एकाधिक मामले का निर्णय
सीरियाई संघर्ष में भाषण शेयर करने वाली पोस्ट
2 अकतूबर 2025
ओवरसाइट बोर्ड ने Meta से सशस्त्र संघर्षों में कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए अपने टूल्स को और बेहतर बनाने के लिए कहा है ताकि संघर्षों में विभिन्न पक्षों के बीच उसकी पॉलिसियों के कारण उत्पन्न होने वाली सूचना-संबंधी असमानताओं को कम किया जा सके.
2 इस बंडल में केस शामिल हैं
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Facebook पर खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ा केस
FB-XICM1710
Facebook पर खतरनाक लोग और संगठन से जुड़ा केस
सारांश
ओवरसाइट बोर्ड ने Meta से सशस्त्र संघर्षों में कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए अपने टूल्स को और बेहतर बनाने के लिए कहा है ताकि संघर्षों में विभिन्न पक्षों के बीच उसकी पॉलिसियों के कारण उत्पन्न होने वाली सूचना-संबंधी असमानताओं को कम किया जा सके. बोर्ड इस बात पर ज़ोर देता है कि तेज़ी से विकसित हो रहे संघर्षों में, नागरिक सोशल मीडिया का उपयोग गैर-संघर्ष स्थितियों से अलग तरीके से करते हैं, ताकि ऐसी जानकारी को तेज़ी से शेयर किया जा सके जो लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है. Meta की खतरनाक संगठनों और लोगों से संबंधित पॉलिसी के तहत चिह्नित किसी एंटिटी से कम्युनिकेशन के प्रसारण पर लगे प्रतिबंधों का, लोगों पर और हिंसा से उनकी सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाना आवश्यक है. बोर्ड ने Meta से खबरों में रहने लायक मानी जाने वाली दो पोस्ट को बहाल करने के लिए कहा है, जिनमें यूज़र्स ने सीरिया में असद शासन के पतन से कुछ समय पहले, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) संगठन के नेताओं का कंटेंट शेयर किया गया था.
केस की जानकारी
2024 के अंत में, सीरिया में दो Facebook यूज़र्स ने HTS से संबंधित कंटेंट पोस्ट किया था. HTS को संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी समूह घोषित किया गया था और इसने बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंकने वाले हमले का नेतृत्व किया था.
पहले मामले में, एक यूज़र ने बोर्ड से अपील की थी कि वह एक पत्रकार है और उसने नवंबर में अपने पेज पर अरबी भाषा में एक वीडियो पोस्ट किया था. वीडियो में HTS कमांडर का भाषण दिखाया गया था जिसमें विद्रोही लड़ाकों को यह कहकर उकसाया गया था कि "अपने दुश्मनों पर हमला करो और उनका दम घोंट दो." असद की सेना को संबोधित करते हुए, कमांडर ने कहा, "आपके पास मारे जाने, भागने या दलबदल करने के अलावा कोई चारा नहीं है." Meta ने पोस्ट किए जाने के बाद, 15 मिनट से भी कम समय में कंटेंट हटा दिया क्योंकि वह खतरनाक संगठनों और लोगों से संबंधित पॉलिसी का उल्लंघन करता था. इसे लगभग 5,000 व्यूज़ मिले थे.
दूसरे मामले में, दिसंबर में एक पब्लिक पेज पर एक फ़ोटो पोस्ट की गई थी जो HTS नेता अहमद अल-शरा की थी और उसी दिन उनके द्वारा दिए गए भाषण के एक हिस्से का अरबी भाषा में टेक्स्ट था. इस भाषण में HTS लड़ाकों को उकसाया गया था कि "अपने दुश्मन के सीने में गोली दागने के अलावा एक भी गोली बर्बाद मत करो, क्योंकि डमास्कस तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है." खतरनाक संगठनों और लोगों से संबंधित कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन करने के कारण यह पोस्ट कुछ ही मिनटों में अपने आप हटा दी गई. अगले दिन, HTS बलों ने सीरिया की राजधानी डमास्कस पर कब्ज़ा कर लिया.
Meta ने इन अकाउंट्स को लाइव होने से रोक दिया और पेज की पहुँच और विज़िबिलिटी कम कर दी. पोस्ट करने वाले यूज़र्स ने अपील की और Meta ने कंटेंट के हटाए जाने को सही बताया. दोनों यूज़र्स ने बोर्ड से अपील की. कंपनी ने बाद में कहा कि इन पोस्ट्स ने उसकी हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी का भी उल्लंघन किया है.
मुख्य निष्कर्ष
बोर्ड के ज़्यादातर सदस्यों का मानना है कि कंटेंट को हटाना Meta की मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों के अनुरूप नहीं था और भविष्य में इस अनुरूपता को सुनिश्चित करने के लिए Meta की संबंधित पॉलिसीज़ को एडजस्ट किया जाना चाहिए. तेज़ी से बढ़ते संघर्ष के समय, जब सरकार ने सूचना प्रवाह पर काफ़ी प्रतिबंध लगा रखे हों, तो लोगों को सुरक्षित रखने वाली जानकारी प्राप्त होना विशेष रूप से ज़रूरी है और इस कंटेंट को शेयर करने से और ज़्यादा नुकसान होने की कम संभावना है. बोर्ड ने ज़ाहिर किया कि ऐसे मामलों में और किसी भी राजनैतिक संघर्ष में, कम्युनिकेशन को छोटा कर दिया जाता है, जिससे बाहरी लोगों के लिए पोस्ट की प्रासंगिकता कम स्पष्ट हो जाए. इसे खबरों में रहने लायक होने की स्केल की गई छूट देना ज़रूरी था.
बोर्ड के कुछ लोग इससे असहमत हैं और पोस्ट को हटाने को Meta की मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों और बोर्ड की परंपरा के अनुरूप पाते हैं. दोनों पोस्ट में मारने के आदेश का ज़िक्र है और नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित कोई भी बात या जानकारी नहीं है.
बोर्ड का मानना है कि सामाजिक और राजनैतिक विषयों पर चर्चा में शामिल होने का इरादा स्पष्ट न होते हुए, किसी खास समूह का कम्युनिकेशन प्रसारित करके, दोनों पोस्ट खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करती हैं. यह भी पाया गया कि दोनों पोस्ट हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करती हैं क्योंकि उनमें साफ़ तौर पर हिंसा करने के लिए कहा गया है.
Meta का यूज़र्स को यह बताने से इंकार करना कि उसकी खतरनाक संगठन और लोगों से जुड़ी पॉलिसी के तहत किन संगठनों और लोगों पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए, सशस्त्र संघर्षों के दौरान विशेष रूप से एक मुश्किल समस्या है, जब यह मुमकिन है कि कुछ खास एंटिटी शासकीय प्राधिकरण की तरह बर्ताव कर रही हों. सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के लिए पॉलिसी का अपवाद भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, क्योंकि इस बारे में सार्वजनिक रूप से जारी की गई जानकारी और आंतरिक मार्गदर्शन के बीच काफ़ी मतभेद हैं कि किस बात पर चर्चा की परमिशन है.
Meta इस बारे में फ़रवरी 2025 से एक गैर-सार्वजनिक लेकिन पूरी तरह से सक्रिय पॉलिसी लागू कर रहा है कि राष्ट्रपति अल-शरा की आधिकारिक क्षमता में जारी उनके संचार के बारे में लोग कैसे जानकारी प्राप्त या शेयर कर सकते हैं, जो वैधानिकता की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती. यूज़र्स को ऐसी पॉलिसियों के बारे में पता होना चाहिए ताकि वे यह समझ सकें कि वे Meta के नियमों के अंतर्गत अपने विचारों के अधिकारों का उपयोग कैसे कर सकते हैं.
बोर्ड ने ज़ाहिर किया है कि सीरिया के संघर्ष में Meta के मॉडरेशन की वजह से संदिग्ध सूचनाओं में विषमताएँ उत्पन्न हो सकती हैं जो यूज़र्स को जोखिम में डाल सकती हैं. Meta की पॉलिसीज़ कुछ खास एंटिटी के खिलाफ़ हिंसा के आह्वान की परमिशन देती हैं, लेकिन नियमित सेनाओं के खिलाफ़ हिंसा को प्रतिबंधित करती हैं. यह किसी भी पक्ष के संचालन के तरीकों पर निर्भर नहीं करता है.
ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला
बोर्ड ने Meta के दोनों पोस्ट को हटाने के निर्णय को पलट दिया और उन्हें खबरों में रहने लायक होने की छूट देकर बहाल करने को कहा है.
बोर्ड ने Meta को ये सुझाव भी दिए हैं कि वह:
- संकट पॉलिसी प्रोटोकॉल में एक ऐसी शर्त जोड़ने को कहा है जिससे प्लेटफ़ॉर्म पर उसकी पॉलिसियों द्वारा बनने वाली सूचना विषमताओं को कम किया जा सके. इसमें पॉलिसी की ऐसी शर्तें शामिल हो सकती हैं जैसे: संघर्ष में शामिल संस्थाओं से जानकारी शेयर करने पर प्रतिबंध को निलंबित कर देना; जहाँ कंटेंट गलत इरादे से उल्लंघन करता हुआ पाया जाए, वहाँ स्ट्राइक को निलंबित कर देना या फ़ीचर की लिमिट को कम कर देना; यूज़र्स को इस बारे में शिक्षा देना कि किन तरीकों से खास संस्थाओं के बारे में जानकारी शेयर करने की अनुमति है. जब पॉलिसी की इन शर्तों का उपयोग किया जाता है, तो इस सूचना को सार्वजनिक कर देना चाहिए.
- प्रभावित स्टेकहोल्डरों के परामर्श से अध्ययन करें कि खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी के तहत किसी चिह्नित एंटिटी की ओर से आधिकारिक कम्युनिकेशन के प्रसारण करने पर प्रतिबंध सशस्त्र संघर्षों में सूचना की जानकारी और नागरिकों की हिंसा से सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है.
- पिछले पाँच वर्षों में किए गए अपने प्रयासों के बारे में बोर्ड को रिपोर्ट करें जिससे यह आकलन किया जा सके कि क्या उसके हिंसा और उकसावे और खतरनाक संगठन और लोगों से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून मानकों के अनुरूप संशोधित किया जाना चाहिए और कैसे जाना चाहिए और इस क्षेत्र के लिए अपनी निकट भविष्य की योजनाओं को निर्धारित करें.
*मामले के सारांश से मामलों का ओवरव्यू मिलता है और भविष्य में लिए जाने वाले किसी फ़ैसले के लिए इसको आधार नहीं बनाया जा सकता है.
केस का पूरा फ़ैसला
1. केस की जानकारी और बैकग्राउंड
2024 के अंत में, सीरिया में दो Facebook यूज़र्स ने हयात तहरीर अल-शाम (HTS) से संबंधित कंटेंट पोस्ट किए, जिसे संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद द्वारा एक आतंकवादी समूह घोषित किया गया है. HTS ने 27 नवंबर और 8 दिसंबर, 2024 के बीच एक सैन्य आक्रमण किया, जिसने सीरिया में असद शासन का तख्तापलट कर दिया. यह उस सशस्त्र संघर्ष के एक अध्याय का अंत था जिसकी शुरुआत 2012 में हुई थी जब असद शासन ने एक साल पहले शुरू हुए विशाल शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का बेरहमी से दमन किया था. 2025 के शुरू में, HTS नेता अहमद अल-शरा सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति बने. वे इस समय एक परिवर्तनकालिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें HTS के कई पूर्व सदस्य वरिष्ठ पदों पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने देश में HTS और दूसरे सशस्त्र समूहों को भंग करने का आदेश दे दिया है.
पहले केस में, एक यूज़र ने 28 नवंबर, 2024 को अपने पेज पर अरबी भाषा में एक छोटा वीडियो पोस्ट किया. यह वीडियो HTS कमांडर अबू ज़ुबैर अल-शमी का एक भाषण था, जिन्होंने सैन्य वर्दी पहनी थी और चेहरा ढका हुआ था. उस भाषण में, उन्होंने कुरान का हवाला दिया, असद शासन द्वारा किए गए अपराधों का ज़िक्र किया, "अधिकारों को फिर से पाने और अन्याय को हटाने" के लिए "गुरूर और इज़्ज़त" के इंकलाब का जश्न मनाया और विद्रोही लड़ाकों को हमेशा लड़ते रहने और "अपने दुश्मनों पर हमला करने और उन्हे मार देने" के लिए उकसाया. उन्होंने यह भी कहा, "सैन्य अभियान प्रशासन द्वारा आक्रामकता निवारण अभियान शुरू किए जाने के बाद, आज हम अपने मुबारक इंकलाब के एक नए वक्त में जी रहे हैं, " जो राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को गिरा देने के लिए HTS के पिछ्ले कुछ समय में किए गए अभियानों की ओर एक इशारा था. एक भाग में, असद की सेनाओं को सीधे संबोधित करते हुए, अल-शमी ने कहा, "आपके पास और कोई चारा नहीं है – मारे जाओ, भागो या दल बदलो”. एक यूज़र ने एक कैप्शन जोड़ा, "सैन्य कमांडर अबू ज़ुबैर अल-शमी का भाषण", अरबी भाषा में हैशटैग #MilitaryOperationsManagement और #DeterrenceOfAggression के साथ, जिसमें HTS के नेतृत्व वाली कमांड संरचना और लड़ाई का ज़िक्र किया गया है, जिन दोनों के बारे में अल-शमी ने भाषण में कहा था. एक यूज़र ने फ़ौरन ही इस कंटेंट को रिपोर्ट किया और 15 मिनट के अंदर, Meta ने इसे खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए हटा दिया. इस पोस्ट को सिर्फ़ 15 मिनट में, लगभग 5,000 बार देखा गया.
दूसरे मामले में, एक पब्लिक पेज के एडमिनिस्ट्रेटर ने 7 दिसंबर, 2024 को एक फ़ोटो पोस्ट की, जिसमें अल-शरा की एक फ़ोटो थी और उस पर अरबी भाषा में कुछ लिखा था. यह टेक्स्ट उस दिन दिए गए उनके भाषण का एक हिस्सा है, जिसमें उन्होंने समूह के क्रांतिकारी लड़ाकों को दुश्मन को भारी नुकसान पहुँचाने के लिए बधाई दी थी. उन्होंने असद शासन के कैदियों को रिहा करने और “नाइंसाफ़ी और क्रूरता के अंधेरे को इंसाफ़ और इज्जत की रोशनी से बदलने" के लिए भी उनकी तारीफ़ की. उन्होंने उनसे ज़ोर देकर कहा कि “अल्लाह ने आपको जो आज़ाद शहर दिए हैं, उन्हें अपने पुलिस और सुरक्षाकर्मी भाइयों को सौंप दें ताकि वे उनकी सीमाओं पर तैनात रह कर अपना कर्तव्य निभा सकें." यह HTS और सहयोगी सेनाओं द्वारा इदलिब में अपने इलाके से दक्षिण की ओर बढ़ते हुए, अन्य कस्बों और शहरों पर कब्ज़ा करते हुए, कुछ दिनों बाद राजधानी डमास्कस में पहुँचने तक, हासिल की गई क्षेत्रीय बढ़त का हवाला था. उन्होंने उनको सीरिया को आज़ाद कराने और लोगों के अधिकारों को वापस दिलाने के लिए लड़ते रहने और "दुश्मन के सीने को छोड़कर एक भी गोली बर्बाद न करने" के लिए उकसाया, क्योंकि डमास्कस उन सब लोगों का इंतज़ार कर रहा है.” इस पोस्ट को खतरनाक संगठनों और व्यक्तियों से संबंधित सामुदायिक मानक का उल्लंघन करने के कारण तुरंत पहचान लिया गया और पोस्ट किए जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर हटा दिया गया. कंटेंट पोस्ट किए जाने के अगले ही दिन, HTS की सेना ने डमास्कस में प्रवेश किया, जहाँ उन्हें बहुत ही कम विरोध का सामना करना पड़ा, जो असद शासन के अंत का प्रतीक था.
Meta द्वारा खतरनाक लोगों और संगठनों से जुड़ी पॉलिसी के उल्लंघन को जिस गंभीरता से लिया जाता है, उसके लिए कंपनी ने प्रत्येक यूज़र के अकाउंट पर गंभीर स्ट्राइक लगाई और उन अकाउंट व जिन पेजों पर कंटेंट पोस्ट किया गया था, उन पर लिमिट लागू कर दीं, जिससे उन्हें लाइव होने से रोका गया और पेजों की पहुँच और विज़िबिलिटी कम हो गई. दोनों ही केस में, पोस्ट करने वाले यूज़र्स ने कंपनी के फ़ैसलों के खिलाफ़ अपील की, जिसमें दोनों पोस्ट को हटाना सही ठहराया गया और दोनों ने बोर्ड में अपील की. जब बोर्ड ने इन मामलों को समीक्षा के लिए चुना, तो Meta ने पाया कि दोनों पोस्ट ने उसकी हिंसा और उकसावे की पॉलिसी का भी उल्लंघन किया था.
2024 की एक संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया में HTS सहित, सरकारी और गैर-सरकारी तत्वों ने पूरे संघर्ष के दौरान बेधड़क होकर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया. संयुक्त राष्ट्र आयोग ने अन्य बातों के अलावा, असद सरकार द्वारा "मानवता के खिलाफ़ जुर्म और युद्ध अपराधों के लगातार होने वाले पैटर्न" का पता लगाया, और यह भी पाया कि HTS के सदस्य नागरिकों पर अत्याचार, क्रूर व्यवहार और न्याय-सीमा से बाहर की जाने वाली हत्याओं में शामिल थे, जो युद्ध अपराध की श्रेणी में आ सकते हैं. 2011 और 2025 के बीच लाखों सीरियाई मारे गए, जिनमें से ज़्यादातर असद की सेनाओं और उनके सहयोगियों द्वारा मारे गए.
2. यूज़र सबमिशन
वीडियो वाले मामले में, यूज़र ने बताया कि वे एक पत्रकार हैं और उन्होंने सूचना और शिक्षा के लिए यह वीडियो पोस्ट किया था. उन्होंने कहा कि वीडियो ने जनता के साथ जानकारी शेयर करने में अहम भूमिका निभाई और इसे हटाने से प्रेस की आज़ादी कमज़ोर होती है.
फ़ोटो वाले मामले में, यूज़र ने सवाल उठाया कि Meta ने सीरियाई संघर्ष के दौरान पूर्व राष्ट्रपति अल-असद की फ़ोटो और बातों को क्यों अनुमति दी. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति अल-असद को तानाशाह और अल-शरा को क्रांतिकारी कहा. उन्होंने तर्क दिया कि Meta का दृष्टिकोण, जिसमें अल-शरा के बजाय पूर्व राष्ट्रपति अल-असद की तस्वीरें शामिल थीं, तानाशाही और खून-खराबे का समर्थन करने के समान था और "विचारों की आज़ादी को प्रतिबंधित" कर रहा था.
3. Meta की कंटेंट पॉलिसी और सबमिशन
I. Meta की कंटेंट पॉलिसी
खतरनाक संगठन और लोग
खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी बनाने के कारण के अनुसार वास्तव में होने वाले नुकसान को रोकने और नाकाम करने की कोशिश में Meta ऐसे किसी भी संगठन या व्यक्ति को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद रहने की परमिशन नहीं देता जो किसी हिंसक मिशन की घोषणा करता है या हिंसा में शामिल होता है. Meta, दो टियर में विभाजित, चिह्नित संगठनों और लोगों की एक सूची रखता है, जिसमें टियर 1 सबसे ज़्यादा एन्फ़ोर्समेंट के अधीन है. टियर 1 के अंतर्गत, Meta निर्दिष्ट करता है कि वह चिह्नित व्यक्तियों या संगठनों या इन संगठनों के नेताओं या प्रमुख सदस्यों को "प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद रहने की अनुमति नहीं देता." साथ ही, “इन लोगों या संगठनों के समर्थन को भी हटा दिया जाता है.”
टियर 1 की एंटिटी वे हैं जो "नागरिकों के खिलाफ़ हिंसा का आयोजन या उसकी वकालत करने सहित, गंभीर ऑफ़लाइन नुकसान पहुँचाने में संलग्न हैं." टियर 1 में संयुक्त राज्य सरकार द्वारा "विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) या कुछ खास वैश्विक आतंकवादी (SDGT)" के रूप में नामित संस्थाएँ और व्यक्ति शामिल हैं. साथ ही वे संस्थाएँ भी शामिल हैं जिन्हें Meta स्वतंत्र रूप से अपने टियर 1 मानदंडों को पूरा करने के लिए निर्धारित करता है. कंपनी ने संस्थाओं को चिह्नित और अचिह्नित करने के तरीके के बारे में अधिक जानकारी यहाँ दी है. इस मामले में विवादित पोस्ट के समय, एक संगठन के रूप में HTS और एक व्यक्ति के रूप में राष्ट्रपति अल-शरा, दोनों को टियर 1 के तहत चिह्नित किया गया था. 8 जुलाई, 2025 को, जब बोर्ड इस मामले पर विचार कर रहा था, संयुक्त राज्य अमेरिका ने HTS को FTO के रूप में चिह्नित करने का अपना फ़ैसला निरस्त कर दिया और इस फ़ैसले के प्रकाशित होने के समय, Meta यह मूल्यांकन कर रहा था कि क्या HTS, चिह्नित संस्थाओं की कंपनी की सूची से हटाए जाने के लिए कंपनी के मानदंडों को पूरा करता है. इस फ़ैसले के प्रकाशन के समय, संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने HTS को आतंकवादी एंटिटी घोषित करने के अपने फ़ैसले को बरकरार रखा.
Meta, टियर 1 की एंटिटी, उनके नेताओं, संस्थापकों या प्रमुख सदस्यों की "तारीफ़, समर्थन और प्रतिनिधित्व" के साथ-साथ उनके "अस्पष्ट संदर्भों" को भी हटा देता है. "समर्थन" के प्रतिबंधित रूपों में "किसी चिह्नित एंटिटी या घटना की ओर से आधिकारिक कम्युनिकेशन सहित, कोई भी सूचना प्रसारित करना" शामिल है. Meta, चैनलिंग के लिए एक उदाहरण देता है जैसे, किसी व्यक्ति द्वारा किसी चिह्नित एंटिटी का बिना किसी ऐसे कैप्शन के सीधे हवाला देना जो [1] निंदा करता हो, [2] बिना भेदभाव से चर्चा करता हो या [3] समाचार रिपोर्टिंग का हिस्सा हो. ऐसे कैप्शन Meta के "सामाजिक और राजनैतिक चर्चा" के अपवाद के अंतर्गत आते हैं. Meta, रिपोर्टिंग को ऐसे कंटेंट के रूप में परिभाषित करता है जिसमें "ऐसी जानकारी शामिल हो जो स्थानीय और वैश्विक घटनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शेयर की जाती है, जिनमें चिह्नित खतरनाक संगठन और व्यक्ति शामिल होते हैं." पॉलिसी में लिखा गया है कि इस अपवाद के लिए पोस्ट करने वाले यूज़र को अपना इरादा स्पष्ट करना आवश्यक है. Meta के पास सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के लिए इरादे के स्पष्ट बयान होना ज़रूरी है क्योंकि वह ऑफ़लाइन नुकसान को सीमित रखते हुए इस प्रकार की चर्चाओं की अनुमति देना चाहता है. जहाँ यूज़र का इरादा संदिग्ध या स्पष्ट न हो, वहाँ Meta डिफ़ॉल्ट रूप से पोस्ट को हटा देगा. Meta ने पहले ही बोर्ड को स्पष्ट किया था कि इस तरह के अपवाद का उद्देश्य बचाव का कोई ऐसा रास्ता देना नहीं है जो किसी चिह्नित एंटिटी को ठोस काम या कूटनीतिक लाभ पहुँचाने वाली पोस्ट की अनुमति दे, जैसे कि थर्ड पार्टी को आधिकारिक कैंपेन कंटेंट और आधिकारिक प्रचार वितरित करने की अनुमति देना, या ऐसे समूहों की ओर से कम्युनिकेशन के आधिकारिक चैनलों की अनुमति देना. Meta ने यह भी ज़ाहिर किया है कि अपवाद के अंतर्गत सूचना के प्रसारण की अनुमति देने से चिह्नित एंटिटी वास्तव में अपने मकसद को शेयर करने के लिए Meta की पॉलिसियों को धोखा देंगी (ग्रीस में 2023 का चुनावी कैंपेन फ़ैसला देखें).
बोर्ड के सवालों के जबाब में Meta ने कहा कि, सार्वजनिक पॉलिसी में दिए गए सामाजिक और राजनैतिक चर्चा की कैटेगरी के तीन उदाहरणों के अलावा, Meta के आंतरिक मार्गदर्शन में कई और कैटेगरी शामिल हैं और यह नियम है कि खास संस्थाओं के संदर्भों को अनुमति देने के लिए, उन्हें उनमें से किसी एक सूची के अंतर्गत आना चाहिए, या तो स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए या इस विषय पर चर्चा करने के इरादे का स्पष्ट संकेत होना चाहिए. अनुमति प्राप्त सामाजिक और राजनैतिक चर्चा की कैटेगरी की पूरी सूची है: चुनाव; संसदीय और एग्ज़ीक्यूटिव फ़ंक्शन; संघर्ष समाधान (थोड़े दिन की संधि /युद्धविराम आदि); अंतरराष्ट्रीय समझौते या संधियाँ; आपदा प्रतिक्रिया और मानवीय राहत; स्थानीय सामुदायिक सेवाएँ; मानवाधिकार और मानवीय चर्चा; तटस्थ चर्चा और किसी चिह्नित एंटिटी और उनके व्यवहार का काल्पनिक चित्रण; समाचार रिपोर्टिंग; निंदा और आलोचना; व्यंग्य और हास्य; और किसी खास संस्था और हिंसक घटनाओं का उल्लंघन करने वाले अपराधियों के इर्द-गिर्द कानूनी चर्चा.
आंतरिक मार्गदर्शन और संकट पॉलिसी प्रोटोकॉल
25 फ़रवरी, 2025 को, चर्चा में चल रहा कंटेंट पोस्ट होने के महीनों बाद और अल-शरा के सीरिया के अंतरिम नेता बनने के तुरंत बाद, Meta ने "आंतरिक, व्यापक, वैश्विक और समयबद्ध पॉलिसी मार्गदर्शन" जारी किया, जिससे राष्ट्रपति अल-शरा के संबंध में सीरिया में खतरनाक लोगों और संगठनों के कम्युनिटी स्टैंडर्ड के व्यवहार में अस्थायी रूप से बदलाव आया. इस गोपनीय मार्गदर्शन में ऐसे कंटेंट को अनुमति दी गई थी जिसे अन्यथा राष्ट्रपति अल-शरा की ओर से आधिकारिक कम्युनिकेशन माना जाता, लेकिन तब अगर उसे सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में उनकी आधिकारिक क्षमता में शेयर किया जाता. यह मार्गदर्शन, जिसे सिर्फ़ बोर्ड द्वारा इन मामलों की घोषणा करके सार्वजनिक किया गया था, "राष्ट्रपति के कार्यक्रमों, पोस्ट, सार्वजनिक बयानों, फ़ैसलों, प्रेस विज्ञप्तियों, भाषणों और साक्षात्कारों के पोस्ट, वीडियो या फ़ोटो, खास तौर पर सीरियाई राष्ट्रपति पद द्वारा आधिकारिक रूप से शेयर किए गए" मामलों को कवर करता है. इस मार्गदर्शन के तहत, Meta HTS की तारीफ़ों, समर्थन या प्रतिनिधित्व को हटाना जारी रखेगा. अगर राष्ट्रपति अल-शरा द्वारा या उनकी तरफ़ से किए गए कम्युनिकेशन में दूसरी पॉलिसीज़ का उल्लंघन शामिल है, तो Meta ने अपने रिव्यूअर्स को ऐसे कंटेंट को हटाने का निर्देश दिया है.
20 मई को, Meta ने मार्गदर्शन में बदलाव किया है जिससे सकारात्मक संदर्भों सहित "राष्ट्रपति अल-शरा के संदर्भ" देने वाले कंटेंट को अनुमति मिली. Meta ने कन्फ़र्म किया कि यह मार्गदर्शन Facebook, Instagram और Threads पर भी लागू होता है, और सीरियाई परिवर्तनकालिक सरकार के किसी अन्य सदस्य या सीरियाई संघर्ष के किसी अन्य प्रमुख व्यक्ति के लिए ऐसा कोई मार्गदर्शन नहीं है.
Meta ने कहा कि यह मार्गदर्शन दिसंबर 2024 के शुरू में सीरिया को संकटग्रस्त घोषित करने के बाद लागू किए गए कई उपायों में से एक था. यह निर्देश Meta के संकट पॉलिसी प्रोटोकॉल (CPP) के अंतर्गत बनाया गया था, जिसे कंपनी ने बोर्ड की पिछले कुछ सुझावों में से एक के जवाब में बनाया था. CPP के अंतर्गत किए गए अन्य उपायों में नागरिकों को हथियार रखने या हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए मना करना, असद शासन से जुड़े होने का दावा करने वालों को हटाना और "थर्ड पार्टी के फ़ैक्ट-चैकर के लिए एक ट्रेंडिंग ईवेंट शुरू करना शामिल है, ताकि वे संघर्ष से संबंधित झूठे दावों की शीघ्र पहचान कर सकें और उन्हें खारिज कर सकें." ट्रेंडिंग ईवेंटस ऐसा टूल है जिसका इस्तेमाल Meta उन महत्वपूर्ण परिस्थितियों से जुड़े कंटेंट का ज़्यादा सक्रिय रूप से पता लगाने के लिए करता है जिन्हें वह गलत सूचना वायरल होने के लिए ज़्यादा जोखिम वाला मानता है. Meta प्रासंगिक कीवर्ड्स की एक सूची तैयार करता है जिनका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने वाले प्रासंगिक कंटेंट की पहचान करने के लिए किया जाता है. इस प्रक्रिया के ज़रिए पहचाने गए कंटेंट को लेबल किया जाता है और अमेरिका के बाहर थर्ड-पार्टी फ़ैक्ट-चैकर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले टूल में समीक्षा के लिए आसानी से फ़िल्टर करने योग्य बनाया जाता है.
हिंसा और उकसावा
हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी बनाने के कारण में कहा गया है कि Meta का उद्देश्य "उस संभावित ऑफ़लाइन हिंसा को रोकना है जो हमारे प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद कंटेंट से संबंधित हो सकती है." Meta "ऐसी भाषा को हटाता है जो हिंसा को उकसाती या बढ़ावा देती है और सार्वजनिक या व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए असल में खतरा पैदा करती है."
Meta, हिंसा के उन खतरों को हटाता है जिनसे मृत्यु या अन्य प्रकार की बहुत गंभीर हिंसा हो सकती है. यह खतरों को "किसी खास लक्ष्य के खिलाफ़ हिंसा का इरादा, इच्छा या हिंसा उकसाने वाले बयान या दृश्य के रूप में परिभाषित करता है, और खतरों को विभिन्न प्रकार के बयानों जैसे इरादे के बयान, कार्रवाई का आह्वान, वकालत, आशा की अभिव्यक्ति, इच्छा जताने वाले बयान और सशर्त बयानों में व्यक्त किया जा सकता है." पॉलिसी में कहा गया है कि Meta "जागरूकता बढ़ाने या निंदा के संदर्भ में शेयर की जाने वाली धमकियों पर प्रतिबंध नहीं लगाता है." पॉलिसी हिंसा की इच्छा जताने वाले कुछ उकसाव के साथ-साथ हिंसक व्यक्तियों और आतंकवादी समूहों के खिलाफ़ निर्देशित "कुछ खतरों" की भी अनुमति देती है.
खबरों में रहने लायक होने की छूट
Meta अपने प्लेटफ़ॉर्म पर ऐसे कंटेंट को अनुमति दे सकता है जो उसकी पॉलिसियों का उल्लंघन करता है, बशर्ते उसे पर्याप्त रूप से खबरों में रहने लायक माना जाए. Meta का कहना है कि वह ऐसा केवल "पूरी तरह समीक्षा करने के बाद करता है, जिसमें जनहित और नुकसान के जोखिम की तुलना की जाती है." ऐसा बहुत कम मामलों में होता है. जून 2023 और जून 2024 के बीच केवल 32 अनुमतियाँ, जून 2022 और जून 2023 के बीच 69 अनुमतियाँ दी गईं (जिनमें से 17 को "स्केल" किया गया था, नीचे देखें) और जून 2021 और जून 2022 के बीच 68 अनुमतियाँ दी गई थीं. ऐसी अनुमति केवल Meta की कंटेंट पॉलिसी टीम द्वारा, एस्केलेशन के बाद ही दी जा सकती है. खबरों में रहने लायक होने का निर्धारण करते समय, Meta यह आकलन करता है कि क्या कंटेंट "सार्वजनिक स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए खतरा" पेश करता है या किसी राजनैतिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में वर्तमान में बहस किए जा रहे नज़रियों को प्रस्तुत करता है." यह अन्य बातों पर भी विचार करता है, जिनमें देश-विशिष्ट परिस्थितियाँ, भाषण की प्रकृति (विशेषकर यह कि वह शासन या राजनीति से संबंधित तो नहीं) और देश की राजनीतिक संरचना, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या वहाँ प्रेस की आज़ादी है.
Meta, संभावित रूप से खबरों में रहने लायक कंटेंट को तब हटा देता है जब "उसे अपलोड करने से शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय नुकसान या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा उत्पन्न होता है." खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी अनुमतियाँ "संकीर्ण" हो सकती हैं, अर्थात, कंटेंट के किसी एक ही भाग पर लागू की जा सकती हैं. या अनुमति को "स्केल" किया जा सकता है, जो "वाक्यांश जैसी किसी चीज़ पर ज़्यादा व्यापक रूप से लागू हो सकती है." Meta ने बोर्ड को बताया कि उसने असद शासन के पतन से पहले के महीनों के दौरान खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी कोई अनुमति जारी नहीं की.
II. Meta के सबमिशन
खतरनाक संगठन और लोग
Meta ने कहा कि वीडियो मामले में HTS को उसके आधिकारिक कम्युनिकेशन माध्यमों के लिए समर्थन देकर और एक चिह्नित एंटिटी द्वारा बनाए गए कंटेंट को शेयर करके, खतरनाक संगठन और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन किया गया है. Meta ने नोट किया कि वीडियो में HTS का एक सैन्य नेता दिखाया गया था और ऐसा लगता है कि इसे HTS ने ही बनाया था, क्योंकि Meta ने निर्धारित किया कि इसमें ऐसा कोई संकेत नहीं था कि इसे किसी थर्ड-पार्टी, जैसे कि किसी समाचार संस्था, द्वारा बनाया गया था. फ़ोटो वाले मामले के कंटेंट के विपरीत, यूज़र ने भाषण देने वाले की पहचान करने वाला एक कैप्शन और हैशटैग - #MilitaryOperationsManagement और #DeterrenceOfAggression - शामिल किया था. हालाँकि, Meta ने स्पष्ट किया कि हो सकता है यह किसी पत्रकार ने पोस्ट किया हो, फिर भी यह पोस्ट समाचार रिपोर्टिंग के योग्य नहीं है क्योंकि वीडियो HTS द्वारा बनाया गया था और यूज़र ने बिना किसी संपादन के, उनके आधिकारिक कम्युनिकेशन को पूरी तरह से शेयर किया था, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह समाचार रिपोर्टिंग थी.
Meta ने एक चिह्नित संगठन HTS और एक चिह्नित व्यक्ति अल-शरा को उनके आधिकारिक कम्युनिकेशन माध्यमों से समर्थन देने के लिए फ़ोटो वाले मामले के कंटेंट को भी हटा दिया. Meta ने नोट किया कि यह कंटेंट अल-शरा द्वारा एक सक्रिय संघर्ष के दौरान HTS कमांडर के रूप में दिए गए आधिकारिक बयान का एक कैप्शन-रहित रीशेयर लगता है. Meta ने स्पष्ट किया कि कंटेंट में कोई कैप्शन नहीं था, इसलिए यह स्पष्ट नहीं था कि इसे शेयर करने के पीछे यूज़र का क्या उद्देश्य था. इसलिए, यह कंटेंट सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के अपवाद के तहत किसी भी स्वीकार्य संदर्भ में फ़िट नहीं होगा, जिसमें समाचार रिपोर्टिंग या तटस्थ चर्चा शामिल है.
Meta ने यह भी नोट किया कि यह कंटेंट अल-शरा के सीरिया के राष्ट्रपति बनने से पहले शेयर किया गया था, इसलिए यूज़र्स को उस पद पर उनसे आधिकारिक कम्युनिकेशन प्राप्त करने की अनुमति देने वाला आंतरिक पॉलिसीगत मार्गदर्शन लागू नहीं होता.
Meta ने यह भी कहा कि किसी भी पोस्ट को सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के अंतर्गत समाचार रिपोर्टिंग के रूप में भी अनुमति नहीं मिलेगी. ऐसा इसलिए था क्योंकि "इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कंटेंट किसी मुद्दे की समझ या किसी ऐसे विषय के ज्ञान को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शेयर किया गया था जिसका सार्वजनिक हित में महत्व हो." Meta ने नोट किया कि फ़ोटो वाली पोस्ट बिना किसी कैप्शन के या जागरूकता बढ़ाने वाले संदर्भ के शेयर की गई थी. हालाँकि वीडियो में एक कैप्शन था और इसे एक पत्रकार ने पोस्ट किया था, लेकिन यह "स्पष्ट नहीं था कि उन्होंने इसे जागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्ट किया था या नहीं. कैप्शन में बिना किसी अतिरिक्त संदर्भ, स्पष्टीकरण या आगे की चर्चा के, वीडियो में पहले से शामिल तथ्यों को ही दोहराया गया है."
हिंसा और उकसावा
Meta ने बताया कि दोनों पोस्ट उसकी हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी का भी उल्लंघन करती हैं.
Meta ने पाया कि वीडियो वाले मामले के कंटेंट में पॉलिसी के दो उल्लंघन शामिल थे. वीडियो में अल-शमी, HTS लड़ाकों को उकसा रहे हैं कि "अपने दुश्मनों पर हमला करो और उनका दम घोंट दो", जिसे Meta ने बहुत गंभीर हिंसा की धमकी (असद शासन के सैनिकों और/या सहयोगियों पर हमला करने और उन्हें मारने के लिए उकसाना) समझा है. इसके अलावा, Meta ने पाया कि वीडियो में दिए गए बयान में अल-असद के सैनिकों के लिए एक सशर्त धमकी थी, जिसमें कहा गया था, "आपके पास मारे जाने, भागने या दलबदल करने के अलावा कोई चारा नहीं है."
फ़ोटो वाले केस में, अल-शरा ने HTS लड़ाकों और समर्थकों से आग्रह किया कि "अपने दुश्मन के सीने को छोड़कर, एक भी गोली बर्बाद न करें." Meta ने इसे "दुश्मन" को गोली मारने और कत्ल करने की एक सशर्त धमकी माना और उसने असद शासन के सैनिकों और/या उसके सहयोगियों को “दुश्मन” के रूप में समझा.
खबरों में रहने लायक होना
Meta ने कन्फ़र्म किया कि उसने पॉलिसीगत छूट लागू करने के लिए, किसी भी पोस्ट को खबरों में रहने लायक नहीं माना. कंटेंट के जनहित मूल्य का आकलन करते हुए, Meta ने कहा कि उसने "संघर्ष में शामिल सभी पक्षों द्वारा किए गए क्रूरता के डॉक्यूमेंटेड अपराधों, पोस्ट किए गए भाषण में निहित खतरों की हिंसक प्रकृति, प्रत्येक मामले में वक्ताओं की स्थिति और कंटेंट पोस्ट किए जाने के समय सीरिया में खराब होती स्थिति को ध्यान में रखते हुए, संभावित ऑफ़लाइन नुकसान को रोकने और प्रतिबंधित करने के लिए इन मामलों में कंटेंट को हटा दिया."
बोर्ड ने Meta से सीरियाई संघर्ष और उसके समाधान के लिए अपनी पॉलिसियों और एन्फ़ोर्समेंट व्यवहारों में बदलाव के बारे में, साथ ही संघर्ष में शामिल पक्षों पर खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी के उपयोग के बारे में सवाल पूछे. Meta ने सभी सवालों के जवाब दिए.
4. पब्लिक कमेंट
ओवरसाइट बोर्ड को सबमिट करने की शर्तों को पूरा करने वाले दो पब्लिक कमेंट मिले. इनमें से एक कमेंट मध्य-पूर्व से थी और एक सब-सहारन अफ़्रीका से थी. प्रकाशन की सहमति के साथ सबमिट किए गए पब्लिक कमेंट पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें.
सबमिशन में निम्नलिखित विषय शामिल थे: असद शासन और नई सीरियाई सरकार का मानवीय रिकॉर्ड; सोशल मीडिया पर धमकियाँ और हिंसक बयानबाज़ी सीरिया में हिंसा का रूप ले सकती है; सीरिया में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले कंटेंट को नियंत्रित करने की आवश्यकता; और समाचारों और राजनैतिक घटनाक्रमों को प्रसारित करने वाले कंटेंट को सेंसर नहीं किया जाना चाहिए.
5. ओवरसाइट बोर्ड का विश्लेषण
बोर्ड ने इन केसों को इस बात पर ध्यान देने के लिए चुना कि तेज़ी से बढ़ रहे संघर्षों के दौरान Meta की कंटेंट पॉलिसी और एन्फ़ोर्समेंट किस प्रकार अभिव्यक्ति की आज़ादी को प्रभावित करते हैं, खास तौर पर सीरिया के युद्ध पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जिसमें लोग संघर्ष में शामिल एक प्रतिबंधित संगठन के बारे में जानकारी शेयर कर रहे थे.
बोर्ड ने Meta की कंटेंट पॉलिसी, वैल्यू और मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियों के संबंध में इन केस में दिए गए Meta के फ़ैसलों का विश्लेषण किया. बोर्ड ने यह भी आकलन किया कि कंटेंट गवर्नेंस को लेकर Meta के व्यापक दृष्टिकोण पर इन केसों का क्या असर पड़ेगा.
5.1 Meta की कंटेंट पॉलिसी का अनुपालन
कंटेंट से जुड़े नियम
बोर्ड का मानना है कि दोनों पोस्ट खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करती हैं. दोनों में HTS के आधिकारिक कम्युनिकेशन शामिल हैं, एक उसके कमांडर का भाषण और दूसरा HTS के एक सैन्य नेता का वीडियो संबोधन. जैसा कि कम्युनिटी स्टैंडर्ड में इस कंसेप्ट का वर्णन किया गया है, ये पोस्ट अल-शरा और HTS को समर्थन प्रदान करती हैं, बिना यह स्पष्ट संकेत दिए कि यूज़र्स ने कंटेंट को अनुमति प्राप्त सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के लिए शेयर किया है, उदाहरण के लिए, तटस्थ चर्चा के रूप में. अगर यूज़र्स ने यह संकेत देते हुए एक छोटा कंमेंट भी डाला होता कि वे ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो ये पोस्ट सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के रूप में स्वीकार्य हो सकती थीं और उन्हें हटाया नहीं जाता. हालाँकि, उस आशय के स्पष्ट संकेत न होने के कारण, ये पोस्ट पॉलिसी के अर्थ का उल्लंघन करती हैं.
बोर्ड का यह भी मानना है कि ये पोस्ट हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करती हैं. वीडियो वाले केस के कंटेंट में HTS लड़ाकों को उकसाया गया है कि वे "अपने दुश्मनों पर हमला करें और उनका दम घोंट दें" और फिर अपने दुश्मनों से कहें कि अगर वे भागे नहीं या दलबदल नहीं किया, तो उन्हें मार दिया जाएगा. फ़ोटो वाले केस के कंटेंट में, HTS के लड़ाकों और सहयोगियों को अपने दुश्मनों पर गोली चलाने के लिए उकसाया गया है.
यह आकलन करते हुए कि क्या इन पोस्ट ने इन दो कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन किया है, बोर्ड ने सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में इन नियमों को लागू करने की जटिलता पर ध्यान दिया, क्योंकि ये पॉलिसियाँ प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के स्टैंडर्ड से संबंधित नहीं हैं या यह नहीं बताती हैं कि सशस्त्र संघर्ष में ये कैसे अलग तरीके से लागू होंगी.
खबरों में रहने लायक होने की छूट
नीचे दिए गए आवश्यकता और आनुपातिकता विश्लेषण में बताए गए कारणों से, बोर्ड के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि खतरनाक संगठनों और लोगों और हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसियों के उल्लंघन के बावजूद, दोनों मामलों में खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी स्केल की गई छूट लागू की जानी चाहिए थी. इससे उस अवधि के दौरान अस्पष्ट इरादे से उसी वीडियो और फ़ोटो को शेयर करने वाली पोस्ट और अन्य लोगों को प्लेटफ़ॉर्म पर बने रहने की अनुमति मिल जाती, बशर्ते साथ में दिए गए कैप्शन में Meta की पॉलिसियों का कोई अन्य उल्लंघन शामिल न हो. बोर्ड के कुछ लोग इससे असहमत है और उन्होंने नीचे दिए गए आवश्यकता और आनुपातिकता विश्लेषण में एक असहमतिपूर्ण राय शामिल की है.
5.2 Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों का अनुपालन
बोर्ड के अधिकांश सदस्यों ने पाया कि प्लेटफ़ॉर्म से कंटेंट को हटाना Meta की मानवाधिकार जिम्मेदारियों के अनुरूप नहीं था और भविष्य में इस तरह के संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए Meta की प्रासंगिक पॉलिसियों को एडजस्ट किया जाना चाहिए.
अभिव्यक्ति की आज़ादी (आर्टिकल 19 ICCPR)
नागरिक और राजनैतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय समझौते (ICCPR) का अनुच्छेद 19, राजनैतिक अभिव्यक्ति सहित सभी तरह की अभिव्यक्ति को व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है. इस अधिकार में “सभी प्रकार की जानकारी और आइडिया माँगना, पाना और देना” शामिल है. इस अधिकार के प्रत्येक पहलू का सम्मान किया जाना चाहिए, जिसमें सशस्त्र संघर्ष की अवधि भी शामिल है, विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए कि आम नागरिकों को ऐसी जानकारी मिल पाए जो संघर्ष के नवीनतम घटनाक्रम और गतिशीलता को समझने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. Meta को अपनी मानवाधिकार संबंधी ज़िम्मेदारियों में इस चिंता की मदद लेते रहना चाहिए. साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के परस्पर सुदृढ़ बनाने वाले और पूरक नियमों की भी मदद ली जानी चाहिए जो ऐसे विवादों पर लागू होते हैं (सामान्य कमेंट सं. 31, मानवाधिकार समिति, 2004, पैरा. 11; बिज़नेस और मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों (UNGP) पर कमेंट्री, सिद्धांत 12; सशस्त्र संघर्षों में गलत सूचना पर अभिव्यक्ति की आज़ादी से संबंधित, संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर की रिपोर्ट, A/77/288, पैरा. 33-35 (2022)) भी देखें.
संघर्ष के समय में सूचना की जानकारी मिल जाना जीवन और मौत के बीच का फ़र्क साबित हो सकती है. अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपर्टर में कहा गया है कि “सशस्त्र संघर्ष के दौरान, लोग सबसे ज़्यादा असुरक्षित होते हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा और कल्याण के लिए एकदम सही और भरोसेमंद जानकारी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है. फिर भी, ऐसी ही स्थितियों में उनके विचारों और अभिव्यक्ति की आज़ादी, युद्ध की परिस्थितियों और संघर्ष में शामिल पार्टियों के कृत्यों और राजनैतिक, सैन्य और रणनीतिक उद्देश्यों के लिए जानकारी में फेरबदल करने और उसे प्रतिबंधित करने वाले अन्य कारणों द्वारा सबसे ज़्यादा प्रतिबंधित की जाती हैं” (A/77/288, पैरा. 1). रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सूचना का हेरफेर सशस्त्र संघर्षों के दौरान आम बात है, जिसमें विपक्ष को धोखा देने से लेकर नागरिकों पर प्रभाव डालने या नफ़रत फैलाने के तरीके भी शामिल हैं. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की संघर्षों में दोहरी भूमिका रहती है, लोगों को बाहरी दुनिया से जुड़े रहने का एक ज़रिया प्रदान करना और साथ ही उन्हें जीवन रक्षक महत्वपूर्ण जानकारी भी पहुँचाना. इसी के साथ अफ़वाहों और नफ़रत फैलाने वाले भाषणों को फैलने से रोकना भी शामिल है. हालाँकि, बोर्ड मनता है कि यह जानने से कि कौन-से लोग कौन-सी जानकारी फैला रहे हैं, जिसमें अफ़वाहें भी शामिल हैं, हो रही घटनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है और लोगों को उनके सामने आने वाले जोखिमों का पूरी तरह से आकलन करने में मदद मिल सकती है.
जहाँ राज्य, अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध लगाता है, वहाँ प्रतिबंधों को वैधानिकता, वैधानिक लक्ष्य और आवश्यकता तथा आनुपातिकता की शर्तों को पूरा करना चाहिए (अनुच्छेद 19, पैरा. 3, ICCPR). इन आवश्यकताओं को अक्सर “तीन भागों वाला परीक्षण” कहा जाता है. बोर्ड इस फ़्रेमवर्क का उपयोग UNGP के अनुरूप Meta की मानवाधिकार से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को समझने के लिए करता है, जिसके लिए Meta ने अपनी कॉर्पोरेट मानवाधिकार पॉलिसी में प्रतिबद्धता जताई है. बोर्ड ऐसा इसलिए करता है कि वह रिव्यू के लिए आए कंटेंट से जुड़े अलग-अलग फ़ैसले ले सके और यह समझ सके कि कंटेंट मॉडरेशन से जुड़ा Meta का व्यापक दृष्टिकोण क्या है. जैसा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी के बारे में संयुक्त राष्ट्र के खास रैपर्टर में कहा गया है कि भले ही “कंपनियों का सरकारों के प्रति दायित्व नहीं है, लेकिन उनका प्रभाव इस तरह का है जो उनके लिए अपने यूज़र की सुरक्षा के बारे में इस तरह के सवालों का मूल्यांकन करना ज़रूरी बनाता है” (A/74/486, पैरा. 41).
I. वैधानिकता (नियमों की स्पष्टता और सुलभता)
वैधानिकता के सिद्धांत के लिए यह ज़रूरी है कि अभिव्यक्ति को सीमित करने वाले नियमों को एक्सेस किया जा सकता हो और वे स्पष्ट हों. उन्हें पर्याप्त सटीकता के साथ बनाया गया हो ताकि लोग अपने व्यवहार को उसके अनुसार बदल सकें (सामान्य कमेंट सं. 34, पैरा. 25 पर). इसके अलावा, ये नियम “उन लोगों को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर प्रतिबंध लगाने के निरंकुश अधिकार नहीं दे सकते, जिनके पास इन नियमों को लागू करने की ज़िम्मेदारी है” और नियमों में “उन लोगों के लिए पर्याप्त मार्गदर्शन भी होना ज़रूरी है जिन पर इन्हें लागू करने की ज़िम्मेदारी है ताकि वे यह पता लगा सकें कि किस तरह की अभिव्यक्ति को उचित रूप से प्रतिबंधित किया गया है और किसे नहीं,” (पूर्वोक्त). अभिव्यक्ति की आज़ादी पर संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष रैपर्टर ने कहा है कि ऑनलाइन अभिव्यक्ति की निगरानी करने के मामले में निजी संस्थानों पर लागू होने वाले नियम स्पष्ट और विशिष्ट होने चाहिए (A/HRC/38/35, पैरा. 46 पर). Meta के प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने वाले लोगों के लिए ये नियम एक्सेस करने और समझने लायक होने चाहिए और उनके एन्फ़ोर्समेंट के संबंध में कंटेंट रिव्यूअर्स को स्पष्ट मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए.
बोर्ड ने जो चिंताएँ पहली बार नाज़ी उद्धरण फ़ैसले में व्यक्त की गई थीं, उन्हें दोहराते हुए बोर्ड ने कहा कि Meta का चिह्नित एंटिटी की अपनी सूची को बताने से इंकार करने के कारण, खतरनाक संगठन और लोगों से जुड़ी पॉलिसी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होती, क्योंकि यूज़र्स को यह नहीं पता होता कि वे किन एंटिटी के कम्युनिकेशन को चैनल कर सकते हैं. Meta ने चिह्नित एंटिटी की अपनी लिस्ट का पूर्ण विवरण देने की बोर्ड की सिफ़ारिश को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन उसने जून 2024 में उस साल अप्रैल में की गई बोर्ड की सिफ़ारिश (सूडान की रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स) पर सहमति दे दी थी कि वह अमेरिका की उन सार्वजनिक डेज़िग्नेशन लिस्ट से लिंक करेगा जहाँ पॉलिसी में इनका संदर्भ दिया गया है. बोर्ड ने कहा कि सरकारें आम तौर पर आतंकवादी चिह्नांकनों का खुलासा करती हैं, लेकिन Meta इस बारे में कुछ नहीं करता. Meta ने अभी तक इस सुझाव को लागू नहीं किया है. जब इन एंटिटी के तौर-तरीकों पर चर्चा करने की आवश्यकता खास तौर पर ज़रूरी होती है और चिह्नित एंटिटी, शासकीय प्राधिकरण की तरह बर्ताव कर रही हों, तो लगातार पारदर्शिता का ना होना, सशस्त्र संघर्षों के दौरान काफी समस्याएँ पैदा कर देता है.
बोर्ड का मानना है कि सामाजिक और राजनैतिक चर्चा के लिए खतरनाक संगठनों और लोगों के लिए निर्धारित सीमा भी पूरी तरह पारदर्शी नहीं है, क्योंकि सार्वजनिक रूप से दी गई जानकारी (चिह्नित एंटिटी या उनकी गतिविधियों की "रिपोर्टिंग", "तटस्थ चर्चा" और "निंदा" की अनुमति देने वाले अपवादों तक सीमित) और रिव्यूअर्स को दिए गए आंतरिक मार्गदर्शन, जहाँ अनुमति दी गई चर्चाओं के कई अन्य उदाहरण सूचीबद्ध हैं, के बीच काफी अंतर हैं.
इसके साथ-साथ, बोर्ड का यह भी मानना है कि Meta द्वारा फ़रवरी 2025 से एक गैर-सार्वजनिक लेकिन पूरी तरह से सक्रिय पॉलिसी लागू करना, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति अल-शरा की आधिकारिक क्षमता में जारी उनके कम्युनिकेशन के बारे में लोग कैसे जानकारी प्राप्त या शेयर कर सकते हैं, वैधता की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है. यह ज़रूरी है कि यूज़र इस तरह की पॉलिसियों के बारे मे जानें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे Meta के नियमों के दायरे को समझ सकें और वे उनके अंतर्गत ही अपने अभिव्यक्ति के अधिकारों का उपयोग करें.
अंत में, इन मामलों के कंटेंट पर लागू होने के संबंध में, बोर्ड ने पाया कि खतरनाक संगठन और लोगों तथा हिंसा और उकसावे से जुड़ी पॉलिसी पर्याप्त रूप से स्पष्ट हैं, जबकि सशस्त्र संघर्षों में इन पॉलिसियों को लागू करने में वैचारिक चुनौतियाँ हैं, जब अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के लागू नियम और सिद्धांत इन पॉलिसी के मार्गदर्शन में प्रतिबिंबित नहीं होते.
II. वैधानिक लक्ष्य
अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाए जाने वाले सभी प्रतिबंधों में ICCPR में सूचीबद्ध कानूनी लक्ष्यों में से एक या एक से ज़्यादा को भी पूरा किया जाना चाहिए, जिसमें अन्य लोगों के अधिकारों की रक्षा शामिल है (अनुच्छेद 19, पैरा. 3, ICCPR).
बोर्ड ने पहले पाया था कि खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी पॉलिसी का लक्ष्य “असली दुनिया को होने वाले नुकसानों को रोकना और उनमें रुकावट डालना है.” कई फ़ैसलों में, बोर्ड ने पाया है कि यह पॉलिसी दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने के वैधानिक लक्ष्य का पालन करती है, जैसे कि जीने का अधिकार (अनुच्छेद 6, ICCPR) और व्यक्ति की सुरक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 9, ICCPR).
बोर्ड ने पहले पाया था कि हिंसा और उकसावे से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उद्देश्य ऐसे कंटेंट को हटाकर “ऑफ़लाइन नुकसान की संभावना को रोकना है” जिसमें “जान और माल के नुकसान का वास्तविक जोखिम या लोगों की सुरक्षा को सीधे खतरा” होता है. यह पॉलिसी जीने के अधिकार और व्यक्ति की सुरक्षा के अधिकार के वैधानिक लक्ष्य की पूर्ति करती है (अनुच्छेद 6, ICCPR; अनुच्छेद 9 ICCPR); सामान्य कमेंट सं. 35, पैरा. 9).
III. आवश्यकता और आनुपातिकता
ICCPR के अनुच्छेद 19(3) के तहत, आवश्यकता और आनुपातिकता के सिद्धांत के अनुसार यह ज़रूरी है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध “उनके सुरक्षात्मक कार्य को सही तरीके से पूरा करने वाले होने चाहिए; उनसे उन लोगों के अधिकारों के साथ कम से कम हस्तक्षेप होना चाहिए, जिन अधिकारों से उन्हें सुरक्षात्मक कार्यों का लाभ मिल सकता है; उन हितों के अनुसार सही अनुपात में होने चाहिए, जिनकी सुरक्षा की जानी है,” (सामान्य कमेंट सं. 34, पैरा. 34).
बोर्ड के ज़्यादातर लोगों का मानना है कि दोनों पोस्ट का हटाना न तो आवश्यक है और न ही आनुपातिक. बोर्ड ने पहले रबात एक्शन प्लान में लिखी हुई प्रासंगिक वजहों का उपयोग यह आकलन करने के लिए किया है कि क्या तुरंत नुकसान की आशंका है और क्या इसे केवल कंटेंट को हटाने से टाला जा सकता है (उदाहरण के लिए, सूडान के संघर्ष से जुड़ी हथियारों वाली पोस्ट और टिग्रे कम्युनिकेशन अफ़ेयर्स ब्यूरो के फ़ैसले). इन केसों में रबात की प्रासंगिक वजहों को लागू करते समय, बोर्ड केवल उस जानकारी पर विश्वास करता है जो इन पोस्ट की प्रारंभिक जाँच के समय Meta के पास पूरी तरह से उपलब्ध होती है, यह देखते हुए कि कंटेंट पोस्ट किए जाने के बाद घटनाएँ चाहे जैसी भी हों, परिणाम समान ही होंगे. बोर्ड के ज़्यादातर सदस्यों ने यह पाया:
सामाजिक और राजनैतिक संदर्भ: इन पोस्ट की जाँच इसलिए की गई क्योंकि HTS के नेतृत्व वाली मिलिशिया एक चालू हमले में तेज़ी से जगहों पर कब्ज़ा कर रही थीं, जिसके परिणाम का भी पता नहीं था और यह एक लंबे समय से चलते हुए संघर्ष के बाद हुआ जिसमें व्यापक मानवाधिकारों का हनन और संघर्ष में शामिल विभिन्न गुटों द्वारा नागरिकों पर हमले शामिल थे. सूचना की परिस्थितियों का संदर्भ भी उचित है. असद शासन ने प्रेस की आज़ादी के साथ-साथ ज़्यादातर सीरियाई नागरिकों तक सूचना की पहुँच को गंभीर रूप से सीमित कर दिया था, जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर शासन-विरोधी पोस्ट करने वालों को गिरफ़्तार करना और उन पर अत्याचार करना शामिल था. असद शासन संघर्ष के दौरान लगातार सूचनाओं को दबाने के लिए अपने क्षेत्र में मीडिया के पारंपरिक तरीकों को अपने तरीके से नियंत्रित कर रहा था. जब सरकार स्वतंत्र रूप से काम कर सकती थी, ऐसे में कई विपक्षी संगठनों पर सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंधों ने विरोधी संगठनों की आवाज़ों को और दबा दिया और सूचना के प्रसारण में परेशानियाँ पैदा की. शासन के नियंत्रण में रहने वाले सीरियाई लोगों ने पुराने चलते आ रहे मीडिया पर सरकार द्वारा तैयार किया गया युद्ध का चित्र, असद की सेनाओं और उसके सहयोगियों की ताकत के बारे में देखा, न कि उनके विरोधियों की ताकत और सफलताओं को. इन दबाने वाले तरीकों के कारण, कई सीरियाई (कमजोर अल्पसंख्यक समूहों सहित) सूचना के दूसरे तरह के ज़रियों तक पहुँचने, उन्हें प्रयोग करने और यह जानने के लिए कि संघर्ष किस तरह से आगे बढ़ रहा है, क्या वे इसमें फंस सकते हैं और उनकी आम राजनैतिक और सुरक्षा स्थिति क्या है, सोशल मीडिया पर निर्भर थे.
वक्ताओं की पहचान और स्टेटस: जिन लोगों ने यह कंटेंट पोस्ट किया है, वे कोई जानी-मानी हस्ती नहीं हैं और लगता है कि उनका अपनी ऑडियंस पर सीधा प्रभाव काफ़ी कम है, हालाँकि स्वयं को पत्रकार बताने वाले व्यक्तियों के काफ़ी फ़ॉलोअर हैं. कंटेंट में दिखाए गए लोग जानी-मानी हस्तियाँ हैं, जिनकी पहुँच और प्रभाव, HTS में होने के कारण, काफ़ी ज़्यादा है.
वक्ताओं के विचार: कैप्शन मे वास्तविक कमेंट्री ना होने के कारण, कंटेंट पोस्ट करने वालों के इरादे को पहचानना मुश्किल है. उनके पोस्ट से इस बात का कोई संकेत नहीं मिलता कि उनका इरादा हिंसा भड़काने का था या HTS के संदेशों का समर्थन करने का. हालाँकि ऐसा लगता है कि दिखाए गए लोगों का इरादा मुख्य रूप से HTS लड़ाकों को अपना आक्रमण जारी रखने के लिए उकसाना था, जिसमें उनके दुश्मनों को मारना भी शामिल है, ये इरादे पोस्ट शेयर करने वालों पर स्थानांतरित नहीं किए जाने चाहिए. यह इरादे के अनुमान के संबंध में टिग्रे कम्युनिकेशन अफ़ेयर्स ब्यूरो में दिए गए फ़ैसले से बिल्कुल अलग है, क्योंकि उस मामले में, उकसाने वाला कंटेंट जिस अकाउंट से पोस्ट किया गया था, वह आधिकारिक तौर पर एक युद्धरत पार्टी के अकाउंट से जुड़ा हुआ था, न कि उन देखने वालों द्वारा शेयर किया गया था जो स्पष्ट रूप से युद्धरत पक्ष के नहीं थे, ना ही वे HTS का समर्थन कर रहे थे. यह कंबोडिया के प्रधानमंत्री वाले केस से भी बिल्कुल अलग है, जहाँ राजनेता द्वारा उकसाने का उद्देश्य चुनाव के संदर्भ में राजनैतिक विपक्ष को डराना और दूसरों की अभिव्यक्ति और सार्वजनिक भागीदारी को दबाना था. हालाँकि सूडान की रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स का बंधक वाला वीडियो वाले फ़ैसले में भाषण देने वाले की पहचान युद्धरत पार्टियों में से एक के रूप में नहीं की गई थी, लेकिन कंटेंट में कैप्शन उस चिह्नित एंटिटी के हिंसक मैसेज का समर्थन करता प्रतीत हुआ.
संकट के समय, जब समय की भी कमी होती है, कम्युनिकेशन को ज़रूर कम कर दिया जाता है. इसके अलावा, दबाने वाले माहौल में, जहाँ कम्युनिकेशन के कुछ ही माध्यम होते हैं और सोशल मीडिया पोस्ट पर कानूनी निगरानी और जाँच की चिंता भी रहती हैं, वहाँ कमेंट्री को कम करना उचित हो सकता है. बाहर के लोगों के लिए संदर्भगत संकेत कम स्पष्ट होना या कम दिखने में आने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें पोस्ट करने वाले की ऑडियंस पहचान नहीं पाएगी, जो उस संदर्भ को अच्छी तरह समझ सकती है जिसमें जानकारी शेयर की जा रही है. इस केस में और किसी भी राजनैतिक संघर्ष में, लोग संक्षिप्त जानकारी पर विश्वास करते हैं.
नुकसान (इसके होने की संभावना और जल्दी होने की संभावना सहित): बोर्ड ने नोट किया है कि HTS द्वारा शेयर किया गया कंटेंट आम दर्शकों के लिए नहीं था, बल्कि HTS के लोगों को ही निर्देश देने और उकसाने के लिए था. न अल-शमी और न ही अल-शरा, आम नागरिकों को हिंसा करने के लिए उकसा रहे थे. असद की सेना के खिलाफ़ हिंसा के मामलों में, HTS के गुटों द्वारा अतिरिक्त हिंसा भड़काने की संभावना कम थी और दूसरे गुटों द्वारा तो हिंसा भड़काने की संभावना और भी कम थी. थर्ड पार्टियों के रूप में, यूज़र्स द्वारा कंटेंट शेयर करने का मतलब जनता को सूचित करना और संघर्ष में सभी घटनाक्रमों पर नज़र रखने में सक्षम रहने का था. आज़ाद मीडिया के ना होने से तेज़ी से बढ़ रहे संघर्ष पर नज़र रखने का प्रयास कर रहे सीरियाई नागरिकों को सभी मौज़ूद सूचनाओं तक पहुँचने का लाभ मिला, जिसमें संघर्ष की दिशा तय करने वाले सशस्त्र समूहों के वरिष्ठ नेताओं के मैसेज भी शामिल थे. सैन्य घटनाओं के बारे में सभी पार्टियों के दावों की तुलना करने में सक्षम होने के साथ-साथ, डमास्कस की ओर बढ़ने के इरादे के बारे में HTS के बयान से कार्रवाई करने लायक जानकारी मिल सकती थी, जिसका उपयोग नागरिक खुद को सुरक्षित रखने के लिए कर सकते थे. यूज़र्स द्वारा इन पोस्ट को शेयर करने से HTS के सदस्यों द्वारा अपने दुश्मनों पर हमला करने की संभावना नहीं बढ़ी और इस जानकारी को शेयर करने वाले यूज़र के बयान को हटाने से होने वाले नुकसान के जोखिम में कोई खास कमी नहीं आई.
इन प्रासंगिक कारणों की जाँच करने पर, ज़्यादातर लोगों ने पाया कि इन पोस्ट के कारण और ज़्यादा हिंसा होने का जोखिम, सीरिया में तेज़ी से बदलते हालात को समझने की जनता की ज़रूरत से कहीं ज़्यादा था, जहाँ पर शासन ने सूचना की पहुँच को गंभीर रूप से सीमित कर दिया था. बोर्ड को जवाब देते हुए, इसी क्षेत्र में स्थित नागरिक समाज संगठन SMEX ने अपने सार्वजनिक संदेश में कहा कि, हालाँकि विद्रोही गुटों के अपडेट अक्सर उनके अपने इरादों को बढ़ावा देते थे, लेकिन सीरियाई लोगों के लिए सूचित रहना ज़रूरी था. ऐसी स्थिति में, पोस्ट को हटाना संभावित नुकसान को रोकने का सबसे कम दखल देने वाला तरीका नहीं था और न ही यह तेज़ी से बदलते घटनाक्रमों के बारे में जानकारी लेने में जनता की रुचि के अनुरूप था (PC-31259). यह केस ग्रीस में 2023 का चुनावी कैंपेन वाले फ़ैसले से अलग है, जहाँ व्यापक राष्ट्रीय मीडिया कवरेज ने कुछ खास संस्थाओं या उनके सहयोगियों से सीधे जानकारी लेने के अलावा, जानकारी तक पहुँचने के दूसरे तरह के ज़रियों को निश्चित किया.
उस समय सीरिया में सरकार द्वारा नियंत्रित मीडिया के प्रति एक काउंटर बयान देकर, दोनों मामलों के कंटेंट ने ऐसी जानकारी दी, जो कि संघर्ष को बारीकी से देख रहे सीरियाई नागरिकों के लिए और अपनी सुरक्षा के लिए निर्णय लेने में उपयोगी होती. वीडियो में हाल ही में शुरू हए विद्रोही आक्रमण के बारे में एक अपडेट शामिल था, जिसमें कहा गया था कि संघर्ष का एक "नया पहलू" शुरू हो गया है, जिससे सुनने वालों को हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी. इसके अलावा, कैप्शन में लिंक किए गए हैशटैग यूज़र्स को आक्रमण के बारे आगे तक के कंटेंट और जानकारी तक पहुँचने की अनुमति होगी. फ़ोटो ने डमास्कस में आक्रमण की अंतिम कोशिश की घोषणा की और कहा कि विद्रोही सैन्य बलों ने सरकार को परे करके, शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है और कैदियों को रिहा कर दिया है. यह सभी जानकारी उन लोगों के लिए कीमती होती जो एक दमनकारी शासन में रह रहे थे जहाँ स्वतंत्र प्रेस का अभाव था. इसे सूडान की रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स वीडियो कैप्टिव केस के विशिष्ट संदर्भ से अलग पहचाना जा सकता है, जहाँ बोर्ड विपरीत नतीजे पर पहुँचा था. उस मामले में, पोस्ट में संघर्ष की प्रगति पर नज़र रखने और खुद को सुरक्षित रखने के इच्छुक नागरिकों से सीधे तौर पर संबंधित जानकारी कम थी. युद्धबंदी की पहचान उजागर करने से और ज़्यादा नुकसान होने की भी संभावना थी और यूज़र द्वारा जोड़ा गया कैप्शन कंटेंट में मौजूद चिह्नित एंटिटी के हिंसक मैसेज का समर्थन करता प्रतीत होता था.
बोर्ड ने यह भी नोट किया कि सीरियाई संघर्ष में Meta के मॉडरेशन के कारण सूचना संबंधी विषमताएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे इसके यूज़र्स की सूचना तक पहुँच सीमित होने से उन्हें जोखिम हो सकता है. तेज़ी से बढ़ते संघर्ष के दौरान, एक दमनकारी शासन द्वारा सूचना तक पहुँच को पूरी तरह से नियंत्रित करने की कोशिश के संदर्भ में, यह ज़रूरी है कि Meta जैसी कंपनियाँ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना तक पहुँच का सम्मान करें. असद शासन का पारंपरिक मीडिया पर पूरा नियंत्रण और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर स्वतंत्र रूप से पोस्ट करने की क्षमता ने उसे विद्रोहियों की प्रगति के बारे में एक बहकाने वाली कहानी गढ़ने में मदद की. यूज़र्स को विद्रोही गुटों के बारे में जानकारी प्रदान करने से रोककर, Meta ने, भले ही अनजाने में, इस सूचना विषमता में योगदान दिया और सीरियाई लोगों की संभावित रूप से महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुँच को बाधित किया. Meta की पॉलिसीज़ चिह्नित एंटिटी के खिलाफ़ हिंसा का आह्वान करने की अनुमति देती हैं, लेकिन नियमित सेनाओं के खिलाफ़ हिंसा का आह्वान नहीं करतीं, भले ही वे मानवता के खिलाफ़ अपराधों के बराबर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों में शामिल हों. इस विषमता ने असद शासन और उसके समर्थकों को Meta के प्लेटफ़ॉर्म पर HTS, समान सशस्त्र समूहों और उनके समर्थकों के खिलाफ़ हिंसा की इच्छा या सशर्त धमकियों सहित, कम्युनिकेशन प्रसारित करने की अनुमति दी होगी, लेकिन इसके विपरीत नहीं.
ज़्यादातर लोगों का मानना है कि इन परिस्थितियों में, Meta को जनता के सूचना के अधिकार के अनुचित उल्लंघन से बचने के लिए खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी स्केल की गई अनुमति देनी चाहिए थी. यह अनुमति उन पोस्ट पर भी लागू की जा सकती है जिनमें अस्पष्ट इरादे से समान कंटेंट शेयर किया गया हो, बशर्ते साथ में दिए गए कैप्शन में Meta की पॉलिसीज़ का कोई अन्य उल्लंघन न हो. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सीरियाई नागरिकों को संघर्ष के बारे में जितनी हो सके, उतनी ज़्यादा जानकारी प्राप्त हो. यहाँ यह बात विशेष रूप से मायने रखती है कि उस समय सूचना तक पहुँच की कमी, तेज़ी से बढ़ रहे संघर्ष की स्थिति और इस कंटेंट को शेयर करने से अतिरिक्त नुकसान होने की कम संभावना है.
ज़्यादातर लोगों का यह भी मानना है कि Meta को चिह्नित एंटिटी या उनसे आधिकारिक कम्युनिकेशन के बारे में जानकारी शेयर करते समय यूज़र्स के लिए सामाजिक और राजनैतिक संवाद में शामिल होने के स्पष्ट इरादे दिखाने की आवश्यकता में ढील देने की संभावना का अध्ययन करना चाहिए. यह एक लंबे या तेज़ी से विकसित हो रहे संघर्ष के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब यह ज़रूरी है कि लोगों को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली जानकारी को तेज़ी से फैलाया जाए, खासकर एक दमनकारी शासन के तहत जो पारंपरिक मीडिया को नियंत्रित करता है और ऑनलाइन असहमति को दंडित करता है.
बोर्ड के कुछ लोग इससे असहमत हैं, और मानते हैं कि खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी अनुमति को लागू किए बिना दोनों पोस्ट को हटाना कंपनी की मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों और बोर्ड के पूर्वोदाहरण के अनुरूप है.
इन लोगों के लिए, रबात एक्शन प्लान के संदर्भ के कारण, वक्ताओं की पहचान और उनके श्रोताओं पर प्रभाव, और हिंसा की मौजूदा संभावना, उन्हें हटाना आवश्यक और आनुपातिक बनाते हैं. दोनों पोस्ट हाल ही में अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघनों में शामिल एक सशस्त्र संगठन के अत्यधिक प्रभावशाली वरिष्ठ नेताओं द्वारा, बिना किसी कमेंट्री के, हत्या के आदेश देते हैं. जिस ऑडियंस के लिए ये पोस्ट है, वे बेहद आज्ञाकारी उग्रवादी हैं. सूचना विषमता और मीडिया की सीमित स्वतंत्रता के संदर्भ ने नागरिकों सहित, उनके "दुश्मनों" को होने वाले नुकसान के बढ़ते जोखिम को कम नहीं किया. बोर्ड का उदाहरण सीधे तौर पर हटाने की आवश्यकता का समर्थन करता है (सूडान की रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स का बंधक वाला वीडियो; टिग्रे कम्युनिकेशन अफ़ेयर्स ब्यूरो) और उन पोस्ट और इनके बीच मामूली तथ्यात्मक अंतर, अंतर्निहित मानवाधिकार विश्लेषण के बीच सार्थक रूप से अंतर नहीं करते हैं. वर्तमान मामलों की तरह, वे संघर्ष लंबे समय तक चले और उनमें व्यापक मानवाधिकार हनन और नागरिकों पर हमले, बेहद कड़े और नियंत्रित सूचना वातावरण और मीडिया की आज़ादी पर गंभीर प्रतिबंध शामिल थे. दोनों में विपक्षी ताकतों को सरकार-नियंत्रित क्षेत्र की ओर बढ़ते हुए और प्रमुख नेताओं या सशस्त्र बलों के सदस्यों के भाषणों को दिखाया गया, जिनमें हिंसा के लिए उकसाया गया था.
कुछ लोगों का मानना था कि दोनों पोस्ट में संघर्ष के घटनाक्रमों के बारे में बहुत कम या कोई कार्रवाई योग्य जानकारी नहीं थी, जो नागरिकों को सुरक्षित रहने में मदद कर सके. हालाँकि सूचना का दायरा सीमित था, इन दो पोस्ट को हटाने से सीरियाई लोगों की सोशल मीडिया पर संघर्ष के बारे में अन्य वास्तविक और अधिक निष्पक्ष, गैर-उल्लंघनकारी अपडेट तक पहुँचने की क्षमता पर कोई खास प्रतिबंध नहीं लगता. किसी सशस्त्र संघर्ष में Meta की मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों के तहत, उसे सैन्य संचार प्रसारित करने के लिए व्यक्तियों द्वारा अपनी तकनीकों के उपयोग की अनुमति देने की आवश्यकता नहीं है. Meta द्वारा किसी थर्ड पार्टी को चिह्नित एंटिटी के प्रमुख नेताओं की हिंसक धमकियों या हिंसा के उकसावे को बिना किसी कमेंट्री या आलोचना के, रीशेयर करने की अनुमति देना, अनिवार्य रूप से चिह्नित एंटिटी को ऐसे मैसेज प्रसारित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म पर उपस्थिति की अनुमति देगा. कंबोडिया के प्रधानमंत्री वाले फ़ैसले में, बोर्ड ने जनता के सूचना के अधिकार के नाम पर हिंसा की विश्वसनीय धमकियों की अनुमति देने के लिए, Meta द्वारा खबरों में रहने लायक होने से जुड़ी छूट का उपयोग करने के खिलाफ़ चेतावनी दी थी. यहाँ बहुमत के निष्कर्ष उस मिसाल से मेल नहीं खाते.
बोर्ड का मानना है कि किसी अन्य पॉलिसीगत शर्तों का उल्लंघन न करते हुए, बिना कैप्शन के चिह्नित एंटिटी से जानकारी शेयर करने वाले यूज़र्स पर लगाई गई स्ट्राइक और कठोर पेनल्टी कुछ ज़्यादा हो सकती हैं. इसलिए, यूज़र्स को इस बारे में बेहतर जानकारी होना ज़रूरी है कि वे पॉलिसी का उल्लंघन किए बिना, चिह्नित एंटिटी और लोगों के बारे में कैसे चर्चा कर सकते हैं और उनसे मिली जानकारी कैसे शेयर कर सकते हैं. यह तेज़ी से बढ़ते संकट के समय में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब ऐसी जानकारी को स्वीकार्य तरीकों से शेयर करना लोगों के लिए ज़िंदगी के असली खतरों और उनके आसपास के प्रभावशाली घटनाक्रमों के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है.
6. ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला
बोर्ड ने Meta के दोनों पोस्ट को हटाने के निर्णय को पलट दिया और उन्हें खबरों में रहने लायक होने की छूट देकर बहाल करने को कहा है.
7. सुझाव
A. कंटेंट पॉलिसी
1. यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोग संकट और सशस्त्र संघर्षों के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुँच सकें, जिससे वे सुरक्षित रह सकें, Meta को CPP में एक पॉलिसीगत लीवर जोड़ना चाहिए, जो प्लेटफ़ॉर्म को अपनी पॉलिसियों के कारण उत्पन्न होने वाली सूचना विषमताओं को कम करने की सुविधा दे. इसमें पॉलिसी की ऐसी शर्तें शामिल हो सकती हैं जैसे: संघर्ष में शामिल संस्थाओं से जानकारी शेयर करने पर प्रतिबंध को निलंबित कर देना; जहाँ कंटेंट गलत इरादे से उल्लंघन करता हुआ पाया जाए, वहाँ स्ट्राइक को निलंबित कर देना या फ़ीचर की लिमिट को कम कर देना; यूज़र्स को इस बारे में शिक्षा देना कि किन तरीकों से खास संस्थाओं के बारे में जानकारी शेयर करने की अनुमति है. जब पॉलिसी की इन शर्तों का उपयोग किया जाता है, तो इस सूचना को सार्वजनिक कर देना चाहिए.
बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta बोर्ड के साथ अपडेटेड CPP और सशस्त्र संघर्ष की स्थितियों में इन पॉलिसीगत उपायों को लागू करने से होने वाले नतीजों के मानदंड शेयर करेगा.
2. Meta को प्रभावित हितधारकों की सलाह से अध्ययन करना चाहिए कि खतरनाक संगठन और लोगों से संबंधित पॉलिसी के तहत किसी चिह्नित एंटिटी की ओर से आधिकारिक कम्युनिकेशन प्रसारित करने पर उसका प्रतिबंध सशस्त्र संघर्षों में सूचना तक पहुँच और नागरिकों की हिंसा से सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है. यह अध्ययन कुछ चुनिंदा सशस्त्र संघर्षों में खतरनाक संगठन और लोगों से संबंधित पॉलिसी के प्रासंगिक भाग से प्रभावित कंटेंट के एक विस्तृत नमूने के गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण पर आधारित होना चाहिए. उदाहरण के लिए, इसमें कुछ चुनिंदा संघर्षों से प्रासंगिक कंटेंट हटाने की छह महीने की अवधि को शामिल किया जा सकता है ताकि उनके कंटेंट के बीच के अंतर का विश्लेषण किया जा सके जो ऑनलाइन मौजूद रहने पर नुकसान पहुँचा सकता था. संघर्ष की स्थितियों में लोगों को बेहतर जानकारी प्रदान करने और प्राप्त करने के लोगों के अधिकार पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण भी किया जा सकता है.
बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta, बोर्ड के साथ पूरा अध्ययन शेयर करेगा, जिसमें उस अध्ययन के जवाब में Meta द्वारा किए जाने वाले सभी उपाय भी शामिल होंगे.
3. Meta को पिछले पाँच वर्षों में की गई अपनी कोशिशों के बारे में बोर्ड को रिपोर्ट देनी चाहिए ताकि यह आकलन किया जा सके कि उसकी हिंसा और उकसावे और खतरनाक संगठनों और लोगों से संबंधित कम्युनिटी स्टैंडर्ड में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (IHL) मानकों के अनुरूप क्या और कैसे संशोधन किया जाना चाहिए और इस क्षेत्र में अपनी निकट भविष्य की योजनाएँ निर्धारित करनी चाहिए, जो UNGP (सिद्धांत 12, कमेंट्री) के अनुरूप हों, जो कंपनियों से अपने संचालन में IHL मानकों पर विचार करने का आह्वान करता है.
बोर्ड इस सुझाव को तब लागू मानेगा जब Meta यह जानकारी बोर्ड के साथ शेयर करेगा.
*प्रक्रिया संबंधी नोट:
- ओवरसाइट बोर्ड के फ़ैसले पाँच मेंबर्स के पैनल द्वारा लिए जाते हैं और उन पर बोर्ड के ज़्यादातर मेंबर्स की सहमति होती है. ज़रूरी नहीं है कि बोर्ड के फ़ैसले, सभी सदस्यों की राय दर्शाएँ.
- अपने चार्टर के तहत, ओवरसाइट बोर्ड उन यूज़र्स की अपील रिव्यू कर सकता है, जिनका कंटेंट Meta ने हटा दिया था और उन यूज़र्स की अपील जिन्होंने उस कंटेंट की रिपोर्ट की थी जिसे Meta ने बनाए रखा. साथ ही, बोर्ड Meta की ओर से रेफ़र किए गए फ़ैसलों का रिव्यू कर सकता है (चार्टर आर्टिकल 2, सेक्शन 1). बोर्ड के पास Meta के कंटेंट से जुड़े फ़ैसलों को कायम रखने या उन्हें बदलने का बाध्यकारी अधिकार है (चार्टर आर्टिकल 3, सेक्शन 5; चार्टर आर्टिकल 4). बोर्ड ऐसे गैर-बाध्यकारी सुझाव दे सकता है, जिनका जवाब देना Meta के लिए ज़रूरी है (चार्टर आर्टिकल 3, सेक्शन 4; अनुच्छेद 4). जहाँ Meta, सुझावों पर एक्शन लेने की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है, वहाँ बोर्ड उनके लागू होने की निगरानी करता है.
- इस केस के फ़ैसले के लिए, बोर्ड की ओर से स्वतंत्र रिसर्च करवाई गई थी. बोर्ड को Duco Advisers की सहायता मिली, जो भौगोलिक-राजनैतिक, विश्वास और सुरक्षा तथा टेक्नोलॉजी के आपसी संबंध पर काम करने वाली एक एडवाइज़री फ़र्म है.