ओवरसाइट बोर्ड ने आर्मेनिया के युद्ध-बंदियों से जुड़े एक नए केस पर सुनवाई करने की घोषणा की

आज बोर्ड एक नए केस की सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहा है. इस प्रोसेस के तहत, हम लोगों और संगठनों को पब्लिक कमेंट सबमिट करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं.

केस का चयन

चूँकि हम सभी अपीलों पर सुनवाई नहीं कर सकते, इसलिए बोर्ड उन केस को प्राथमिकता देता है, जिनका असर दुनिया भर के यूज़र्स पर पड़ सकता है और जो सार्वजनिक विचार-विमर्श के लिए बेहद ज़रूरी होते हैं या जो Meta की पॉलिसी के बारे में बड़े सवाल खड़े करते हैं.

आज हम इस केस पर सुनवाई करने की घोषणा करने जा रहे हैं:

आर्मेनिया के युद्ध-बंदियों का वीडियो

(2023-004-FB-MR)

Meta के द्वारा रेफ़र किया गया केस

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अक्टूबर 2022 में एक Facebook यूज़र ने किसी पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जो आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच हाल में फिर से हुई नागोर्नो-काराबाख झड़प के दौरान अज़रबैजान द्वारा किए गए कथित युद्ध अपराधों से संबंधित लगता है. अंग्रेज़ी और तुर्की भाषा में लिखे कैप्शन में यूज़र ने बताया है कि वीडियो में दिख रहा है कि अज़रबैजान के सैनिक किस तरह से आर्मेनिया के युद्ध-बंदियों को प्रताड़ित कर रहे हैं. यह वीडियो इस चेतावनी के साथ शुरू होता है कि यह वीडियो सिर्फ़ 18 साल के अधिक उम्र के लोगों को ही देखना चाहिए. यह चेतावनी Meta ने नहीं, बल्कि वीडियो बनाने वाले यूज़र ने ही जोड़ी है. अंग्रेज़ी में लिखा हुआ है “Stop Azerbaijani terror. The world must stop the aggressors.” (अज़रबैजान के आतंक को रोको. हमलावरों को रोकना पूरी दुनिया की ज़िम्मेदारी है) वीडियो में अज़रबैजान के सैनिकों जैसे लगने वाले कुछ लोग मलबे में कुछ खोज रहे हैं. इस वीडियो को इस तरह से एडिट किया गया है कि उनके चेहरे न दिखाई दें. उन्हें मलबे में कुछ लोग मिलते हैं, जिन्हें कैप्शन में आर्मेनिया के सैनिक बताया गया है. उनमें से कुछ सैनिक घायल हैं और कई मर चुके हैं. वे मलबे में से एक सैनिक को बाहर खींचते हैं, जो दर्द से चीख उठता है. उसका चेहरा दिख रहा है और वह घायल लग रहा है. वीडियो में नहीं दिख रहा एक व्यक्ति, जो शायद वीडियो शूट कर रहा है, ज़मीन पर बैठे एक घायल सैनिक को रूसी भाषा में चिल्लाकर खड़ा होने को कहता है. वह खड़ा होने की कोशिश करता है. इस कंटेंट को 100 से कम बार देखा गया है, इसे 10 से कम रिएक्शन मिले हैं और इसे किसी ने भी शेयर नहीं किया है और न ही किसी ने इसकी रिपोर्ट की है.

“सशस्त्र संघर्ष के संदर्भ में युद्ध-बंदियों की पहचान या लोकेशन बताने वाला कंटेंट” Meta के नुकसान पहुँचाने में मदद करने से संबंधित कम्युनिटी स्टैंडर्ड के अनुसार प्रतिबंधित होता है, इसके तहत युद्ध-बंदियों से जुड़ी फ़ोटो या वीडियो शेयर करना भी प्रतिबंधित होता है. Meta अपने कम्युनिटी स्टैंडर्ड में जो भी बदलाव करता है, उन सभी बदलावों के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार कंपनी ने यह नियम 4 मई 2022 को जोड़ा था. Meta का कहना है कि वैसे तो यह कंटेंट सामान्य तौर पर उस पॉलिसी के तहत हटा दिया जाता, क्योंकि इसमें सैनिकों के चेहरे दिख रहे हैं. लेकिन Meta ने इसे ख़बरों में रहने लायक कंटेंट मानकर इसे अपने प्लेटफ़ॉर्म पर बना रहने दिया. Meta ने कहा “that the public interest in seeing the content outweighed the risk to the safety and dignity of the prisoners of war.” (यह मुद्दा लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए युद्ध-बंदियों की सुरक्षा और सम्मान को खतरा होने के बावजूद इसे दिखाया जाना ज़रूरी है) Meta ने इस कंटेंट पर एक चेतावनी स्क्रीन लगा दी और अपने हिंसक और आपत्तिजनक कंटेंट से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत इसे “विचलित करने वाला” चिह्नित कर दिया. यह वीडियो एक मीडिया मैचिंग सर्विस बैंक में जोड़ दिया गया, जो आपस में मेल खाने वाले कंटेंट को अपने आप पहचान लेता है और उसके ऊपर एक चेतावनी स्क्रीन लगा देता है.

Meta ने यह कहते हुए यह केस बोर्ड को रेफ़र कर दिया कि इसमें युद्ध-बंदियों पर होने वाली हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के फ़ायदों और उनकी पहचान जाहिर होने के कारण उनको नुकसान पहुँचने की संभावना के बीच संतुलन बनाना ज़रूरी है. Meta ने बोर्ड से इन विषयों पर विचार करने को कहा कि क्या इस कंटेंट को परमिशन देने के Meta के फ़ैसले में, Meta के “सुरक्षा,” “सम्मान” और “अभिव्यक्ति” के मूल्यों के बीच सही संतुलन रखा गया है और क्या यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सिद्धांतों के अनुरूप है.

युद्ध-बंदियों को दिखाने वाले कंटेंट को मॉडरेट करने की Meta की पॉलिसी और प्रोसेस के बारे में और जानने के लिए बोर्ड ने इस केस को चुना. यह केस बोर्ड की “संकट और संघर्ष की परिस्थितियों” वाली रणनीतिक प्राथमिकता के तहत आता है.

इस केस को चुनने के बाद, बोर्ड ने यूज़र को आमंत्रित किया कि वह बोर्ड को इस कंटेंट का संदर्भ समझाए. यूज़र ने निर्धारित समय-सीमा में कोई जवाब नहीं दिया.

बोर्ड ऐसे पब्लिक कमेंट चाहता है, जो बताएँ कि:

  • जिस कंटेंट में युद्ध-बंदियों को दिखाया जाता है, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को वह कंटेंट कैसे मॉडरेट करना चाहिए, इसमें ऐसा कंटेंट भी शामिल हो सकता है जिसे शुरू में किसी राजनैतिक दुष्प्रचार के लिए बनाया गया हो, लेकिन अब उसे अतिरिक्त संदर्भ के साथ किसी दुर्व्यवहार के बारे में जागरूकता फैलाने के संदर्भ में शेयर किया जा रहा हो.
  • युद्ध-बंदियों को दिखाने वाले कंटेंट को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर दिखाने की परमिशन देने से लोगों को क्या फ़ायदा और क्या नुकसान हो सकता है.
  • युद्ध-बंदियों को दिखाने वाला कंटेंट मॉडरेट करते समय Meta की मानवाधिकारों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून (जिसे सशस्त्र संघर्ष का कानून भी कहा जाता है) का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए.
  • युद्ध-बंदियों को दिखाने वाले कंटेंट को परमिशन देने या हटाने के कारण लोगों को नुकसान पहुँचने की संभावना को Meta कम कैसे कर सकता है.
  • संभावित युद्ध अपराधों को दिखाने वाला कंटेंट Meta को सुरक्षित कैसे रखना चाहिए.
  • आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच हुई नागोर्नो-काराबाख झड़प के सामाजिक-राजनैतिक संदर्भ की जानकारी, उसमें भी ख़ास तौर पर यह जानकारी कि वहाँ युद्ध-बंदियों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता है.

बोर्ड अपने फ़ैसलों में Meta को पॉलिसी से जुड़े सुझाव दे सकता है. ये सुझाव बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन Meta को 60 दिनों के अंदर इन सुझावों पर अपनी राय रखनी होती है. वैसे, बोर्ड इन केसों के लिए प्रासंगिक सुझाव देने वाले पब्लिक कमेंट का स्वागत करता है.

पब्लिक कमेंट

अगर आपको या आपके संगठन को लगता है कि आज घोषित इस केस को लेकर आप हमें ऐसी कोई जानकारी दे सकते हैं, जिससे हमें सही फ़ैसला लेने में मदद मिलेगी, तो आप ऊपर दिए गए लिंक के ज़रिए अपनी बात हम तक पहुँचा सकते हैं. पब्लिक कमेंट की विंडो 14 दिनों तक खुली रहेगी, जो UTC के अनुसार बुधवार, 5 अप्रैल को 15:00 बजे बंद हो जाएगी.

इसके बाद क्या होगा

अगले कुछ हफ़्तों में बोर्ड के मेंबर इस केस पर विचार-विमर्श करेंगे. जब वे अपने आख़िरी फ़ैसले पर पहुँच जाएँगे, तब हम उस फ़ैसले को ओवरसाइट बोर्ड की वेबसाइट पर पोस्ट कर देंगे.

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