभावों में योगदान नहीं हुआ हो” (सिद्धांत 13).

44. सिद्धांत 17 में आगे बताया गया है कि कंपनियों को “मानवाधिकार सम्यक तत्परता आकलन” करके “मानवाधिकारों पर अपने प्रतिकूल प्रभावों को पहचानना चाहिए, उन्हें रोकना चाहिए, उन्हें कम करना चाहिए और उनकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए.” इस प्रोसेस में मानवाधिकारों पर पड़ने वाले वास्तविक और संभावित प्रभावों का आकलन करना, निष्कर्षों को एकीकृत करना और उन पर कार्रवाई करना और प्रतिक्रियाओं को ट्रैक करना और इस बारे में कम्युनिकेट करना शामिल है कि प्रभावों का समाधान किस तरह किया जाता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि बिज़नेस एंटरप्राइज़ का कामकाज और कामकाज का संदर्भ विकसित होता रहता है और इसलिए मानवाधिकार से जुड़े जोखिम समय के साथ बदल सकते हैं, मानवाधिकारों के लिए यथोचित कदम उठाने की ज़िम्मेदारी एक निरंतर प्रक्रिया है. अंत में, सिद्धांत 20 यह निर्धारित करता है कि बिज़नेस को उपयुक्त गुणवत्तापरक और परिमाणपरक संकेतकों का उपयोग करके अपनी प्रतिक्रियाओं की प्रभावशीलता को ट्रैक करना चाहिए और प्रभावित स्टेकहोल्डर्स सहित आंतरिक और बाहरी सोर्स से फ़ीडबैक लेना चाहिए.

45. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में बोर्ड ने इन मानवाधिकार स्टैंडर्ड को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण किया:

  • अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार, जैसा कि ICCPR के आर्टिकल 19, पैरा. 2 के तहत सुरक्षित किया गया है. यह आर्टिकल किसी भी मीडिया के ज़रिए और किसी भी सीमा के बावजूद अभिव्यक्ति की आजादी के लिए अधिक सुरक्षा प्रदान करता है. अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का दायरा सभी प्रकार की जानकारी माँगने, प्राप्त करने और प्रकट करने तक है.
  • जीवन का अधिकार (आर्टिकल 6, ICCPR): हर मनुष्य को जीने का जन्मजात अधिकार है.
  • स्वास्थ्य का अधिकार (आर्टिकल 2 और 12, ICESCR): प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्चतम प्राप्त करने योग्य स्टैंडर्ड का आनंद ले. आर्टिकल 12(2) में कहा किया है कि इस अधिकार की प्राप्त में “ऐसी स्थितियाँ बनाना शामिल है जो बीमारी की स्थिति में सभी चिकित्सा सेवाएँ और चिकित्सा देखभाल मिलना सुनिश्चित करेंगी.” इसमें “स्वास्थ्य के बुनियादी निर्धारक” शामिल हैं, जैसे स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा और जानकारी की एक्सेस और “कम्युनिटी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी सभी फ़ैसले लेने में लोगों की भागीदारी.” ( जनरल कमेंट नं. 14, ICESCR, पैरा 11.) जानकारी की पहुँच में जानकारी और स्वास्थ्य समस्याओं संबंधी सुझाव माँगने, पाने और प्रकट करने का अधिकार शामिल है. स्वास्थ्य के अधिकार का सम्मान करने का अर्थ सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों की वैधानिक चर्चा की सुरक्षा करना है.
  • वैज्ञानिक प्रगति और उसके उपयोगों का आनंद लेने का अधिकार (आर्टिकल 15(1)(b), ICESCR).
  • भेदभाव न किए जाने का अधिकार (आर्टिकल 26, ICCPR): आर्टिकल 26 भेदभाव को रोकता है और सभी लोगों को यह गारंटी देता है कि किसी भी सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर भेदभाव की स्थिति में उन्हें समान और प्रभावी सुरक्षा मिलेगी.
  • प्रभावी उपाय का अधिकार (आर्टिकल 2, ICCPR).

46. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में COVID-19 वैश्विक महामारी के संदर्भ में अभिव्यक्ति की आज़ादी के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा गया है कि “जानकारी की एक्सेस को बढ़ावा देने से स्वास्थ्य, जीवन, स्वायत्तता और सुशासन को सहारा मिलता है” और इसमें “नज़रिए से जुड़े भेदभाव के खिलाफ़ चेतावनी दी गई है.” ( A/HRC/44/49, पैरा. 2, 52.) सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति में गलत जानकारी से विश्वसनीय जानकारी, स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन और रिसोर्स की एक्सेस के लोगों के अधिकारों पर गंभीर असर पड़ सकता है. ये सभी चीज़ें स्वास्थ्य के अधिकार और जीवन के अधिकार के लिए ज़रूरी है. जैसा कि संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में कहा गया है, “झूठ और प्रोपेगंडा से लोग स्वायत्तता, आलोचनात्मक तरीके से सोचने की क्षमता या खुद पर या जानकारी के सोर्स पर भरोसा करने या सामाजिक स्थितियाँ बेहतर बनाने वाली चर्चाओं में भाग लेने के अधिकार से वंचित हो जाते हैं.” ( A/HRC/44/49, पैरा 60.) विशेष रैपर्टर में यह भी कहा गया है कि किस तरह “गलत जानकारी उन एल्गोरिदम और बिज़नेस मॉडल के ज़रिए फैल जाती है जिन्हें प्लेटफ़ॉर्म पर यूज़र्स को एंगेज रखने वाले सनसनीखेज़ कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है” और उसमें कंपनियों से यह आह्वान किया गया है कि वे “अपने बिज़नेस मॉडल का रिव्यू करके कंटेंट मॉडरेशन को बेहतर बनाने के अलावा इन चिंताओं पर भी प्रतिक्रिया दे.” ( A/HRC/47/25, पैरा. 16, 95.)

47. आर्टिकल 19 अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार को कुछ सीमित शर्तों के अंतर्गत प्रतिबंधित करने की अनुमति देता है. इन्हें वैधानिकता (स्पष्टता), वैधता और अनिवार्यता के तीन हिस्सों वाला टेस्ट कहते हैं, जिसमें आनुपातिकता का आकलन भी शामिल है. विचार और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में यह सुझाया गया है कि ICCPR का आर्टिकल 19, पैरा. 3, प्लेटफ़ॉर्म पर कंटेंट मॉडरेशन से जुड़े तरीकों के मार्गदर्शन के लिए उपयोगी ढाँचा प्रदान करता है और यह कि कंपनियों को अपनी कंटेंट पॉलिसी को मानवाधिकार सिद्धांतों से जोड़ना चाहिए ( A/HRC/38/35, पैरा. 10-11, A/74/486, पैरा. 58). बोर्ड ने माना कि भले ही ICCPR, Meta को राज्यों की तरह जवाबदेह नहीं बनाता, फिर भी Meta, UNGP में निर्धारित मानवाधिकारों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है. ( A/74/486, पैरा. 47- 48). इसलिए, जब कंपनी की पॉलिसी उन उच्च स्टैंडर्ड से अलग होती हैं जिनका पालन करना देशों के लिए अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए ज़रूरी है, तो Meta को उन मानवाधिकार स्टैंडर्ड के अनुसार पॉलिसी से अंतर का कारण सहित विवरण देना चाहिए, जिनका सम्मान करने की प्रतिबद्धता उसने जताई है (पैरा. 47- 48).

वैधानिकता (नियमों की स्पष्टता और सुलभता)

48. अभिव्यक्ति की आज़ादी का कोई भी प्रतिबंध एक्सेस योग्य होना चाहिए और दायरे, अर्थ और प्रभाव के संबंध में उसे यूज़र्स और कंटेंट रिव्यूअर्स को यह स्पष्ट मार्गदर्शन देना चाहिए कि प्लेटफ़ॉर्म पर किस कंटेंट की परमिशन है और किसकी नहीं. स्पष्टता या सटीकता में कमी के कारण नियमों का असमान और स्वैच्छिक एन्फ़ोर्समेंट हो सकता है. ( A/HRC/47/25, पैरा 40).

49. अपने “ COVID से बचाव के दावे” केस के फ़ैसले [2020-006-FB-FBR] बोर्ड ने सुझाव दिया कि Meta, स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में मौजूदा नियमों को एक जगह पर और साफ़ तौर पर दिखाते हुए (जिसमें प्रमुख शब्द जैसे गलत जानकारी को परिभाषित करना शामिल है) स्पष्ट और आसानी से उपलब्ध कम्युनिटी स्टैंडर्ड बनाए. इस नियम निर्माण के साथ वह “वह विस्तृत परिकल्पनाएँ होनी चाहिए जो व्याख्या और [इन] नियमों” को लागू करने के बारीक फ़र्क को समझा सके ताकि यूज़र्स के लिए यह और ज़्यादा स्पष्ट हो सके. बोर्ड के सुझाव के जवाब में, Meta ने गलत जानकारी कम्युनिटी स्टैंडर्ड बनाया. उसने अपने हेल्प सेंटर में एक लेख भी प्रकाशित किया जिसमें हटाए जाने के अधीन आने वाले दावों की लिस्ट दी गई है और साथ ही वे आम सवाल भी दिए गए हैं कि पॉलिसी को किस तरह लागू किया जाता है. इसमें यह शामिल है कि हास्य, व्यंग्य और निजी कहानियों के प्रति कंपनी का क्या दृष्टिकोण है. बोर्ड ने इन कदमों के लिए कंपनी की सराहना की.

50. इस पॉलिसी के तहत हटाए गए दावों को इस आधार पर हटाया गया कि वे कितने व्यापक या विशिष्ट हैं. जैसे कि निष्कासन के तहत आने वाले कई दावों को Meta द्वारा संकीर्णता से परिभाषित किया गया है (जैसे कि “ये दावे कि COVID-19 संबंधी सामाजिक दूरी के आदेश सिर्फ़ 5G वायरलेस टेक्नोलॉजी इंफ़्रास्टक्चर लगाने का एक तरीका है”), जबकि अन्य को विस्तार से परिभाषित किया गया है (जैसे कि “ये दावे कि सामाजिक/शारीरिक दूरी से COVID-19 का फैलाव रोकने में मदद नहीं मिलती"). बोर्ड ने इस बात का विश्लेषण नहीं किया है कि क्या इनमें से हर दावे में प्रतिबंध पर्याप्त रूप से स्पष्ट है, क्योंकि सटीकता और स्पष्टता सुनिश्चित करने की पहली ज़िम्मेदारी Meta की है. बोर्ड ने यह नोट किया कि Meta के पास इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि किन दावों से कम या ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट की समस्या हुई, जिससे अस्पष्टता की प्रासंगिक समस्याओं का संकेत मिल सकता है. इसके अलावा, बोर्ड ने नोट किया कि COVID-19 संबंधी गलत जानकारी की पॉलिसी के अधीन आने वाले विशिष्ट दावे एक हेल्प सेंटर पेज में दिए गए हैं. पेज में बदलाव का कोई लॉग नहीं है, जिससे यूज़र्स को पता चलेगा कि किसी दावे को कब जोड़ा, हटाया या एडिट किया गया है.

51. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी पॉलिसी के कानूनी स्टैंडर्ड के साथ बेहतर तालमेल के लिए, बोर्ड ने 1, 2, 3, 4 और 11 क्रमांक के सुझाव दिए हैं जिन्हें नीचे सेक्शन VI में विस्तार से बताया गया है.

वैधानिक लक्ष्य

52. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगने वाले प्रतिबंधों का एक वैधानिक लक्ष्य होना चाहिए, जिनमें अन्य लक्ष्यों सहित दूसरों के अधिकारों और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना शामिल है. मानवाधिकार समिति ने ICCPR और सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में मानवाधिकारों को मान्य रूप में शामिल करने के लिए “अधिकार” शब्द की व्याख्या की है (सामान्य कमेंट 34, पैरा. 28).

53. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी पर Meta की पॉलिसी को स्वास्थ्य से जुड़े संकट के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लक्ष्य से बनाया गया है. साथ ही इसका लक्ष्य लोगों के जानकारी की एक्सेस के अधिकार, जीवन के अधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार, वैज्ञानिक प्रगति और उसके उपयोगों के फ़ायदों का आनंद लेने के अधिकार और खुद के साथ भेदभाव न होने देने के अधिकार की रक्षा करना भी है.

आवश्यकता और आनुपातिकता

ओवरव्यू

54. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाए जाने वाले सभी प्रतिबंध "उनके सुरक्षात्मक कार्य को पूरा करने के लिए उपयुक्त होने चाहिए; वे अपने सुरक्षात्मक कार्य कर सकने वाले उपायों में से कम से कम हस्तक्षेप करने वाले उपाय होने चाहिए; वे सुरक्षित रखे जाने वाले हित के अनुपात में होना चाहिए” (सामान्य कमेंट 34, पैरा. 34).

55. नीचे बताए कारणों से, बोर्ड ने पाया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान Meta को COVID-19 संबंधी ऐसी गलत जानकारी हटाने का अधिकार देने वाली पॉलिसी ज़रूरी और आनुपातिक है जिससे “जान-माल के तुरंत नुकसान का सीधा खतरा होने की आशंका होती है.” इसलिए यह सैद्धांतिक रूप से कंपनी की वैल्यू और मानवाधिकारों से जुड़ी उसकी ज़िम्मेदारियों के अनुरूप है. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति घोषित करके, संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएँ यह दर्शाती हैं कि एक असामान्य घटना हुई है जिसमें एक ऐसी बीमारी के अंतरराष्ट्रीय रूप से फैलने के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य या मानव जाति के जीवन को जोखिम है जो “एक गंभीर और सीधा खतरा है” (WHO अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम 2005). COVID-19, एक ऐसी बीमारी जिसके परिणाम अत्यंत अप्रत्याशित, परिवर्तनशील और घातक थे, के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी वैश्विक आपातकालीन स्थिति की WHO की घोषणा को देखते हुए, बोर्ड ने Meta की प्रतिक्रिया को आनुपातिक माना. ओवरसाइट बोर्ड समझता है कि ऐसी आपातकालीन स्थितियों में, Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर और उसके बाहर स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ नुकसानदायक गलत जानकारी, ख़ास तौर पर जब उसे बड़े पैमाने पर या प्रमुख इन्फ़्लुएंसर्स द्वारा फैलाया जाए, से सार्वजनिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकते हैं और लोगों के अधिकारों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. बोर्ड को इस बात की जानकारी है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के सबसे गंभीर चरण में यह संभव नहीं है कि गलत जानकारी के अलग-अलग दावों के बारे में कई विशेषज्ञों से अच्छी तरह अग्रिम विचार-विमर्श किया जा सके. Meta के दृष्टिकोण की आनुपातिकता का आकलन करते समय, बोर्ड ने कंपनी की इस स्थिति पर भी विचार किया कि COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के लिए स्थान के अनुसार दृष्टिकोण अपनाना संभव नहीं था.

56. हालाँकि, COVID-19 से जुड़ी परिस्थितियों के बदलने के साथ ही आवश्यकता और आनुपातिकता की गणना भी अनिवार्य रूप से बदल जाती है. बोर्ड यह जानता है कि पूरी दुनिया में COVID-19 का प्रभाव अलग-अलग है. यह अन्य बातों के अलावा वायरस के फैलाव, देश की स्वास्थ्य प्रणाली और उस नागरिक समाज की क्वालिटी पर निर्भर करता है जो लोगों को COVID-19 से जुड़ी जानकारी को प्राप्त और शेयर करने की सुविधा देती है. WHO की COVID-19 संबंधी आपातकालीन घोषणा अभी भी कायम है (और जनवरी 2023 में इसे दोहराया गया था) लेकिन दुनिया के कई देशों में COVID-19 के केस कम हुए हैं और आपातकालीन उपायों को नाटकीय रूप से कम कर दिया गया है. इससे आनुपातिकता के टेस्ट को संतुष्ट करने वाले वैश्विक दृष्टिकोण के क्रियान्वयन में कठिनाई आती है. जैसा कि नीचे सुझाव 1 में बताया गया है, Meta को यह निर्धारित करने के लिए एक पारदर्शी और समावेशी प्रोसेस बनानी चाहिए कि क्या निष्कासन के अधीन इन 80 दावों में से कोई दावा अब गलत या “जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका वाला नहीं है.” प्रोसेस में विरोधी दृष्टिकोण को सुनने और उस पर विचार करने की व्यवस्था होनी चाहिए. इसमें वैज्ञानिक कम्युनिटी, अभिव्यक्ति की आज़ादी के विशेषज्ञों और उन लोगों के विविध दृष्टिकोणों को शामिल किया जाना चाहिए जिनकी गलत जानकारी के ऑनलाइन फैलने और उसके असर जानने में विशेषज्ञता है. बोर्ड ने नीचे सुझाव 4 में Meta से यह भी कहा कि वह मानवाधिकारों के कुछ देशों में मौजूद हो सकने वाले जोखिमों को पहचानने की प्रक्रिया शुरू करे और वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति के समाप्त होने के बाद उन जोखिमों को कम करने के लिए ज़्यादा स्थानीयकृत दृष्टिकोण अपनाने के लिए तैयार रहे.

स्टेकहोल्डर्स के इनपुट

57. दुनिया के कई क्षेत्रों के स्टेकहोल्डर्स ने बोर्ड से राजनेताओं, धार्मिक नेताओं, इन्फ़्लुएंसर्स और चिकित्सा प्राधिकरणों के बारे में बात की जिन्होंने बड़ी संख्या में देखी जाने वाली गलत जानकारी का प्रसार किया और फ़ैक्ट-चेकर, वैज्ञानिक विशेेषज्ञ और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएँ उनकी गति से काम नहीं कर पाईं. हर क्षेत्र के स्टेकहोल्डर्स ने वैकल्पिक उपचारों की ओर जाने वाले लोगों या वैक्सीन लेने की इच्छा रखने वाले लोगों पर गलत जानकारी के प्रभाव के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि गलत जानकारी से सार्वजनिक स्वास्थ्य मार्गदर्शन फ़ॉलो करने या रोकथाम के उपाय अपनाने की लोगों की इच्छा पर असर पड़ा. स्टेकहोल्डर्स ने हाइलाइट किया कि इस तरह की गलत जानकारी से रोकथाम के उपायों और जोखिम प्रबंधन को ठेस पहुँची जिससे अप्रत्यक्ष रूप से सामान्य जनता पर असर पड़ता है और ऐसे लोगों पर अनुपातहीन रूप से असर पड़ता है जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर है, जो दिव्यांग हैं, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, जो लोग बुज़ुर्ग और गरीब हैं और जो कम्युनिटी हमेशा से उपेक्षित रही हैं. (COVID-19 संबंधी ज़्यादा डेटा के लिए WHO डैशबोर्ड देखें.) ऑनलाइन गलत जानकारी के असर के बारे में किए गए ठोस अध्ययनों से पता चला कि सार्वजनिक स्वास्थ्य मार्गदर्शन पर ध्यान न देने की प्रवृत्ति बढ़ी है और भविष्य में नैदानिक जाँच करवाने या वैक्सीन लेने की संभावना में कमी आई है. बोर्ड ने रिपोर्ट किए गए ऐसे अन्य नुकसानों पर ध्यान दिया जो COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के कारण हुए हैं. इसमें वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं में विश्वास की कमी शामिल है. इससे COVID-19 और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन पर बुरा असर पड़ता है. COVID-19 संबंधी गलत जानकारी में फ़ैक्ट-चेकिंग संगठनों और व्यक्तिगत फ़ैक्ट-चेकर्स पर सीधे हमले, उनका उत्पीड़न और उनके खिलाफ़ जान-बूझकर मुकदमें लगाना शामिल है.

58. विशेषज्ञों ने यह भी नोट किया कि जब से Meta ने COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को हटाना शुरू किया, तब से प्लेटफ़ॉर्म पर गलत जानकारी की समग्र मात्रा में काफी कमी आई है और उन्होंने यह तर्क दिया कि अगर ये उपाय नहीं रहेंगे, तो गलत जानकारी की मात्रा फिर से बढ़ जाएगी और Facebook जैसे सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर वैक्सीनेशन विरोधी कंटेंट, बातचीत पर हावी हो जाएगा. उन विशेषज्ञों ने नोट किया कि पारदर्शिता और Meta के डेटा या आंतरिक शोध की एक्सेस की कमी के कारण, गलत जानकारी का समाधान करने के निष्कासन सहित अन्य उपायों की प्रभावशीलता के स्पष्ट प्रमाण ढूँढने के प्रयासों को ठेस पहुँचती है. हालाँकि, पूरी दुनिया के स्टेकहोल्डर्स ने बोर्ड को यह तर्क दिया कि जब तक मानव जीवन की व्यापक हानि और असंख्य लोगों के स्वास्थ्य का जोखिम जारी है, तब तक कंपनी को अत्यावश्यक उपाय करते रहना चाहिए और उन्होंने स्वीकार किया कि अगर कोई गलती होती भी है, तो उसका झुकाव जोखिमग्रस्त जीवन को बचाने की तरफ होना चाहिए, ख़ास तौर पर ऐसे लोगों के लिए जो सबसे ज़्यादा असुरक्षित हैं. वैश्विक महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक COVID-19 के बारे में विश्वसनीय वैज्ञानिक जानकारी की उपलब्धता में बहुत सुधार हुआ है, लेकिन उस जानकारी की एक्सेस अलग-अलग देशों और कम्युनिटी के लिए अलग-अलग है और गलत और गुमराह करने वाली जानकारी के परिमाण के कारण पूरी दुनिया के लोगों के लिए मौजूदा वैज्ञानिक जानकारी को एक्सेस करना और उसका मूल्यांकन करना मुश्किल हो गया है. इससे एक्सेस के फ़ायदों को आघात पहुँचा है. इस संदर्भ में, उदाहरण के लिए, मलेशिया के पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट खज़ाना रिसर्च इंस्टीट्यूट (PC-10703) से प्राप्त सबमिशन में हाइलाइट किया गया कि अलग-अलग देशों में स्वास्थ्य से जुड़ी भरोसेमंद जानकारी की एक्सेस का लेवल अलग-अलग है और गलत जानकारी को मॉडरेट न करने से उत्पन्न जोखिम के लेवलों में विविधता है. यही बात दुनिया के विभिन्न भागों के अन्य विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स ने कही, ख़ास तौर पर कम आय वर्ग वाले देशों के लोगों ने. खज़ाना रिसर्च इंस्टीट्यूट के सबमिशन में सुझाव दिया गया कि अगर वैश्विक दृष्टिकोण बनाया जाता है, तो Meta को सावधानी की तरफ झुकाव रखना चाहिए और COVID-19 से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी को हटाते रहना चाहिए.

59. जैसा कि Meta ने बोर्ड को अपने अनुरोध में बताया, वैश्विक महामारी का व्यवहार पूरी दुनिया में अलग-अलग रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा. वैक्सीनेशन की दर, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की क्षमता और रिसोर्स और प्रामाणिक मार्गदर्शन में विश्वास में बड़ा उतार-चढ़ाव नज़र आता है. इससे विभिन्न देशों में सबसे ज़्यादा असुरक्षित लोगों पर वायरस का अनुपातहीन असर बढ़ता है. भले ही वैक्सीन तैयार हो गई है और अमेरिका और पूरी दुनिया के अन्य देशों में उपलब्ध है, लेकिन यह पूरी दुनिया के लिए सही नहीं है. Meta के शब्दों में: “ज़्यादा आय वाले देशों के अस्सी प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का कम से कम एक डोज़ लग चुका है, जबकि कम आय वाले देशों में ऐसे लोगों की संख्या सिर्फ़ 13 प्रतिशत है. इस बात की संभावना भी है कि कम आय वाले देशों में स्वास्थ्य सुरक्षा सिस्टम की क्षमता कम हो, उनकी अर्थव्यवस्था कम सुदृढ़ हो और उनकी सरकार के मार्गदर्शन पर कम भरोसा किया जाता हो. इस सभी के कारण लोगों को वैक्सीन देने और COVID-19 के संपर्क में आए लोगों का उपचार करने में परेशानियाँ आएँगी. (Meta की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध, पेज 15, जुलाई 2022) अगर ऐसे कुछ मामलों का उल्लेख करें जिनमें वैक्सीनेशन की दरों में बड़ा अंतर देखा गया है, तो फ़रवरी 2023 तक इराक की 20% से कम जनसंख्या को पहला डोज़ लगा है और 1% से कम लोगों को बूस्टर डोज़ लगा है. बुल्गारिया में, लगभग 30% जनसंख्या को पहला डोज़ लगा है. सीरिया में यह संख्या 13% और पापुआ न्यू गिनी और हैती में यह 5% से कम है. बोर्ड द्वारा विचार-विमर्श किए गए कई विशेषज्ञों ने वैश्विक पॉलिसी और दृष्टिकोण के लिए ऐसी जानकारी और डेटा पर भरोसा करने के खतरे के बारे में चेताया जो पश्चिमी देशों पर अत्यधिक केंद्रित है. इन विशेषज्ञों ने गलत और झूठी जानकारी के बारे में सबसे ज़्यादा प्रयोगसिद्ध स्टडी के संकीर्ण भौगोलिक परिप्रेक्ष्य को भी नोट किया.

60. जनवरी 2023 में, WHO ने नोट किया कि “दुनिया उस स्थिति से बेहतर स्थिति में है जब एक वर्ष पहले ओमीक्रॉन का प्रसार अपने चरम पर था, लेकिन पिछले आठ हफ़्तों के दौरान COVID-19 के संबंध में पूरी दुनिया में 170,000 से ज़्यादा मौतें रिपोर्ट की गई हैं” और स्वास्थ्य प्रणाली अभी COVID-19 और इंफ़्लूएंज़ा और रेस्पिरेटरी सिंसिशियल वायरस (RSV) के मरीज़ों की देखभाल, स्वास्थ्यकर्मियों की कमी और थके हुए स्वास्थ्यकर्मियों की समस्या से संघर्ष कर रही है.” WHO ने यह भी हाइलाइट किया कि “बहुत सारे देशों में COVID-19 संबंधी प्रतिक्रिया अभी भी लड़खड़ा रही है क्योंकि वे अपने सबसे ज़्यादा ज़रूरतमंद लोगों, बुज़ुर्ग लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन, चिकित्सा और निदान नहीं दे पा रहे.” WHO कमिटी ने नोट किया कि “सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण उपायों का क्रियान्वयन करने में वैक्सीन लेने की हिचकिचाहट और गलत जानकारी के फैलाव से अतिरिक्त अड़चनें आती जा रही हैं.”

वैश्विक दृष्टिकोण पर Meta का आग्रह

61. Meta ने यह स्वीकार किया कि पूरी दुनिया में वैश्विक महामारी का व्यवहार अलग-अलग रहा है और सबसे बड़ा अंतर “विकसित” और “कम विकसित” देशों के बीच रहा है. बोर्ड से मार्गदर्शन माँगते समय, कंपनी ने स्थानीयकृत दृष्टिकोण को यह कहते हुए लगभग खारिज़ कर दिया कि ऐसे एन्फ़ोर्समेंट उपायों को लागू करने से “पारदर्शिता और निष्पक्षता संबंधी गंभीर चिंताएँ उत्पन्न हो जाएँगी, यूज़र को बुरा अनुभव मिलेगा और व्यवहारिक रूप से ऐसा नहीं किया जा सकेगा.” Meta के अनुसार, बड़े पैमाने पर क्षेत्र या देश के अनुसार एन्फ़ोर्समेंट उपाय अपनाने से यूज़र्स को इस बारे में स्पष्टता नहीं रहेगी कि उनके कंटेंट पर कौन-सी पॉलिसी और पेनल्टी लागू होगी क्योंकि यूज़र्स और जानकारी का आवागमन सीमा पार भी होता है. इस दृष्टिकोण को अपनाने पर और भी जटिल और लंबी पॉलिसी की ज़रूरत होगी “जिसमें यह रेखांकित किया जाए कि कब और किन परिस्थितियों में विभिन्न दावों को हटाया जाएगा , डिमोट किया जाएगा या उन पर अन्य एन्फ़ोर्समेंट किए जाएँगे.” कंपनी के अनुसार, उसके पास अभी स्थानीयकृत दृष्टिकोण अपनाने की क्षमता नहीं है और उसे बनाने के लिए अत्यधिक रिसोर्स और समय की ज़रूरत होगी, जिससे निकट भविष्य में यह दृष्टिकोण व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है. उसने तर्क दिया कि “अगर पॉलिसी को देश के स्तर पर लागू किया जाता है, तो वे तब ज़रूरत से ज़्यादा लागू हो सकती हैं जब मार्केट रिव्यूअर्स का एक समूह एक से ज़्यादा देशों के लिए काम करता है. साथ ही वे ज़रूरत से कम लागू हो सकती हैं क्योंकि कंटेंट का फैलाव एक से ज़्यादा देशों और क्षेत्रों में हो सकता है.” इसे देखते हुए, Meta ने कहा कि प्रस्तावित पॉलिसी सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होनी चाहिए, “वह पूरी दुनिया के लिए एक समान हो और उसे सभी जगह लागू किया जा सकता हो.”

विश्लेषण

62. आनुपातिकता की समस्या पर अपने फ़ैसले पर पहुँचते समय, बोर्ड ने इन सहित कई कारकों पर विचार किया: (i) सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी जारी आपातकालीन स्थिति में मानवाधिकारों को होने वाला संभावित नुकसान; (ii) अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पड़ने वाले भार; (iii) कम्युनिटी स्टैंडर्ड की प्रासंगिक आवश्यकता कि निष्कासन के अधीन आने वाले कंटेंट को झूठा और जान-माल को तुरंत और गंभीर नुकसान पहुँचाने की सीधी आशंका वाला, दोनों तरह का, माना जाना चाहिए; (iv) प्लेटफ़ॉर्म की बनावट जो कुछ विशेषज्ञों के अनुसार नुकसानदेह कंटेंट के प्रसार में योगदान दे सकती है (प्लेटफ़ॉर्म डिज़ाइन चुनाव पर मानवाधिकार प्रभाव आकलन करने की आवश्यकता पर सुझाव 10 देखें); (v) कंटेंट मॉडरेशन के उन उपायों के ज़रूरत के अनुसार विस्तार और प्रभावशीलता के बारे में गंभीर चिंताएँ जताई गईं जिनमें कंटेंट को हटाया नहीं जाता (जैसा कि फ़ैक्ट-चेकिंग, डिमोशन और लेबलिंग के बारे में नीचे दिए गए पैराग्राफ़ में बताया गया है); और (vi) Meta का यह कथन कि ज़रूरत के अनुसार बढ़ाया गया, स्थानीयकृत दृष्टिकोण इस पॉलिसी को लागू करने के लिए व्यवहार्य नहीं है.

63. वैश्विक नज़रिए के बारे में Meta के अनुरोध को देखते हुए और WHO के अनुसार COVID-19 की स्थिति “अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति” बने रहते हुए, बोर्ड अतिरिक्त सम्यक तत्परता आकलन किए बिना और कंपनी द्वारा उसकी पॉलिसी और विभिन्न एन्फ़ोर्समेंट टूल्स के असर के आकलन के बिना Meta को उसकी पॉलिसी लागू करने के तरीके में बदलाव करने का सुझाव नहीं दे सकता. इन परिस्थितियों में बदलाव का सुझाव देने से पूरी दुनिया के सबसे असुरक्षित लोगों पर अनुपातहीन रूप से असर पड़ सकता है. इनमें वे लोग शामिल हैं जो बुज़ुर्ग हैं, जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, जो कम रिसोर्स वाली गरीब और हमेशा से असुरक्षित कम्युनिटी से हैं, जिनका नागरिक समाज कमज़ोर है, जिनके पास जानकारी का कोई भरोसेमंद सोर्स नहीं है और जिनकी स्वास्थ्य प्रणाली कमज़ोर है या जिनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक एक्सेस नहीं है. जैसा कि ऊपर बताया गया है, बोर्ड को इस बात की जानकारी है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के सबसे कठिन समय में Meta ने असामान्य उपाय किए थे. बोर्ड यह समझता है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी घोषित आपातकालीन स्थिति में कंपनी के लिए असामान्य उपाय करने ज़रूरी थे, जैसे कि इस केस में उसने जान-माल के तुरंत नुकसान को रोकने के उद्देश्य से सिर्फ़ सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आकलन के आधार पर गलत जानकारी की पूरी कैटेगरी को हटाकर ऐसा किया. बोर्ड के अनुसार वैश्विक महामारी की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए ये उपाय आनुपातिक थे.

64. हालाँकि, ऐसे असामान्य उपाय अस्थाई होने चाहिए, वे उन परिस्थितियों की आवश्यकता के अनुसार ही बनाए गए हों और उन्हें सार्वजनिक रूप से पहचाना जा सकता हो. परिस्थितियों के बदलने के साथ ही आवश्यकता और आनुपातिकता का विश्लेषण भी बदलता है. वैश्विक महामारी की बदलती हुई प्रकृति को देखते हुए, Meta को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करने के लिए जल्दी से जल्दी ज़्यादा बेहतर सलाह-मशविरे की प्रोसेस शुरू करनी चाहिए कि विशिष्ट दावों के अपने आप निष्कासन से सार्वजनिक हित के मामलों की चर्चा में रुकावट तो नहीं आती या उनसे Meta के कंटेंट मॉडरेशन पर अनावश्यक सरकारी प्रभाव तो नहीं पड़ता. सलाह-मशविरे की प्रोसेस, स्टेकहोल्डर्स के ज़्यादा विविध समूह की विशेषज्ञता पर आधारित होनी चाहिए जिनमें विरोधी अभिव्यक्तियाँ शामिल हैं (जैसा कि नीचे सुझाव 1 में बताया गया है). बोर्ड ने नोट किया कि UNGP के सिद्धांत 17 में कहा गया है कि “मानवाधिकारों पर अपने प्रतिकूल प्रभावों को पहचानने, उन्हें रोकने, उन्हें कम करने और उनकी ज़िम्मेदारी लेने” के लिए बिज़नेस एंटरप्राइज़ को निरंतर मानवाधिकार सम्यक तत्परता आकलन करना चाहिए. इसमें “मानवाधिकारों पर वास्तविक और संभावित असर का आकलन करना, निष्कर्षों को एकीकृत करना और उन पर कार्रवाई करना, प्रतिक्रियाओं को ट्रैक करना और यह बताना शामिल है कि असर का समाधान किस तरह किया गया.” इसके अलावा, जैसा कि UNGP के सिद्धांत 20 में कहा गया है, कंपनी को “उपयुक्त गुणवत्तापरक और परिमाणपरक संकेतकों का उपयोग करके अपनी प्रतिक्रियाओं की प्रभावशीलता को ट्रैक करना चाहिए और प्रभावित स्टेकहोल्डर्स सहित आंतरिक और बाहरी सोर्स से फ़ीडबैक लेना चाहिए.”

65. जैसा कि ऊपर नोट किया गया है, अपने निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए बोर्ड ने इस बात पर विचार किया कि क्या ऐसे कम रुकावट डालने वाले उपाय जिनमें कंटेंट को हटाया न जाता हो, गलत जानकारी की व्यापकता का समाधान कर सकते हैं और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं. साथ ही क्या वे प्लेटफ़ॉर्म पर और उसके बाहर, लोगों के अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं. पहला, भले ही फ़ैक्ट-चेक लेबल, कंटेंट को हटाए बिना जानकारी को सही करने का एक साधन उपलब्ध कराता है, लेकिन कई स्टेकहोल्डर और Meta द्वारा दी गई जानकारी यह बताती है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदायक जानकारी की गति और दायरे को रोकने में इस टूल की क्षमता सीमित है. Meta ने बोर्ड को बताया कि फ़ैक्ट-चेकर अपनी कतार में अत्यधिक मात्रा में कंटेंट मौजूद होने के कारण उनका पूरा रिव्यू करने में असमर्थ हैं. Meta ने यह भी बताया कि वह फ़ैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम का विस्तार नहीं कर पाएगा क्योंकि यह काम थर्ड पार्टी संगठनों द्वारा किया जाता है जो Meta के स्वामित्व या कंट्रोल में नहीं हैं. इसके अलावा, प्रोग्राम में सीमाएँ लगाने से यह उपाय कम प्रभावी हो जाएगा. Meta अपने फ़ैक्ट-चेकर्स को राजनेताओं द्वारा शेयर किए गए कंटेंट का रिव्यू करने की परमिशन नहीं देता. राजनेताओं में किसी कार्यालय के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे उम्मीदवार, वर्तमान पदाधिकारी और उनके द्वारा नियुक्त व्यक्ति और राजनीतिक दल और उनके नेता शामिल हैं. जैसा कि व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया है और हर क्षेत्र के स्टेकहोल्डर्स द्वारा कन्फ़र्म किया गया है, इस तरह के यूज़र्स, गलत जानकारी के प्रमुख वाहक हैं. फ़ैक्ट-चेकर्स द्वारा वेरिफ़िकेशन में व्यापक ऑटोमेटेड निष्कासन से ज़्यादा समय लगता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में नुकसानदेह गलत जानकारी से निपटने में एक निर्णयात्मक कारक हो सकता है. इसके अलावा, यह उपाय यूज़र को एक ऐसे लेख पर भी ले जाता है जो आम तौर पर प्लेटफ़ॉर्म से बाहर होता है (और इसलिए यह उन लोगों के लिए कम एक्सेस योग्य रहता है जिनके पास अतिरिक्त डेटा खर्च करने के रिसोर्स नहीं होते). गलत जानकारी फैलाने वाले छोटे, भावपूर्ण मैसेजों के मुकाबले इन लेखों की भाषा अक्सर विशेष रूप से तकनीकी और कभी-कभी जटिल होती है. यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग के प्रोफ़ेसर साइमन वुड के सबमिशन (PC-10713) में यह चिंता जताई गई कि फ़ैक्ट-चेकर्स के पास अक्सर जटिल वैज्ञानिक शोधपत्रों और प्रमाणों को प्रभावी रूप से फ़ैक्ट-चेक करने का पर्याप्त तकनीकी ज्ञान नहीं होता.

66. दूसरा, डिमोशन इस बात पर असर डालता है कि यूज़र की फ़ीड में वह कंटेंट कहाँ दिखाई देगा, लेकिन हर यूज़र की फ़ीड की इंडिविजुअल प्रकृति का मतलब है कि कंटेंट के वायरल होने या उसकी पहुँच पर इस उपाय के असर का निर्धारण करना कठिन है. कंटेंट के रैंकिंग स्कोर का लक्ष्य यूज़र्स को ऐसा कंटेंट दिखाना है जिसमें “उनकी सबसे ज़्यादा दिलचस्पी हो सकती है” और किसी ऐसे ग्रुप में या पेज द्वारा शेयर किए गए कंटेंट की रैंकिंग उच्च होने की संभावना है जिसे यूज़र फ़ॉलो करता है. परिणामस्वरूप, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या डिमोशन से ऐसे कंटेंट की पहुँच का प्रभावी समाधान होगा जिसे ऐसे यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है जिनके बहुत ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं या जिसे किसी ग्रुप में शेयर किया गया है. यूज़र्स की न्यूज़फ़ीड में कंटेंट की समग्र इन्वेंट्री को देखते हुए, डिमोशन का असर उन यूज़र्स पर सबसे कम होने की संभावना है जो एक से ज़्यादा ऐसे अकाउंट, पेज या ग्रुप को फ़ॉलो करते हैं जो नियमित रूप से COVID-19 संबंधी गलत जानकारी शेयर करते हैं. ऐसा लगता है कि कंपनी के पास यह बताने वाला डेटा भी नहीं है कि कितने यूज़र्स की डिमोट किए गए कंटेंट को कम एक्सेस करने की संभावना है, भले ही उस कंटेंट बहुत डिमोट कर दिया गया हो. सिर्फ़ डिमोशन के साथ स्ट्राइक और पेनल्टी नहीं होती. अंत में, चूँकि यूज़र्स अपने कंटेंट के डिमोशन के खिलाफ़ अपील नहीं कर सकते, इसलिए यह विकल्प, यूज़र्स से निष्पक्ष व्यवहार के संबंध में गंभीर चिंताएँ उत्पन्न करेगा.

67. तीसरा, कंपनी के आंतरिक शोध के अनुसार, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि बड़े पैमाने पर यूज़र्स तक पहुँचने और उनके ज्ञान या रवैये की जानकारी पाने में न्यूट्रल लेबल प्रभावी हैं. Meta ऐसे ऑटोमेटेड सिस्टम के ज़रिए NIT (या न्यूट्रल लेबल) लागू करता है जो किसी पोस्ट में COVID-19 संबंधी विषय ढूँढता है. ये लेबल, COVID-19 सूचना केंद्र का लिंक देते हैं जहाँ COVID-19 के बारे में प्रामाणिक जानकारी दी जाती है. Meta के अनुसार, इन लेबल के बारे में कंपनी के प्राथमिक शोध से पता चलता है कि यूज़र जितने ज़्यादा NIT देखता है, “क्लिक थ्रू रेट” (वह रेट जिस पर जिससे यूज़र प्रामाणिक जानकारी देखने के लिए लेबल पर क्लिक करता है) उतना कम होता जाता है. Meta ने आगे बोर्ड को बताया कि कंपनी ने COVID-19 NIT का उपयोग करना बंद कर दिया है. Meta के अनुसार, फ़ैक्ट-चेक की गई गलत जानकारी को यूज़र्स द्वारा पढ़ने, बनाने या फिर से शेयर करने या वैक्सीन से जुड़े कंटेंट को बढ़ावा न देने की संभावना पर इन लेबल का पता लगाने लायक कोई असर नहीं होता. अंत में, कंपनी ने रिपोर्ट किया कि प्रारंभिक शोध के अनुसार शायद इन लेबल का यूज़र के ज्ञान और वैक्सीन से जुड़े व्यवहारों पर कोई असर न हो.

68. कुल मिलाकर बोर्ड इस नतीजे पर पहुँचा कि COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के बारे में वैश्विक दृष्टिकोण को लेकर Meta के आग्रह को देखते हुए और WHO द्वारा आपातकाल की घोषणा के जारी रहते हुए, Meta को COVID-19 संबंधी ऐसी गलत जानकारी पर अपनी पॉलिसी लागू करते रहना चाहिए जिससे जान-माल के तुरंत नुकसान का सीधा खतरा होने की आशंका हो. इसी दौरान, उसे उन दावों के बारे में एक बेहतर और समावेशी सम्यक तत्परता रिव्यू प्रोसेस शुरू करनी चाहिए जिन्हें वह अभी हटा देता है. सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी पॉलिसी के आवश्यकता और आनुपातिकता स्टैंडर्ड के साथ बेहतर तालमेल के लिए, बोर्ड ने 1, 4, 5, 9, 10, 12, 13, 14, 15 और 18 क्रमांक के सुझाव दिए हैं जिन्हें नीचे सेक्शन VI में विस्तार से बताया गया है.

VI. सुझाव

वर्तमान पॉलिसी पर सुझाव

69. सुझाव 1: विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस घोषणा को देखते हुए कि COVID-19 से वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बनी है और वैश्विक दृष्टिकोण को लेकर Meta के आग्रह को देखते हुए, Meta को COVID-19 के बारे में वैश्विक रूप से गलत ऐसे कंटेंट को हटाने का अपना मौजूदा दृष्टिकोण जारी रखना चाहिए “जिससे जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका है.” साथ ही उसे यह सुनिश्चित करने के लिए निष्कासन के तहत आने वाले 80 दावों में से हर दावे का बेहतर और आवधिक पुनः आकलन करने की पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए: (1) COVID-19 के बारे में निष्कासन के तहत आने वाला हर विशिष्ट दावा गलत है और “उससे जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका है” और (2) Meta की मानवाधिकार से जुड़ी प्रतिबद्धताओं को ठीक से लागू किया गया है (जैसे कि वैधानिकता और आवश्यकता के सिद्धांत). पुनः आकलन की इस प्रक्रिया के आधार पर, Meta को यह निर्धारित करना चाहिए कि कोई दावा अब गलत नहीं है और अब “उससे जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका नहीं है.” अगर Meta किसी दावे को आगे गलत या “जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका” नहीं पाता है, तो ऐसे दावों को इस पॉलिसी के तहत आगे निष्कासन के तहत नहीं लिया जाना चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta पुनः आकलन की प्रक्रिया की घोषणा करेगा और हेल्प सेंटर पेज पर 80 दावों में किसी बदलाव की घोषणा करेगा.

70. नीचे दिए गए उप-भागों में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी पॉलिसी के तहत निष्कासन के अधीन दावों के पुनः आकलन के जाने-माने तरीकों के बारे में बोर्ड के सुझाव बताए गए हैं. प्रत्येक उप-सुझाव को सुझाव 1 से अलग सुझाव माना जाएगा. इसका मतलब है कि बोर्ड उन सुझावों के क्रियान्वयन के बारे में Meta की कार्रवाइयों का अलग से रिव्यू करेगा.

सुझाव 1A: विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स से व्यापक विचार-विमर्श

71. कंपनी को स्थिति की आवश्यकताओं के अनुसार इस बात का मूल्यांकन करने के लिए अलग-अलग लोगों के परिप्रेक्ष्य पर विचार करने के लिए यथासंभव जल्दी प्रोसेस बनानी चाहिए कि हर दावे का निष्कासन ज़रूरी है या नहीं. विचार-विमर्श किए जाने वाले विशेषज्ञों और संगठनों में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, इम्यूनोलॉजिस्ट, वायरोलॉजिस्ट, संक्रामक रोगों के शोधकर्ता, गलत और झूठी जानकारी के शोधकर्ता, टेक पॉलिसी विशेषज्ञ, मानवाधिकार संगठन, फ़ैक्ट-चेकर और अभिव्यक्ति की आज़ादी के विशेषज्ञ शामिल हैं. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की अपनी पॉलिसी में अलग-अलग तरह के विशेषज्ञों से सलाह-मशविरे की अपनी प्रक्रिया और उस बातचीत के उसकी पॉलिसी पर प्रभाव के बारे में जानकारी प्रकाशित करेगा.

72. जैसा कि ऊपर बताया गया है, बोर्ड स्वीकार करता है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी घोषित आपातकालीन स्थिति में कंपनी के लिए असामान्य उपाय करने ज़रूरी थे. इस केस में उसने एक सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्था द्वारा प्रदत्त आकलन के आधार पर गलत जानकारी की पूरी कैटेगरी को हटाकर ऐसा किया. बोर्ड को इस बात की जानकारी है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति में यह संभव नहीं है कि अलग-अलग दावों के बारे में तुरंत कई विशेषज्ञों से अच्छी तरह अग्रिम विचार-विमर्श किया जा सके. हालाँकि, लगातार बढ़ती जानकारी को देखते हुए जितनी जल्दी संभव हो सके, उतनी जल्दी इस अनोखी वैश्विक महामारी और उससे संबंधित गलत जानकारी का समाधान करने के सबसे अच्छे तरीकों से जुड़े अलग-अलग विचार जानने के लिए विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स के व्यापक ग्रुप से विचार-विमर्श किया जाए. जैसा कि कंपनी ने कहा कि उसे कम से कम दो दावों में अपनी स्थिति बदलनी पड़ी जो निष्कासन के अधीन थे. पहला वायरस के उद्गम से संबंधित था और दूसरा COVID-19 से जुड़ी मृत्यु दर से संबंधित था. बेहतर फ़ैसले लेने और अनुचित सेंसरशिप रोकने के लिए व्यापक विचार-विमर्श और बेहतर पारदर्शिता ज़रूरी है.

73. बोर्ड ने Meta से पूछा कि क्या उसकी “यह पोस्ट न करें” लिस्ट में शामिल दावों (क्योंकि उन्हें गलत और “जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका” वाला माना जाता है) का पुनः मूल्यांकन, कंपनी के अनुरोध में बताए गए तीन बदलावों का असर जानने के लिए किया गया है. Meta ने बोर्ड को बताया कि उसके पास इस नतीजे के समर्थन में कोई जानकारी नहीं है कि अभी हटाए जा रहे दावे अब गलत या जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका वाले नहीं हैं. हालाँकि, Meta ने कभी संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं से फिर से संपर्क करके उन्हें दावों का पुनः मूल्यांकन करने के लिए नहीं कहा. न ही कंपनी ने किसी दावे या पूरी पॉलिसी का पुनः मूल्यांकन करने के लिए स्टेकहोल्डर्स या विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया. Meta के अनुसार, कंपनी ने अपनी पॉलिसी में बदलाव के लिए बाहरी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत करने के बजाय बोर्ड से पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय का अनुरोध करना चुना ताकि अनुरोध में देरी न हो. बोर्ड ने Meta को सुझाव दिया कि वह वैश्विक आपातकालीन स्थिति के दौरान बनाई गई पॉलिसी पर बाहरी इनपुट ले और यह पता करे कि क्या पुनः आकलन की ज़रूरत है. हालाँकि, मानवाधिकारों का सम्मान करने की कंपनी की ज़िम्मेदारी यहाँ समाप्त नहीं हो जाती. यह मूल्यांकन करने के लिए एक प्रक्रिया बनाने से कि हर दावे का लगातार निष्कासन ज़रूरी है या नहीं, यह सुनिश्चित होगा कि कंपनी, UNGP के अनुसार प्रासंगिक सम्यक तत्परता आकलन कर रही है.

सुझाव 1B: रिव्यू का समय

74. Meta को इस रिव्यू का समय तय करना चाहिए (जैसे कि हर तीन या छह महीने में) और इसे सार्वजनिक करना चाहिए ताकि लोग इसे देख सकें और अपने इनपुट दे सकें. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपनी रिव्यू मीटिंग के निष्कर्ष सार्वजनिक करेगा, उसी तरह जैसे उसके ट्रांसपेरेंसी सेंटर में उसके सार्वजनिक पॉलिसी फ़ोरम के निष्कर्ष प्रकाशित किए जाते हैं.

सुझाव 1C: सार्वजनिक इनपुट कलेक्ट करने की कार्यप्रणालियाँ

75. Meta को नियमित रिव्यू के लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया बनानी चाहिए, जिसमें किसी विशिष्ट दावे के आकलन को चुनौती देने की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों और संगठनों के लिए साधन उपलब्ध कराना शामिल हैं (जैसे कि सार्वजनिक कमेंट और वर्चुअल सलाह-मशविरे के लिए हेल्प सेंटर पेज पर एक लिंक देकर). बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta, सार्वजनिक फ़ीडबैक लेने के लिए एक तरीका बनाएगा और बोर्ड को अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं पर उस फ़ीडबैक के असर की जानकारी देगा.

सुझाव 1D: इस बारे में मार्गदर्शन कि किस तरह की जानकारी पर विचार किया जाना चाहिए और उसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए

76. Meta को दावों का रिव्यू करते समय, स्वास्थ्य से जुड़ी इस तरह की गलत जानकारी को ऑनलाइन फैलने और उसके असर पर किए गए नए शोध को शामिल करना चाहिए. इसमें Meta के पास उपलब्ध जाँच करने के अलग-अलग तरीकों के असर पर किए गए आंतरिक शोध को भी शामिल करना चाहिए जिसमें निष्कासन, फ़ैक्ट-चेकिंग, डिमोशन, और न्यूट्रल लेबल शामिल हैं. कंपनी को उन सभी क्षेत्रों में वैश्विक महामारी की स्थिति पर विचार करना चाहिए जहाँ वह अपनी सेवाएँ देती है. इन क्षेत्रों में कंपनी को ख़ास ध्यान देना चाहिए - वे क्षेत्र जहाँ कंपनी के प्रोडक्ट जानकारी का मुख्य सोर्स हैं, जहाँ डिजिटल तरीके से काम करने वाले लोग कम हैं, नागरिक समाज कम है, सूचना के विश्वसनीय स्रोतों की कमी है, और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा नहीं है. Meta को इन दावों को लागू किए जाने से जुड़े असर की भी जाँच करनी चाहिए. अगर जानकारी पहले से उपलब्ध नहीं है, तो Meta को यह जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए कि कौन-से दावों पर ज़रूरत से ज़्यादा या ज़रूरत से कम एन्फ़ोर्समेंट की समस्या हुई है. इस जानकारी में यह सूचना दी जानी चाहिए कि क्या दावे को हटाया जाना जारी रखा जाना चाहिए या अन्य तरीकों का इस्तेमाल करके उसका समाधान किया जाना चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपने पॉलिसी एन्फ़ोर्समेंट रिव्यू का डेटा शेयर करेगा और इस जानकारी को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करेगा.

सुझाव 1E: फ़ैसले के बारे में पारदर्शिता रखने के बारे में मार्गदर्शन

77. किस तरह के विशेषज्ञों से सलाह ली गई, उनके इनपुट, विचार में शामिल आंतरिक और बाहरी शोध और जानकारी ने विश्लेषण के परिणाम को कैसे प्रभावित किया, इस बारे में पारदर्शिता के लिए Meta को हर दावे पर किए गए अपने फ़ैसले के आधार के बारे में बोर्ड को जानकारी देनी चाहिए. जानकारी में विशेष रूप से किसी दावे को हटाना जारी रखने के कंपनी के फ़ैसले का आधार शामिल होना चाहिए. Meta को यह भी खुलासा करना चाहिए कि अगर फ़ैसला लेने में सरकारी कर्मचारियों या एंटिटी की कोई भूमिका है, तो वह क्या है. अगर कंपनी किसी ख़ास दावे को हटाने के फ़ैसले को वापस लेती है, तो कंपनी को उस फ़ैसले के आधार के बारे में बताना चाहिए (इसमें शामिल हैं: (a) किस इनपुट ने कंपनी को यह फ़ैसला लेने के लिए प्रेरित किया कि दावा अब झूठा नहीं है; (b) किस सोर्स के कौन-से इनपुट ने कंपनी को यह फ़ैसला करने के लिए प्रेरित किया कि दावे से अब जान-माल के तुरंत नुकसान का सीधा खतरा नहीं है और क्या यह मूल्यांकन सबसे कम वैक्सीनेशन दर और सार्वजनिक स्वास्थ्य इंफ़्रास्ट्रक्चर के कम रिसोर्स वाले देशों में किया गया है; (c) क्या कंपनी ने पाया कि उसके एन्फ़ोर्समेंट सिस्टम से किसी ख़ास दावे पर ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट हुआ; (d) क्या कंपनी ने पाया है कि प्लेटफ़ॉर्म पर दावा अब प्रचलित नहीं है.) बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपनी पॉलिसी मूल्यांकन प्रक्रिया का आकलन शेयर करेगा. इस जानकारी को उन वजहों के हिसाब से होना चाहिए जो पॉलिसी में किए गए किसी भी बदलाव के लिए हेल्प सेंटर की पोस्ट में सार्वजनिक रूप से बताई गई हैं. जैसा कि इस सुझाव के पहले पैराग्राफ़ में बताया गया है.

78. सुझाव 2:Meta को तुरंत उन वजहों के बारे में स्पष्ट बताना चाहिए कि क्यों हटाने योग्य दावों की हर कैटेगरी से "जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका है." बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा, जब Meta इस वजह को बताने के लिए हेल्प सेंटर के पेज में बदलाव करेगा.

79. फ़िलहाल, हेल्प सेंटर पेज किसी ख़ास दावे और इस बात के बीच संबंध का एक उदाहरण देता है कि क्यों और कैसे यह "वायरस से संपर्क या उसके फैलने की आशंका को बढ़ाकर या वैश्विक महामारी से निपटने की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की क्षमता पर प्रतिकूल असर डालकर” जान-माल के तुरंत नुकसान के खतरे को बढ़ाता है. फिर वही पेज गलत जानकारी की पाँच कैटेगरी की पहचान करता है, जो Meta के अनुसार "जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका" स्टैंडर्ड को पूरा करती हैं. हालाँकि, हेल्प सेंटर पेज से ठीक तरीके से यह पता नहीं चलता है कि हटाने योग्य दावों की हर कैटेगरी पहले से तय स्टैंडर्ड को कैसे पूरा करती है. Meta को साफ़ तौर पर यह बताना चाहिए कि किस तरह दावों की हर कैटेगरी से जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका है और कंपनी ने उस नतीजे पर पहुँचने के लिए किन जानकारी के किन सोर्स पर भरोसा किया.

80. सुझाव 3: Meta को अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी पॉलिसी को यह समझाते हुए स्पष्ट करना चाहिए कि जानकारी "गलत" होने का मतलब है कि जब हाल ही में पॉलिसी का फिर से मूल्यांकन किया गया था, तब जो सबसे अच्छे प्रमाण मौजूद थे, उनके अनुसार जानकारी गलत है. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta प्रासंगिक हेल्प सेंटर पेज में पॉलिसी को स्पष्ट करेगा.

81. कम से कम दो बार, मौजूदा जानकारी में बदलाव होने पर Meta को दावों में बदलाव करना पड़ा है या महामारी फैलने से दावा गलत या अधूरा रह गया है. गलतियाँ हो सकती हैं, नया डेटा या शोध मौजूदा फ़ैसले को चुनौती दे सकती है या दावे की परिभाषा में बदलाव की ज़रूरत पड़ सकती है. इस वास्तविकता को देखते हुए और यह स्पष्ट करने के लिए कि Meta समझता है कि इस आकलन का लगातार पुनः मूल्यांकन करना उसकी ज़िम्मेदारी है कि ख़ास दावे उसकी पॉलिसी के व्यापक स्टैंडर्ड को पूरा करते हैं, Meta को पॉलिसी को स्पष्ट करके यह बताना चाहिए कि मूल्यांकन मौजूदा समय में उपलब्ध सबसे सही प्रमाणों पर आधारित है और समय के साथ इसमें बदलाव हो सकता है.

एनफ़ोर्समेंट से जुड़े सुझाव

82. सुझाव 4: जब WHO, COVID-19 से जुड़ी वैश्विक स्वास्थ्य आपातकालीन स्थिति को हटाएगा, तो पॉलिसी से जुड़े इस फ़ैसले और पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय से जुड़े अन्य सुझावों के हिसाब से, Meta को ज़रूरी उपायों की पहचान करने के लिए तुरंत एक जोखिम आकलन प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. हालाँकि, इस दौरान हो सकता है कि अन्य स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएँ COVID-19 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल ही मानते रहें. इस प्रक्रिया का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर अभिव्यक्ति की आज़ादी के सामान्य अधिकार से समझौता किए बिना, महत्वपूर्ण और वास्तविक जीवन के नुकसान में योगदान करने वाली नुकसानदेह गलत जानकारी से निपटने वाले उपायों को अपनाने पर होना चाहिए. जोखिम आकलन मेंं ये चीज़ें शामिल होनी चाहिए: (1) डिज़ाइन से जुड़े फ़ैसलों और अलग-अलग पॉलिसी और उसके क्रियान्वयन विकल्पों का एक सही मूल्यांकन; (2) अभिव्यक्ति की आज़ादी, स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार और अन्य मानवाधिकारों पर उनके संबंधित प्रभाव; और (3) स्थानीयकृत एन्फ़ोर्समेंट दृष्टिकोण की व्यवहार्यता का आकलन. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta सार्वजनिक रूप से अपनी योजनाओं के बारे में बताएगा कि वह जोखिम आकलन कैसे करेगा और जोखिम का पता लगाने और उसे कम करने के लिए आकलन प्रक्रिया की जानकारी देगा. साथ ही, इस जानकारी के साथ हेल्प सेंटर पेज को अपडेट करेगा.

83. सुझाव 5: Meta को आंतरिक क्रियान्वयन गाइडलाइन का अनुवाद उन सभी भाषाओं में करवाना चाहिए जिनमें कंपनी के प्लेटफ़ॉर्म काम करते हैं. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपनी आंतरिक क्रियान्वयन गाइडलाइन का अनुवाद करेगा और इस बारे में बोर्ड को बताएगा.

84. कंटेंट मॉडरेटर्स के पास आंतरिक क्रियान्वयन गाइडलाइन की व्यापक एक्सेस होती है जो उल्लंघन करने वाले कंटेंट और ऐसे कंटेंट की पहचान करने के तरीके के बारे में अतिरिक्त जानकारी देती हैं जो स्थापित अपवादों (जैसे, हास्य, व्यंग्य, निजी अनुभव, राय) में से एक के तहत प्लेटफ़ॉर्म पर बने रहना चाहिए. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लगातार एन्फ़ोर्समेंट करने के लिए, Meta को यह ज़रूर पक्का करना चाहिए कि ये गाइडलाइन मॉडरेटर्स को मिलें और वे इन्हें एक्सेस कर सकें. साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि गाइडलाइन मॉडरेटर्स की भाषा में दी जाएँ.

85. बोर्ड ने पहले सुझाव दिया था कि Meta अपनी आंतरिक क्रियान्वयन गाइडलाइन को मॉडरेटर्स को उसी भाषा में अनुवाद करके दे जिसमें वे कंटेंट का रिव्यू करते हैं ("अरबी शब्दों को स्वीकार्य उपयोग में लाना" [ 2022-003-IG-UA]; और "म्यांमार बॉट" [ 2021-007-FB-UA] केस के फ़ैसले देखें). बोर्ड को दिए जवाब में, Meta ने कहा कि “अगर आंतरिक क्रियान्वयन गाइडलाइन का एक सेट उस भाषा में [हो] जिसे हमारे सभी कंटेंट रिव्यूअर धाराप्रवाह बोलते हैं...तो हमारी तेज़ी से विकसित होती पॉलिसी को वैश्विक स्तर पर स्टैंडर्ड के साथ एन्फ़ोर्समेंट करने का यह सबसे अच्छा तरीका है... इस मार्गदर्शन में तेज़ी से बदलाव होता रहता है (इसे नए स्पष्टीकरणों, परिभाषाओं और बाज़ार विशिष्ट गालियों सहित भाषा से अपडेट किया जाता है) इसलिए, अनुवाद पर पूरी तरह से निर्भर रहने पर हो सकता है कि कुछ चीज़ें छूट जाएँ और उसका गलत मतलब निकाल लिया जाए.”

86. चूँकि Meta ने उपरोक्त जवाब दिया, इज़राइल और फ़िलिस्तीन में Meta की पॉलिसी के उसके एन्फ़ोर्समेंट के एक स्वतंत्र आकलन में पाया गया कि कंटेंट मॉडरेटर्स के बीच भाषा न समझ पाने की समस्या एक बड़ी वजह है कि अरबी भाषा में Meta की पॉलिसी का ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट हुआ है (बिज़नेस फ़ॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी का “मई 2021 में इज़राइल और फ़िलिस्तीन में Meta के असर का मानवाधिकार सम्यक तत्परता आकलन” देखें). इस निष्कर्ष को देखते हुए और आंतरिक गाइडलाइन की जटिलता और कंटेंट मॉडरेटर्स को बताई जाने वाली छोटी-छोटी व्याख्या पर विचार करते हुए, बोर्ड का मानना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी के ज़्यादा या कम एन्फ़ोर्समेंट का खतरा वास्तविक है. Meta को यह पक्का करना चाहिए कि उसकी पॉलिसी सभी भाषाओं और क्षेत्रों में एक जैसी लागू हो, ताकि इन जोखिमों को कम किया जा सके.

87. सुझाव 6: फ़ैक्ट-चेक लेबल के लिए यूज़र की अपील को किसी दूसरे फ़ैक्ट-चेकर को रिव्यू करना चाहिए. जिन्होंने पहले जाँच की है, उन्हें दोबारा फ़ैक्ट-चेक नहीं करना चाहिए. निष्पक्षता पक्की करने और उन यूज़र्स को एक्सेस देने के लिए जिन्होंने अपने कंटेंट के फ़ैक्ट चेक करवा लिए हैं, Meta को अपनी प्रक्रिया में बदलाव करना चाहिए ताकि यह पक्का किया जा सके कि कोई और फ़ैक्ट-चेकर जिसने पहले से ही दिए गए दावे का आकलन नहीं किया है, लेबल लागू करने के फ़ैसले का मूल्यांकन कर सकता है.बोर्ड इस सुझाव को तभी लागू मानेगा जब Meta यूज़र्स को किसी और फ़ैक्ट-चेकर से अपील करने की सुविधा देगा और जब वह अपनी फ़ैक्ट-चेकिंग पॉलिसी को इस नई अपील वाले सिस्टम से अपडेट करेगा.

88. सुझाव 7: Meta को ऐसी प्रोफ़ाइल (सिर्फ़ पेज और ग्रुप ही नहीं) की परमिशन देनी चाहिए जिनमें Meta की गलत जानकारी संबंधी पॉलिसी को लागू करने वाले थर्ड पार्टी फ़ैक्ट-चेकर्स की ओर से कंटेंट लेबल किया गया है, ताकि प्रोडक्ट अंतर्गत अपील की सुविधा के ज़रिए किसी अन्य फ़ैक्ट-चेकर से लेबल के खिलाफ़ अपील की जा सके. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपील करने वाले फ़ीचर को सभी मार्केट में प्रोफ़ाइल के लिए रोल आउट करेगा और एन्फ़ोर्समेंट डेटा के ज़रिए यह बताएगा कि यूज़र्स फ़ैक्ट-चेक लेबल के खिलाफ़ अपील कर सकते हैं.

89. यूज़र अपील, गड़बड़ी को ठीक करने के लिए एक मुख्य सुविधा है और साथ ही इससे यह पक्का किया जा सकता है कि यूज़र के पास निदान की एक्सेस का अधिकार है. फ़ैक्ट-चेकर्स ऐसे कंटेंट को रिव्यू करते हैं जिनकी जटिलता बहुत अलग-अलग होती है, जो तकनीकी कंटेंट होता है और जिनका संदर्भ बहुत अलग-अलग होता है. कुछ गड़बड़ियाँ टाली नहीं जा सकतीं. एक सार्वजनिक कमेंट में यह चिंता जताई गई कि फ़ैक्ट-चेकर्स के पास प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर किए गए जटिल वैज्ञानिक लेखों का फ़ैक्ट-चेक करने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी ज्ञान नहीं है. फ़ैक्ट-चेक लेबल के यूज़र्स के लिए कुछ परिणाम होते हैं. जब कोई फ़ैक्ट-चेकर, कंटेंट पर लेबल लगाता है, तो कंटेंट पर "गलत" या "बदला हुआ" लेबल होने की वजह से स्ट्राइक हो सकती है. कई स्ट्राइक होने पर, उस प्रोफ़ाइल से शेयर किए गए कंटेंट का डिमोशन हो जाएगा और उसे मिलने वाले फ़ीचर्स कम हो जाएँगे. इस सुझाव का क्रियान्वयन होने पर यूज़र्स, फ़ैक्ट-चेकर्स को सूचित कर सकेंगे कि गलती हो गई है और वे रिव्यू आसान बनाने के लिए अतिरिक्त जानकारी शेयर कर पाएँगे.

90. सुझाव 8: Meta को दुनिया भर में डिजिटल साक्षरता प्रोग्राम्स में अपने निवेश को बढ़ाना चाहिए. इसमें उन देशों को प्राथमिकता देनी चाहिए जहाँ मीडिया की कम आज़ादी के संकेत मिलते हैं (जैसे, फ़्रीडम हाउस की ओर से प्रेस की आज़ादी का स्कोर) और सोशल मीडिया का उपयोग ज़्यादा है. इन निवेशों में साक्षरता के लिए ज़रूरत के अनुसार तैयार की गई ट्रेनिंग भी होनी चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपने बढ़े हुए निवेश पर एक लेख प्रकाशित करेगा, निवेश की गई रकम के बारे में बताएगा, प्रोग्राम की प्रकृति बताएगा, यह बताएगा कि किन देशों में इसे चलाया गया है और इस तरह के प्रोग्राम्स के असर के बारे में जानकारी देगा.

91. Meta ने बोर्ड को एक सवाल के जवाब में सूचित किया कि पिछले तीन वर्षों में कंपनी ने "मीडिया साक्षरता कौशल में सुधार करने और शेयर होने वाली गलत जानकारी की मात्रा को कम करने के लिए" सत्तर लाख अमेरिकी डॉलर से ज़्यादा का निवेश किया है. Meta की ओर से प्रदान किए गएसोर्स के अनुसार, ये निवेश ज़्यादातर अमेरिका में किए गए थे. मीडिया की समझ पर केंद्रित सोशल मीडिया कैंपेन या विज्ञापन देने के लिए Meta ने अन्य देशों के संगठनों के साथ भागीदारी की है.

92. अमेरिका में मीडिया साक्षरता कार्यक्रमों (एक कार्यक्रम PEN America के साथ पार्टनरशिप में और दूसरा Poynter Institute के साथ) में Meta के निवेश के असर का मूल्यांकन करने वाली स्टडीज़ में पाया गया कि ऑनलाइन जानकारी का मूल्यांकन करने की प्रतिभागियों की क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. जैसे कि COVID-19 संबंधी गलत जानकारी का पता लगाने की प्रतिभागियों की क्षमता में सुधार हुआ जिसका औसत इस उपाय से पहले 53% था जो बढ़कर 82% हो गया. वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए मीडिया साक्षरता कार्यक्रम से, कोर्स लेने के बाद हेडलाइन को सही या गलत के रूप में पहचानने की प्रतिभागियों की क्षमता में 22% सुधार हुआ.

93. सुझाव 9: सिंगल अकाउंट और Meta की एंटिटी के नेटवर्क के लिए जो गलत जानकारी संबंधी पॉलिसी का बार-बार उल्लंघन करते हैं, Meta को अपने नए प्रचारित पेनल्टी सिस्टम के असर पर किए गए मौजूदा शोध या नए शोध को शेयर करना चाहिए. इसमें ऐसा डेटा शामिल है जिससे यह पता चलता है कि उल्लंघनों को रोकने के लिए इस सिस्टम को कैसे डिज़ाइन किया गया है. इस शोध में स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी के कैंपेन का प्रसार करने या उनका समन्वय करने वाले अकाउंट्स का विश्लेषण शामिल होना चाहिए. आकलन में नुकसानदेह और झूठी या गुमराह करने वाली जानकारी शेयर करने के आर्थिक प्रेरकों/फ़ायदों का समाधान करने में Meta द्वारा वर्तमान में उपयोग की जा रही डिमॉनेटाइज़ेशन पेनल्टी की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाना चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta इस शोध के नतीजे बोर्ड के साथ शेयर करेगा और ट्रांसपेरेंसी सेंटर में नतीजों का सार बताएगा.

ट्रांसपेरेंसी पर सुझाव

94. सुझाव 10: Meta को मानवाधिकारों पर असर का आकलन करवाकर यह देखना चाहिए कि Meta की न्यूज़फ़ीड, सुझाव देने वाला एल्गोरिदम और अन्य डिज़ाइन फ़ीचर्स स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी और उसके असर को बढ़ाते हैं. इस आकलन से फ़ीड-रैंकिंग एल्गोरिदम में प्रमुख कारकों की जानकारी मिलनी चाहिए जो स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी को बढ़ाने में योगदान करते हैं. साथ ही यह जानकारी भी मिलनी चाहिए कि Meta के एल्गोरिदम से किस तरह की गलत जानकारी को बढ़ावा मिल सकता है और कौन-से ग्रुप इस तरह की गलत जानकारी के प्रति अतिसंवेदनशील हैं (और क्या वे Meta के डिज़ाइन विकल्पों से विशेष रूप से टार्गेट होते हैं). आकलन में ऐसे पुराने शोध को भी सार्वजनिक करना चाहिए जिसे Meta ने पहले किया था और जो स्वास्थ्य से जुड़ी गलत जानकारी को बढ़ाने में उसके एल्गोरिदम और डिजाइन विकल्पों के असर का मूल्यांकन करती है. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta मानवाधिकारों के असर का आकलन प्रकाशित करेगा, जिसमें इस तरह का विश्लेषण शामिल हो.

95. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में Meta की ओर से गलत जानकारी को हटाने और उसे थर्ड पार्टी फ़ैक्ट चेकिंग प्रोग्राम सहित COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी पर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की प्रतिक्रियाओं को "आम तौर पर सकारात्मक" लेकिन गलत जानकारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए "अपर्याप्त" बताया गया है. विशेष रैपर्टर ने "बिज़नेस मॉडल के गंभीर रिव्यू की आवश्यकता को हाइलाइट किया, जिससे झूठी जानकारी और गलत सूचना फैलाने वाले अधिकांश लोगों को सहारा मिलता है." ( A/HRC/47/25, पैरा. 65-67.)

96. बोर्ड चिंतित है कि Meta ने इस बारे में मानवाधिकारों पर असर का आकलन नहीं किया है कि उसके प्लेटफ़ॉर्म की डिज़ाइन के फ़ीचर्स और वर्तमान उपाय सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों को कैसे प्रभावित करते हैं, जैसे कि जीवन का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, जानकारी की एक्सेस और वैश्विक महामारी और संबंधित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के प्रति विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति. Meta को यह पक्का करना चाहिए कि उसके पास मानवाधिकारों पर पड़ने वाले संभावित असर का ठीक से आकलन करने के लिए ज़रूरी सभी जानकारी की एक्सेस है. पर्याप्त और एक्सेस योग्य जानकारी, ज़रूरी वैक्सीन, दवाओं और उपचारों की एक्सेस में विषमता और दुनिया भर में कंटेंट मॉडरेशन के लिए उपलब्ध रिसोर्स को देखते हुए, COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के प्रसार से उत्पन्न खतरा का आकलन करने के लिए मानवाधिकार के असर का आकलन ज़रूरी है. ऐसी गलत जानकारी से दुनिया भर में Meta के प्रोडक्ट में जान-माल का तुरंत नुकसान हो सकता है.

97. सुझाव 11: Meta को कंपनी की सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत हटाए जाने वाले दावों की पूरी लिस्ट देते हुए हेल्प सेंटर पेज पर एक परिवर्तन लॉग जोड़ना चाहिए.बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब हेल्प सेंटर पेज में परिवर्तन लॉग जोड़ दिया जाएगा.

98. कम्युनिटी स्टैंडर्ड, लागू की जा रही पॉलिसी में बदलाव के बारे में यूज़र्स को सचेत करने के लिए एक परिवर्तन लॉग देते हैं. हालाँकि, हेल्प सेंटर पेज में ऐसे विशिष्ट दावे शामिल हैं जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत हटाया जाता है, लेकिन पॉलिसी में परिवर्तन लॉग या ऐसी कोई सुविधा यूज़र्स को नहीं मिलती है, जिससे यूज़र्स को यह पता चले कि दावों की लिस्ट कब अपडेट हुई है या संशोधित की गई है. इसलिए, हटाए जाने वाले दावों में कुछ भी जोड़े या हटाए जाने पर उसे ट्रैक करना मुश्किल है.

99. Meta ने बोर्ड को सूचित किया कि मार्च 2020 से अक्टूबर 2022 के बीच, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत हटाए जाने वाले दावों की लिस्ट में कई दावे जोड़े गए हैं और कुछ दावों को हटा दिया गया है या उनमें बदलाव किया गया है.

100. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में कहा गया है कि सभी व्यक्तियों के पास "सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के बारे में जानने के लिए ज़रूरी संचार के साधनों की वास्तविक एक्सेस" होनी चाहिए” ( A/HRC/44/49, पैरा. 63(b)). हेल्प सेंटर में परिवर्तन लॉग जोड़ना, वैधानिकता के सिद्धांत के अनुसार ठीक होगा और इससे यूज़र्स को उनके विशिष्ट दावे हटाए जाने पर उसकी साफ़ जानकारी मिलेगी. दावों की लिस्ट कैसे बनाई जाती है, इस बारे में ज़्यादा पारदर्शिता से यूज़र्स को फ़ायदा मिलेगा क्योंकि COVID-19 वैश्विक महामारी के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर असर के बारे में वैज्ञानिक सहमति और समझ विकसित होती जा रही है.

101. हेल्प सेंटर में परिवर्तन लॉग के जुड़ने से अलग नज़रिया रखने वाले यूज़र को पहले और दूसरे सुझाव के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाओं द्वारा झूठा होने या जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका वाले कंटेंट के रूप में आकलन को चुनौती देने में भी मदद मिलेगी. यह दृष्टिकोण सार्वजनिक स्वास्थ्य के संबंध में Meta की मानवाधिकार संबंधी ज़िम्मेदारी का समाधान करेगा और असंतुष्ट लोगों को उन दावों का विरोध करने की सुविधा देगा जिनसे वे असहमत हैं.

102. सुझाव 12: Meta को तिमाही एन्फ़ोर्समेंट रिपोर्ट में गलत जानकारी पर तिमाही एन्फ़ोर्समेंट डेटा मुहैया कराना चाहिए, जिसे गलत जानकारी के प्रकारों (अर्थात जान-माल का नुकसान या हिंसा, स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाली गलत जानकारी, मतदान या जनगणना में बाधा या हेर-फेर किया गया मीडिया) और देश और भाषा के अनुसार बाँटा गया हो. इस डेटा में अपील की संख्या और रीस्टोर किए गए कंटेंट की संख्या के बारे में जानकारी शामिल होनी चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta कंपनी की एन्फ़ोर्समेंट रिपोर्ट में गलत जानकारी की पॉलिसी से जुड़ा एन्फ़ोर्समेंट डेटा शामिल करना शुरू करेगा.

103. कम्युनिटी स्टैंडर्ड एन्फ़ोर्समेंट रिपोर्ट (CSER) जिसे Meta हर तिमाही में रिलीज़ करता है, दिखाती है कि तरह-तरह के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत कितने कंटेंट पर कार्रवाई की गई थी. हालाँकि, इस रिपोर्ट में कंपनी की गलत जानकारी की पॉलिसी पर कोई भी एन्फ़ोर्समेंट डेटा शामिल नहीं होता. बोर्ड समझता है कि ऐसा आंशिक रूप से इसलिए है क्योंकि गलत जानकारी के कम्युनिटी स्टैंडर्ड की औपचारिक रूप से स्थापना मार्च 2022 में की गई थी. Meta ने बोर्ड को सूचित किया कि कंपनी के पास उसके प्लेटफ़ॉर्म पर COVID-19 संबंधी गलत जानकारी की व्यापकता का कोई डेटा नहीं है. Meta के मुताबिक, ऐसा COVID-19 की गलत जानकारी कहलाने वाले कंटेंट की बदलती परिभाषाओं के साथ-साथ पॉलिसी की व्यापकता के पहले और बाद की स्थिति के बीच सार्थक तुलना न हो पाने की वजह से है.

104. हालाँकि, Meta, छोटे-छोटे सबसेट के लिए कम समयावधि के लिए व्यापकता को मापने में सक्षम रहा है. कंपनी के मुताबिक 1 मार्च, 2022 और 21 मार्च, 2022 के बीच, अमेरिका में COVID-19 संबंधी कंटेंट में Facebook पोस्ट के 1-2% व्यू शामिल थे. इन व्यूज़ के बीच, Meta का अनुमान है कि लगभग 0.1% व्यू उस कंटेंट से संबंधित हैं जो गलत जानकारी और नुकसान की पॉलिसी का उल्लंघन करता है.

105. बोर्ड को दुनिया भर के स्टेकहोल्डर्स से कई कमेंट मिले, जिनमें हाइलाइट किया गया कि दूसरे प्रासंगिक डेटा पॉइंट के अलावा, गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत कार्रवाई किए गए कंटेंट की संख्या पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी की कमी से शोधकर्ताओं और स्टेकहोल्डर्स के लिए COVID-19 संबंधी गलत जानकारी पर Meta की मौजूदा प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की क्षमता कमज़ोर होती है. Meta को यह मूल्यांकन करने के लिए डेटा मुहैया कराना होगा कि पॉलिसी के एन्फ़ोर्समेंट से बहुत सारे फ़ाल्स पॉज़िटिव तो नहीं बन गए हैं और क्या ज़रूरत से ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट का जोखिम कम करने के लिए उनमें बदलाव करने की ज़रूरत है. इस संबंध में, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में “डेटा की एक्सेस और पारदर्शिता की कमी को हाइलाइट किया गया जिससे ऑनलाइन गलत जानकारी से निपटने के उपायों की प्रभावशीलता” के निष्पक्ष आकलन में बाधा आती है. इससे स्टेकहोल्डर्स को यह भी पता नहीं चलता कि क्या पॉलिसी पूरी दुनिया में एकसमान रूप से लागू की गई हैं. ( A/HRC/47/25, पैरा. 65).

106. बोर्ड ने पहले सुझाव दिया था कि Meta अपनी कम्युनिटी स्टैंडर्ड एन्फ़ोर्समेंट रिपोर्ट के डेटा को देश और भाषा के हिसाब से अलग-अलग करे (“भारत में RSS पर पंजाबी चिंता,” [ 2021-003-FB-UA] केस का फ़ैसला, पहला सुझाव). अपनी प्रतिक्रिया में, Meta ने अपने मीट्रिक बदलने का वादा किया है और 2023 के आखिर तक उन्हें लॉन्च करने का लक्ष्य तय किया है. एन्फ़ोर्समेंट डेटा को देश या भाषा के हिसाब से अलग-अलग करना दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में समस्या के दायरे और कंपनी के एन्फ़ोर्समेंट उपायों की संबंधित प्रभावशीलता को समझने के लिए बेहद ज़रूरी है. बोर्ड और, महत्वपूर्ण रूप से, Meta के स्टेकहोल्डर्स COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के समाधान के लिए कंपनी की मौजूदा वैश्विक पॉलिसी और एन्फ़ोर्समेंट दृष्टिकोण की प्रभावशीलता को पूरी तरह से और सार्थक रूप से समझ नहीं पाते हैं क्योंकि ऐसा कोई प्रासंगिक डेटा मौजूद नहीं है जिनसे शोधकर्ता और नागरिक समाज कंपनी की कोशिशों का मूल्यांकन कर पाए.

107. सुझाव 13:Meta को अपनी “कम्युनिटी स्टैंडर्ड एन्फ़ोर्समेंट रिपोर्ट” में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी संबंधी पॉलिसी के उल्लंघनों के लिए कंटेंट का रिव्यू करने के सरकारी अनुरोधों की रिपोर्ट करने के लिए एक सेक्शन बनाना चाहिए. इस रिपोर्ट में देश और सरकारी एजेंसी द्वारा किए गए रिव्यू और हटाने के अनुरोधों की संख्या और Meta द्वारा मंज़ूरी या नामंज़ूरी की संख्या की जानकारी शामिल होनी चाहिए. बोर्ड इसे तब लागू मानेगा जब Meta अपनी “कम्युनिटी स्टैंडर्ड एन्फ़ोर्समेंट रिपोर्ट” के एक अलग सेक्शन में ऐसे सरकारी अनुरोधों की जानकारी प्रकाशित करेगा जिनके आधार पर इस तरह के पॉलिसी उल्लंघन के कारण कंटेंट को हटाया गया है.

108. "यूके ड्रिल म्यूज़िक” केस [ 2022-007-IG-MR] में, बोर्ड ने सुझाव दिया था कि Meta “कम्युनिटी स्टैंडर्ड के उल्लंघनों के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा किए गए रिव्यू और हटाने के अनुरोधों का डेटा प्रकाशित करे.” जब COVID-19 वैश्विक महामारी अपने चरम पर थी, तब इस बारे में चिंताएँ जताई गई थीं कि Meta सरकारों के कहने पर COVID-19 संबंधी कंटेंट का रिव्यू कर रहा है. यह ट्रेंड उन देशों में बढ़ सकता है जहाँ सरकारें उन शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों या मानवाधिकार रक्षकों, जो सरकारी पॉलिसी की आलोचना करते हैं, पर नकेल कसने या सार्वजनिक बहस को दबाने के लिए ऐसे अनुरोध करती हैं. वैश्विक महामारी के दौरान, शांतिपूर्ण सभा और संगठित होने की आज़ादी के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में दुनिया भर की सरकारों के बारे में चिंता जताई गई है कि वे वैश्विक महामारी का इस्तेमाल आपातकाल की स्थिति लागू करने या अन्यथा उचित प्रक्रिया आवश्यकताओं और लोकतांत्रिक समाज में निहित संस्थागत नियंत्रण और संतुलन को बाधित करने के बहाने के रूप में कर रही हैं. इससे मौलिक मानवाधिकार प्रभावित हुए, जैसे कि शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार ( A/HRC/50/42, पैरा. 18; A/77/171, पैरा. 40, 67). सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत कंटेंट का रिव्यू करने के सरकारी अनुरोधों पर एक विस्तृत रिपोर्ट से यूज़र को वैधानिकता के सिद्धांत के अनुरूप, विशेष रूप से कमज़ोर नागरिक समाज के जोखिम वाले देशों में, उचित प्रक्रिया मिल जाएगी.

109. शांतिपूर्ण सभा और संगठित होने की आज़ादी के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में सुझाव दिया था कि तकनीकी कंपनियों को यह पक्का करना होगा कि सरकारें उनके प्रोडक्ट का इस्तेमाल “अधिकारों का समर्थन करने वाले सामाजिक आंदोलन कार्यकर्ताओं” पर नज़र रखने या उन्हें नियंत्रित करने के लिए नहीं कर रही हैं (A/77/171, पैरा. 71). बोर्ड कंपनी की कॉर्पोरेट मानवाधिकार पॉलिसी में बताए गए अनुसार सरकारों से ऑनलाइन उत्पीड़न, निगरानी और सेंसरशिप की मांगों के खिलाफ़ मानवाधिकार रक्षकों को सशक्त बनाने के लिए Meta की प्रतिबद्धता की सराहना करता है. Meta के गलत जानकारी के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत कंटेंट का रिव्यू करने और/या उसे हटाने के सरकारी अनुरोधों पर पारदर्शिता रखने से यह प्रतिबद्धता प्रदर्शित होगी.

110. सुझाव 14: Meta को यह पक्का करना चाहिए कि मौजूदा शोध टूल, जैसे कि CrowdTangle और Facebook Open Research and Transparency (FORT) शोध करने वालों को उपलब्ध कराए जाते रहें. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta शोध करने वालों को इन टूल के ज़रिए डेटा शेयर करने की अपनी प्रतिबद्धता सार्वजनिक रूप से जताएगा.

111. सुझाव 15: Meta को बाहरी शोधकर्ताओं के लिए गैर-सार्वजनिक डेटा की एक्सेस दिलाने के लिए स्वतंत्र रूप से COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को हटाने और कम वितरण से संबंधित नीतिगत हस्तक्षेपों के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक रास्ता बनाना चाहिए, वहीं यह भी पक्का करना चाहिए कि ये रास्ते Meta के यूज़र और प्लेटफ़ॉर्म पर और उससे बाहर मौजूद लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा करें. इस डेटा में ऐसे मीट्रिक शामिल होने चाहिए जो पहले उपलब्ध नहीं कराए गए थे, जिनमें COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के हस्तक्षेपों को लेकर कई बार उल्लंघन की दर शामिल होनी चाहिए. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta इन डेटासेट को बाहरी शोधकर्ताओं को उपलब्ध करा देगा और बोर्ड को इसकी पुष्टि करेगा.

112. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर ने गलत जानकारी का समाधान करने में कठिनाई का उल्लेख किया, जो आंशिक रूप से इसलिए थी क्योंकि सार्वजनिक रूप से ऐसी पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है जो यूज़र्स, शोधकर्ताओं और कार्यकर्ताओं को समस्या की प्रकृति समझने और उसे स्पष्ट करने की सुविधा देगी ( A/HRC/47/25, पैरा. 3, 67, 81). इसके लिए, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर ने “शोध, पॉलिसी निर्माण, निगरानी और मूल्यांकन" के लिए डेटा उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है” (A/HRC/47/25, पैरा. 104).

113. CrowdTangle एक ऐसा टूल है जिसका उपयोग बाहरी शोधकर्ता "Facebook और Instagram पर प्रभावशाली पब्लिक अकाउंट और ग्रुप्स" को ट्रैक करने और गलत जानकारियों सहित प्रासंगिक ट्रेंड का विश्लेषण करने के लिए कर सकते हैं. इस टूल के डेटाबेस में सभी वेरिफ़ाई किए गए/पब्लिक यूज़र, प्रोफ़ाइल और अकाउंट शामिल हैं, जैसे कि राजनेताओं, पत्रकारों, मीडिया और प्रकाशकों, सेलिब्रिटी, खेल टीमों और अन्य सार्वजनिक हस्तियों के अकाउंट. इसमें देश के आधार पर एक निश्चित आकार सीमा से बड़े पब्लिक ग्रुप और पेज भी शामिल हैं. इसका डेटा बताता है कि कंटेंट किस तारीख को पोस्ट हुआ और उसका प्रकार क्या है, किस पेज, अकाउंट या ग्रुप ने वह कंटेट शेयर किया, कंटेंट के साथ कितना और किस तरह का इंटरैक्शन हुआ और दूसरे कौन-कौन से अन्य पब्लिक पेज या अकाउंट ने उसे शेयर किया है. यह कंटेंट की पहुँच, निजी अकाउंट द्वारा पोस्ट किए गए डेटा या कंटेंट, पेमेंट वाले या बूस्ट किए गए कंटेंट या कंटेंट के साथ इंटरैक्ट करने वाले यूज़र्स की डेमोग्राफ़िक जानकारी को ट्रैक नहीं करता है. CrowdTangle के पास सत्तर लाख से भी ज़्यादा Facebook पेज, ग्रुप और वेरिफ़ाई की गई प्रोफ़ाइल और बीस लाख से भी ज़्यादा पब्लिक Instagram अकाउंट का डेटा है.

114. 2022 में, न्यूज़ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि Meta, CrowdTangle को खत्म करने वाला है. हालाँकि Meta ने सार्वजनिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन बोर्ड ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि कंपनी को शोध टूल को बंद करने के बजाय उन्हें ज़्यादा मज़बूत बनाना चाहिए. इससे बाहरी शोधकर्ता Meta के प्रोडक्ट के प्रभाव को समझ पाएँगे, जिसमें COVID-19 संबंधी गलत जानकारी भी शामिल है.

115. बोर्ड ने Facebook ओपन रिसर्च एंड ट्रांसपेरेंसी (FORT) टूल को सेट करने में Meta की कोशिशों को नोट किया है, जो शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए प्राइवेसी-सुरक्षित विभिन्न डेटा सेट उपलब्ध कराता है. कंपनी के अनुसार, FORT का शोधकर्ता प्लेटफ़ॉर्म सामाजिक विज्ञानियों को “सामाजिक घटनाओं का अध्ययन और व्याख्या करने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवहार संबंधी डेटा” के संबंध में नियंत्रित वातावरण में संवेदनशील जानकारी की एक्सेस देता है. हालाँकि, शैक्षणिक शोध के लिए टूल की कमियों की रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जैसे कि Meta की उपयोग की "प्रतिबंधात्मक शर्तें" या शोधकर्ताओं को सार्थक विश्लेषण करने के लिए अपर्याप्त जानकारी उपलब्ध कराना. इसके बावजूद, बोर्ड मानता है कि अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के संदर्भ में, Meta ने बाहरी शोधकर्ताओं के साथ डेटा शेयर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और बोर्ड Meta को और भी ज़्यादा काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है.

116. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय के लिए की गई पूरी स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट एक्टिविटी के दौरान, शोधकर्ताओं ने COVID-19 संबंधी गलत जानकारियों से संबंधित ट्रेंड को ट्रैक करने के लिए इन टूल की आवश्यकता पर बार-बार ज़ोर दिया है. प्रासंगिक डेटा की एक्सेस कमी के चलते बोर्ड के लिए भी पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय के अनुरोध के फ़ायदों का आकलन करते समय चुनौतियाँ आई हैं. बोर्ड की समझ के अनुसार, इनमें से कुछ डेटा खुद कंपनी के लिए ही उपलब्ध नहीं है, जबकि कुछ डेटा उपलब्ध है लेकिन उसे बोर्ड सहित बाहरी स्टेकहोल्डर्स के साथ शेयर नहीं किया जा सकता. Meta को शोधकर्ताओं को प्लेटफ़ॉर्म पर COVID-19 संबंधी गलत जानकारी की व्यापकता और उसका समाधान करने के लिए किए गए ख़ास उपायों की प्रभावशीलता ट्रैक करने के लिए प्रासंगिक डेटा की एक्सेस देनी चाहिए. इस तरह की जानकारी ऊपर चर्चा किए गए मानवाधिकारों के प्रभाव के आकलन करने के लिए भी ज़रूरी है.

117. सुझाव 16: Meta को न्यूट्रल और फ़ैक्ट-चेकिंग लेबल पर अपने शोध के नतीजे प्रकाशित करने चाहिए जिन्हें उसने COVID-19 संबधी पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय संबंधी प्रोसेस के दौरान बोर्ड के साथ शेयर किया था. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta इस शोध को अपने ट्रांसपेरेंसी सेंटर में सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करेगा.

118. बोर्ड उस जानकारी की सराहना करता है जिसे Meta ने NIT की प्रभावशीलता और कंटेंट के डिमोशन के बारे में बोर्ड से शेयर किया था, जैसे कि उन प्रयोगों के नतीजे जो कंपनी ने NIT की लगातार प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए किए थे. बोर्ड का विचार है कि इन प्रयोगों के नतीजों को बाहरी शोधकर्ताओं के साथ ज़्यादा बड़े पैमाने पर शेयर किया जाना चाहिए, जो COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के बारे में कंपनी की प्रतिक्रियाओं के प्रभाव को समझने की कोशिश कर रहे हैं.

119. सुझाव 17: Meta को दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए एकसमान डेटा एक्सेस सुनिश्चित करनी चाहिए. जहाँ यूरोप में शोधकर्ताओं के पास डिजिटल सर्विस एक्ट (DSA) के ज़रिए डेटा एक्सेस के लिए आवेदन करने का एक अवसर होगा, वहीं Meta को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह ग्लोबल नॉर्थ रिसर्च यूनिवर्सिटीज़ के शोधकर्ताओं पर ओवर-इंडेक्स न करे. COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के प्रसार और Meta की पॉलिसी के प्रभाव पर शोध, इस और भविष्य की आपात स्थितियों में स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाली गलत जानकारी और भविष्य की प्रतिक्रियाओं को आकार देगी. अगर वह शोध ग्लोबल नॉर्थ पर अनुपातहीन रूप से फ़ोकस करती है, तो प्रतिक्रिया के साथ भी यही होगा. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta DSA के तहत यूरोपीय संघ देशों को उपलब्ध कराए गए डेटा से मिलते-जुलते डेटा की एक्सेस दुनिया भर के शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराने का प्लान सार्वजनिक रूप से शेयर करेगा.

120. गलत जानकारी के प्रवाहों पर ज़्यादातर शोध उन ट्रेंड और पैटर्न को अनुपातहीन रूप से दर्शाते हैं जो अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में हुए हैं. इसकी वजह से ऐसा हो सकता है कि कंटेंट पॉलिसी संबंधी हस्तक्षेप इन भौगोलिक क्षेत्रों की ख़ास समस्याओं के अनुसार बना दिए जाएँ. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर ने “असुरक्षित और अल्पसंख्यक समुदायों” पर गलत जानकारी के प्रभाव पर और ज़्यादा शोध करने की नागरिक समाज की माँग का संज्ञान लिया है जिसमें उन गलत जानकारी के पहचान पर आधारित कैंपेन का उल्लेख किया गया है जिनके कारण इथियोपिया और म्यांमार में जातीय संघर्ष भड़का था ( A/HRC/47/25, पैरा. 26). जब Meta, डिजिटल सर्विस एक्ट के अनुपालन में बाहरी शोधकर्ताओं को ज़्यादा एक्सेस देने के साथ ही अपने FORT का रखरखाव कर रहा हो, तब कंपनी को दुनिया भर के शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना चाहिए.

121. सुझाव 18: Meta को गलत जानकारी की पॉलिसी लागू किए जाने की प्रभावशीलता पर क्रॉस-चेक अर्ली रिस्पॉन्स सेकंडरी रिव्यू (ERSR) सिस्टम के प्रभाव का मूल्यांकन करना चाहिए और यह पक्का करना चाहिए कि Meta के क्रॉस-चेक प्रोग्राम पर बोर्ड की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय में दिए गए सुझाव 16 और 17 उन एंटिटी पर लागू होते हैं जो सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाला कंटेंट पोस्ट करते हैं. बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta अपने नतीजों को बोर्ड से शेयर करके उन्हें सार्वजनिक करेगा.

122. Meta के अनुसार, क्रॉस-चेक प्रोग्राम को मॉडरेशन की सबसे ज़्यादा जोखिम वाली फ़ॉल्स-पॉज़िटिव गड़बड़ियों को कम से कम करने के लिए लागू किया गया था. क्रॉस-चेक प्रोग्राम का पहला हिस्सा है अर्ली रिस्पॉन्स सेकंडरी रिव्यू (ERSR) सिस्टम जो ख़ास हकदार एंटिटी द्वारा संभावित रूप से उल्लंघन करने वाला कंटेंट पोस्ट होने पर अतिरिक्त ह्यूमन रिव्यू की गारंटी देता है. Meta इन हकदार एंटिटी की लिस्ट इस आधार पर बनाए रखता है कि कंपनी ने ERSR द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फ़ायदे प्राप्त करने के लिए किसे हकदार बनाया है. एंटिटी Facebook पेज, Facebook प्रोफ़ाइल और Instagram अकाउंट के रूप में हो सकती हैं और वे अलग-अलग व्यक्तियों और ग्रुप्स या संगठनों का प्रतिनिधित्व कर सकती है. इन लिस्ट में शामिल किए गए कई यूज़र सेलिब्रिटी, बड़ी कंपनियाँ, सरकार के लीडर और राजनेता हैं.

123. Meta के क्रॉस-चेक प्रोग्राम पर अपनी पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय में, बोर्ड ने सुझाव दिया था कि Meta “गलतियाँ रोकने की एंटिटी पर आधारित सुविधा पाने के लिए स्पष्ट और सार्वजनिक मापदंड” बनाए जो इस अंतर को स्पष्ट करे कि “किस यूज़र की अभिव्यक्ति को किसी मानवाधिकार के नज़रिए से अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी” और किन्हें “बिज़नेस से जुड़े कारणों से शामिल किया गया है.”

124. राजनेताओं को कंपनी के थर्ड-पार्टी फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम से छूट दी गई है. इसका मतलब है कि राजनेताओं द्वारा शेयर की गई गलत जानकारी, जिसे स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाने वाली गलत जानकारी की पॉलिसी के तहत अन्यथा हटाया नहीं जाता है, को थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकर्स द्वारा रिव्यू और लेबल नहीं किया जा सकता है. Meta ने यह भी कहा कि उसने COVID-19 संबंधी गलत जानकारी की पॉलिसी की प्रभावशीलता पर ERSR सिस्टम के प्रभाव का मूल्यांकन नहीं किया है क्योंकि ERSR को एन्फ़ोर्समेंट में होने वाली गलतियों की रोकथाम के लिए बनाया गया था, न कि किसी ख़ास कम्युनिटी स्टैंडर्ड की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए. इस तरह, कंपनी की आंतरिक टीमें COVID-19 संबंधी गलत जानकारी की पॉलिसी पर न तो इसके प्रभाव को ट्रैक करती हैं और न ही उसका विश्लेषण करती हैं.

125. आंतरिक शोध के साथ-साथ COVID-19 पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय के लिए स्टेकहोल्डर्स के एंगेजमेंट के आधार पर, बोर्ड ने पाया कि गलत जानकारी को सेलिब्रिटी, राजनेता, सरकारी अधिकारी और धार्मिक व्यक्तियों जैसे प्रमुख वक्ताओं द्वारा ज़्यादा फ़ैलाया जाता है जो ERSR प्रोग्राम के फ़ायदों की हकदार एंटिटी हो सकते हैं. जैसे कि मीडिया मैटर्स फ़ॉर अमेरिका (PC-10758) की ओर से मिले सबमिशन ने Meta के क्रॉस-चेक सिस्टम के प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया, जो गलत जानकारी को दूर करने की कोशिशों को कमज़ोर करता है. चूँकि सेलिब्रिटी, राजनेताओं, पत्रकारों और अन्य प्रमुख यूज़र्स के लिए कंटेंट संबंधी उल्लंघनों का "धीमा या अधिक उदार एन्फ़ोर्समेंट" किया गया, इसलिए गलत जानकारी प्लेटफ़ॉर्म पर बनी रही. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में “अविश्वसनीय जानकारी” के बारे में इसी तरह की चिंताएँ ज़ाहिर की गई थीं जिसे “महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म वाले व्यक्तियों” द्वारा फैलाया गया था. इसके बारे में यह कहा गया कि इससे “गंभीर नुकसान हो सकता है, चाहे इसका इरादा दुर्भावनापूर्ण हो या नहीं.” सरकारी अधिकारियों ने वायरस की उत्पत्ति, उसके लक्षणों का मुकाबला करने के लिए दवाओं की उपलब्धता और अपने देश में COVID-19 की स्थिति के बारे में "अक्सर लापरवाही भरे दावे" फैलाए हैं. संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर ने सरकारी अधिकारियों के बयानों और कृत्यों के लिए उन्हें ही जवाबदेह ठहराने का सुझाव दिया था. ( A/HRC/44/49, पैरा. 41, 45, 63(c); A/HRC/47/25, पैरा. 18 भी देखें, जो सेलिब्रिटी को ज़्यादा आम तौर पर गलत जानकारी के वाहकों के रूप में पहचान से संबंधित है.)

126. ERSR प्रोग्राम के तहत योग्य एंटिटी द्वारा पोस्ट की गई गलत जानकारी, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के संदर्भ में जान-माल के तुरंत नुकसान के सीधे खतरे की आशंका है, को स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह गलत जानकारी की पॉलिसी के अनुसार हटा दिया जाएगा. हालाँकि, ऐसी गलत जानकारी जो आम तौर पर फ़ैक्ट-चेक या लेबल के योग्य होगी, लेकिन चूँकि उसे हकदार एंटिटी जैसे कि राजनेताओं द्वारा पोस्ट किया गया है इसलिए उसे न सिर्फ़ थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकिंग से छूट मिलती है बल्कि उसे संभावित रूप से उल्लंघन करने वाले कंटेंट के लिए ERSR सिस्टम द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त ह्यूमन रिव्यू की वजह से एन्फ़ोर्समेंट में होने वाली देरी का भी फ़ायदा मिलता है. इसका मतलब यह है कि हकदार एंटिटी द्वारा COVID-19 के बारे में पोस्ट की गई ऐसी गलत जानकारी जो परिभाषित 80 दावों में से एक नहीं है, बिना किसी फ़ैक्ट-चेक लेबल के प्लेटफ़ॉर्म पर बनी रह सकती है और हो सकता है कि उसका कोई भी रिव्यू न हो.

*प्रक्रिया संबंधी नोट:

ओवरसाइट बोर्ड की पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय, पाँच सदस्यों के पैनल द्वारा तैयार की जाती है और बोर्ड में बहुमत का फ़ैसला मान्य होता है. ज़रूरी नहीं है कि बोर्ड के फ़ैसले, सभी सदस्यों की निजी राय दर्शाएँ.

पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय के लिए, बोर्ड की ओर से स्वतंत्र शोध करवाया गया था. बोर्ड की सहायता एक स्वतंत्र शोध संस्थान ने की जिसका मुख्यालय गोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में है और जिसके पास छह महाद्वीपों के पचास से भी ज़्यादा समाजशास्त्रियों की टीम के साथ ही दुनिया भर के देशों के 3,200 से भी ज़्यादा विशेषज्ञ हैं. बोर्ड को Duco Advisers की सहायता भी मिली, जो भौगोलिक-राजनैतिक, विश्वास और सुरक्षा और टेक्नोलॉजी के आपसी संबंध पर काम करने वाली एक एडवाइज़री फ़र्म है. बोर्ड की सहायता Memetica ने भी की, जो सोशल मीडिया ट्रेंड पर ओपन-सोर्स रिसर्च करने वाला संगठन है. उसने विश्लेषण भी उपलब्ध कराया.

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