पलट जाना
अज़ोव से जुड़ा निष्कासन
8 दिसम्बर 2023
एक यूज़र ने उस Instagram पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की जिसमें यूक्रेनियाई भाषा में पूछा गया था कि “अज़ोव कहाँ है?” पोस्ट के कैप्शन में रूसी कब्ज़े में मौजूद अज़ोव रेजिमेंट के सैनिकों को लौटाने का आह्वान किया गया है.
यह संक्षिप्त फ़ैसला है.संक्षिप्त फ़ैसलों में उन केसों का परीक्षण किया जाता है जिनमें बोर्ड द्वारा कंटेंट पर Meta का ध्यान आकर्षित के बाद कंपनी ने कंटेंट के बारे में अपने मूल फ़ैसले को पलटा है. इन फ़ैसलों में वह जानकारी भी शामिल है जिनमें Meta ने अपनी गलतियाँ मानीं. उन्हें बोर्ड के सदस्यों की पैनल द्वारा स्वीकार किया गया है, न कि पूरे बोर्ड द्वारा. उनमें सार्वजनिक कमेंट प्रोसेस शामिल नहीं होती और बोर्ड आगे के फ़ैसलों के लिए उन्हें आधार भी नहीं बनाता है. संक्षिप्त फ़ैसले, Meta के सुधारों के बारे में पारदर्शिता देते हैं और यह बताते हैं कि पॉलिसी के एन्फ़ोर्समेंट के संबंध में कंपनी कहाँ सुधार कर सकती है.
केस का सारांश
एक यूज़र ने उस Instagram पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की जिसमें यूक्रेनियाई भाषा में पूछा गया था कि “अज़ोव कहाँ है?” पोस्ट के कैप्शन में रूसी कब्ज़े में मौजूद अज़ोव रेजिमेंट के सैनिकों को लौटाने का आह्वान किया गया है. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान अपील पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला पलट दिया और पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.
केस की जानकारी और बैकग्राउंड
दिसंबर 2022 में, Instagram के एक यूज़र ने अज़ोव रेजिमेंट के प्रतीक की फ़ोटो के साथ एक पोस्ट बनाई. प्रतीक के ऊपर मौजूद टेक्स्ट में पूछा गया था कि “अज़ोव कहाँ हैं?” कैप्शन में कहा गया था कि अज़ोव के 700 से ज़्यादा सैनिक रूस के कब्ज़े में हैं और उनकी स्थिति की जानकारी किसी को नहीं है. यूज़र ने यह कहते हुए उनकी वापसी का आह्वान किया कि: “हमें तब तक आवाज़ उठानी चाहिए जब तक कि सभी अज़ोव कब्ज़े से वापस नहीं आ जाते!”
यूज़र ने पोस्ट को हटाने के खिलाफ़ अपील की और युद्ध के समय में जानकारी शेयर करने के महत्व पर ज़ोर दिया. यूज़र ने यह भी हाइलाइट किया कि कंटेंट ने Meta की पॉलिसीज़ का उल्लंघन नहीं किया क्योंकि Meta ने अज़ोव रेजिमेंट के बारे में कमेंट करने की छूट दी है. पोस्ट को लगभग 800 व्यू मिले और उसे Meta के ऑटोमेटेड सिस्टम्स ने पहचाना.
Meta ने मूल रूप से पोस्ट को यह कहते हुए Facebook से हटा दिया कि वह खतरनाक संगठनों और लोगों (DOI) से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करती है जिसके तहत ऐसे कंटेंट को प्रतिबंधित किया गया है जिनमें Meta द्वारा खतरनाक के रूप में चिह्नित लोगों और संगठनों की “प्रशंसा” की जाती है, उनका “मौलिक समर्थन” किया जाता है या जिनमें उनका “प्रतिनिधित्व” किया जाता है. हालाँकि Meta “चिह्नित लोगों या चिह्नित खतरनाक संगठनों के सदस्यों के मानवाधिकारों की चर्चा की परमिशन देता है, लेकिन कंटेंट में चिह्नित संगठनों की अन्य प्रशंसा, मौलिक समर्थन या प्रतिनिधित्व या पॉलिसी का कोई अन्य उल्लंघन नहीं होना चाहिए, जैसे हिंसा उकसाना.”
Meta ने बोर्ड से कहा कि उसने जनवरी 2023 में अज़ोव रेजिमेंट को खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी अपनी लिस्ट से हटा दिया. वॉशिंगटन पोस्ट के एक आलेख में कहा गया है कि Meta अब अज़ोव रेजिमेंट, जिसे वह यूक्रेन की सरकार के औपचारिक नियंत्रण में मानता है, और व्यापक अज़ोव मूवमेंट के अन्य एलिमेंट के बीच अंतर करता है. कंपनी मानती है कि इन अन्य एलिमेंट के कुछ लोग दक्षिणपंथी हैं और उन्हें अभी भी खतरनाक चिह्नित किया गया है.
जब बोर्ड ने इस केस पर Meta का ध्यान दिलाया, तो कंपनी ने पाया कि कंटेंट को हटाने का उसका मूल फ़ैसला गलत था और उसने कंटेंट को Instagram पर रीस्टोर कर दिया. कंपनी ने माना कि अज़ोव रेजिमेंट अब खतरनाक संगठन के रूप में चिह्नित नहीं है. इसके अलावा, Meta ने माना कि इस बात पर ध्यान दिए बगैर कि अज़ोव रेजिमेंट को खतरनाक माना जाता है या नहीं, यह पोस्ट उस अपवाद के अंतर्गत आती है जिसमें लोगों और चिह्नित एंटिटी के सदस्यों के मानवाधिकारों की चर्चा करते समय खतरनाक लोगों और संगठनों का संदर्भ दिया जा सकता है.
बोर्ड का प्राधिकार और दायरा
बोर्ड को उस व्यक्ति के अपील करने के बाद Meta के फ़ैसले का रिव्यू करने का अधिकार है, जिसका कंटेंट हटा दिया गया था (चार्टर आर्टिकल 2, सेक्शन 1; उपनियम अनुच्छेद 3, सेक्शन 1).
जहाँ बोर्ड द्वारा रिव्यू किए जा रहे केस में Meta यह स्वीकार करता है कि उससे गलती हुई है और वह अपना फ़ैसला पलट देता है, वहाँ बोर्ड उस केस का चुनाव संक्षिप्त फ़ैसले के लिए कर सकता है (उपनियम अनुच्छेद 2, सेक्शन 2.1.3). बोर्ड कंटेंट मॉडरेशन प्रोसेस के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने, गलतियाँ कम करने और Facebook और Instagram के यूज़र्स के लिए निष्पक्षता बढ़ाने के लिए मूल फ़ैसले का रिव्यू करता है.
केस का महत्व
यह केस खतरनाक संगठनों और लोगों की Meta की लिस्ट को अपडेट करने और उसके एन्फ़ोर्समेंट की कमियाँ हाइलाइट करता है, जिनसे युद्ध के समय व्यापक चिंताएँ खड़ी होती हैं. केस से खतरनाक संगठनों और लोगों पर Meta की पॉलिसी के अपवादों को लागू करने में आने वाली व्यवस्थागत कठिनाइयों की जानकारी भी मिलती है.
पहले, बोर्ड ने यह सुझाव दिया था कि खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी Meta की पॉलिसी में खतरनाक संगठनों के सदस्यों के कथित मानवाधिकार हनन की चर्चा की परमिशन दी जानी चाहिए ( ओज़लान का एकांतवास फ़ैसला, सुझाव सं. 5), जिसे लागू करने की प्रतिबद्धता Meta ने जताई है. इसके अलावा, अज़ोव रेजिमेंट को जनवरी 2023 में खतरनाक संगठनों और लोगों से जुड़ी Meta की लिस्ट से हटा दिया गया है. बोर्ड ने यह सुझाव दिया है कि जब किसी नई पॉलिसी को स्वीकार किया जाता है, तो कंटेंट मॉडरेटर्स को आंतरिक मार्गदर्शन और ट्रेनिंग दी जानी चाहिए ( ओज़लान का एकांतवास फ़ैसला, सुझाव सं. 8). बोर्ड ने खतरनाक लोगों और संगठनों की “प्रशंसा” और “समर्थन” पर एन्फ़ोर्समेंट की गलतियों के रेट ( ओज़लान का एकांतवास फ़ैसला, सुझाव सं. 12) और ऑटोमेटेड एन्फ़ोर्समेंट की पिछली गलतियों से सीख लेने के लिए आंतरिक ऑडिट प्रक्रिया के क्रियान्वयन ( ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और नग्नता फ़ैसला, सुझाव सं. 5) के बारे में ज़्यादा पारदर्शिता माँगते हुए Meta की पॉलिसीज़ के एन्फ़ोर्समेंट की सटीकता के बारे में भी सुझाव दिए हैं. अगर Meta इन सुझावों को पूरी तरह लागू करता है, तो उसे कंटेंट मॉडरेशन में होने वाली इस तरह की गलतियों को कम करने में मदद मिलेगी.
फ़ैसला
बोर्ड ने संबंधित कंटेंट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसले को पलट दिया. बोर्ड द्वारा केस को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, Meta द्वारा मूल फ़ैसले की गलती में किए गए सुधार को बोर्ड ने स्वीकार किया.