पलट जाना
राजनीति से जुड़ी कोरियाई कविता
4 अप्रैल 2024
एक यूज़र ने Facebook से ली डोंग सून द्वारा लिखी गई कोरियाई कविता “The Scream of General Hong Beom-Do” की इमेज को हटाने के Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान अपील पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला पलट दिया और पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.
यह संक्षिप्त फ़ैसला है.संक्षिप्त फ़ैसलों में उन केसों का परीक्षण किया जाता है जिनमें बोर्ड द्वारा कंटेंट पर Meta का ध्यान आकर्षित के बाद कंपनी ने कंटेंट के बारे में अपने मूल फ़ैसले को पलटा है और इसमें Meta द्वारा मानी गई गलतियों की जानकारी होती है. उन्हें पूरे बोर्ड के बजाय, बोर्ड के किसी सदस्य द्वारा स्वीकृत किया जाता है, उनमें पब्लिक कमेंट शामिल नहीं होते और उन्हें बोर्ड द्वारा आगे के फ़ैसलों के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता. संक्षिप्त फ़ैसले, Meta के फ़ैसलों में सीधे बदलाव लाते हैं, इन सुधारों के बारे में पारदर्शिता देते हैं और साथ ही यह बताते हैं कि Meta अपने एन्फ़ोर्समेंट में कहाँ सुधार कर सकता है.
केस का सारांश
एक यूज़र ने Facebook से ली डोंग सून द्वारा लिखी गई कोरियाई कविता “The Scream of General Hong Beom-Do” की इमेज को हटाने के Meta के फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की. जब बोर्ड ने Meta का ध्यान अपील पर आकर्षित किया, तो कंपनी ने अपना मूल फ़ैसला पलट दिया और पोस्ट को रीस्टोर कर दिया.
केस की जानकारी और बैकग्राउंड
सितंबर 2023 में, Facebook के एक यूज़र ने ली डोंग सून द्वारा लिखी गई कोरियाई कविता “The Scream of General Hong Beom-Do” की इमेज पोस्ट की, जिसमें जनरल की अर्द्धप्रतिमा की जगह बदलने की अधिकारियों की कोशिश की आलोचना की गई है. कविता में कलात्मक रूप से अपनी अर्द्धप्रतिमा की जगह बदलने पर होंग बियोम-डू की भावनाएँ व्यक्त की गई हैं और इसमें “wae-nom” (왜놈) शामिल है जिसका शाब्दिक अर्थ “जापान का व्यक्ति” होता है. हालाँकि, इस शब्द का उपयोग अक्सर कोरिया पर कब्ज़े के दौरान जापानी हमलावरों का उल्लेख करने वाले सामान्य शब्द के रूप में किया जाता रहा है. तब से बाद के वर्षों में इसे अक्सर आपत्तिजनक, अपमानजनक शब्द माना जाता रहा है जिसका मतलब “जापानी कमीना” या बुरे लोग होता है. पोस्ट को 500 से कम बार देखा गया था.
होंग बियोम-डू को 20वीं शताब्दी के शुरुआत के कोरिया की एक प्रमुख हस्ती माना जाता है, जब क्षेत्र पर जापान का शासन था. वे एक कार्यकर्ता और जनरल थे जिन्होंने जापानी बलों के खिलाफ़ लड़ाई में कोरियन इंडीपेंडेंस आर्मी को कई उल्लेखनीय जीत दिलाई थीं. यूज़र ने यह कंटेंट उस समय पोस्ट किया था जब कोरियन मिलिट्री एकेडमी से जनरल की अर्द्धप्रतिमा की जगह बदलने को लेकर राजनेताओं के बीच वैचारिक लड़ाई गहराती जा रही थी क्योंकि जनरल पहले सोवियत कम्युनिस्ट बलों से जुड़े हुए थे. उनकी अर्द्धप्रतिमा की जगह बदलने के रक्षा मंत्रालय के फ़ैसले को लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है.
ली डोंग सून ने भी Facebook पर कविता पोस्ट की थी, लेकिन उसे Meta द्वारा उसकी नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण हटा दिया गया था. इस फ़ैसले से विवाद उत्पन्न हुआ. कविता को हटाए जाने के बाद, यूज़र ने Facebook पर कविता को और व्यापक रूप से शेयर करने का आंदोलन शुरू किया.
Meta ने शुरुआत में यूज़र की पोस्ट को अपने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड के तहत Facebook से हटा दिया. स्टैंडर्ड में कहा किया है कि “जो कंटेंट किसी व्यक्ति या लोगों के समूह को [उनकी] सुरक्षित विशिष्टता के आधार पर अपशब्द [कहकर] टार्गेट करता है’’ उसे हटा दिया जाना चाहिए. पॉलिसी में अपशब्दों को “ऐसे बुरे शब्दों या वाक्यांशों के रूप में परिभाषित किया गया है ... जिनका इरादा अपमान करना होता है.’’
बोर्ड द्वारा इस केस को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, कंपनी ने पाया कि इस कविता में “wae-nom” शब्द का उपयोग किसी अपशब्द के रूप में नहीं, बल्कि हमलावरों के रूप में जापानी सैनिकों का वर्णन करने के लिए किया गया है. इसलिए, कंटेंट से नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़े कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन नहीं होता और उसे हटाया जाना गलत था. कंपनी ने फिर कंटेंट को Facebook पर रीस्टोर कर दिया.
बोर्ड का प्राधिकार और दायरा
बोर्ड को उस यूज़र के अपील करने के बाद Meta के फ़ैसले का रिव्यू करने का अधिकार है, जिसका कंटेंट हटा दिया गया था (चार्टर अनुच्छेद 2, सेक्शन 1; उपनियम अनुच्छेद 3, सेक्शन 1).
जहाँ बोर्ड द्वारा रिव्यू किए जा रहे केस में Meta यह स्वीकार करता है कि उससे गलती हुई है और वह अपना फ़ैसला पलट देता है, वहाँ बोर्ड उस केस का चुनाव संक्षिप्त फ़ैसले के लिए कर सकता है (उपनियम अनुच्छेद 2, सेक्शन 2.1.3). बोर्ड, कंटेंट मॉडरेशन प्रोसेस के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने, गलतियों में कमी लाने और Facebook और Instagram के यूज़र्स के लिए निष्पक्षता बढ़ाने के लिए मूल फ़ैसले का रिव्यू करता है.
केस का महत्व
यह केस नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी को एन्फ़ोर्स करने में Meta को होने वाली परेशानियाँ बताता है, खास तौर पर कलात्मक अभिव्यक्ति और ऐतिहासिक संदर्भों के संबंध में.
यह केस, रूसी कविता केस के एक पुराने फ़ैसले के समान है जिसमें बोर्ड ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी के तहत एक पोस्ट को हटाने के Meta के शुरुआती फ़ैसले को पलट दिया. उस पोस्ट में रूसी लोगों का अपमान किया गया था और उसमें यूक्रेन पर हमला करने वाली रूसी सेना की तुलना नाज़ियों से की गई थी. इस फ़ैसले में, बोर्ड ने नोट किया कि यूक्रेन पर रूस के हमले के संदर्भ पर विचार करने में शुरुआती मॉडरेशन करने वाले मॉडरेटर्स की विफलता के कारण जनहित के मुद्दों पर विचार व्यक्त करने की यूज़र्स की क्षमता में बाधा आई. बोर्ड ने अरबी शब्दों को स्वीकार्य उपयोग में लाना और अल्लाह का शुक्रिया फ़ैसलों जैसे कई केसों में यह भी देखा है कि सांस्कृतिक और भाषाई गलतफहमी के कारण Meta की पॉलिसीज़ का गलत एन्फ़ोर्समेंट हो सकता है.
बोर्ड ने नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी Meta की पॉलिसी का प्रासंगिक सांस्कृतिक संदर्भ में एन्फ़ोर्समेंट बेहतर बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं. एक पुराने फ़ैसले में, बोर्ड ने Meta से कहा है कि वह “नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी पॉलिसी के उन अपवादों को ध्यान में रखकर सटीकता के आकलन करे, जिनमें कलात्मक अभिव्यक्ति को कवर किया जाता है. साथ ही वह मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में भी ये आकलन करे (जैसे, निंदा, जागरूकता फैलाना),” ( वामपम बेल्ट, सुझाव सं. 3). Meta ने इस सुझाव को लागू किया, जैसा कि प्रकाशित जानकारी द्वारा दिखाया गया है.
बोर्ड मानता है कि इन सुझावों को पूरी तरह लागू करने से नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी Meta की पॉलिसी के तहत एन्फ़ोर्समेंट की गलतियों की संख्या कम हो सकती है. ये गलतियाँ अक्सर इसलिए होती हैं क्योंकि इस बारे में विस्तृत जानकारी, संदर्भ और संस्कृति विशिष्ट भाषाई विश्लेषणों की कमी है.
फ़ैसला
बोर्ड ने संबंधित कंटेंट को हटाने के Meta के मूल फ़ैसले को पलट दिया. बोर्ड द्वारा केस को Meta के ध्यान में लाए जाने के बाद, Meta द्वारा मूल फ़ैसले की गलती में किए गए सुधार को बोर्ड ने स्वीकार किया.