हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में पत्रकारिता के लिए सुरक्षा उपायों में सुधार करना

ओवरसाइट बोर्ड ने पाया है कि Meta के सिस्टम, स्व-घोषित सोमालीलैंड गणराज्य में स्वतंत्र पत्रकारिता और जनहित रिपोर्टिंग की सुरक्षा करने में विफल रहे हैं। बोर्ड ने पत्रकारों के लिए दमनकारी क्षेत्र सोमालीलैंड में एक Facebook पेज और समसामयिक विषयों को कवर करने वाले चार कंटेंट पीस को हटाए जाने का विश्लेषण किया। बोर्ड ने उस पेज और उन चार पोस्ट को हटाने के Meta के फ़ैसलों को बदल दिया है। Meta को गलतियां रोकने वाले सिस्टम और अपील प्रक्रियाओं में सुधार करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पत्रकारों के पेज और उनके कंटेंट को गलत तरीके से न हटाया जाए।

केस के बारे में

इस फ़ैसले के तहत बोर्ड ने जिन चार केस पर विचार किया, वे एक Facebook पेज से संबंधित हैं, जो सोमालीलैंड में ख़बरों और घटनाओं पर चर्चा करता है। यह Facebook पेज खुद को स्वतंत्र पत्रकारिता में संलग्न बताता है और इसके लगभग 90,000 फ़ॉलोअर हैं।

जनवरी 2025 में, इस पेज पर चार पोस्ट प्रकाशित की गई थीं। दो पोस्ट सोमालीलैंड के राष्ट्रपति अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्ला की हाल ही की, विदेश नीति से जुड़ी यात्राओं के बारे में हैं और इनमें ऐसी तस्वीरें शामिल हैं, जिनके कैप्शन में मीडिया कवरेज प्रतिबंधित होने की बात कही गई है। दो अन्य पोस्ट सोमालीलैंड में एक सार्वजनिक, आधिकारिक समारोह और एक राजनीतिक सम्मेलन से संबंधित हैं, जिनके वर्णनात्मक कैप्शन भी हैं। वह पेज, पोस्ट और कैप्शन, सभी सोमाली भाषा में थे।

कई यूज़र द्वारा पेज की शिकायत करने के बाद, एक मानवीय रिव्यूअर ने पाया कि इसने Meta की नफ़रत फैलाने वाले आचरण संबंधी पॉलिसी का उल्लंघन किया है और इसे "अप्रकाशित" कर दिया गया, यानी कि पेज को हटा दिया गया। रिव्यूअर ने इसी पॉलिसी का उल्लंघन करने के कारण चारों पोस्ट भी हटा दीं। उस पेज के व्यवस्थापक के खाते पर एक स्ट्राइक लगा दी गई।

उस पेज के व्यवस्थापक ने पेज को हटाने के Meta के फ़ैसले और चारों पोस्ट को हटाने के फ़ैसले के खिलाफ अलग-अलग अपील की। चारों पोस्ट से संबंधित अपीलों को छह मानवीय रिव्यूअर ने रिव्यू किया, जिनमें मूल फ़ैसले लेने वाला रिव्यूअर भी शामिल था, और फ़ैसले कायम रखे गए। Meta के सिस्टम ने पेज से जुड़े फ़ैसले को रिव्यू के लिए प्राथमिकता नहीं दी और अपील अपने-आप ही बंद हो गई, जिससे पेज अप्रकाशित रह गया। इसके बाद, पेज के व्यवस्थापक ने बोर्ड में अपील की।

जब बोर्ड ने रिव्यू के लिए इन केस का चयन किया, तो Meta ने अपने सभी प्रारंभिक फ़ैसलों को बदल दिया, उस पेज और उन चार पोस्ट को बहाल कर दिया और स्ट्राइक हटा दी। बोर्ड ने कंटेंट हटाने से संबंधित, सोमालीलैंड से दायर की गई 10 और अपीलों की पहचान की, जिनके बारे में Meta ने पुष्टि की उन्हें गलती से हटा दिया गया था और उन्हें बहाल कर दिया गया है।

संघीय गणराज्य सोमालिया द्वारा इसे अपना एक घटक प्रांत माने जाने के बावजूद, सोमालीलैंड ने 1991 में अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी, लेकिन इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है। मीडिया स्वतंत्रता संगठनों के अनुसार, सोमालीलैंड सहित सोमालिया, पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, जहां अधिकारी, स्थानीय मीडिया के प्रति दमनकारी हैं और उन पर भारी दबाव डालते हैं।

मुख्य निष्कर्ष

बोर्ड ने पाया कि Meta की किसी भी कंटेंट पॉलिसी के तहत, उस Facebook पेज और उन पोस्ट को हटाने का कोई औचित्य नहीं था। पेज का कोई भी घटक उल्लंघनकारी नहीं था और हटाने का यह काम पूरी तरह से मनमाना था। कंटेंट को हटाना, Meta की मानवाधिकार ज़िम्मेदारियों के अनुरूप नहीं था।

Facebook जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, सोमालीलैंड में स्वतंत्र पत्रकारों के लिए ख़बरें प्रसारित करने और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दर्शकों से जुड़ने के लिए ज़रूरी स्थान हैं। कंटेंट को मनमाने ढंग से हटाने से क्षेत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और पत्रकारों के लिए अनजाने में प्रतिकूल माहौल बनता है। पेजों को अप्रकाशित करने के बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं, विशेष रूप से पत्रकारों के लिए, और ऐसे फ़ैसलों के एन्फ़ोर्समेंट से पहले उनका और भी रिव्यू किया जाना चाहिए।

सामान्य सेकंडरी रिव्यू (GSR) और संवेदनशील इकाई सेकंडरी रिव्यू (SSR) वाली क्रॉस-चेक प्रणाली ने, जिसे इन केस में रिव्यू को चिह्नित करना चाहिए था, इस तथ्य को पर्याप्त रूप से प्राथमिकता नहीं दी कि पेज स्वतंत्र रिपोर्टिंग में संलग्न था। गलतियों को रोकने वाली दो अन्य सिस्टम को सक्रिय किया जाना चाहिए था, लेकिन या तो उनका पूरी तरह से या बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया।

Meta द्वारा उस पेज को अपनी क्रॉस-चेक सिस्टम में शामिल करने में विफलता, एक संभावित व्यापक प्रणालीगत समस्या की ओर इशारा करती है। बोर्ड विशेष रूप से इस बात से चिंतित है कि अति-एन्फ़ोर्समेंट को रोकने वाले सिस्टम ने सोमाली भाषा में काम करने वाले जनहित पत्रकारों को प्राथमिकता नहीं दी। यह जनवरी में Meta की उस घोषणा के बाद विशेष रूप से प्रासंगिक है, जिसमें उसने कहा था कि कंटेंट मॉडरेशन के उसके नए दृष्टिकोण में "अधिक भाषण और कम गलतियां" होनी चाहिए। Meta के उन्नत सुरक्षा प्रदान करने वाले पत्रकार पंजीयन कार्यक्रम से इस केस में मदद मिल सकती थी, लेकिन वह सोमालीलैंड सहित सोमालिया को कवर ही नहीं करता है।

Meta के पास स्पष्टता और पारदर्शिता के मुद्दों को उठाने वाले पेजों को कवर करने वाली अपनी कंटेंट पॉलिसी का दस्तावेज़ीकरण करने वाला एक भी केंद्रीकृत संसाधन नहीं है।

ओवरसाइट बोर्ड का फ़ैसला

बोर्ड ने उस पेज को अप्रकाशित करने और कंटेंट के उन चार पीस को हटाने के Meta के फ़ैसलों को बदल दिया है।

बोर्ड के ये भी सुझाव हैं कि Meta: 

  • पेजों को कवर करने वाले नियमों और एन्फ़ोर्समेंट दिशा-निर्देशों को पारदर्शिता केंद्र में एक व्यापक और आसानी से सुलभ संसाधन में समेकित करे।
  • एन्फ़ोर्समेंट का फ़ैसला लेने वाले मानवीय रिव्यूअर को उस फ़ैसले पर किसी भी अपील को रिव्यू करने से प्रतिबंधित करे।
  • पेजों के अप्रकाशित होने के रिव्यू को स्पष्ट रूप से प्राथमिकता देने के लिए, अपने GSR रैंकिंग सिस्टम को अपडेट करे।
  • Develop new criteria and systems to proactively enrol pages or accounts engaged in journalism in regions where media freedom is repressed based on authoritative sources like the Committee to Protect Journalists’ impunity index.

धिक जानकारी

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