ओवरसाइट बोर्ड ने COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को हटाने के बारे में पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय को प्रकाशित किया है

जुलाई 2022 में, ओवरसाइट बोर्ड ने Meta की ओर से इस बात का मूल्यांकन करने का अनुरोध स्वीकार किया कि क्या उसे COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी की कुछ श्रेणियों को अब भी हटाना चाहिए या फिर एक कम प्रतिबंधात्मक तरीका, बेहतर तरीके से इसके मूल्यों और मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के अनुरूप होगा. आज प्रकाशित की गई पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय उस अनुरोध के संबंध में बोर्ड का जवाब है.

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कृपया ध्यान दें: पॉलिसी एडवाइज़री टीम की पूरी राय के अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किए जा रहे हैं और इन्हें आने वाले हफ़्तों में हमारी वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.

बोर्ड ने गहन जाँच की है और जनता से सलाह-मशविरा भी किया है. चूँकि Meta इस बात पर ज़ोर देता आया है कि वह दुनिया भर में COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को समान रूप से देखता है, इसलिए बोर्ड का यह निष्कर्ष है कि जब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) COVID-19 को लोक स्वास्थ्य से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति मानता है, Meta को अपनी मौजूदा पॉलिसी को बनाए रखना चाहिए. इसका यह मतलब है कि इसे COVID-19 से जुड़ी ऐसी गलत जानकारी को हटाते रहना चाहिए, जिसके कारण सीधे तौर पर जान-माल के तात्कालिक और बड़े नुकसान का खतरा हो. हालाँकि, बोर्ड ने यह पाया है कि Meta को उन 80 दावों में से हर एक का फिर से मूल्यांकन करने की प्रक्रिया शुरू करना चाहिए, जिन्हें वह अभी हटाता है. Meta को इस प्रक्रिया में और कई तरह के हितधारकों को शामिल करना चाहिए. इसे WHO द्वारा घोषणा को हटाने के बाद के लिए भी उपाय तैयार करने चाहिए, ताकि इन नई परिस्थितियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अन्य मानवाधिकारों की सुरक्षा हो. बोर्ड पुरज़ोर सुझाव देता है कि Meta, COVID-19 से जुड़े कंटेंट को हटाने के सरकारी अनुरोधों के बारे में जानकारी प्रकाशित करे, इसके प्लेटफ़ॉर्म के स्वतंत्र शोध का समर्थन करने के लिए एक्शन ले, इसके प्लेटफ़ॉर्म की बनावट और गलत जानकारी के बीच के लिंक को समझे और दुनिया भर में COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में समझ को बढ़ावा दे.

बैकग्राउंड

2020 की शुरुआत में, जब COVID-19 वैश्विक महामारी अपने पैर पसारने लगी तो Meta ने Facebook और Instagram से ऐसे कई दावों को हटाना शुरू कर दिया, जिन्हें कंपनी ने COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी माना. कंपनी द्वारा हटाए जाने वाले COVID-19 से संबंधित दावों की लिस्ट वैश्विक महामारी के दौरान तैयार हुई है. आज, Meta "लोक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी" की अपनी पॉलिसी के तहत COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के लगभग 80 अलग-अलग तरह के दावों को हटाता है. यह पॉलिसी गलत जानकारी से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का सब-सेक्शन है, जिसे "COVID से बचाव का दावा" फ़ैसले में बोर्ड द्वारा दिए गए सुझावों के जवाब में बनाया गया था. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में ख़ास तौर से “लोक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी” की पॉलिसी के तहत COVID-19 वैश्विक महामारी के दौरान Meta के एक्शन पर फ़ोकस किया गया है. इसमें COVID-19 वैश्विक महामारी के दौरान Meta द्वारा अन्य पॉलिसी के तहत लिए गए एक्शन पर बात नहीं की गई है.

“लोक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी” की पॉलिसी के तहत, Meta “लोक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों में तब गलत जानकारी को हटाता है, जब लोक स्वास्थ्य संस्थाएँ यह निष्कर्ष निकालती हैं कि जानकारी गलत है और इसके कारण जान-माल के तात्कालिक नुकसान का खतरा होता है.” उस स्टैंडर्ड का पालन किया गया या नहीं यह तय करने के लिए Meta पूरी तरह से लोक स्वास्थ्य संस्थाओं पर निर्भर था. अभी यह जिन 80 दावों को हटाता है, उनमें COVID-19 की मौजूदगी को नकारने और इस बात पर ज़ोर देने जैसे दावे शामिल हैं कि COVID-19 के टीके से चुंबक के गुण आ जाते हैं. Meta ने मार्च 2020 से जुलाई 2022 के बीच Facebook और Instagram से COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी वाले 27 मिलियन कंटेंट को हटाया, जिनमें से 1.3 मिलियन कंटेंट को अपील के ज़रिए रीस्टोर कर दिया गया. कंटेंट को हटाए जाने से जुड़े स्टैंडर्ड का पालन नहीं करने वाली COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी का फ़ैक्ट-चेक किया जा सकता है, लेबल लगाया जा सकता है या डिमोट किया जा सकता है. फ़ैक्ट-चेकर कंटेंट को रेटिंग देते हैं (जैसे, “गलत” या “संदर्भ मौजूद नहीं है”). फिर Meta उस हिसाब से कंटेंट में लेबल जोड़ता है और इसे उस सब्जेक्ट पर फ़ैक्ट-चेकर द्वारा लिखे गए लेख से लिंक करता है. फ़ैक्ट-चेकर जिस कंटेंट में लेबल जोड़ते हैं, कंपनी उसे भी डिमोट करती है, इसका यह मतलब है कि यह कई कारणों से यूज़र्स की फ़ीड में कम मौकों पर और कम प्रमुखता से दिखाई देता है. Meta, COVID-19 से संबंधित कंटेंट में "न्यूट्रल लेबल" भी जोड़ता है. इन लेबल में इस तरह के स्टेटमेंट शामिल हैं, "COVID-19 के कुछ अस्वीकृत उपचारों से गंभीर नुकसान हो सकता है" और ये लोगों को Meta के COVID-19 सूचना केंद्र पर भेजते हैं, जहाँ उन्हें लोक स्वास्थ्य संस्थाओं की ओर से रोकथाम के उपायों, टीकों और संसाधनों के बारे में जानकारी मिलती है.

बोर्ड से किए गए अनुरोध में, Meta ने पूछा कि क्या उसे COVID-19 से जुड़ी कुछ गलत जानकारी को हटाते रहना चाहिए. कंपनी ने कहा कि इसके बजाय वह ऐसे कंटेंट को हटाना बंद करके इसे डिमोट कर सकती है, इसे थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चेकर के पास भेज सकती है या इसमें लेबल जोड़ सकती है. Meta, COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के संबंध में देश या क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग तरीके अपनाने के बजाय पूरी दुनिया के लिए एक ही तरीका अपनाने पर ज़ोर देता है. कंपनी के अनुसार, पॉलिसी के लिए क्षेत्र के हिसाब कोई तरीका अपनाने पर यूज़र्स के लिए स्पष्टता कम होगी और पॉलिसी ठीक से लागू भी नहीं हो पाएगी, साथ ही, उसके पास इस तरह के तरीके को अपनाने की क्षमता नहीं है. अनुरोध पर विचार करने के लिए बोर्ड ने जनता के साथ गहन सलाह-मशविरा किया. इसे लेकर दुनिया भर से शामिल होने वाले लोगों के साथ कई वर्चुअल राउंडटेबल मीटिंग की गई थीं, जिन्हें सिविल सोसायटी के साथ पार्टनरशिप में आयोजित किया गया था, जिसके ज़रिए बोर्ड ने कई तरह के विशेषज्ञों और हितधारकों की राय जानी.

मुख्य निष्कर्ष और सुझाव

बोर्ड ने पाया कि दुनिया भर में लोक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के दौरान "जान-माल के तात्कालिक नुकसान के खतरे का सीधे तौर पर कारण बनने की संभावना" रखने वाली COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी को हटाते रहना Meta के मूल्यों और मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों से संगत है. बोर्ड ने शुरुआत में यह समझने की कोशिश भी की कि क्या Meta के लिए COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के संबंध में बड़े स्तर पर क्षेत्रीय तरीका अपनाना बेहतर है या नहीं. हालाँकि, Meta ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूज़र्स के लिए स्पष्टता और निष्पक्षता काफ़ी हद तक कम करके ही ऐसा करना संभव होगा. इससे पॉलिसी को लागू करने में गलतियाँ होने की संभावना क़ाफी हद तक बढ़ जाएगी. Meta की चिंताएँ पूरी तरह सही हो सकती हैं. हालाँकि, इस विकल्प को नकारकर, Meta ने ख़ास तौर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार सहित मानवाधिकारों को ध्यान में रखते हुए COVID-19 से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी से निपटने के सबसे अच्छे तरीके के बारे में हितधारकों और बोर्ड के सदस्यों की अलग-अलग तरह की राय का हल निकालने के बोर्ड के प्रयासों को विफल कर दिया. पॉलिसी एडवाइज़री टीम की इस राय में दिए गए 18 सुझाव, जिनमें से अधिकतर सुझावों के बारे में नीचे संक्षिप्त जानकारी दी गई है, वो इस प्रतिबंध के हिसाब से काम करते हैं.

बोर्ड ने Meta को सुझाव दिया कि वह:

COVID-19 से जुड़े ऐसे झूठे कंटेंट को हटाता रहे, जिसकी "दुनिया भर में लोक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति के दौरान जान-माल के तात्कालिक नुकसान के खतरे का सीधे तौर पर कारण बनने की संभावना" है, साथ ही, अभी वह जिन 80 दावों को हटाता है, उनका पारदर्शी व समावेशी रिव्यू और फिर से मूल्यांकन करना शुरू करे. लोक स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य को गंभीर और सीधा खतरा होता है. COVID-19 से जुड़ी गलत जानकारी के संबंध में Meta द्वारा पूरी दुनिया में एक ही तरीका अपनाने पर ज़ोर देने को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने पाया कि लोक स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा तय की गई, जान-माल के तात्कालिक नुकसान के खतरे का सीधे तौर पर कारण बनने की संभावना वाली गलत जानकारी को हटाने के लिए Meta जिन ख़ास उपायों को अपनाता है वो सही हैं. लेकिन, Meta ने अन्य चीज़ों के साथ-साथ कभी संबंधित लोक स्वास्थ्य संस्थाओं से फिर से बात करके उन्हें ऐसे दावों का फिर से मूल्यांकन करने के लिए नहीं कहा, जिन्हें वह हटाता है. न ही उसने किसी दावे या पूरी पॉलिसी का फिर से मूल्यांकन करने के लिए हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ व्यापक तौर पर सलाह-मशविरा किया. चूँकि Meta ने अभी तक अपनी पॉलिसी को बदलने की उचित प्रोसेस तैयार करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं (जबकि सबसे पहले Meta की यही ज़िम्मेदारी है), इसलिए बोर्ड, पॉलिसी में ऐसे किसी बदलाव का सुझाव नहीं दे सकता है, जिसके कारण सबसे कमज़ोर समूह पर ज़्यादा दुष्प्रभाव पड़े. हालाँकि, अब हम संकट के शुरुआती पड़ाव में नहीं हैं, इसलिए मानवाधिकारों से जुड़ी अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए Meta को नियमित रूप से इस बात का मूल्यांकन करना चाहिए कि क्या इसकी पॉलिसी में तय की गई कंटेंट को हटाने की सीमा लगातार पूरी हो रही है. इसलिए Meta को हटाए जाने वाले 80 दावों का नियमित रूप से रिव्यू करने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया शुरू करना चाहिए, इसके लिए अलग-अलग तरह के हितधारकों से सलाह लेनी चाहिए. जब कोई हितधारक किसी दावे में जान-माल को तात्कालिक नुकसान पहुँचाने की क्षमता के बारे में स्पष्ट साक्ष्य दे, केवल तभी इसे हटाए जाने वाले दावों की लिस्ट में शामिल करना सही है. Meta को समय-समय पर होने वाले इन रिव्यू के परिणाम जनता के साथ शेयर करना चाहिए.

अपने तरीके को लोकल लेवल पर तैयार करने के बारे में एक्सप्लोर करे. Meta को यह प्लान करना चाहिए कि जब WHO, COVID-19 को पूरी दुनिया के लिए स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति मानना बंद कर दे, लेकिन स्थानीय लोक स्वास्थ्य संस्थाएँ तब भी इसे लोक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थिति मानती रहें, तो क्या करना चाहिए. बोर्ड का सुझाव है कि ऐसे माहौल में वह जिन उपायों को अपनाएगा, उन्हें तैयार करने के लिए इसे जोखिम के मूल्यांकन की प्रोसेस शुरू करनी चाहिए. इनके ज़रिए असल ज़िन्दगी में बड़ा और तात्कालिक नुकसान का सीधे तौर पर कारण बनने की संभावना रखने वाली गलत जानकारी से निपटा जाना चाहिए, साथ ही ऐसा करने में दुनिया भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ समझौता नहीं होना चाहिए. जोखिम के मूल्यांकन में इस बात का मूल्यांकन भी किया जाना चाहिए कि क्या इसकी पॉलिसी को लोकल लेवल पर आसानी से लागू किया जा सकता है.

अपने प्लेटफ़ॉर्म की बनावट के प्रभाव का मूल्यांकन करे. विशेषज्ञों ने इस बारे में चिंताएँ जताई हैं कि Meta के प्लेटफ़ॉर्म की बनावट के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी नुकसानदेह गलत जानकारी को बढ़ावा मिलता है. इन दावों को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड सुझाव देता है कि Meta अपनी डिज़ाइन के चयनों से मानवाधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करे. कंपनी को इस आधार पर मानवाधिकारों पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करना चाहिए कि इसकी न्यूज़फ़ीड, सुझाव देने के एल्गोरिदम और अन्य फ़ीचर स्वास्थ्य संबंधी नुकसानदेह गलत जानकारी और इसके प्रभावों को कैसे बढ़ावा देते हैं.

सरकारी अनुरोधों को लेकर पारदर्शिता बढ़ाए. वैश्विक महामारी के पीक पर होने के दौरान, इस बारे में चिंताएँ जताई गई थीं कि Meta सरकार के आदेशानुसार COVID-19 संबंधी कंटेंट को रिव्यू कर रहा है. इससे ख़ास तौर पर तब समस्या पैदा होती है जब सरकारें शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों और मानवाधिकारों की रक्षा करने वाले लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई करने, वैश्विक महामारी की शुरुआत के बारे में बातचीत को नियंत्रित करने और लोक स्वास्थ्य से जुड़े संकट के दौरान सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना करने या उस पर सवाल उठाने वाले लोगों को चुप करने का अनुरोध करती हैं. संयुक्त राष्ट्र ने इस बारे में चिंताएँ जताई हैं कि कुछ सरकारों ने लोकतंत्र के सिद्धांतों को खत्म करने के बहाने के रूप में वैश्विक महामारी का उपयोग किया है. Meta को "लोक स्वास्थ्य से जुड़ी आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्वास्थ्य के बारे में गलत जानकारी" की पॉलिसी के तहत कंटेंट का रिव्यू करने के सरकारी अनुरोधों के संबंध में पारदर्शी रहना चाहिए और नियमित रूप से इनकी रिपोर्ट करनी चाहिए.

स्वतंत्र शोध का समर्थन करे और COVID-19 संबंधी गलत जानकारी के बारे में समझ को बढ़ाए. बोर्ड को विशेषज्ञों से पता चला है कि COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को समझने के व्यापक प्रयास और इन्हें लेकर Meta के जवाब का प्रभाव, कंपनी के डेटा और रिसर्च तक एक्सेस की कमी के कारण असफल हो जाते हैं. डेटा की कमी के चलते बोर्ड के लिए भी पॉलिसी एडवाइज़री टीम की राय के इस अनुरोध के फ़ायदों का मूल्यांकन करते समय चुनौतियाँ पैदा हुईं. बोर्ड इस बात को मानता है कि अन्य सोशल मीडिया कंपनियों की तुलना में Meta ने बाहरी शोधकर्ताओं के साथ डेटा शेयर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें से कई शोधकर्ताओं ने बोर्ड को CrowdTangle जैसे Meta टूल और Facebook Open Research and Transparency (FORT) के महत्व के बारे में बताया है. लेकिन साथ ही, शोधकर्ताओं ने FORT जैसे टूल को एक्सेस करने में आने वाली मुश्किल के बारे में भी शिकायत की है. Meta को लगातार इन टूल को उपलब्ध कराना चाहिए, साथ ही अपनी एक्सेसिबिलिटी को बेहतर बनाना चाहिए और बाहरी शोधकर्ताओं को ऐसे डेटा को एक्सेस करने की परमिशन देनी चाहिए जो पब्लिक नहीं है. बोर्ड यह सुझाव भी देता है कि कंपनी रिसर्च करे और अपनी COVID-19 से जुड़ी पॉलिसी को लागू करने के अपने प्रयासों के बारे में डेटा प्रकाशित करे. साथ ही, वह बोर्ड के साथ शेयर की गई "न्यूट्रल लेबल" रिसर्च के निष्कर्षों को प्रकाशित करे. आखिर में, बोर्ड यह सुझाव देता है कि Meta ऐसे कदम उठाए जिनसे ग्लोबल मेजॉरिटी (जिन्हें ग्लोबल साउथ भी कहते हैं), शोधकर्ताओं और यूनिवर्सिटिओं को भी कंपनी के डेटा की एक्सेस मिले. साथ ही, वह दुनिया भर में डिजिटल साक्षरता से जुड़े प्रोग्राम को बढ़ावा दे.

COVID-19 संबंधी गलत जानकारी को हटाने के मामले में निष्पक्षता, स्पष्टता और निरंतरता को बढ़ाए. अपनी मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, Meta को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यूज़र्स के लिए इसके नियम स्पष्ट हों. इसके लिए, कंपनी को इस बारे में बताना चाहिए कि वह COVID-19 से जुड़े जिन दावों को हटाती है, उनकी हर एक कैटेगरी के कारण सीधे तौर पर जान-माल के तात्कालिक नुकसान का खतरा कैसे होता है. अगर वह मूल्यांकन करता है कि कोई दावा झूठा है तो इसे बताना चाहिए कि इसका आधार क्या है और वह जिन दावों को हटाता है, उनकी लिस्ट में कोई बदलाव होने पर उनका रिकॉर्ड बनाना चाहिए. इसके नियमों को सभी भाषाओं और क्षेत्रों में सुसंगत तरीके से लागू करने को आसान बनाने के लिए, कंपनी को कंटेंट मॉडरेटर्स के लिए अपने इंटर्नल गाइडेंस का उन भाषाओं में अनुवाद करना चाहिए जिनमें यह काम करती है. Meta को यूज़र्स के समाधान के अधिकार की रक्षा भी करना चाहिए, इसके लिए फ़ैक्ट-चेकर लेबल के खिलाफ़ अपील करने की यूज़र की क्षमता को बढ़ाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन अपीलों का रिव्यू शुरुआती फ़ैसला देने वाले फ़ैक्ट-चेकर द्वारा नहीं किया जाना चाहिए.

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